multiple personality और माता की सवारी से जुड़ी खास बाते जो आपको जाननी चाहिए


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multiple personality यानि एक ही व्यक्ति का अलग अलग व्यक्तित्व के साथ जीना। कुछ लोग सामान्य जीवन में बहुत ही सामान्य तरीके से जीवन बिताते है लेकिन जब उनके साथ कोई ऐसा हादसा हो जाता है जिनसे उनके दिमाग में अचानक से धक्का पहुँचता है तो उनके अंदर के व्यक्तित्व में परिवर्तन आ सकता है।

multiple personality disorder in Hindi में हम एक ही इंसान को एक से ज्यादा व्यक्तित्व के साथ महसूस करते है। जो कुछ देर, कुछ महीने या फिर पूरी जिंदगी भर ऐसा ही रहता है। multiple disorder treatment कैसे आपकी जिंदगी को फिर से normal बना सकता है.

आइये जानते है multiple personality disorder से जुड़े cases और उनके कुछ आसान treatment के बारे में विस्तार से.

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multiple personality disorder

दोस्तों हमारा मस्तिष्क जब अलग अलग लोगो से मिलता है तो जो स्टाइल और लुक उसे सबसे ज्यादा प्रभावित करता है वो उसे कॉपी करने की कोशिश करता है।

लेकिन सामान्य जीवन में वो उसे काम में नहीं ला पाता है जिसकी वजह है संकुचित सोच यानि लोगो की विचारधारा से प्रभावित रहना। जब हमारे मस्तिष्क को sudden shock लगता है तब हम सोच समझ ही नहीं पाते है की कोनसी personality हमारी अपनी है। subconscious mind में छिपा डर इसे और भी ज्यादा जटिल बना देता है।

multiple personality की ज्यादातर समस्या उन लोगो में देखी जाती है जो एकाकी होते है या फिर ऐसे लोग जिनमे खुद के आत्मविश्वास को लेकर एक डर छिपा होता है।

multiple personality क्या है

हमारे अंदर व्यक्तित्व खंड एक से ज्यादा होते है जो परिस्थिति अनुसार व्यव्हार में उभरते है।

सामान्य जीवन में जब एक व्यक्तित्व खंड अस्तित्व में होता है तब दूसरा असक्रिय रहता है यद्पि स्मृति में इसका अपवाद शामिल है क्यों की हम अलग अलग व्यक्तित्व खंड के अस्तित्व को महसूस कर पाते है।

जब एक व्यक्ति में दो खंड व्यक्तित्व (partial personality) होते है तब उसे Dual personality कहते है।

multiple personality disorder क्यों होता है

हम जानते है की हमारे अंदर व्यक्तित्व खंड मौजूद है। इसे सबसे आसान शब्दों में समझना चाहे तो खुद के अच्छे और बुरे स्वरूप का उदहारण भी ले सकते है।

हमारा मस्तिष्क इन part personality को control करता है। कुछ हालातो में जब हम अचानक से शॉक की अवस्था में जाता है तब मस्तिष्क का नियंत्रण इन व्यक्तित्व खंडो पर से हट जाता है।

इस वजह से ऐसी पर्सनालिटी उभर कर आती है जो हमारे अंदर सक्रिय होना चाहती हो लेकिन मस्तिष्क उसे सक्रिय नहीं होने देता हो।

इसे विज्ञान में multiple personality disorder कहते है।

क्या multiple personality कोई बीमारी है

अगर हमारा मस्तिष्क हमारे व्यक्तित्व को कण्ट्रोल कर सकता है तो ये कोई बीमारी नहीं है।

क्यों की इस अवस्था में हम सभी खंड व्यक्तित्व का लाभ उठा सकते है। जैसे की अगर आपको याद हो बचपन में जब अचानक से आपके सामने कोई ऐसा जानवर आ जाता था तब कुछ मौको पर आपके मुँह में दोहरी आवाज निकलती थी।

ये आवाज आपके सामान्य जीवन में कभी काम में नहीं आयी थी। ये हमारे दोहरे vocal gland से उभरी आवाज थी।

इसके अलावा बेशक आपको उस जानवर से डर लगता था लेकिन कुछ पल के लिए आप ने उसके सामने खड़े होकर अजीब सी आवाज निकाल कर उसे डराने का प्रयास जरूर किया होगा।

आपका ये व्यक्तित्व आपके सामान्य जीवन में कभी सक्रिय नहीं होता है। लेकिन हालात के अनुसार उभर कर बाद में असक्रिय भी हो गया।

इससे जाहिर होता है की व्यक्तित्व खंड हालात के अनुसार उभरते है और असक्रिय भी हो जाते है। monk अपने गले की दोनों vocal ग्रंथि को सक्रिय करते है जिससे की वो उसका सही इस्तेमाल कर सके.

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multiple personality Disorder क्या और क्यों होता है

multiple personality Disorder एक बीमारी है। ठीक वैसे ही जैसे हमारा सही से काम ना कर पाना। जब हमारे व्यक्तित्व खंड हालात के अनुसार सक्रिय नहीं रह पाते है या फिर हालात के अनुसार नहीं उभर पाते है तब ये एक disorder हो जाता है। इस हालत में हमारा खंड व्यक्तित्व पर कोई नियंत्रण नहीं रहता है।

अचानक से मस्तिष्क का काम करना बंद होना multiple personality disorder की मुख्य वजह है।

dual personality

इसके अलावा भी जब कोई खंड व्यक्तित्व जिसे हम उभारना चाहते है पर उभर नहीं पाता है तो भी जब कुछ पल के लिए Mind block होता है तब ये एकसाथ उभरने लगते है और हम इसे समझ नहीं पाते है।

ऐसे कई case सामने आये है जिसमे किसी व्यक्ति को उसके व्यक्तित्व को लेकर निचा दिखाया जाता है या फिर संकुचित प्रवृति का बनने पर मजबूर किया जाता है।

जब उसका मनोबल कमजोर हो जाता है तब वो खंड व्यक्तित्व पर से नियंत्रण खो देता है और फिर ऐसा व्यव्हार करने लगता है।

Hollywood और Bollywood में अब तक ऐसी कई movie बन चुकी है जो multiple personality disorder पर based है.

multiple personality- माता की सवारी जैसे केस

आपने सुना तो होगा की अमुक व्यक्ति पर माता की सवारी आती है। आधुनिक युग में ये अन्धविश्वास लग सकता है, लेकिन हकीकत में ऐसा हो भी सकता है और नहीं भी।

हालाँकि इसके कोई पुख्ता सबूत तो नहीं है पर वैज्ञानिक नजरिये से देखा जाये तो ऐसे व्यक्ति ज्यादातर अंतर्मुखी होते है। ये खुद के अंतर से जुड़े रहते है।

आपने सम्मोहन की तीसरी अवस्था के बारे पढ़ा होगा जिसमे हमारा अंतर्मन आजाद होकर हमें ऐसी घटनाये बताता है जो भविष्यवाणी जैसी लगती है।

वास्तव में जो कुछ घटता है या घटने वाला है अंतर्मन वक़्त में सफर कर उन्हें कैच कर सकता है। इसी वजह से जब ऐसे लोग हमसे जुड़ी बाते बताते है तब हमें लगता है की वास्तव में उन पर माता की सवारी आयी है।

भूत-प्रेत की चपेट कितना सही कितना गलत

वही अगर आध्यत्मिक नजरिये से देखे तो जिन्नात, भूत-प्रेत और देवी देवता सभी को ऊर्जा स्वरूप माना गया है।

हमारा औरा हमारे सभी शरीर मतलब स्थूल, सूक्ष्म और आध्यत्मिक स्तर का सुरक्षा कवच है। जब किसी वजह से ये कमजोर या दुर्बल हो जाता है तब ये नकारात्मक ऊर्जा का विरोध नहीं कर पाता है। तब हम सुनते है की भूत-प्रेत की चपेट हुई है।

माता की सवारी इससे मिलता जुलता है जिसमे हमारा शरीर या औरा सात्विक या नकारात्मक ऊर्जा शक्ति को आकर्षित करता है।

अगर हमारा शरीर बाह्य ऊर्जा के दबाव को झेल लेता है तो हम सामान्य रहते है नहीं तो आपने देखा ही होगा ऐसे लोग कैसे व्यव्हार करते है। उनके अंदर का दबाव उन्हें बाह्य बल भी प्रदान करता है।

इन सबमे खंड व्यक्तित्व समान है। जब दो खंड व्यक्तित्व अपने अस्तित्व को जाहिर करने के लिए संघर्ष करते है तब हमारा व्यव्हार असामान्य हो जाता है और हम निर्णय लेने के साथ समझ को खोने लगते है।

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अंतिम शब्द और व्यक्तिगत नजरिया

जहा तक बात है भूत-प्रेत और माता की सवारी की में इन सबमे विश्वास करता हूँ। हमारा औरा और मनोबल हमें बाहरी ऊर्जा के दबाव से बचाए रखता है। इसका एक उदहारण मेरे बचपन का है जब में और मेरा छोटा भाई गांव के पास के हमारे खेतो में जाया करते थे।

मेरा छोटा भाई जब भी वहा के शमशान से गुजरता वो बीमार पड़ जाता था जबकि मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं होता था।

इसके अलावा जब हम वहा से गुजरते तो हमे वहा माहौल में अलग ऊर्जा महसूस होती थी जो मन में डर का अहसास करवाती थी।

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