आप काफी पढ़े लिखे है और एक से बढ़कर एक डिग्री आपके पास है लेकिन जब तक आप दूसरे लोगो के सामने खुद को अच्छे से represent नहीं कर सकते है ये किसी काम का नहीं है.
Emotional intelligence skills का होना आपकी लाइफ में उतना ही जरुरी है जितना की पढाई लिखाई क्यों की आपके पास कितना ज्ञान है ये महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि आप अपने ज्ञान को लोगो के बिच किस तरह पेश करते है ये ज्यादा मायने रखता है.
EI या फिर Emotional Quotient हमारी लाइफ में Intelligence Quotient से ज्यादा महत्वपूर्ण है. हम दूसरो को कितना समझ सकते है और उसके अनुसार behave कर सकते है ये इसी पर निर्भर करता है. किसी भी field में आगे बढ़ने के लिए आपको EQ skills को Buildup करने पर ध्यान देने की जरुरत है.
जिस तरह body language हमें बिना कहे दूसरो को समझने में मदद करता है वैसे ही ये हमें मदद करता है body language को समझने में.

मुख्य रूप से Components of EQ की बात करे तो 4 Pillars of Emotional Intelligence है जो आगे चलकर 12 level पर काम करते है. इसे समझे बगैर आप दूसरो की फीलिंग को नहीं समझ सकते है और ना ही उनसे better relationship बना सकते है.
अलग अलग condition में किस तरह का व्यवहार करना है ये हमारी भावनाओ पर निर्भर करता है.
सही तरीके से अगर emotion and feeling को express किया जाए तो लोगो से जुड़ने में काफी मदद मिलती है और वो आपकी बातो को मान भी लेते है. आइये जानते है How to improve Emotional Quotient for better social awareness.
What is emotional intelligence or Emotional Quotient?
हम अलग अलग परिस्थिति के अनुसार emotion को express करते है. ऐसा करना हमें stress से दूर रखता है, दूसरो के साथ बेहतर जुड़ाव बनाता है और किसी भी task को पूरा करने में help करता है.
हमारे emotion को अलग अलग condition के अनुसार मैनेज करना ही Emotional Quotient कहलाता है यानि हम किसी परिस्थिति में किस तरह भावनाओ का बेहतर प्रदर्शन कर सकते है ये हमारी भावनात्मक बुद्धिमता पर निर्भर करता है.
भावनाओ का सही इस्तेमाल हमें दूसरो के साथ stronger relationship बनाने में मदद करता है, किसी काम को पूरा करने और उसमे सफलता पाने में मदद करता है और हमारे personal goal भी हम इसी तरह पूरे करते है.
ये हमें खुद से जोड़ता है, Intention को action में बदलता है और जो हमारे लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है उन पर focus करने में मदद करता है.
किसी भी व्यक्ति की Emotional Quotient को डिफाइन करने के लिए आपको इन The 4 Pillars of Emotional Intelligence को समझने की जरुरत होती है.
- Self-management किसी condition के according अपने emotion को जिस तरह हम manage करते है वो मायने रखता है.
- Self-awareness हमारे emotion हमें और हमारे काम को किस तरह affect करते है इसके बारे में aware रहना.
- Social awareness किसी भी social activity के दौरान खुद को दूसरो के सामने किस तरह represent करना है.
- Relationship management दूसरो के साथ अच्छी relationship कैसे बनानी और बनाए रखनी है इसे लेकर जागरूक रहना.
इन 4 parameter पर हम किस तरह react करते है और दूसरो के साथ जुड़ते है ये सब हमारे emotional intelligence को दर्शाता है.
ये इतना महत्वपूर्ण क्यों है
Intelligence quotient (IQ) हमारे academic brilliant को दर्शाता है लेकिन दूसरो के सामने हम खुद को कैसे represent करते है और relationship build करते है ये भी मायने रखता है.
आपने ऐसे लोगो को देखा होगा जो पढ़ाई में भले ही काफी होशियार हो लेकिन social life और दूसरो से जुड़ने में कमजोर होते है.
किसी व्यक्ति से हम किस तरह जुड़ते है और खुद को express करते है ये हमारे भावनाओं को दर्शाता है जो हम दूसरो के प्रति दर्शाते है.
हमारी पढ़ाई हमें जॉब दिला सकती है लेकिन उसमे टिके रहने और दूसरो के साथ जुड़ने के लिए हमें भावनात्मक जागरूक बनना ही पड़ेगा.
Emotional Quotient हमारी लाइफ को कई मायने में प्रभावित करता है जैसे की
Performance at school or work
High emotional intelligence हमें किसी भी जगह की social complexities को समझने में मदद करती है. किसी भी जगह आप पढ़ाई में कितने तेज ये कम देखा जाता है बल्कि किसी स्थिति में आप कैसे खुद को express कर सकते है ये देखा जाता है.
पढ़कर हम डिग्री कमा सकते है लेकिन करियर में आगे बढ़ने के लिए हमें Emotional Quotient का सहारा लेना ही होगा.
Physical health
अगर आप अपने भावनाओ को मैनेज नहीं कर सकते है तो इसका सीधा असर आपके health पर देखने को मिलता है.
इस तरह की स्थिति में तनाव बढ़ने लगता है और serious health issue देखने को मिलते है. उदाहरण के लिए जरुरत से ज्यादा लिया गया stress आपके heart attack के chance बढाता है.
इसके अलावा आपकी mental health को भी ये प्रभावित करता है और इसके सीधे असर अवसाद के रूप में देखे जा सकते है. Emotional intelligence को improve करने की पहली स्टेप है stress management और आपको ये सीखना ही होगा.
दूसरो के साथ हमारे रिश्ते को बनाना
अगर आप अपने emotion को manage कर सकते है और स्थिति के according उन्हें express करते है तो दूसरो की फीलिंग के साथ आप क्या सोचते है इसे represent करना आसान हो जाता है. आप दूसरो की फीलिंग को लेकर क्या सोचते है ये आपके emotion express करते है.
इसका सीधा असर आपके Communication skill पर देखा जा सकता है जो दूसरो के साथ आपका रिश्ता कैसा होगा ये निर्धारित करती है.
Social intelligence
आज के टाइम में लोग ये नहीं देखते है की आप कितना पढ़े है. अगर आप दूसरो के सामने खुद को सही तरीके से दर्शाते नहीं है तो वे इसे manner-less मानने लगते है. लोगो को लगता है की आप में कोई manner ही नहीं है. आपके emotion ही है जो भीड़ में आपके दोस्तों की पहचान करवाते है और उनके साथ relationship को strong बनाते है.
ऐसा करना आपके Nervous system को balance करता है और आप दूसरो के सामने खुद को बेहतर Communication skill से प्रभावित कर पाते है.
4 key skills to increasing your Emotional Quotient
इस स्किल को आप कभी भी सीख सकते है. आपको ये मालूम होना चाहिए की Emotional intelligence को सीखना और अपनी लाइफ में इसे apply करने में फर्क है. आपको मालूम है इसलिए आपको करना चाहिए ये जरुरी नहीं है, आपकी इच्छा भी होनी चाहिए.
इस तरह की समझ को develop तभी किया जा सकता है जब आपको Stress management करना आता हो.
ज्यादातर जब हम तनाव से भर जाते है तब अपने intention को सही जगह इस्तेमाल नहीं कर पाते है.
आपको इससे बाहर निकलने के लिए Emotional aware रहना सीखना होगा. किसी moment में हम emotion के प्रति जागरूक कैसे बना सकते है इसके लिए आपको इन 4 key skill को सीखना होगा यानि इन जगहों पर खुद को aware करना होगा.
Key skill 1: Self-management
खुद को किसी स्थिति के लिए कैसे मैनेज करे ये सीखना बेहद जरुरी है. आप अपने behavior के औसर किस तरह constructive decisions लेते है ये मायने रखता है.
जब भी कभी तनाव जैसी स्थिति का सामना हो तब खुद को कैसे उसी जगह पर रोके और स्थिति को लेकर किस तरह सोचे ये सीखना हमारे self management का हिस्सा है.
जब भी हम तनाव से भरे होते है ये हमारी सोचने समझने की क्षमता को प्रभावित करता है. हम किसी भी thought को clearly समझ ही नहीं पाते है.
इससे ना तो हम खुद को समझ पाते है ना दूसरो को. इसका सीधा असर हमारी Emotional health पर पड़ता है. किसी भी इनफार्मेशन में इमोशन एक अहम् हिस्सा होते है जो हमें उसके बारे में बताते है.
इसके लिए आपको 2 चीजे सीखनी होगी पहला stress management और दूसरा stay emotionally present क्यों की thought अगर वर्तमान से जुड़े हो तो ज्यादा देर नहीं लगती है खुद को control करने में.
आपके पास choice होती है की आप impulsive feelings and behaviors को control कर सके और एक healthy way में emotion manage कर सके.
Key skill 2: Self-awareness
stress management किसी भी emotional intelligence को Buildup करने के लिए पहली स्टेप है.
अगर Science of attachment को देखे तो हमारे Current emotion हमारी past life experience का ही परिणाम है. आपके core feelings जैसे की anger, sadness, fear, and joy को आप किस हद तक मैनेज कर सकते है ये हमारे बीते भावनाओ के अनुभव पर निर्भर करता है.
बचपन से हम अपनी भावनाओ को किस तरह बनाते है ये हमारे बढती लाइफ को प्रभावित करता है.
अगर बचपन से हमें सही माहौल मिलता है तो हम भावनाओ को बेहतर तरीके से दूसरो के सामने express करते है नहीं तो जैसे जैसे बड़े होते है भावनाओ को दबाना शुरू कर देते है जो हमारी mental health पर negative effect डालता है.
self awareness का सीधा सा मतलब है हमारे emotion से जुड़ना और moment-to-moment connection को समझना. जब ऐसा होता है तब हम उन संकेतो को समझते है जो हमें किसी भी स्थिति के दौरान मिलते है लेकिन normal condition में ignore कर दिए जाते है.
- जैसे जैसे स्थिति के अनुसार हमारा अनुभव बदलता है वैसे ही हमारे emotion बदलते है. इस तरह की स्थिति को emotion flew कहते है.
- किसी स्थिति के दौरान भौतिक संकेत को समझना जैसे की पेट में दर्द होना, सीने में दर्द उठाना जो की गलत स्थिति का सामना करने के दौरान होता है.
- किस स्थिति के दौरान आपके emotion और फीलिंग कैसी होती है इन्हें समझना.
- Emotional intelligence skills Decision making process के दौरान खुद की फीलिंग और इमोशन पर ध्यान देना.
जब हम इन्हें समझना शुरू कर देते है तब हम खुद के प्रति जागरूक बनने लगते है. ऐसा करना emotional intelligence को strong बनाता है. इसके लिए आप Mindfulness meditation का सहारा ले सकते है.
Key skill 3: Social awareness
आप लोगो से बाते करते है लेकिन वो आपकी बातो में रूचि ले रहा है या नहीं इसका पता आप कैसे करते है ? इसके लिए आप उनके फीलिंग और इमोशन को notice करते है जो समय समय पर बदलती रहती है.
उन संकेतो को समझना ही social awareness का हिस्सा है जिसमे हम सामने वाले की फीलिंग, समय समय पर बदल रहे इमोशन और वास्तव में उसके लिए ज्यादा जरुरी क्या है इसे समझना Emotional intelligence में शामिल है.
अगर आप लोगो की भीड़ का सामना कर रहे है और उनके विचारो को पढना चाहते है बिना उनसे प्रभावित हुए तो आपको mindfulness meditation का सहारा लेना होगा. इसके जरिये आप लोगो के emotion को पढ़ते है बिना उस पर किसी तरह की प्रतिक्रिया देते हुए.
यहाँ पर आपका Present moment में रहना महत्वपूर्ण होता है इसलिए इसके जरिये आप निम्न बदलावों को महसूस कर सकते है.
- आपके social goals को achieve करने में मदद करता है.
- किसी भी व्यक्ति का आपके साथ Interaction होने पर emotional state changes एक ऐसी process है जो न सिर्फ उन्हें बल्कि आपके Emotional experience को भी प्रभावित करती है.
- दूसरो पर ध्यान देने का मतलब ये नहीं है की आप खुद से हट रहे है. जब आप दूसरो से जुड़ते है तब आपको खुद के Value and belief के बारे में पता चलता है. आप न सिर्फ दूसरो से जुड़ रहे है बल्कि खुद को भी समझ रहे है.
Key skill 4: Relationship management
दूसरो के साथ आपकी relationship तभी मजबूत बन सकती है जब आप emotional awareness हो और दूसरो के साथ किस तरह पेश आना है इसके बारे में अच्छे से जानते हो. परिस्थिति के अनुसार फीलिंग और इमोशन को दर्शाना ज्यादा महत्वपूर्ण है क्यों की तभी लोग आपको समझ पाएंगे.
जब तक आप ये नहीं जान पाएंगे की दूसरे लोग क्या feel कर रहे है तब तक आप social/emotional skills को effectively develop नहीं कर पाएंगे. इसके लिए आपको इन चीजो पर ध्यान देना होगा
Become aware of how effectively you use nonverbal communication हम किसी भी thought को सामने वाले तक भेजते है तब nonverbal communication भी होता है. इन्हें समझने के लिए आपको Body language के बारे में पता होना चाहिए. ये वो expression है जो हमरी body लगातार करती रहती है जब हम दूसरो के सामने खुद को represent करते है या दूसरो को सुनते है.
Use humor and play to relieve stress आपने देखा ही होगा की जो लोग दूसरो को comfort महसूस करवाते है उनके साथ जुड़ना ही लोग पसंद करते है. किसी भी माहौल को आप किस तरह बनाते है वो ये तय करता है की सामने वाला आपकी बातो में रूचि लेगा या नहीं. जो लोग किसी भी परिस्थिति को फ्रेंडली बनाते हुए खुद को represent करते है लोग उन्हें सुनना पसंद करते है.
Learn to see conflict as an opportunity to grow closer to others दो लोगो के विचार एक जैसे हो जरुरत एक जैसी हो ऐसा होना जरुरी तो नहीं. दो लोगो के बिच Conflict and disagreements होना आम बात है.
अगर आप सामने वाले के पॉइंट को समझ पाते है की आखिर क्यों वो आपकी बातो को नकार रहा है तो शायद आप उसके लिए कोई रास्ता निकाले जो दोनों के लिए ही accept करने लायक हो.
Read : 5 बाते जो आपको ये मानने पर मजबूर कर देगी की भूत प्रेत और आत्माए होती है
Emotional Quotient vs intelligence Quotient final conclusion
लाइफ में आगे बढ़ने के लिए सिर्फ knowledge ही काफी नहीं होती है. आप अपने ज्ञान का किस तरह इस्तेमाल करते है, इसके जरिये दूसरो से किस तरह जुड़ते है ये महत्वपूर्ण है. लोग आपकी बातो को कितना मानेंगे ये आपके Emotional intelligence पर निर्भर करता है.
आप पढ़े लिखे है इसे देखकर की आपसे प्रभावित हो या न हो लेकिन सही तरीके से अगर आप अपनी बात को रख पाते है वो भी सही emotion और feeling के साथ तो यक़ीनन कोई भी आपकी बात को नकार नहीं पायेगा.
ये आपके लोगो के साथ relationship को strong बनाती है और लोग आपसे आसानी से प्रभावित होने लगते है. लोगो के साथ जुड़ाव को आसान बनाने, बिना किसी हिचक के अपनी बात रखने के लिए आपको इसके बारे में पता होना बेहद जरुरी है. लोगो की फीलिंग और इमोशन ये दर्शाते है की वो आपके साथ जुड़ने के लिए कितने इच्छुक है कितने नहीं.
आपका sensitive होना बेहद जरुरी है खासकर तब जब आप marketing and social engagement जैसी field में हो.