दुश्मन को तबाह और अचूक वशीकरण करने वाले मुस्लिम सिफली अमल की पहचान कैसे करे ?


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सिफली अमल की पहचान करते हुए इसकी काट करना बेहद जरुरी है. आपने कही न कही मुस्लिम सिफली अमल के बारे में सुना ही होगा. इस्लाम में इस तरह के काले जादू के प्रयोग की मनाही है क्यों की ये एक बेहद खतरनाक काला जादू है और इसके परिणाम हर हाल में अपना असर छोड़ते है.

सिफली अमल का प्रयोग दुश्मन को बर्बाद करने, किसी के धन संपदा को हड़पने, बदनीयत से वशीकरण करने या फिर 2 व्यक्ति के बीच दुश्मनी पैदा करने के लिए किया जाता है.

सिफली अमल का वशीकरण में प्रयोग तब किया जाता है जब बाकि के सारे प्रयोग काम नहीं करते है. हम ब्लॉग पर पहले से ही वशीकरण के शैतानी अमल के बारे में डिटेल शेयर कर चुके है जो की सिफली अमल का ही भाग है.

सिफली अमल काले जादू से 10 गुना ज्यादा खतरनाक होता है जिसे Negative energy के जरिये किया जाता है. यही वजह है की समय रहते आपको सिफली अमल की पहचान करवाना बेहद जरुरी है.

आमतौर पर आप किसी भी जादू की काट करवा सकते है लेकिन, जब बात हो सिफली अमल की काट करने की तो बड़े बड़े एक्सपर्ट भी हाथ खड़े कर लेते है क्यों की सिफली अमल को दूर करने की कोशिश में ये एक्सपर्ट को भी बेहद नुकसान पहुंचा सकता है.

Basic Reason of Unsuccess in Sadhna
मुस्लिम सिफली अमल की पहचान कैसे करे साफ़ साफ़ शब्दों में समझे तो सिफली अमल एक तरह का श्राप है जिसकी काट करना हर किसी के लिए संभव नहीं है.

सिफली अमल का प्रयोग वशीकरण और किसी को बर्बाद करने के लिए किया जाता है क्यों की वशीकरण को आज जिस तरह पेश किया जा रहा है ये लोगो को भ्रमित कर रहा है.

वशीकरण का असर दिखने में समय लगता है और इसके लिए गहन अभ्यास की आवश्यकता होती है लेकिन, सिफली अमल के नक्श की मदद से आप कम समय में परिणाम देख सकते है.

मुस्लिम सिफली अमल की पहचान कैसे करे ?

काले जादू के रूप में अगर किसी ने मुस्लिम सिफली अमल का प्रयोग किया है तो मरीज के शरीर और मन पर इसका प्रभाव देखा जा सकता है. आप इसकी काट तभी कर सकते है जब आपको सिफली अमल की पहचान करना आता है.

पीड़ित पर सिफली अमल का प्रयोग किया गया है या नहीं इसकी पहचान आप इन लक्षण के आधार पर कर सकते है.

  • शरीर में चींटियो के रेंगने का अहसास होता है और मरीज एक अजीब बदबू की शिकायत करता है जिसे उसके आसपास के लोग महसूस नहीं करते है.
  • आवाज में बदलाव महसूस कर सकते है जैसे की भारीपन, एक तरह की उदासीनता और गुमसुम रहना.
  • चेहरे की चमक गायब होना शुरू हो जाती है और पीड़ित किसी बीमार की तरह दिखने लगता है.
  • जिस पर सिफली अमल का प्रयोग किया जाता है वो व्यक्ति नहाने से दूर भागता है.
  • पीड़ित व्यक्ति का किसी भी काम में मन नहीं लगता है. हर पल अकेले रहना चाहता है और किसी से बातचीत करने में उसका मन नहीं होता है.
  • सिफली अमल का प्रयोग होने की वजह से व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक शक्ति धीरे धीरे ख़त्म होना शुरू हो जाती है.

अगर समय रहते इसकी पहचान ना की जाए तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है. सिफली अमल के नक्श के प्रयोग होते है और इसके जरिये शैतानी शक्तियों को जरिया बनाया जाता है.

सिफली अमल की पहचान होने के बाद इसका असर दूर करना आसान हो जाता है. अगर आप इसके शुरुआती लक्षण को महसूस कर रहे है तो आप खुद भी इसका समाधान कर सकते है.

मुस्लिम सिफली अमल के असर को दूर करने का सबसे आसान तरीका

हिन्दू धर्म में मैली विद्या को काले जादू में सबसे ज्यादा प्रभावी मानी जाती है क्यों की ये कुछ खास तबके द्वारा किया जाने वाला काला जादू है और डायन इसे खासतौर से करती है वैसे ही इस्लाम में सिफली अमल है जो काले जादू में सबसे खतरनाक माना जाता है.

सिफली अमल कम समय में अपना असर दिखाते है इसलिए इनका प्रयोग किया जाता है. इसमें शैतानी शक्ति को जरिया बनाया जाता है, गंदे और जिन कामो से आप दूर रहते है उन्हें किया जाता है साथ ही बलि देने का काम किया जाता है.

अगर आप सिफली अमल की पहचान कर लेते है और इसके शुरुआती स्टेज पर है तो आप खुद इससे निजात पाने का उपाय कर सकते है.

  • सबसे पहले वुजू कीजिये और खुद को पाक बनाए.
  • निचे दी गई आयत को 101 दफा पढ़े. आप इसे इस दौरान लिख सकते है.
  • यहाँ कुरान की एक आयत शेयर की जा रही है इसे पाक साफ़ सफ़ेद कागज पर अरबी में लिख लीजिये. अगर आप अरबी में नहीं लिख सकते है तो यहाँ जो दिया जा रहा है इसे ऐसे ही प्रिंट ले सकते है.
  • हाथ से लिखा ज्यादा बेहतर होता है इसलिए या तो आप खुद इसे लिखने की कोशिश करे या फिर किसी एक्सपर्ट से बनवा लीजिये.

इन्नमा स-न-ऊ कयदु साहिरिन वला युफलिहु-स-साहिरु ‘हयसु अता इन्नी अहव साना हुवा मा अबरा मूमा अ-ह-या अशरा हया.

  • आयत लिखे कागज को अच्छे से मोड़कर ताबीज बना ले. इसे किसी पन्नी या कपड़े का कवर बनाकर हिफाजत से लपेट ले और काले धागे में भरकर पीड़ित के गले में बांध दे.
  • ये ताबीज पाक रहना चाहिए और जब तक पीड़ित राहत महसूस ना करे तब तक उसे गले में रहने दे.

ये सबसे पहला और आसान उपाय है जिसके जरिये आप घर बैठे मुस्लिम सिफली अमल की पहचान कर उसका असर काट सकते है. बंगाली काले जादू और सिफली अमल की काट का ये सबसे आसान और प्रभावी तरीका है.

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सिफली अमल की काट का गंडा-ताबीज घर पर कैसे बनाए

अगर आप सिफली अमल के काले जादू की काट करना चाहते है और कुछ आसान उपाय देख रहे है तो घर पर ही सिफली अमल की पहचान और सिफली अमल की काट का गंडा-ताबीज बना सकते है.

इसे बनाना बेहद आसान है बशर्ते आप पाक नियम का पालन करते हुए इसे बनाते है.

  • किसी भी रोज किसी भी समय में ताबीज बनाने के लिए 7, 9 या 11 सादा सफेद कगज लें. उसपर उतने ही उतने ही खानें बना लें. उस खाने में दाएं हाथ से सबसे ऊपर वाले खाने से लिखना शुरू कर बिस्मिल्लाह हीर रहमान निर रहीम अल्ला के नाम के साथ लिख दें.
  • इसे जाफरीन के पानी से लिखें. वैसे सादे कलम से भी लिखा जा सकता है.
  • लिखे कागज को रूई में लपेट कर बत्ती की तरह बना लें. ध्यान रहे बत्ती पतली बने.
  • उसके बाद किसी भी रोज इंशा की नमाज पढ़ने के बाद सरसों के तेल के साथ एक मिट्टी का चिराग जलाने की तैयारी करें. उसकी बाती के तौर पर ताबीज का इस्तेमाल करें. सिफली अमल की पहचान और काट से जुड़े इस प्रयोग में बाती को जला दें.
  • यह सब पीड़ित के सामने ही करें और उसे जलते चिराग को गौर से देखने के कहें. वह उसे तबतक देखता रहे जबतक कि बाती पूरी जल नहीं जाती. उसके बाद चिराग को हिफजत से रख दें.
  • इस अमल को सात, नौ या ग्यारह दिनों तक बारी-बारी कागज के ताबीज के साथ करें. इंशा अल्ला की दुआ सात दिनों में ही कुबूल हो जाएगी.
  • इस उपाय को औरतें भी कर सकती हैं, लेकिन उन्हें माहवारी के दौरना चिराग को नहीं देखना चाहिए.

इस तरह के सिफली अमल की काट का गंडा-ताबीज आप घर पर बना सकते है. इस्लाम में हर गुनाह की माफ़ी को अल्लाह की बंदगी से दूर कर सकते है.

सिफली अमल अच्छा है या बुरा

सिफली अमल को प्राथमिक तौर पर बुरा माना जाता है क्यों की ये काले जादू और मैली विधा का हिस्सा है. इस बात में कोई शक नहीं की सिफली अमल का पहला उदेश्य सामने वाले का बुरा करना है और यही वजह है की सिफली अमल को नापाक प्रयोग माना जाता है.

sifli ilm ki pahchan or dur karne ka upayसिफली अमल की पहचान और उसकी काट करने से पहले आपको जान लेना चाहिए की आखिर क्यों खतरनाक होने के बाद भी लोग इससे आकर्षित है.

जो व्यक्ति सिफली अमल के प्रयोग करते है वे हमेशा नापाक रहते है. आप सिफली अमल के अच्छे और बुरे होने का फैसला खुद करे.

  • सिफली अमल में नक्श का प्रयोग किया जाता है. इसके जरिये ही सिफली अमल की पहचान की जा सकती है.
  • सिफली अमल काले जादू का प्रयोग सबसे कम समय में अपना असर दिखाता है.
  • इस तरह का काला जादू दुश्मन को बर्बाद करने, एक तरफ़ा प्यार को अपना बनाने या फिर वशीकरण में जब आपकी तमाम कोशिश फ़ैल हो जाये तब किया जाता है.
  • सिफली जादू करने वाले हर पाक स्थिति से दूर रहते है. उनके हर काम में नापाकी भरी होती है.
  • सफली अमल के जरिये आप कम से कम वक़्त में हर उस काम को सफल बना सकते है जो बाकि किसी तरीके से नहीं हुआ है.
  • सिफली के प्रयोग से आप किसी को मरने की हद तक तकलीफ दे सकते है.

सिफली अमल की पहचान करने के बाद आप इसके द्वारा किये कराये हो ठीक कर सकते है.

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बंगाली काला जादू अमलियात

बंगाली काला जादू अमलियात को काले जादू में सबसे खतरनाक माना जाता है. इसमें सबसे ज्यादा सिफली अमल ही किए जाते है जिसमे काली शक्तियों और शैतान को काबू में करने का दावा किया जाता है.

इस तरह के जादू में शैतान को काबू में करते हुए काम को अंजाम दिया जाता है. इस काले जादू की कोई तोड़ नहीं है क्यों की ये सबसे घिनौनी प्रक्रिया में से एक है. जानने वालो के अनुसार इसमें मल खाकर शैतानी शक्ति को काबू किया जाता है.

इसके अलावा जानवरों की बलि देने का काम भी होता है क्यों की सिफली अमल की खासियत ही नापाक कामो से भरी पड़ी है. सिफली अमल की पहचान करना बेहद आसान है क्यों की मरीज में इसके लक्षण साफ दिखाई देते है.

किसी झील के किनारे, श्मशान घाट और कब्रिस्तान जैसी जगहों पर ही इस तरह के अमल को किया जाता है. जिस पर अमल किया जाता है उसकी जिंदगी पूरी तरह से बर्बाद हो जाती है. इस जादू में एक गुड़िया को लिया जाता है उस गुड़िया पर मंत्र पढ़ते हुए 40 सुई लगाई जाती है और मंत्रों का जाप भी किया जाता है.

आपका मंत्रों का जाप पूरा हो जाने के बाद उस गुड़िया को रख लिया जाता है. रोजाना उससे 1/1 सुई निकाली जाती है और जैसे-जैसे आप गुड़िया से 1/1 सुई निकालते रहते हैं.जिस पर आपने जादू किया होगा उस पर इस बंगाली जादू का असर होना शुरू हो जाता है.

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काला जादू से सिफली इल्म की काट

वक़्त रहते अगर सिफली अमल की पहचान और काट ना की जाए तो ये आपके कण्ट्रोल से बाहर हो जाती है और एक समय के बाद इसे कोई ठीक नहीं कर सकता है.

वक़्त के साथ साथ ये सिफली अमल और भी ज्यादा ख़तरनाक होता जाता है. समय रहते इसकी काट करने के लिए कुरआन में उपाय है जिसे आप कर सकते है.

قل يا أيها الكون أعبد ما تعبدون ولا أنتم لجپوت آعب ولا أنا عاپ تاعب ولا آن بدون ما راغب ٹ نکردنی ولی دین

आखिर में आपको फिर दरूद शरीफ पढ़ना है फिर आपको सरसों का तेल और थोड़ा पानी लेना है.और पानी सरसों के तेल पर दम कर देना है.

खयाल रखें कि पानी को आप अपने घर के चारों कोनों में छिड़कना है सरसों के तेल को नाफ के ऊपर यानी पूरे जिस्म पर लगाना है हल्के हाथ से.

इस अमल को आप को 21 दिनों तक करना है.लगातार 21 दिनों तक तेल लगाना है पूरे जिस्म पर सर पर भी और 21 दिनों तक पानी को भी छिड़कना है. काला जादू से सिफली इल्म की काट का बहुत ही पावरफुल है. इस आर्टिकल में शेयर किये सिफली अमल की पहचान और काट से जुड़े उपाय आप खुद कर सकते है.

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