दुनिया के 99% लोग इस वास्तविक स्थिति को भ्रम मान कर जी रहे है कही आप भी उनमे से एक नहीं ?


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क्या आपने कभी ऐसी स्थिति का अनुभव किया है जो आपको लगता है की आपके साथ पहले भी हो चुकी है लेकिन कब ? ये आपको याद नहीं रहता है. अगर आपका जवाब है हाँ ! तो में आपको बता दू ऐसा महसूस करने वाले आप अकेले नहीं है क्यों की दुनिया के 99% लोगो ने इस तरह की स्थिति का अनुभव किया है.

सबसे पहले तो बात करते है what is Deja vu in Hindi यानि देजा वू क्या है ?

ये एक स्थिति है जो हमारे लिए एक ऐसी स्थति पैदा करती है जो लगती वास्तविक है लेकिन उसका आधार क्या है आपको पता नहीं होता है.

जो घटना आप अनुभव कर रहे है वो आपके साथ पहले हो चुकी है उसी खास pattern में लेकिन कब ये आप लाख कोशिश करने के बाद भी समझ नहीं पाते है और अंत में आप सोचते है की ये आपका भ्रम है लेकिन ये वास्तव में कुछ और ही है.

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deja vu

देजा वू deja vu मतलब पहले से देखा हुआ ऐसी घटना जिसे हम वर्तमान में देखते है लेकिन ऐसा लगता है की ऐसा पहले भी हुआ है. ये एक भ्रम की स्थिति है जिसमे आपको काम करते करते अचानक ही ख्याल आता है.

क्या मै ये पहले भी कर चूका हूँ ?

क्या मेरे साथ पहले भी ऐसा हो चूका है ?

वर्तमान में रहते हुए अगर आपको भूतकाल की अनुभूति होती है तो आप देजा वू की स्थिति से गुजरे है. हमारा दिमाग हमें आखिर क्यों ऐसा महसूस करवाता है की ऐसा हमारे साथ पहले भी हो चूका है लेकिन कब और कैसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं होती है.

देजा वू – deja vu

deja vu यानि पूर्व में घटना के हो जाने का अहसास. मानव मस्तिष्क की कुछ अबूझ पहेलियो में से एक है अवचेतन मन और लोगो के अनुसार चेतन मन और अवचेतन मन के बिच तालमेल न बैठ पाने की वजह से ऐसा होता है.

एक ऐसी घटना जो हमें वास्तविक लगती है लेकिन उसका कोई आधार नहीं होता है जैसे की अगर हमें उस घटना के पहले भी घटने की अनुभूति हो रही है तो पहले वो घटना कब हुई थी.

हमारी लाइफ में एक ही घटना का बार बार घटना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन क्या वो एक घटना एक ही खास pattern, way में हो सकती है ?

ऐसा संभव नहीं है जिसकी वजह से हम इसे देजा वू का नाम दे देते है. जिसे भ्रम की स्थिति कहा जाता है.

2004 में की गई एक रिसर्च के अनुसार विश्वभर से लोगो ने माना है की उन्हें देजा वू की अनुभूति हुई है.

इसके लिए उन्होंने कई तर्क दिए है जिनमे कुछ theory यहाँ पर add किया जा रहा है.

इसके अलावा अभी तक कोई ठोस वजह हमें इसके पीछे नहीं मिली है. लेकिन इससे पहले हम कुछ और बातो को समझने की कोशिश करते है.

हमें देजा वू की स्थिति का अनुभव क्यों होता है ?

हमें देजा वू का अनुभव इसलिए होता है क्यों की कई बार एक से ज्यादा बातो को सोचने की वजह से हम किसी एक ही बात / काम पर ध्यान दे पाते है बाकी पर नहीं लेकिन वो बाते भी हमारे अवचेतन मन में अज्ञात जगह स्टोर हो जाती है जब की चेतन मन उसे भुला चूका होता है.

भूतकाल में इस तरह का हो जाना हमारे वर्तमान पर असर डालता है. जब हम वर्तमान में उसी घटना जैसा या उससे मिलता जुलता कोई अनुभव करते है तो हमें कुछ पल के लिए लगता है की हम इसे पहले भी अनुभव कर चुके है.

हमारे अवचेतन मन की खास बातो में से एक है एक घटना को pattern से जोड़ कर हमारे सामने लाना.

जो हम अनुभव कर रहे है हमारा अवचेतन मन उन यादो को ताजा कर देता है जो उस घटना से मेल खा रही होती है ऐसे में दबी हुई अपूर्ण यादे जो पूरी तरह से सरंक्षित नहीं हुई थी भी ताजा हो जाती है.

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देजा वू क्या है और इसके शब्दों का मतलब क्या है deja vu and its meaning in Hindi

deja vu वास्तव में एक french word है जिसका मतलब है पहले से हो चुकी घटना को फिर से अनुभव करना.

जब भी हमारे साथ कोई ऐसी घटना होती है जो पहले भी घट चुकी होती है तो हमारा अवचेतन मन उस घटना से जुड़े पिछले अनुभव को ताजा कर हमें भेजता रहता है. इस दौरान कुछ ऐसी घटनाए भी ताजा हो जाती है जो भूतकाल में चेतन मन द्वारा सही तरीके से ग्रहण नहीं की गई होती है.

यही वजह है की कई बार हमारे दिमाग में ऐसा लगता है की ये घटना पहले भी घट चुकी है या ऐसा पहले भी हो चूका है लेकिन कब इसका आधार क्या था इसके बारे में कोई जानकारी नहीं होती है.

इस तरह की अधूरी यादे जो लगती वास्तविक है और वास्तविक घटनाओ से जुडी होती है लेकिन उनका आधार क्या है ये हमें पता नहीं होता है देजा वू कहलाती है.

इस स्थिति को अनुभव करने वाले ज्यादातर लोग इसे सिर्फ भ्रम की स्थिति का नाम दे कर रह जाते है. लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है. ये हमारे अवचेतन मन से जुडी घटनाओ में से एक होती है.

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देजा वू कैसे काम करता है

देजा वू हमारे अवचेतन मन की किसी भी घटना के साथ जुडी पिछली घटनाओ के साथ ताल मेल बिठाने के आधार पर काम करता है.

ये एक ऐसी स्थिति है जिसमे हम चेतन मन और अवचेतन के मध्य सामंजस्य नहीं बिठा पाते है और हमें वास्तविकता और भ्रम दोनों के बिच की स्थिति का अनुभव होने लगता है.

एक सामान्य स्थिति में हम जो भी अनुभव करता है उसे चेतन मन सीधे अवचेतन मन में भेजता लगता है. दुसरे शब्दों में कहे तो एक जानकारी का दो लोगो के बिच से होकर गुजरना.

क्या होगा अगर एक साथ जानकारियों का कलेक्शन चेतन मन सीधे अवचेतन मन को भेजने लगे ? इस स्थिति में चेतन मन कंफ्यूज हो जाता है की कौनसी जानकारी कब अवचेतन मन तक पहंची है. जब की अवचेतन मन में वो जानकारी होती है.

इस स्थिति को deja vu कहते है. इस स्थिति में हमें जो अनुभव होता है वो वास्तविक सा लगता है लेकिन हकीकत में उसका आधार क्या है वो कब घटित हुआ था इसके बारे में हमें कुछ भी पता नहीं होता है.

अब तो आप समझ ही गए होंगे की वास्तव में देजा वू काम कैसे करता है, चलिए अब बात करते है famous theory about deja vu in Hindi के बारे में.

पिछले जन्म की स्मृति

कभी कभी हम पिछले जन्म की यादो से जुड़ जाते है और हमें ऐसे दृश्य की अनुभूति होती है जैसे हम एक साथ 2 समान्तर काल में घूम रहे हो.

जो हम वर्तमान में अनुभव कर रहे है वो पहले भी हमारे साथ हो चूका है या फिर हम ऐसी जगह पर पहले भी गए हो. इसे उदाहरण के तौर पर अपनी किसी विजिट को लेकर समझे.

मान लीजिये हम किसी ट्रिप पर जाते है और वहां पर हमें ऐसी चीजे एक खास पैटर्न में देखने को मिलती है जो हम पहले कभी नहीं देखे हो.

इस तरह की खास घटना का हमें अचानक से अनुभूति होने लगना लेकिन ये तय नहीं कर पाना की जो हम आज देख रहे है वो पहले कब और कैसे देखा था.

इसी आधार पर हम उस जगह की विजिट अपने अनुभूति के आधार पर करना शुरू कर देते है और हैरान कर देने वाली बात ये होती है की हम उस जगह पर ऐसे विजिट करते है जैसे हम उसे पहले से जानते हो या पहले भी विजिट कर चुके हो. मेरे साथ ऐसा कई बार हुआ है और आपके साथ ?

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दिमाग में अज्ञात जगह जानकारी स्टोर हो जाना

कई बार हमारी ऐसी यादे जो दिमाग के किसी अज्ञात जगह पर स्टोर हो जाती है और चेतन मन द्वारा पूरी तरह भुला दी जाती है.

चेतन मन के उस बात को भूल जाने के बावजूद वो यादे हमारे मस्तिष्क में ही रहती है और जब भी हम कुछ वैसा ही कार्य करते है हमारा अवचेतन मन उन यादो को फिर से ताजा कर देता है. इस वजह से कुछ पल के लिए हमें ऐसा लगता है जैसे हम उन घटनाओ को पहले भी अनुभव कर चुके है.

जिन्होंने ये थ्योरी डेवेलोप की है वो खुद इस बात पर sure  नहीं है की ये यादे पिछले जन्म की है या इस जन्म की या फिर हमारा अवचेतन मन इसे अचानक कैसे वर्तमान की घटना से मेल मिलाने की कोशिश करता है.

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for example हम क्लास में बैठे है और अचानक ही कुछ पल के लिए हम कही खो जाते है और घटना घटने लगती है. क्लास टीचर आती है और हमसे प्रैक्टिकल के नोट मांगती है. ये घटना सिर्फ साल में एक बार घटती है इसलिए इसका कोई रिलेशन नहीं बनता है की हम ऐसा अनुभव पहले कर चुके हो.

अचानक ही टीचर हमारे पास आती है और एक खास स्टाइल में नोट लेती है. ( ध्यान दे घटना ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है वो किस तरीके से हो रही है वो हमारे लिए महत्वपूर्ण है )

अचानक ही हमें लगता है की टीचर ने पहले भी इसी तरह से नोट मांगे होंगे. हमें लगता है की हम ये घटना पहले भी अनुभव कर चुके है. ये वास्तव में देजा वू हो सकता है.

psychological theory about Deja vu

मनोवैज्ञानिको की माने तो अगर आपको देजा वू की अनुभूति बार बार होती है तो ये एक असामान्य बात है.

इस स्थिति में आपको तुरंत किसी डॉक्टर से consult करना चाहिए. कई बार ऐसे केस सामने आते है जिसमे किसी को हर घटना के साथ ऐसा लगने लगता है जैसे वो पहले भी घट चुकी हो लेकिन ऐसा वास्तव में नहीं होता है.

इस स्थिति में वो अपनी कल्पनाओ में फंस जाता है और जब भी वर्तमान में उसके साथ कोई घटना घटने लगती है उसकी कल्पनाए जिन्दा हो जाती है और उसे वो घटना अपनी कल्पनाओ के अनुसार होती हुई महसूस होती है.

ऐसा होना एक मानसिक बीमारी का संकेत होता है. जिसमे रोगी को मनोवैज्ञानिक से जितना जल्दी हो मिलकर उपचार लेना चाहिए.

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spiritual theory about Deja vu

कुछ लोगो के अनुसार हमें इस तरह की अनुभूति होना ईश्वरीय संकेत है जिसके जरिये वो हमें भविष्य में होने वाली घटनाओ के खतरे या उनकी सम्भावना के संकेत देते है.

हमारी लाइफ में ऐसी कई घटनाए होती है जिनमे हमें अचानक ही कुछ आभास होने लगता है. कुछ पल की स्थिति का एक भ्रम जिसमे हम काल से परे हो जाते है. ऊपर बताये गए example भी आध्यात्मिक थ्योरी में लिए जा सकते है.

देजा वू की थ्योरी बहुत ज्यादा जटिल है क्यों की इसकी कुछ वजह है जिन्हें आप निचे समझ सकते है.

Deja vu और अवचेतन मन का आपसी संबध और इससे जुड़े विवाद

  • अगर हमें होने वाली अनुभूति सिर्फ हमारा भ्रम है तो वो इतनी वास्तविक कैसे लगती है.
  • वास्तव में देजा वू क्या है पूर्वाभास होना जिसे कुछ लोग sixth sense से जोड़ते है तो कुछ subconscious mind से अगर ये हमारा भ्रम है तो फिर उन सबका क्या ? क्या ये गलत है.
  • देजा वू को किसी तरह का sign होने से मनोवैज्ञानिक सिरे से नकारते है तो हमें इसकी अनुभूति होने पर अच्छे रिजल्ट कैसे मिल जाते है
  • देजा वास्तव में क्या है अगर ये किसी तरह का आध्यात्मिक संकेत नहीं है तो फिर इसे हम वैज्ञानिक मापदंड पर explain क्यों नहीं कर पा रहे है.

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Deja vu in Hindi देजा वू – अंतिम शब्द

इस संसार में कुछ चीजे / घटनाए ऐसी है जिन्हें वैज्ञानिक तरीको से समझाया नहीं जा सकता है.

अवचेतन मन को वैज्ञानिक चाहे जितना भी अपने तरीके से हमारे सामने रखे लेकिन हकीकत तो यही है की इसके कई रहस्य आज भी हमारे लिए रहस्य है और उन्हें आज तक हम सही शब्दों में समझा नहीं सके है.

देजा वू – पूर्वाभास की स्थति जिसे कुछ लोग spiritual power से जोड़ कर देखते है तो कुछ लोग पिछले जन्म की याद बताते है वही कुछ लोगो के अनुसार ये सिर्फ मानसिक बीमारी है.

आप इस बारे में क्या सोचते है हमें कमेंट कर जरुर बताये.

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