आत्माओ से बात करने के तरीके जिनके जरिये हम जो लोग इस दुनिया में नहीं रहे है उनसे बात कर सकते है. आत्मा के आवाहन के प्रकार को लेकर हम सबके मन में काफी सवाल घूमते रहते है. क्या किसी ऐसे व्यक्ति से सम्पर्क किया जा सकता है जो अब दुनिया में नहीं है ?
जब कोई अपना अचानक गुजर जाता है तब हमें काफी समय तक उनकी कमी खलती है और ऐसा लगता है की अगर हम आत्माओ से बात कर पाते तो कम से कम एक बार इस बात को जानने की कोशिश जरुर करते की आखिर इस तरह अचानक मौत होने की क्या वजह रही होगी ?
जो इस दुनिया में आया है उसकी एक न एक दिन मौत होना अटल सत्य है क्यों की मौत को टाला नहीं जा सकता है. ऐसे में आज हमारे सामने ऐसे कई सवाल है जिनका जवाब पाना अब तक एक रहस्य बना हुआ है. आत्माओ से बात करने के तरीके से लेकर ऐसे कुछ रहस्य जिनका जवाब अभी तक नहीं मिला है जैसे की
- मरने के बाद आत्मा कहा जाती है ?
- मौत के कितने समय बाद तक आत्मा को शांति मिलती है और भटकने के दौरान वे कहा भटकती है ?
- जिनकी अकाल मृत्यु होती है क्या वे हमारे आसपास ही भटकती रहती है ?
- क्या आत्मा से सम्पर्क किया जा सकता है ?
ऐसे ही काफी सारे सवाल है जिनका जवाब विज्ञान के पास नहीं है क्यों की जहाँ पर विज्ञान की सीमा समाप्त होती है आध्यात्म और आत्माओ का विज्ञान वहां से शुरू होता है.
आज के आर्टिकल में हम आत्मा के आवाहन के प्रकार / आत्माओ से बात करने के तरीके के बारे में बात करने वाले है.
जिस व्यक्ति की मौत होती है उनकी आत्मा से सम्पर्क साधना हमारे लिए कितना सेफ है और हम इसे किस तरह से कर सकते है इसके बारे में इस आर्टिकल में जानेंगे.
हर धर्म में आत्मा की शांति के लिए अलग अलग क्रिया का वर्णन सुनने को मिलता है. हर धर्म की अपनी व्याख्या है लेकिन, हिन्दू धर्म में आत्मा की शांति को लेकर काफी विस्तार से जानने को मिलता है और यही पर आपको आत्मा के आवाहन का वर्णन भी मिल जायेगा.
आत्माओ से बात करने के तरीके और उनका आवाहन
क्या मौत के बाद आत्मा का आवाहन किया जा सकता है ?
आत्मा शरीर का त्याग करने के बाद कुछ समय तक प्रेत योनि में रहती है इसलिए इन्हें प्रेतात्मा कहा जाता है. जिनकी अकाल मृत्यु होती है या फिर किसी दुर्घटना के चलते जिनकी अचानक मौत हो जाती है उनकी आत्मा को गति नहीं मिलती है.
इस वजह से वे हमारे आसपास के लोक में ही भटकती रहती है. ऐसे में आप आत्माओ से बात करने के तरीके के जरिये उनसे कांटेक्ट कर सकते है.
ऐसी आत्मा अपने प्रियजन के साथ या आसपास के लोगो के साथ सपने या किसी और माध्यम से कांटेक्ट करने की कोशिश करती है. इस तरह के अनुभव को ध्यान में रखते हुए हिन्दू धर्म में आत्मा के आवाहन के प्रकार और आत्मा से संपर्क की धारणा का जन्म हुआ.
एक प्रेतात्मा का स्वरूप क्या होता है ?
आपने सुना होगा की मौत होने से पहले अगर कोई अधूरी इच्छा लेकर मरता है तो उसकी आत्मा अपनी अधूरी इच्छा को पूरा करने के लिए भटकती रहती है जब तक की वो अधूरी इच्छा पूरी ना हो जाए.
हम आत्मा को देख नहीं सकते है लेकिन इसे अनुभव जरुर कर सकते है. किसी भी प्रेतात्मा के अस्तित्व का पता तब चलता है जब वे अपने उदेश्य की पूर्ती के लिए लोगो को प्रभावित करती है. आत्माओ से बात करने के तरीके में प्लेनचिट और औइजा बोर्ड सबसे पहले नंबर पर माने जाते है.
सब सबसे बड़ा सवाल ये है की एक आत्मा से संपर्क कैसे बनाया जा सकता है ?
आत्मा के आवाहन के प्रकार और संपर्क के तरीके
हम अपने ब्लॉग पर आत्मा से सम्पर्क करने के तरीको के बारे में पहले भी शेयर कर चुके है. आपने प्लेन चिट का नाम सुना ही होगा.
प्लेन चिट में हम किसी एक व्यक्ति को माध्यम बनाकर आत्मा का आवाहन करते है. ये तरीका रिस्क से भरा है क्यों की इसमें कई बार इच्छित व्यक्ति की जगह कोई और आत्मा आ जाती है जो आसानी से जाती भी नहीं है.
योग और तंत्र में आत्माओ से बात करने के तरीके यानि एक आत्मा के आवाहन के अलग अलग तरीके है जैसे की
- मंत्र
- ध्यान
- आकृति
- स्मरण आवाहन
इन सब में सबसे ज्यादा सेफ तरीका है मंत्र द्वारा एक आत्मा का आवाहन करना.
मंत्र सिद्धि से आत्मा का आवाहन करना
मंत्र साधना के जरिये हम आत्मा से संपर्क और आवाहन का सबसे सेफ तरीका खोज सकते है. आत्मा का आवाहन करने वाले मंत्र के जरिये हम किसी आत्मा का आवाहन करते है तब हमारे सामने वही आत्मा आती है जिसका आवाहन किया जा रहा है.
इस तरीके में हम अक्सर व्यक्ति का फोटो या कोई पुराना कपड़ा लेते है ताकि हमारा संपर्क उसी से हो जिससे हम संपर्क करना चाहते है. ये एक खास तरह का आत्माओ से बात करने के तरीके में से एक है.
किसी आत्मा के आवाहन और संपर्क से पहले हमारा उस मंत्र में सिद्धि करना आवश्यक है. इसके लिए आप वेबसाइट पर कुछ मंत्र देख सकते है.
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आत्मा पर मन को ध्यान के जरिये केन्द्रित करना
आत्मा के आवाहन का दूसरा तरीका है ध्यान के जरिये आत्मा पर खुद को केन्द्रित करना. यह तरीका मैडिटेशन के अभ्यास की तरह ही है और उन लोगो के लिए सबसे बेस्ट है जो उस आत्मा के करीबी है.
ये एक उच्च स्तर के आत्माओ से बात करने के तरीके में से एक है.
ये तरीका आपको किसी एक्सपर्ट के कांटेक्ट में रहते हुए करना चाहिए क्यों की मरने के बाद कई आत्माए अपने जन्म की यादो को किनारा कर देती है और उन्हें ही नुकसान पहुँचाने की कोशिश करना शुरू कर देती है जो उसके करीबी होते है.

आपने ऐसे केस देखे होंगे जहाँ मरने से पहले एक व्यक्ति या महिला काफी भला और सुलझा हुआ था लेकिन, मौत के बाद अपने करीबी लोगो को ही परेशान करना शुरू कर देती है.
एक आत्मा का जब शरीर त्याग होता है तभी भी उसका अपने करीबी लोगो से संपर्क बना रहता है क्यों की उसकी वासना कभी ख़त्म नहीं होती है.
ऐसी किसी स्थिति में आप आत्माओ से बात करने के तरीके के जरिये उन्हें कांटेक्ट कर सकते है.
हिन्दू धर्म में आत्मा के आवाहन के इस तरीके के बारे में सुनने को मिलता है लेकिन, तंत्र में भी योग द्वारा आत्मा के आवाहन की विधि का जिक्र सुनने को मिलता है.
तंत्र में साधक आवेशक ( एक माध्यम ) को अपने सामने बिठाता है. मंत्र क्रिया द्वारा आत्मा को उस व्यक्ति में आवेशीत करवाया जाता है. तब उनसे सवाल जवाब किये जाते है.
यह क्रिया काफी कठिन है क्यों की इसमें मंत्र द्वारा उस जगह को पूरित किया जाता है. कई बार ध्यान केन्द्रित करने की कोशिश करने के बावजूद हम ये ज्यादा देर तक नहीं कर पाते है.
सबकुछ आपकी एकाग्रता पर निर्भर है और जब तक आपका मन एक जगह स्थिर होगा तब तक आत्मा आपके सवालों का जवाब देने के लिए बाध्य होगी.
आत्मा की आकृति पर ध्यान का आवाहन करना
ये तरीका पाश्च्यात्य सिद्धांत पर आधारित है. इसमें ऐसा माना जाता है की आप आत्मा की आकृति पर भी ध्यान केन्द्रित कर सकते है. यह उपाय आप अकेले या समूह में कर सकते है.
आत्माओ से बात करने के तरीके में एक इस तरीके में सबसे बड़ा सवाल ये है की क्या वास्तव में हमारे आवाहन के जरिये आत्मा उस घेरे में आती भी है ?
ये तरीका वास्तविकता की कसौटी पर अभी तक खरा नहीं उतरा है. इसकी सबसे बड़ी वजह है की केन्द्रीकरण पद्धति से आत्मा को बुलाने के पूर्व ध्यान के केन्द्रीकरण का उच्च स्तरीय विकास ना हो पाना है.
किसी आत्मा पर अपने ध्यान का केन्द्रीकरण करना सबसे मुश्किल कार्य है. इसकी वजह से कई बार हम सिर्फ अपने मन को एक जगह केन्द्रित करते हुए ही रह जाते है.
आपने देखा होगा की कुछ मीडियम दावा करते है की उन्होंने आत्मा से सम्पर्क किया है लेकिन वास्तव में ऐसा नही होता है. ऐसी स्थिति में वे घुमा फिराकर सवालों का जवाब देते है.
आत्मा के आवाहन के लिए आपके मन का केन्द्रीकरण उच्च स्तर पर होना जरुरी है. आत्माओ से बात करने के तरीके चाहे कोई भी हो लेकिन साधक की एकाग्रता सब में मायने रखती है.
योग द्वारा मन की चरम एकाग्रता की स्थिति का अनुभव करना
ये विधि उन साधको के लिए सबसे सरल है जो अपने मन को उच्च स्तर पर केन्द्रित कर सकते है. आपने टेलीपेथी के बारे में सुना ही होगा जिसमे हम मन की एकाग्रता से किसी व्यक्ति को मनचाहे काम के लिए मना सकते है.
अगर आप एक जीवित व्यक्ति को मन की एकाग्रता के केन्द्रीकरण के जरिये बुला सकते है तब आप आत्मा का आवाहन भी कर सकते है. इस बात को प्रूफ करना बेहद मुश्किल है की आपने जिसका आवाहन किया है वो सच में एक आत्मा है आपके मन की कल्पना नहीं.
कई बार ऐसा होता है की आत्मा का आवाहन नहीं होता है उसकी जगह पर आवाहनकर्ता के मन या मानसपटल में जो आकृति रहती है वो उसकी कल्पना में खो जाता है.
आत्माओ से बात करने के तरीके के अभ्यास में कई बार वो ख्यालो में इतना डूब जाता है की उसे वास्तव में आत्मा का अहसास होने लगता है लेकिन इसकी सच्चाई को जानने के 2 ही तरीके है
- आत्मा खुद अपने निकट संबधी से जुडी बाते बताना शुरू कर दे.
- आवाहनकर्ता जब Trance state में हो तब वो जो जानकारी देता है उसका उसे नार्मल होने के बाद खुद पता ना हो.
- आप उनसे ऐसा सवाल करे जो सामान्य ना हो. अगर वे उसका जवाब दे देते है तो समझ ले की आत्मा का आवाहन किया जा चूका है.
आत्मा से संपर्क करने की आवश्यकता ही क्यों है ?
एक आत्मा जो इस दुनिया में नहीं रहा है उसकी अधूरी इच्छा के साथ इस लोक में ही भटकती रहती है. आपने सुना होगा की अमुक जगह पर अचानक ही दुर्घटना हो जाती है, अमुक जगह पर जाते ही आपको कुछ अजीब सा अहसास होता है.

आत्माओ से बात करने के तरीके काफी उच्च स्तर के ध्यान का अभ्यास करने के बाद करने चाहिए.
ये सब मन का वहम नहीं है बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी तुल्पा शक्ति का अनुभव है. तुल्पा किसी व्यक्ति की एनर्जी होती है जो उस जगह पर अपना कब्ज़ा करती है और फिर अपने समूह में बढ़ोतरी के लिए दुर्घटना करवाती है.
ऐसे में जो भी उस जगह पर मरता है उसकी आत्मा की गति नहीं होती है और वो भी वही पर भटकने लगती है. ऐसी किसी भी स्थिति में आत्माओ से बात करने के तरीके आपको उनसे संपर्क करने में हेल्प कर सकते है.
ऐसे में आत्माओ से बात करने के तरीके के जरिये आप आत्मा से संपर्क कर ये जान सकते है की आखिर उनकी गति क्यों नहीं हो रही है. इसके अलावा भी कई वजह है जैसे की
- उस व्यक्ति के अचानक या फिर दुर्घटना में मरने के पीछे स्वभाविक रीज़न था या फिर कुछ अप्राकृतिक घटना.
- जिस व्यक्ति की आत्मा भटक रही है उसे शांति कैसे मिलेगी. ये आप किसी भी तरह के आत्माओ से बात करने के तरीके के जरिये जान सकते है.
- आत्मा अपनी गति का मार्ग जानती है क्यों की उनकी अधूरी इच्छा उनकी गति में सबसे बड़ी रूकावट होती है. ऐसे में आप उनसे सम्पर्क कर जान सकते है की वे क्या चाहती है.
- अगर किसी जगह पर अचानक ही दुर्घटना होती है और आपको अजीब अहसास होता है तो उस जगह की शांति कैसे होगी ये सिर्फ उस जगह की आत्मा से सम्पर्क के जरिये ही पता चल सकता है.
- किसी भी व्यक्ति के प्रेतात्मा बनने और उसका अपने प्रियजनों से कांटेक्ट करने के पीछे क्या रीज़न है ये जानने के लिए सम्पर्क होना जरुरी है.
ये सब कुछ ऐसे कारण है जिसकी वजह से आत्मा के आवाहन की जरूरत पड़ती है. किसी भी आत्मा से सम्पर्क करने के लिए आपको इन तरीको में ही चुनाव करना चाहिए.
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FAQ
क्या हम आत्मा को देख सकते है ?
जीवित व्यक्ति को देख पाना सरल है क्यों की उनके स्थूल शरीर की रचना को देखा जा सकता है. एक आत्मा को देख पाना संभव नहीं है लेकिन, आप उनके होने का अहसास कर सकते है. वे अपने होने का अहसास आपको कई माध्यम से करवा सकती है.
ऐसे काफी सारे आत्माओ से बात करने के तरीके है जिनके जरिये आप आत्मा से सम्पर्क बना सकते है.
आपको कैसे पता चलेगा की आपका किसी आत्मा के साथ अनुबंध हुआ है ?
किसी आत्मा से आपका जुडाव है या नहीं इसके लिए आप अपने आसपास होने वाली गतिविधि को नोटिस करे. अगर आपके साथ कुछ पारलौकिक यानि पेरानोर्मल हो रहा है तो समझ जाइये की आपका अभी हाल में ही किसी आत्मा के साथ कांटेक्ट हुआ है.
आत्मा से कांटेक्ट करने की स्थिति में वे अपने होने का अहसास करवाती है और आपके आसपास ऐसी घटनाए होती है जिनका आमतौर पर होना संभव नहीं होता है.
क्या आत्माए संयोग से मिलती है ?
आत्मा का मिलना संयोग नहीं होता है. अगर आपके आसपास कोई आत्मा भटक रही है तो वे आपसे सम्पर्क बनाने की पूरी कोशिश करती है. उनका मिलना इस बात का प्रतिक है की वे आपको कुछ बताना चाहती है.
जिनकी अचानक मौत होती है उनकी आत्मा इसी लोक में भटकती रह जाती है. अपनी गति के लिए वे इंसानों से संपर्क शापित करने की कोशिश करती है. आत्माओ से बात करने के तरीके के जरिये ये जान सकते है की वे आपसे कांटेक्ट क्यों करना चाहती है.
मृत्यु के बाद आत्मा कितने दिन तक रहती है ?
मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है इसके लिए आपको गरुड़ पुराण का पाठ करना चाहिए. इसमें बताया गया है की मौत होने के बाद 47 दिन तक आत्मा इसी लोक में रहती है और अपनी यमलोक की यात्रा को पूरा करती है.
इन दिनों में आत्मा के साथ क्या होता है और वे किस किस जगह से गुजरती है इसके बारे में गरुड़ पुराण में डिटेल से जानने को मिलता है.
आत्मा के परलोक की यात्रा के बारे में हिन्दू धर्म में काफी ज्यादा विस्तार से जानने को मिल जाता है.