Sahaj Samadhi Meditation in Hindi सहज समाधि ध्यान या फिर सहज ध्यान विधि में सिर्फ ध्यान है और कुछ नहीं. सेतु विक्रम ध्यान की नयी विधि को अपनाते रहते है उन्हें जाग्रत करते रहते है जिस वजह से वो आज इतने सक्षम है की ध्यान और सूक्ष्म यात्रा से जुड़े अनुभव आप लोगो से शेयर करते रहते है.
ध्यान की कई विधि उन्होंने अपनाई है और उनका वर्णन अपनी भाषा में अपने तरीके से किया गया है जिससे आमजन इसे आराम से सहजता से अपना सके.
इस meditation की technique का नाम सहज ध्यान विधि है नाम के अनुरूप ये बिलकुल सहज अवस्था में की जाने वाली ध्यान की बढ़िया विधि है.
ऐसा सहज ध्यान विधि के अभ्यास के कारण है जिसमे आपको ध्यान का आनंद लेना है और उसे अपने अंदर महसूस करना है.
यकीन मानिये इससे सरल और सहज विधि बहुत कम ही है जो साधक को अलौकिक अनुभव करवा सकती है. सहज ध्यान की विधि हम ज्यादातर एक बच्चे के अंदर देख सकते है. एक छोटा बालक किसी चीज को देखते देखते खो जाता है ये उसका सहज आकर्षण होता है.
मगर सहज ध्यान विधि में सुधार कर हम सहज ध्यान में बदल सकते है. जिससे हमें वो अनुभव प्राप्त होते है जो ध्यान की उच्च अवस्था में होने चाहिए.
सहज ध्यान विधि
दोस्तो किसी भी आरामदायक तरीके से आखं बन्द कर बैठ जाए चाहे कोइ कुसीॅ हो बिस्तर हो या बैठक जिस स्थिति मे आप अधिक देर बैठ सके, अढिग हो सके बिल्कूल आराम से.
अब सहज ध्यान विधि में करना क्या की बैठे रहना है बिना हिले डूले, शुरूआती दस पन्द्रह मिनट बहूत मुश्किल होगी कभी कही खुजली उठ सकती है, मन मे विचार भी जोर लगा सकते है क्या मूर्खता है बैठे रहै, किसी का लड़ाई झगड़ा, लेन देन और जो काम उस वक्त अत्यन्त जरूरी लगे सब याद आ सकते है शुरूआत मे.
पर आपको उठना नहीं है, फिर कुछ देर बाद बैठक स्थिर होगी शरीर सहज महसूस करेगा, जैसे बर्तन हिलता है तो उसके भीतर अगर द्रव हो वो भी हिलता है उसी प्रकार मन भी शरीर के हिलने डूलने से भी गति पाता है तरगिंत होता है. जब शरीर स्थिर होगा तो मन भी ढीला पड़ने लगेगा.
फिर लगभग 30 मिनट के बाद शरीर के अंग भारी होने लगेंगे, जैसे एक ही स्थिति पर रखे-रखे पांव सो जाता है, शुरूआत पांव से हाथो बाजुओं से होगी, भारी होने लगेगे मतलब सुन्न होने लेगेगे.
पावं से सुन्न अवस्था कमर तक चलना आरम्भ करेगी तथा हाथो से कधों की तरफ बढ़ने लगेगी.
Sahaj Samadhi Meditation in Hindi
हम सभी ने अपने जीवन में ध्यान की अवस्था को महसूस किया है – जिन क्षणों में हम बेहद खुश हुए हैं, या फिर जिन क्षणों में हम किसी काम में तल्लीनता से डूबे हुए हैं – ऐसे क्षणों में हमारा मन हल्का और आरामदेह प्रतीत होता है.
हालांकि हम सबने ऐसे क्षणों को अनुभव किया है, लेकिन हम उन्हें अपनी मर्ज़ी से दोबारा अनुभव नहीं कर पाते हैं. सहज समाधि कार्यकम् आपको यही करना सिखाता है.
यह ध्यान करने की एक अनूठी प्रक्रिया है, जिसके अभ्यास से आप तुरंत ही तनाव और परेशानियों से ऊपर उठकर, मन में असीम शांति अनुभव करते हैं और शरीर में स्फूर्ति आती है.
सहज ध्यान विधि में ‘सहज’ एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है ‘प्राकृतिक’ या ‘जो बिना किसी प्रयास के किया जाए’. ‘समाधि’ – एक गहरी, आनंदमयी और ध्यानस्थ अवस्था है. अतः ‘सहज समाधि’ वह सरल प्रक्रिया है जिसके माध्यम से हम आसानी से ध्यान कर सकते हैं.
ध्यान करने से सक्रिय मन शांत होता है, और स्वयं में स्थिरता आती है. जब मन स्थिर होता है, तब उसके सभी तनाव छूट जाते हैं, जिससे हम स्वस्थ और केन्द्रित महसूस करते हैं.
सहज ध्यान विधि में अनुभव
इस अवस्था मे लगभग 45 मिनट के बाद मन स्थिर और अच्छा महसूस करेगा बैठे रहने का मन होगा पर शरीर मे दर्द शुरू हो सकता है हाथो मे या कही और यह पन्द्रह मिनट कठिन है दर्द के कारन इसी लिए आराम से आराम दायक कुसीॅ सहायक हो सकती है या सोफा भी काम आ सकता है. सारा शरीर अब सुन्न होने लगेगा आपको हलके पन का अहसास होगा.
आपको सहज ध्यान विधि के दौरान महसूस हो सकता है जैसे कभी आप बाथ टब मै स्नान करे तो जल का स्तर आहिस्ता आहिस्ता बढ़ता है शरीर धीरे धीरे उसमे डूबता है या काचं का गिलास उसको पानी से भरे उसमे नीचे से उपर तक जल का सतर उठता है आप अगर गिलास के भीतर हो तो कैसा महसूस करैगे कुछ कुछ वैसा.
पहले पाव से कमर तक सुन्न होगा फिर पेट से कंधो पर होता हुआ मस्तिष्क पर शरीर तक यह सुन्नता पहूचेंगी. और कमाल होगा की जिस तरफ से सुन्न होते जायेंगे वो अंग न के बराबर महसूस होगा.
यह साधारण है समझना जैसे कि पैर का सो जाना. पर चैतना और होश मन सजग रहेगा. अब हम केवल आज्ञा चक्र और सिर्फ खोपडी मे ही सिमटा हुआ महसूस करेंगे.
ध्यान में आगे बढ़ने के अनुभव
जैसे जैसे सहज ध्यान विधि में हम आगे बढ़ते है ऐसे कई अनुभव होने लगते है जो एक सामान्य इंसान के लिए आश्चर्यजनक होते है लेकिन वास्तव में ये ध्यान ही है जिसमे सबकुछ सहज प्रतीत होने लगता है. आप आगे बढ़ने पर निम्न अनुभव कर सकते है.
इस अवस्था मे हम जैसे किसी झूले में बैठे है महसूस करेंगे और वो up and down हो रहा है, अगर इस अवस्था मे नींद का संयोग हो जाए तो स्थूल से सूक्ष्म शरीर मै आसानी से जाया जा सकता है.
बहुत से साधक सहज ध्यान विधि के वक्त नीदं को गलत मानते है व इसके विपरीत कोशिश करते है की नीदं न आए, पर मेरा अनुभव है नीदं उतम है. जब आप स्थूल से सूक्ष्म मे प्रवेश करेंगे तो होश मे आ जाएगे, चाहे नीद कितनी ही गहरी क्यों न हो. यह मेरा सुझाव ध्यान से निद्रा मे बेफिक्र जाए और कमाल खुद ही देख ले.
ये अभ्यास खुद सेतु विक्रम सर का अपनाया हुआ है इसलिए अगर आप चाहे तो उनके सानिध्य में रहकर सीख सकते है. सेतु विक्रम सर ऐसे कई ऑनलाइन और ऑफलाइन कोर्स करवाना शुरू कर चुके है जिनमे अलौकिक और दिव्य अनुभव आप सहजता से कर सके.
How does Sahaj Samadhi Meditation work? यह मन्त्र-ध्यान है जिसमें कार्यकम् प्रतिभागियों को एक सरल ध्वनि/मंत्र सिखाई जाती है, जिसका मन में स्मरण करने पर मन स्थिर होने लगता है और भीतर जाने लगता है। जब मन और तंत्रिका तंत्र गहरे विश्राम में स्थिर होते हैं हमारे मन और तब हमारे मानसिक विकास के मार्ग के अवरोध स्वतः खुलने लगते हैं।
सहज ध्यान विधि के लाभ
दोस्तों यह विधि बहुत उपयोगी हो सकती है थोड़े से श्रम के साथ, प्रयास करे| हर विधि को इस्तेमाल करने का समय मेरी नज़र में सुबह 2-5 सबसे उतम है इसका कारण उस वक्त प्रकृति आपना रूप बदलती हे उसके बदलने से हमारे अंदर भी बहुत कुछ बदलता हे. इस समय साधक अपने अंदर एक ताजगी और थोड़ी सी मदहोशी महसूस करता हे जिससे उसका आधा काम पहले से हो जाता है.
गहन शांति के आगोश में जब किसी के जागने तक की भी तरंग नहीं होती. इस शांत और सुंदर माहौल में अनुभूति हो सकती है, सुबह इस विधि के द्वारा ध्यान करने के बाद आप नींद में भी जा सकते हे, अगर शवासन में ही इस विधि का प्रयोग करे तो और उतम है.
शवासन सबसे आराम दायक अवस्था है हम लोग 7-8 घंटे आराम से सो सकते हे इसलिए यह इस विधि के लिए सबसे उपयोगी आसन हो सकता है.
जब एक नदी शांत होती है, तब उसमें प्रतिबिम्ब अधिक साफ़ दिखाई देता है। उसी प्रकार, जब मन शांत होता है, तभी हम अधिक स्पष्टता से अपनी बात को व्यक्त कर पाते हैं। तब किसी भी बात को देखने, समझने और व्यक्त करने की कला निखरती है। फलस्वरूप, हम अपने जीवन में अधिक स्पष्टता से संवाद कर पाते हैं।
5 Benefit of Sahaj Meditation in Hindi
तो कुछ मुख्य लाभ इस प्रकार के हैं-
- स्पष्ट विचार
- बढ़ी हुई ऊर्जा
- अच्छा शारीरिक स्वास्थ्य
- संबंधों में सुधार
- मन में गहरी शांति
अगर आप सहज ध्यान विधि, चक्र हीलिंग, मैडिटेशन, रैकी और Law of attraction यानि आकर्षण के सिद्धांत से मनचाही सफलता कैसे पाए सीखना और करना चाहते है तो सेतु विक्रम सर से संपर्क कर सकते है.
वो दिल्ली के पास में रहते है सहज ध्यान विधि भी उन्ही की अपनाई और सफलतापूर्वक की पूर्ण की हुई है. और अभी इस तरह के कोर्स करवा रहे है. ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरह से आप इन कोर्स को कर सकते है.
सेतु विक्रम सर की लिखी पुस्तके आप यहाँ पर पढ़ सकते है. आज की पोस्ट पर अपने विचार जरूर रखे.
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आपने सही कहा अगर इसी को शवासन की स्थिति मे करे तो ज्यादा अच्छा होता है । मैं काम से कम 1 घण्टे से ज्यादा करता हु बहुत ही अच्छा लगता है उठने के बाद जैसे मानो नया जन्म हुआ हो। मै इस आसन को 5वीं क्लास से कर रहा हु, आज मै इसी के माध्य्म से ध्यान लगता हूँ। इस आसन को समझने वाले शवासन की मुद्रा मे लेटे हुए ही एक स्थान से दुसरे स्थान पर सूक्ष्म शरीर द्वारा कही भी आ या जा सकता है। इसके द्वारा मन से हमेशा मृत्यु का भय ही समाप्त हो जाता है और आप नए विचारों का आभास करने लगते है।
Contact no mil sakta h sir..M sadhana krti hu..Bahoot kuch feel b kiya h ..But kuch question krna chahti hu
Setu vikram sir aap kis naam se h
नमस्कार गुरूजी आप कुंडलिनी शक्तिपात करते है क्या? अगर हा तो कृपया आपकी फी वैगेरा सविस्तर बता दिजीये
नमस्कार गुरूजी आप कुंडलिनी शक्तिपात करते है क्या? अगर हा तो कृपया आपकी फी वैगेरा सविस्तर बता दिजीये
मेरा नंबर 787523540
Sir mai tratak shadhna kar rha hau aur karne ke baad mera aankh se dhundla dikhai de!w lagta hai aisa q. Aur light ke dekhne ka man nhi karta hai plz sir mujhe bataye. Aur kya mai bindu tratk se divya shakti prapt kar skta hun. Aur sir kitne din me. Ye. Mujhe achha anubhav hoga