अभी कुछ समय पहले एक बुक पढ़ रहा था The power of your subconscious mind जो की सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली Motivational Books में से एक है. इस बुक को स्टडी किया तब मेने पहली बार कुछ चीजो को समझने की कोशिश की जिसमे से एक था How to access your Inner Strength.
कुछ भी ऐसा नहीं जिसे हासिल नहीं किया जा सके बशर्ते आपको पता हो की आपकी असली ताकत आपके खुद के अन्दर है.
ये बुक ज्यादातर 2 चीजो पर based थी पहला self-compassion और दूसरा thought inquiry यानि खुद पर भरोसा और अपने विचारो के प्रति aware क्यों की यही आपकी energy है जिसे Positive way में लगाया जाए तो लाइफ बदल सकती है और negative way में लगाया जाए तो लाइफ बर्बाद हो सकती है. फैसला हमारे हाथ में होता है.
इस आर्टिकल में हम बात करने वाले है stress और बुरे समय में हम अपनी अंतर्मन की शक्ति को कैसे active करे ताकि बिना किसी बाहरी माध्यम के हम अपनी परेशानी को खुद को solve कर सके. आपके subconscious mind को जो चीज सबसे powerful बनाती है वो है आपकी खुद की Inner strength और कुछ नहीं.
इसलिए अगर आपने इसे सही तरह से access करना सीख लिया तो आपके लिए किसी भी परिस्थिति का सामना करना आसान हो जायेगा.
Inner Strength definition in Hindi
हम सब कभी न कभी किसी तरह के traumatic or shocking event से जरूर गुजरे होंगे। जरूरी नहीं की किसी तरह की बड़ी आपदा हो ये किसी तरह का बुरा अनुभव भी हो सकता है। ज़्यादातर लोग losing a job, daily stress, divorcing, and moving somewhere foreign जैसे traumatic experience से गुजरते है।
ये स्थिति हर किसी के लिए अलग अलग होती है। एक व्यक्ति के लिए जॉब बदलना आसान है तो दूसरे के लिए काफी तकलीफ भरा अनुभव हो सकता है। हमे हर किसी को उसके level of sensitivity के आधार पर उसे judge करना चाहिए।
Traumatic Experience की पहचान कैसे करे?
देखा जाए तो ये एक तरह से emotional, psychological or physical well-being मे आ रहे बार बार भयावह बदलाव होते है। वास्तव मे कोई भी ऐसी स्थिति जिसमे हमे किसी तरह के कंट्रोल को खोते हुए महसूस होता है एक तरह का Traumatic Experience होता है।
Inner Strength के इस अनुभव को हम अलग अलग तरह की स्थिति के जरिये समझ सकते है जैसे की
- disconnected from the world
- पूरी तरह से निराश हो जाना.
- किसी तरह का डर बार बार सताना.
- Hyper vigilance (constantly looking out for danger)
- बार बार confuse होना ओर concentrate न कर पाना.
- Shocked and/or in denial
- बार बार गुस्सा हो जाना.
- बात बात पर मूड का अचानक बदल जाना.
- Guilty or ashamed
- Self-loathing
- The need to withdraw from others
इसमे सबसे खतरनाक बात ये है की patient खुद को victim मानने लगता है.
एक व्यक्ति खुद को कई स्थिति मे ऐसा पाता है जब तक की बार बार दूसरे लोग उसे इसका अहसास न करवा दे। आपने अगर ऊपर की लिस्ट को पढ़ा है ओर आपका लगता है की आप भी traumatic experience से गुजर रहे है।
इस स्थिति से बाहर निकलना बेहद जरूरी बन जाता है क्यो की ये very harmful, dis empowering और सबसे बड़ी बात ये आपको बार बार अहसास करवाता है की आप एक victim यानि हारे हुए है ताकि आपका मनोबल इस स्तर तक गिर जाए की आप खुद को कमजोर महसूस करने लगे।
The Importance of Tapping into Your Inner Strength
हम जान चुके है की trauma वास्तव मे extreme absence of power है और कुछ नहीं. लेकिन ये बात बिलकुल सच है की जो ताकत आपके अंदर है उसका बाहर के किसी भी दूसरे तथ्य से कोई मुक़ाबला नहीं हो सकता है।
आपकी ताकत आपके अंदर है और सिवाय आपके कोई और उसे नहीं जगा सकता है।
अपने अंदर की ताकत को उभारना यानि developing self-compassion पर काम करना है।
जब आप इस बात को समझ जाते है और The power of your subconscious mind को समझ जाते है तो आप पाएंगे की वास्तव मे कोई भी बाहरी चीज आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकता है।
कोई भी दूसरा आपकी inner Self की divine strength को चुरा नहीं सकता है। एक बार आप जान गए की आपको नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता है तो फिर आप खुद को अंदर से strong बनाना शुरू कर देते है।
Traumatic Experiences के दौरान Inner Strength को मजबूत कैसे बनाए?
बहुत से लोगो की तरह मैंने भी अपनी लाइफ मे कई बार emotional abuse को experience किया है। जब मैंने पहली बार spiritual awakening experience किए तब दूसरे लोगो ने मुझे emotional abuse किया और मैंने खुद को दूसरों से कमतर आंकना शुरू कर दिया। धीरे धीरे अनुभव बढ्ने पर मुझे अहसास हुआ की कुछ लोग दूसरों से अलग होते है।
ऐसी स्थिति मे powerful and life-changing tools जो मैंने अपनी लाइफ मे आजमाए है वो है self-compassion and thought inquiry. खुद के लिए जीना ओर देखभाल करना क्यो की loving kindness के जरिये हम खुद को जानना शुरू कर देते है।
साथ ही हम महसूस करते है की हम बिना किसी वजह के परेशान होते है क्यो की हम Unwanted intrusive thoughts मे फंस जाते है। ऐसी स्थिति मे extreme stress, illness, loss, vulnerability, and pain की स्थिति मे inner strength को मजबूत बनाने के लिए हम कुछ उपाय कर सकते है।
1. Treat yourself with love and compassion
कोई भी परिस्थिति आपको कमजोर नहीं कर सकती है जब तक की आप खुद हार न मान ले। जब भी आप किसी तरह की परिस्थिति मे फंस जाए खुद को love and compassion के जरिये खुद को treat करे। जिस पड़ाव से आप गुजर चुके है उस पड़ाव से दूसरों को कैसे सही कर सके इस बारे मे आप काम कर सकते है।
कोई भी बाहरी परिस्थिति आपको तभी परेशान कर सकती है जब तक की आप अनचाहे विचारो मे न उलझ जाए।
2. Allow yourself to feel what you feel
Long-term suffering की एक सबसे बड़ी वजह ये भी है की हम अपने emotion को दबाते रहते है।
traumatic circumstance की स्थिति मे ऐसा हमेशा नहीं होता है। ऐसी कोई घटना जब हम किसी ऐसी स्थिति से बाहर निकलने के लिए अंदर से emotion को दबाते रहते है ओर वो बार बार होती है तब ऐसी स्थिति मे हम उस फीलिंग को मानने से इंकार करना शुरू कर देते है जो उस वक़्त हो रहा होता है।
ये एक तरह से Inner Strength से जुड़ा हुआ psychological fact की तरह है जिसमे किसी तरह के इमोशन को अगर बाहर निकालना है तो सबसे पहले उसे फील करना सीखे। हम अक्सर अपने दर्द को ignore करते रहते है और बार बार एक ही तरह का दर्द आगे चलकर past life regression का रूप ले लेता है।
कुछ ऐसी आंतरिक तकलीफ़े होती है जिनके लिए रो लेना, किसी को बताना या बाते share करना helpful होता है बजाय किसी therapist से मिलकर इसका इलाज करवाना।
3. गहरी सांस ले
जब हम traumatic circumstances से गुजरते है तब हमारा दिमाग सही तरह से काम नहीं कर पाता है और साँसे भी ओर धीरे धीरे ये बढ़ता जाता है क्यो की बढ़ते वक़्त के साथ हम anxiety feel करने लगते है। हमारा दिमाग और ज्यादा crazy होने लगता है।
ऐसी स्थिति जब हो तब हमे गहरी सांस लेनी चाहिए वो भी पेट से।
जब हम ऐसा करते है तब हमारे विचार कमजोर ओर शांत होने लगते है। अनचाहे विचारो से छुटकारा मिलना शुरू हो जाता है। अगर आपको deep breathe लेने मे समस्या हो रही है तब आप अंदर बाहर जाती हुई साँसो पर खुद को फोकस कर सकते है।
Mindfulness meditation का अभ्यास कर सकते है साथ ही आपके बॉडी ओर माइंड मे क्या हो रहा है इस बात को समझने की कोशिश कर सकते है।
गहरी सांस लेना और mindful attention पर ध्यान देना आपको शांत बनाता है और आप खुद को balance होता हुआ पाते है।
4. Go slowly
जब भी हम अवसाद की स्थिति मे होते है हमारी गतिविधि मे काफी सारे बदलाव होते है। हम सबकुछ जल्दी जल्दी करने लगते है जिसकी वजह से stress और भी ज्यादा बढ़ना शुरू हो जाता है।
ऐसी स्थिति मे आपको थोड़ा रुक जाना चाहिए, बात करने के तरीके मे बदलाव की कोशिश करे या फिर रुक जाए आप पाएंगे की अब आप जो बोल रहे है उसे समझने की कोशिश करने लगे है।
हम बोलते समय अपने विचारो मे उलझे रहते है जैसे की बीते कल और आने वाले कल मे फंसा होता है। Inner Strength को और भी ज्यादा स्ट्रोंग बनाने के लिए आपको प्रयास करना होगा.
हम किसी भी कार्य को बिना सोचे समझे करना शुरू कर देते है क्यो की दिमाग अनचाहे विचारो मे फंस जाता है ओर उसकी वजह से स्ट्रैस ज्यादा बढ्ने लगता है। ऐसी स्थिति से बाहर निकले और शांत रहते हुए सिर्फ अपनी activity को slow कर दे।
बदलाव देख कर आप खुद हैरान रह जाएंगे।
5. Self-victimizing thoughts को बाहर निकाल दे
हमारे विचार हामारी सबसे बड़ी ताकत भी है और कमजोरी भी, ये आप पर निर्भर है की आप किस रास्ते का चुनाव करते है। हमारे विचार वास्तव मे एक तरह से fluctuations of energy है और कुछ नहीं।
हम ये नहीं जानते है की आगे क्या होगा ना ही हमारा उन पर कोई कंट्रोल है। हम तो ये भी नहीं जानते है की हमारे अगले 5 thoughts कौनसे होने वाले है। अगर ऐसा है तो फिर ऐसे विचारो से प्रभावित ही क्यो होना !
और ऐसे विचार जिन पर हमारा कंट्रोल नहीं उन्हे हकीकत मे बदलने और हम पर किस तरह का प्रभाव पड़ेगा ये हम आज कैसे जान सकते है।
सभी समस्या की जड़ हमारा अनचाहे विचारो मे विश्वास रखना है बजाय इसके की उन्हे हम सिर्फ देखे ओर जाने दे।
जब भी हम किसी तरह के traumatic experience से गुजरते है हमारा दिमाग आने वाले कल को लेकर हमे परेशान करना शुरू कर देता है।
हम सिर्फ इस बात पर फोकस हो जाते है की आने वाली लाइफ कितनी मुश्किल होने वाली है। जब भी हम ऐसा करते है हम खुद को अंदर से कमजोर बनाना शुरू कर देते है।
जब हम inner strength को access करना शुरू कर देते है तब हमे अहसास होता है की Unwanted intrusive thoughts सिर्फ तभी असर दिखाते है जब हम उन पर believe करते है, इसके अलावा उनका कोई अस्तित्व नहीं है।
6. बीते कल को आपने कैसे सही किया उसे याद करे
कई बार ऐसा होता है की हम बार बार मिल रही निराशा से पूरी तरह टूट जाते है. जब हमारा हौसला पूरी तरह ख़त्म होने वाला होता है तब हम अपने past की उस situation को recall करते है जब हम बुरे वक़्त से गुजरे और उसे survive किया.
लाइफ में समस्या हर किसी के होती है. कुछ लोग उन्हें याद करते करते खुद को पूरी तरह से निराश कर लेते है तो कुछ लोग अपने past में किये जाने वाले survive experience को याद कर खुद को हौसला देते है और present में भी बड़ी से बड़ी समस्या का सामना कर लेते है.
7. guide करने के लिए पूछे
दूसरे लोगो से खुद को guide करने के लिए पूछना किसी तरह की कमजोरी नहीं बल्कि sign of inner strength होता है. जब भी हम किसी दूसरे व्यक्ति को guide के लिए पूछते है तो इसका मतलब है की हम अपने स्तर पर आने वाली problem को solve कर चुके है.
इसके लिए आप किसी trusted loved one, trained therapist या फिर praying to a higher power such as your Soul का सहारा ले सकते है. यक़ीनन जितना विश्वास के साथ आप उनसे हेल्प लेंगे उससे कही ज्यादा उन्हें आपकी हेल्प करके ख़ुशी मिलेगी.
8. सब कुछ गुजर जाएगा हमेशा याद रखे
हमेशा कुछ भी स्थाई नहीं रहता है सबकुछ एक न एक दिन गुजर ही जाता है. ये सबसे बड़ा मोटिवेशन है जो हम खुद सीख सकते है. क्या आपकी लाइफ में जो problem 10 साल पहले थी वो आज भी है ?
नहीं एक वक़्त के बाद हर पल गुजर जाता है. हर बीत रहे समय के साथ अच्छा बुरा सभी किस्म का लम्हा गुजर जाएगा.आज आपका वक़्त सही नहीं है और आप stress, depression और unwanted intrusive thoughts से भरे हुए है लेकिन अगर कोशिश करेंगे तो एक समय के बाद आपके हालात बदलेंगे.
जब भी आपका वक़्त बुरा चल रहा हो खुद को समझाए की ये लम्हा भी गुजर जाएगा जैसे पीछे की हर मुश्किल घडी गुजर गई. जब आप ये स्वीकार कर लेंगे तब आपकी inner strength खुद मजबूत बनने लगेगी और आप खुद को आगे बढ़ता हुआ पाएंगे.
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benefit of inner strength final word
एक बार जब आप अपने अंतर्मन को जाग्रत करना सीख लेते है तो आप ऊपर शेयर किये गए किसी भी एक ट्रिक को follow कर खुद को stable कर सकते है. सिर्फ एक सप्ताह किसी भी एक उपाय को आजमाए और अपने अन्दर के फर्क को महसूस करे.
जब तक आप Inner strength की असली ताकत को नहीं पहचानेंगे आप खुद को मजबूत नहीं बना सकते है.
इस आर्टिकल में शेयर किये गये 2 Most important tools यानि self-compassion and thought inquiry ये बेहद जरुरी है. शुरू शुरू में इस बात को accept करना मुश्किल लग सकता है की ताकत हमारे अन्दर ही छुपी हुई होती है लेकिन जब हम इसके प्रति aware होना शुरू कर देते है तब हमारा दिमाग हमें फालतू विचारो में उलझा नहीं पायेगा.
उम्मीद करता हूँ आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा. आपकी असली शक्ति आपके अपने अन्दर है इसलिए इसकी बाहर तलाश करना बंद कर दे और खुद को strong बनाने पर काम करे.