असावरी देवी का शाबर मंत्र और इसकी साधना का विधि विधान – शाबरी मंत्र साधना में महारत हासिल करने का अचूक मंत्र


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असावरी देवी का शाबर मंत्र और इसकी विधि का उल्लेख आपको प्राचीन शाबर मंत्र के ग्रन्थ में मिल जायेगा. शाबर मंत्र के अलग अलग प्रकार में हम गुरु गोरखनाथ, लोना चमारी या फिर लोक देवी देवता की आन जैसे शब्दों के बारे में काफी कुछ सुनते है.

हो सकता है की आपके लिए देवी असावरी का नाम सुनना नया नया हो लेकिन जिन साधको का इंटरेस्ट प्राचीन शाबर मंत्र की गुप्त विधियों में है उनके लिए ये नया नाम नहीं है.

आज के इस आर्टिकल में हम असावरी देवी का शाबर मंत्र और इसकी विधि के बारे में बात करने वाले है.

देवी असावरी शाबर मंत्र की सिद्धि और जागरण में काफी अहम् स्थान रखती है. ऐसा माना जाता है की अगर आप इनकी सिद्धि कर लेते है तो कुछ शाबर मंत्र पर आपका कण्ट्रोल अपने आप आ जाता है और आपके लिए गुप्त शाबर मंत्रो को समझ पाना आसान हो जाता है.

देवी असावरी के बारे में ज्यादा कुछ सुनने को नहीं मिलता है लेकिन, एक पौराणिक कथा के अनुसार वे भगवान महादेव की बहन है.

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असावरी देवी का शाबर मंत्र और इसकी विधि

स्वभाव से शरारती और नटखट होने की वजह से इनका कुछ विशेष तरह के प्रयोग के लिए आवाहन किया जाता है जैसे की किसी पर देवी का आना या देवी का उतारना, घर में अनायास आग लगना, या फिर गाय भैंस का दूध कम कर देना.

असावरी देवी का शाबर मंत्र एक गुप्त शाबर मंत्र का अभ्यास है जिसका साधक जितना ज्यादा अभ्यास करता है उतना ही उसके लिए रहस्यों को समझना आसान हो जाता है.

आइये जानते है देवी असावरी के शाबर मंत्र का विधि विधान और उन्हें सिद्ध करने का सबसे आसान उपाय के बारे में.

पौराणिक ग्रंथो में मिलता है देवी असावरी का उल्लेख

कौन है देवी असावरी और शाबर मंत्र साधना सिद्धि में उनका क्या स्थान है इसके बारे में क्लियर जानकारी का मिल पाना बेहद मुश्किल है. पौराणिक ग्रंथो में देवी असावरी के बारे में बहुत कम सुनने को मिला है.

पौराणिक ग्रन्थ के अनुसार देवी असावरी भगवान महादेव की बहन है जिनकी उत्पति भगवान शिव ने माता पार्वती के एकाकीपन को दूर करने के लिए की थी.

पौराणिक कथा के अनुसार जब माता पार्वती कैलाश आई थी तब वे खुद को काफी अकेला महसूस कर रही थी. माता पिता के दुलार से दूर उनके मन में यही रहता था की

काश मेरी कोई ननद होती तो मन लगा रहता

महादेव ने उनके मन की व्यथा को समझा और उनसे पूछा की क्या आपकी अपनी ननद के साथ बनेगी ?

माता पार्वती ने हाँ कहा और फिर भगवान महादेव ने अपने तेज से एक देवी को उत्पन किया और माता पार्वती से कहा की ये देवी असावरी है आपकी ननद.

देवी असावरी की शरारते और माता पार्वती का क्रोध

माता पार्वती देवी असावरी को देखकर काफी प्रसन्न हुई और उन्हें स्नान करवाने ले गई. वहां उन्होंने उन्हें कपड़े दिए जो उनके लिए कम पड़ गए.

घर आकर भोजन करवाया तो उन्होंने सारा भोजन अकेले ख़त्म कर दिया. भगवान महादेव के लिए कुछ बाकि ही नहीं बचा.

देवी असावरी की शरारत यही तक नहीं रुकी. उन्होंने माता पार्वती को अपने पैरो की दरार के बीच छिपा लिया और जब महादेव ने असावरी देवी से माता पार्वती के बारे में पूछा तो उन्होंने उन्हें कुछ भी नहीं बताया.

जब महादेव ने असावरी देवी से कहा की कही ये आपकी शरारत तो नहीं तो वे हंसने लगी और माता पार्वती को अपने पैरो की दरार से बाहर निकाला.

पहले दिन ही उन्होंने माता पार्वती को इतना ज्यादा गुस्सा दिला दिया की माता पार्वती ने जिद कर ली की उन्हें जल्दी से विदा कर दे. तब महादेव ने माता असावरी देवी का विवाह संपन्न करवा उन्हें कैलाश से विदा किया.

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असावरी देवी का शाबर मंत्र और इसकी विधि

देवी असावरी के बारे में ज्यादा कुछ सुनने को नहीं मिलता है लेकिन, नेपाल में आपको इनके बारे में काफी ज्यादा सुनने को मिल जायेगा क्यों की वहां इनकी विशेष पूजा होती है.

ऐसा माना जाता है की इनका स्थान लोक देवी देवता की तरह है जिनकी पूजा सिर्फ किसी प्रान्त तक सिमित होती है. हर जगह के अपने लोक देवी देवता होते है वैसे ही देवी असावरी भी नेपाल और पहाड़ी इलाको में मान्यता रखती है.

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असावरी देवी का शाबर मंत्र और इसकी सिद्धि का विधान आप यहाँ देख सकते है लेकिन पहले जान ले की ये किस तरह का शाबर मंत्र है.

देवी असावरी के शाबर मंत्र को झुमरी शाबर के नाम से जाना जाता है.

शाबर मंत्र के अलग अलग प्रकार है जैसे की

  • गोपाल शाबर मंत्र
  • झुमरी शाबर
  • डार शाबर
  • बर्भरी शाबर

ये कुछ मुख्य शाबर मंत्र के प्रकार है जिनका प्रयोग जगह के अनुसार किया जाता है.

पहाड़ी इलाके में महिलाए असावरी देवी का शाबर मंत्र को अपने दैनिक रूटीन के काम के दौरान गाना गुनगुनाते हुए सिद्ध कर लेती है. आपने प्राय गाँव में बुजुर्ग को देखा होगा जो हाथ चक्की पर आता पिसते हुए कुछ गाना जैसे गाती रहती है.

ओझा और तांत्रिक इस विद्या का प्रयोग कुछ चमत्कार दिखाने या किसी को परेशान करने के लिए करते है.

असावरी देवी का शाबर मंत्र और इसकी विधि कुछ इसी तरह है.

देवी असावरी का सिद्ध शाबर मंत्र

असावरी शाबर मन्त्र / असावरी देवी का शाबर मंत्र :

sister of lord shiva

श्री देवी, काली देवी, बावन्ती देवी, दूनू मिल देवी, झूलना झुमरी, रिचार चिरूप, हसत कमल फूल के पटोर।

एक दिस देवी काली, एक दिस बावन्ती देवी । बीच में सार-सावर के लागे डोरी ।

झुमरी देखने आए श्रीभगवती जगदम्बा भवानी, ज्वालामुखी देवी, अष्टाङ्गी दुर्गा, सहसर देवी।

देखो, झुमरी गावे सारी निसा राति । गीत सम्हारि मारि के चली मिरतुक लोक ।

घर- घर खोजे सेवक, भगती करें– पुरावे देवी, काली देवी, बावन्ती देवी ।

रे रे सेवक ! निर्भय से झुमरी साबर सबद बाग, कमर कसि के चलावे बात।

बेटा आवे हनुमन्त, भैरवनाथ धावे । ऐसी के बान्हो, डैनी को बान्हो ।

राखो ओ झाकै मूसक वान । लागे गुनी के गुण, उड़ावे देवी काली, देवी बावन्ती ।

देवीन ओसे विधना देवा, देवी नाम जा पर । मेरा नजरि हसन चलाए, तकरा पहिने मारे। जड़ी देवी के दोहाय ।

जा पर मेरा नजरि ताकर देवी करै रक्षा सम्हार । दोहाय देवी ! काली देवी दोहाय, बावन्ती देवी दोहाय 

असावरी देवी का शाबर मंत्र का कोई विधि विधान नहीं है. आप देवी असावरी का सिद्ध शाबर मंत्र का अभ्यास कभी भी कर सकते है लेकिन, ध्यान रखे की जितना ज्यादा आप इसका अभ्यास करते है ये उतना ही शक्तिशाली होता जाता है.

गुड़हल और मिठाई का भोग दे और सुबह शाम देवी असावरी की पूजा करे. कुमारी कन्या को भोजन करवाए और विधिवत तरीके से देवी का पूजन करे.

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असावरी देवी का शाबर मंत्र और इसकी विधि के प्रयोग

अगर आप शाबरी मंत्र को सिद्ध कर लेते है तो आपके लिए मंत्रो को जाग्रत करना आसान हो जाता है. अगर आप सिद्ध साधक है या फिर आपके मन पर आपका पूरा कण्ट्रोल है तब आप इसका नियमित अभ्यास कर सकते है.

  • नियमित अभ्यास करने वाला साधक देवी की सवारी और देवी को उतारना जैसी विधि को पूरा कर सकता है.
  • असावरी देवी का शाबर मंत्र का अभ्यास करना आपके लिए मारण और मोहन जैसे प्रयोग को करना आसान बना देता है.
  • किसी को परेशान करना हो या फिर तकलीफ देनी हो जैसे की बंद घर में आग लगा देना, दुधारू पशु का दूध सुखा देना जैसे प्रयोग इसके जरिये आसानी से किये जा सकते है.
  • अगर किसी को माता की सवारी आती है तो उसे छुड़ाना या लगाना जैसे कार्य भी इसके जरिये किये जा सकते है.
  • देवी असावरी का स्थान शाबर मंत्र में उच्च स्थान पर है इसलिए अगर शाबर मंत्र का चमत्कार देखना चाहते है तो इसका प्रयोग जरुर करे.

असावरी देवी का शाबर मंत्र से जुड़े ऐसे कई और भी प्रयोग है जिन्हें आप इस अकेले शाबर मंत्र की सिद्धि के बाद आसानी से कर सकते है लेकिन, किसी को परेशान करने के लिए इसका प्रयोग ना करे. एक साधक है तो इसके जरिये मंत्रो को सिद्ध करने की कोशिश करे.

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देवी असावरी की सिद्ध शाबर मंत्र साधना का अभ्यास और चमत्कार निष्कर्ष

असावरी देवी का शाबर मंत्र और इसकी विधि के प्रयोग आपको बहुत कम जगह देखने को मिलेंगे लेकिन, अगर आप एक साधक है और अलग अलग प्रकार के शाबर मंत्रो का ज्ञान रखते है तो आपको इनके बारे में जरुर जानना चाहिए.

देवी असावरी का सिद्ध शाबर मंत्र में उच्च स्थान है और इन्हें सिद्ध करने के बाद आप शाबर मंत्रो में सिद्धि हासिल कर सकते है.

इस आर्टिकल में शेयर की गई असावरी देवी का शाबर मंत्र और इसकी विधि के प्रयोग प्राचीन शाबर मंत्रो के उल्लेख से ली हुई है जिसके बारे में ज्यादा जानकरी आपको योग्य गुरु से ही मिल सकती है.

अगर आप बेसिक से शुरुआत कर रहे है तो ये जानकारी आपके लिए पर्याप्त है और हमारी तरफ से हमने इसमें पूरी कोशिश की है की त्रुटी ना हो. किसी भी शंका के समाधान के लिए आप कमेंट में पूछ सकते है.

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