एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो सामने आया है, जिसके बाद एक बार फिर ये विवादित एआई टेक्नोलॉजी सुर्खियों में है. हालाँकि ए आई तकनीक के खतरों के बारे में पहले भी चेतावनी दी जा चुकी है लेकिन अब इसके नतीजे देखने को मिल रहे है.

ज्यादातर अश्लील वीडियो डीपफेक का इस्तेमाल कर बनाए जाते हैं. ये वही डीपफेक है, जिससे एक्ट्रेस और नेशनल क्रश रश्मिका मंदाना का एक वीडियो तैयार किया गया.  

इस वीडियो के सामने आने के बाद डीपफेक एक बार फिर चर्चा में है. आज हम आपको बता रहे हैं कि ये डीपफेक क्या होता है और ऐसा करने पर क्या सजा का प्रावधान है.  

अमिताभ बच्चन ने भी इस वीडियो पर ट्वीट किया और कहा कि इस पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. सोशल मीडिया पर इस वीडियो को खुद रश्मिका ने भी देखा, जिसके बाद उन्होंने कहा कि ये काफी डराने वाला है.  

डीपफेक एक ऐसी तकनीक है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर किसी फोटो या वीडियो के साथ हेरफेर किया जाता है. 

ये दो शब्दों से मिलकर बना है, पहला डीप लर्निंग और दूसरा फेक... ये एक जेनरेटिव मॉडल के तहत यूज होता है. इसमें आपके फेस को किसी और शख्स के शरीर के साथ लगा दिया जाता है 

साल 2017 में पहली बार डीपफेक चर्चा में आया. तब एक सोशल मीडिया यूजर ने अपने रेडिट अकाउंट का नाम डीपफेक रखा और दुनियाभर की मशहूर हस्तियों के चेहरे का इस्तेमाल कर अश्लील वीडियो बनाए.  

इस टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है. पॉर्न इंडस्ट्री, सेक्सटॉर्शन, फेक न्यूज, साइबर ठगी जैसी चीजों में डीपफेक का चलन तेजी से बढ़ा है.  

पहले इसके लिए इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के सेक्शन 66ए के तहत ऐसा करने वाले शख्स को तीन साल तक की जेल हो सकती थी 

सुप्रीम कोर्ट ने इस सेक्शन को असंवैधानिक बता दिया था. जिसके बाद अब आईटी एक्ट के 66E, 67A और 67B के तहत ऐसे मामले दर्ज होते हैं. इसके अलावा फॉर्जरी की धाराओं में भी मुकदमा दर्ज हो सकता है.  

आपको क्या लगता है ए आई का भविष्य कैसा होगा ? इससे हमें फायदा होगा या फिर इसके गलत इस्तेमाल की वजह से इस पर रोक लगा देनी चाहिए. ऐसी जानकारी के लिए वेबसाइट पर विजिट करना ना भूले.