त्राटक का वर्गीकरण और उनके अलग अलग महत्व और लाभ


WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

त्राटक का वर्गीकरण या त्राटक के स्टेप और इसके प्रकार आज की पोस्ट में चर्चा का विषय है। हम सभी जानते है की त्राटक के कई स्टेप्स है और इनके अलग फायदे भी। तो क्या आप ये भी जानते है की Tratak को अलग अलग प्रकार से वर्गीकरण भी किया गया है।

ये वर्गीकरण त्राटक के प्रकार उसके महत्व और अनुभव के आधार पर किया गया है। त्राटक का वर्गीकरण या त्राटक के स्टेप अगर आपने समझ लिया तो आपके लिए न सिर्फ त्राटक साधना का अभ्यास आसान बन जाता है बल्कि आप कम समय में बेहतर परिणाम हासिल कर सकते है.

Basic Reason of Unsuccess in Sadhna
त्राटक का वर्गीकरणत्राटक की आज की पोस्ट में आज आप जानेंगे की त्राटक का वर्गीकरण किस आधार पर और कैसे किया गया है ताकि आपको त्राटक के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी रहे और आप अपने उदेश्य के अनुसार त्राटक का सही चुनाव कर सके जो की त्राटक में सफलता के लिए बेहद मायने रखता है।

अगर आप अभी भी नहीं समझ पा रहे है की त्राटक की शुरुआत कहा से करे तो ये आर्टिकल पूरा पढ़े अंत तक आप बेहतर निर्णय ले पाएंगे.

त्राटक का वर्गीकरण या त्राटक के स्टेप

Classification of trataka in Hindi. त्राटक का वर्गीकरण 2 आधार पर किया जाता है. पहला वे किस प्रकार आपको प्रभावित करते है और दूसरा उनके लिए किस माध्यम का चुनाव किया जाता है.

आप सभी जानते है की त्राटक किसी भी माध्यम पर किया जा सकता है. त्राटक किस आधार पर करना चाहिए ये पूरी तरह आप पर निर्भर है.

त्राटक के माध्यम में संयम करना ही त्राटक में सफलता का प्रतिक है यानि किसी दूसरी वस्तु की प्रकृति को अपना लेना ही संयम है। ये वास्तु या हमारी कल्पना या फिर हमारे आइडियल हो सकते है। आइये जानते है त्राटक का वर्गीकरण कैसे किया गया है.

स्थान और दुरी के आधार पर

स्थान और दूसरी के आधार पर त्राटक त्राटक का वर्गीकरण किया  गया है। पहला निकट त्राटक, दूसरा दूर त्राटक और तीसरा अंतर त्राटक। आप इनके नाम के आधार पर पता लगा सकते है की ये त्राटक कैसे किये जाते है।

अंतर त्राटक को ही मूर्ति त्राटक भी कहते है। ज्यादातर वशीकरण की विद्या में इसका वर्णन किया जाता है।

त्राटक का वर्गीकरण अनुभव के आधार पर

अनुभव कैसे होते है इस आधार पर त्राटक को दो भागो में बांटा गया है। पहला लौकिक अनुभव जिसमे हमारे व्यक्तित्व विकास की सभी बाते शामिल होती है जैसे नजर का तेज होना, हमारी आकर्षण शक्ति का बढ़ना वगेरह वगेरह।

वही अलौकिक अनुभव त्राटक के उच्च श्रेणी के त्राटक शामिल है जिनमे सूक्ष्म शरीर का अनुभव, तीसरे नेत्र का जागरण और मानसिक शक्तियों का जाग्रत होना शामिल है और हां सबसे खास बात टेलीपैथी ऐसी विद्या है जो विज्ञान और आध्यात्म दोनों अनुभव में शामिल है।

महत्व के आधार पर त्राटक का Classification

महत्व यानि हम किस उदेश्य से त्राटक कर रहे है। हमारा उदेश्य सामान्य है, शक्ति अर्जन करना है, या फिर अलौकिक अनुभव करने के उदेश्य से त्राटक करते है इसके आधार पर त्राटक का महत्व होता है।

सामान्य महत्व में बिंदु त्राटक, सप्त वर्तुल त्राटक और शक्ति चक्र त्राटक है ( याद रखे शक्ति चक्र पर त्राटक का अनुभव हमें तीन अलग अलग त्राटक का फायदा देता है इसलिए इसे दोनों ही महत्व में शामिल किया जाता है। ) त्राटक का वर्गीकरण और अनुभव कैसे कैसे करे।

पढ़िए : कनक परी वशीकरण सिद्धि साधना एक सरल और कम समय की साधना

त्राटक को कैसे सही तरीके से करे ताकि अनुभव मिले

Tratak में कोई शॉर्टकट नहीं है, ध्यान या अन्य किसी भी ऐसे अभ्यास में नहीं है जिसमे आप पूर्णता हासिल करना चाहते है। त्राटक का वर्गीकरण या त्राटक के स्टेप को समझते हुए हमें अभ्यास में आगे बढ़ना चाहिए ताकि सही शुरुआत के साथ साथ फायदे मिल सके.

याद रखे शॉर्टकट आपको क्षणिक अनुभव जरूर करवा सकता है पूर्णता कभी नहीं। तो ऐसी शक्ति या अनुभव का क्या महत्व जो कुछ ही पल या समय की हो। सबसे पहले दिमाग से कुछ बाते बाहर कर देनी चाहिए।

  • Trataka का अभ्यास सिर्फ खुद के विकास के लिए करना चाहिए ना की अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए।
  • कभी आपको जबरदस्ती अभ्यास नहीं करना है जिस वक़्त आपका मन बैचेन है या मन नहीं तो अभ्यास ना ही करे तो अच्छा है।
  • trataka में कभी भी चेतन मन को महत्व ना दे आपको जो भी अनुभव होता है उसे कभी तर्क और वितर्क की कसौटी पर ना तौले यही आपको अवचेतन मन तक पहुँचने से रोकता है। और 90% लोग यही पर गलती करते है।
  • कभी भी ये ना समझे की आपको त्राटक सिर्फ इतने टाइम तक ही करना है क्यों की त्राटक या कोई भी अभ्यास एक समय तक नियमित करने के बाद भी कुछ कुछ समय के अंतराल पर जाग्रत रखने पड़ते है।

इन सभी बातो को ध्यान में रखने और संकल्प लेने से पहले त्राटक का अपना उदेश्य भी जान ले तो बेहतर होगा और अगर त्राटक में आपको किस त्राटक से क्या मिलता है तो आज हम ये भी बता देते है।

पढ़िए : प्रत्यक्ष भूत सिद्धि घर बैठ कर की जाने वाली 21 दिवसीय आसान साधना

# बिंदु त्राटक :

इसका अभ्यास किसी भी त्राटक में प्रवेश से पहले अनिवार्य है अगर आप आँखों में पानी की समस्या और जलन के साथ आँखों को ज्यादा नुकसान ना पहुँचाना चाहे तो आपको कम से कम 21 दिन बिंदु त्राटक पर अभ्यास करना चाहिए।

इससे आँखों में जलन और पानी की समस्या का समाधान तो होगा ही आपको शांत और स्थिर रहने में भी मदद मिलेगी।

क्या है त्राटक में कल्पनाओ का जाल

जो दूसरे त्राटक में आपका काफी वक़्त बचाएगी। मेरा खुद का अनुभव है की बिंदु का त्राटक आपके मन में स्थिरता लाने के लिए सबसे बेस्ट है।

लाभ : इससे आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन आते है और आप खुद को तेजस्वी और बेहतर महसूस करते है। इसके अलावा पढाई में और खुद की हीं भावना से छुटकारा पाने में ये अच्छा अभ्यास है। अगर आप खुद को हतोत्साहित महसूस करते है तो आपको इसे जरूर करना चाहिए।

# सप्त वर्तुल त्राटक :

ये त्राटक आपके अवचेतन मन के जागरण और आत्मविश्वास में बढ़ावा करने में सहायक अभ्यास है। बिंदु त्राटक के बाद ये ऐसा अभ्यास है जो तेजी से हमें अवचेतन मन की यात्रा में ले जा सकता है। इसका अभ्यास करने की आवश्यक शर्त है आपकी चेतना और तर्क की क्षमता का शून्य रहना।

लाभ : तेजी से हमें अवचेतन मन का अनुभव करवाता है और हम अपनी बीते कल की बातो को साफ साफ याद कर पाते है और देख पाते है। जो क्षणिक अनुभव आपको होते है भविष्य के इस अभ्यास से उन्हें ज्यादा बेहतर बनाया जा सकता है।

पढ़िए : क्या आप जानते है जब एक शैतानी शक्ति इंसानी शरीर पर कब्ज़ा करती है तब क्या क्या बदलाव होते है ?

# दीपक त्राटक :

दीपक त्राटक का अभ्यास हमें बिंदु त्राटक के अभ्यास के बाद ही करना चाहिए। दीपक त्राटक का संयम करना हमें अग्नि तत्व में जागरण में सहायक है अगर आप अपनी आँखों में तेज चाहते है तो आपको ये अभ्यास करना चाहिए पर इसमें हमारे स्वभाव में उग्रता महसूस की जा सकती है। शरीर के तापमान में वृद्धि जैसे अनुभव भी होते है और हम दुसरो को ज्यादा से ज्यादा प्रभावित भी कर पाते है।

लाभ : आपके अंदर आकर्षण और मोहिनी शक्ति का विकास करता है। और आप खुद में बहुत से ऐसे बदलाव करते है जो आपके व्यक्तित्व में पहले नहीं होते है जैसे आत्मविश्वास, दृढ़ता और मजबूती विचारो में।

दर्पण त्राटक

दर्पण त्राटक यानि सम्मोहन ये त्राटक आत्मसम्मोहन में काफी कारगर है। ज्यादातर अभिनेता या प्लेयर शीशे के सामने खुद को आत्मविश्वास देते है। शीशे के सामने खड़े होकर खुद को बेहतर समझ कर हम अपना आत्मविश्वास बढ़ा सकते है.

ये त्राटक हमें कुछ ऐसी भावना देकर बदलाव में मदद करता है जो दूसरे त्राटक में बहुत मुश्किल है इसके अलावा इस त्राटक में आप वक़्त का अंदाजा या निर्धारण नहीं कर सकते।

hidden dangerous of mirror meditation

जितना वक़्त आप देते है उतना ही कम लगेगा। करके देखिये।

लाभ : आत्मसम्मोहन के लिए आत्मविश्वास में बढ़ोतरी के लिए सबसे बेहतर अभ्यास है। इसके अलावा हमारे मन में शांति और स्थिरता लाता है।

पढ़िए : घर पर किया जा सकता है इन 5 सर्व जन वशीकरण के उपाय को क्या आपने कभी कोशिश की इन आसान वशीकरण की ?

चंद्र त्राटक

चंद्र त्राटक ऐसा अभ्यास है जिसमे हम खुद को इच्छाशक्ति की चरम सीमा तक ले जा सकते है। चंद्र त्राटक आ प्रभाव शीतल है और हमारी प्रकृति को मृदुल बनाता है। चंद्र त्राटक के कई लाभ है पर ये जान ले की इसके लिए जो कायदे और नियम चाहिए वो सामान्य स्थिति में संभव नहीं।

लाभ : आपके व्यव्हार को शीतल बनाता है और आपके अंदर आकर्षण शक्ति को बढ़ाता है।

दोस्तों त्राटक के अभ्यास के साथ हमें कुछ अभ्यास भी करने चाहिए जो आपके अभ्यास में ना सिर्फ तेजी लाते है बल्कि आपकी आकर्षण शक्ति को भी बढ़ाने का काम करते है। जैसे शवासन, न्यास ध्यान, और योगनिद्रा।

इन सभी अभ्यास के अलावा अंतर त्राटक, अग्नि त्राटक, दूर त्राटक, तारा त्राटक का भी वर्णन कई पुस्तको में मिलता है पर बगैर अनुभव के ये लिखना संभव नहीं।

उम्मीद करता हूँ आपके ज्यादातर प्रश्न का हल आपको त्राटक का वर्गीकरण की इस पोस्ट में मिल गया होगा अगर फिर भी कोई सवाल आपके मन में है तो कमेंट में पूछ सकते है। आपके सुझाव का इंतजार रहेगा।

Leave a Comment