ये मृतक व्यक्ति से मुलाकात का सच्चा किस्सा है. गुंजन आज काफी खुश थी क्यों की आज इतने साल बाद उसकी दादी ने उसके पास फोन किया है. दादी से बाते करते करते वो बेहद भावुक हो गई थी और उसने दादी से मिलने की इच्छा जाहिर कर दी.
दादी से काफी देर बात होने के बाद गुंजन अपने घर के कामो में व्यस्त हो गई लेकिन शाम को उसे याद आया की दादी के लिए शहर से क्या लाना है ये पूछना तो वो भूल ही गई.
दादी के पास फोन किया तो फोन ताऊ जी उठाते है.
गुंजन ताऊ को फोन दादी को देने के लिए कहती है तो ताऊ जी उससे गंभीर स्वर में कहते है की दादी अब इस दुनिया में नहीं रही, सुबह के 6 बजे उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए.
लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है मेने आज सुबह ही दादी से बात की है. गुंजन ये सोच कर हैरान हो जाती है की उसने फोन पर मृतक व्यक्ति से मुलाकात की थी.
क्या गुंजन को किसी तरह का वहम हुआ था या फिर वाकई उसने दिन में दादी से ही बात की थी.
दरअसल गुंजन ने एक खास तरह का वाइब्रेशन अनुभव किया था जो दो लोगो को spiritual or astral level connection से जोड़ता है. जब भी एक व्यक्ति किसी तरह के खतरे में होता है तो उसका अहसास दुसरे व्यक्ति को अपने आप बिना बताये ही हो जाता है.
ऐसा भी होता है की जब भी हम किसी के बारे में ज्यादा सोचते है तो उसके साथ कनेक्ट हो जाते है और उसका अनुभव करते है. विज्ञान इसे आज भी नकार रहा है लेकिन ये 100% सच है और spiritual world का एक बेहद उच्च स्तर का अनुभव है.
मृतक व्यक्ति से मुलाकात के पीछे का विज्ञान
अगर सबसे सिंपल शब्दों में इसे समझने की कोशिश करे तो हम पाएंगे की दो लोगो के बिच एक telepathic connection होता है और जब भी किसी एक व्यक्ति में अनचाहा बदलाव होता है तो दुसरे व्यक्ति को जो उससे जुड़ा है उसे उसका अनुभव हो जाता है.
उदाहरण के लिए घर के कामो में बिजी रहने वाली एक माँ अपने बच्चे की जरुरत को बिना कहे समझ जाती है.
जिन लोगो के बिच emotional bonding बेहद मजबूत होती है वे एक दुसरे पर आने वाली मुसीबत को पहले ही अनुभव कर लेते है. इस तरह का अनुभव रूहानी होने के बावजूद paranormal activity की तरह नहीं होता है. क्या आप मृतक व्यक्ति से मुलाकात को संभव मानते है ?
इसे समझना व्यक्ति के लिए बेहद मुश्किल होता है क्यों की वैज्ञानिक नजरिये से ऐसा होना संभव नहीं है. हमें इस तरह का अहसास अनचाहे में होता है यानि इस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं होता है ऐसे में इसे पकड़ पाना या फिर किसी को समझा पाना भी संभव नहीं.
इस पोस्ट में हम इस बारे में बात करेंगे लेकिन उससे पहले में आपको एक सच्ची घटना के बारे में बताना चाहूँगा. घटना एक दम सच है लेकिन मेने नाम बदल दिए है. इसके साथ ही हम इसके पीछे की वजह और analysis भी करेंगे.
मोहन का मृतक अमन से मुलाकात का वो किस्सा
मृतक व्यक्ति से मुलाकात की ये कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है इसलिए इसे हम अपने point of view से analysis करेंगे. सबसे पहले उस घटना के बारे में जानते है.
मोहन कॉलेज की पढ़ाई के लिए घर से दूर शहर में आया हुआ था. एक साल बाद ही उसके ही गाँव से एक लड़का और उसी शहर में आया जिसे मोहन के कॉलेज में ही एडमिशन मिल गया था. चूँकि वे दोनों एक ही गाँव से थे इसलिए उन्होंने साथ में ही रूम शेयर करने का प्लान बनाया.
जूनियर बेहद समझदार था और मोहन को बड़े भाई की तरह मानता था. एक दिन वो हुआ जिसके बारे में सोचकर आज भी मोहन की रूह कांप जाती है.
एक दिन मोहन के रूम पार्टनर के दोस्त के यहाँ पार्टी थी. जूनियर ने मोहन को late night तक वापस आने के लिए कहा क्यों की पार्टी में उसे देर हो सकती थी.
मोहन ने उसे अगली सुबह ही आ जाने के लिए सुझाव दिया. जूनियर ने उसकी बात मान ली और कहा की वो रात को अपने दोस्त के यहाँ ही रुक जायेगा.
रात को 2 बजे के आसपास मोहन की आँख लगी ही थी की उसके रूम का दरवाजा किसी ने खटखटाया. दरवाजा खोलने पर पाया की जूनियर आया हुआ था. मोहन ने कहा “मेने मना किया था की रात को मत आना फिर क्यों आया” जूनियर ने मोहन से सॉरी कहा और पानी पीकर बगल में ही सो गया.
सुबह सुबह मोहन के फोन पर पुलिस का फोन आया की आप अस्पताल आ जाओ आपके दोस्त की एक खतरनाक Road accident में मौत हो गई है. मोहन ने अपने बगल में देखा लेकिन वहां जूनियर था ही नहीं.
बाद में पता चला की रात को 11 बजे ही Road accident में उसकी मौत हो गई थी. मौके पर ही जूनियर ने दम तोड़ दिया था क्यों की उसके सर पर सबसे ज्यादा चोट आई थी.
मोहन घबराकर बाहर की तरफ भागा तो उसने पाया की दरवाजा अन्दर की तरफ से बंद था. वो पानी की बोतल जिससे जूनियर ने पानी पिया था अभी भी मोहन के सिरहाने ही थी. में और मकान मालिक अस्पताल पहुंचे जहाँ पर दोस्तों की भीड़ पहले से ही हो चुकी थी. मोहन को ये सोचकर पसीना आने लगा की उसने रात को एक मृतक व्यक्ति से मुलाकात की थी.
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कौन था वो जो मोहन को उस रात मिला था ?
जूनियर अमन के घरवालो को भी इस घटना के बारे में पता चल गया था इसलिए वे भी अस्पताल पहुँच चुके थे. अमन के घरवाले रोते बिलखते उसकी मौत का दोषी मुझे ही मान रहे थे की मेने क्यों उसे जाने दिया ? मोहन अन्दर ही अन्दर डर के मारे ना तो कुछ बोल पा रहा था ना ही रो पा रहा था.
वो अब भी मन ही मन सोच रहा था की आखिर मृतक व्यक्ति से मुलाकात कैसे संभव है की रात के 11-12 बजे अमन की मौत हो जाए और वो रात के 2 बजे मुझे रूम पर आकर सॉरी भी बोले.
मोहन ने ये सारी बाते अपने मकान मालिक को बताई. मकान मालिक हैरात में भरकर बोले की ऐसा कैसे हो सकता है ? रात को मेने कोई गेट नहीं खोला ना ही किसी और व्यक्ति ने फिर जूनियर कैसे रात के 2 बजे कमरे पर आ सकता है.
मृतक व्यक्ति से मुलाकात थी या नहीं अपने शक को पुख्ता करने के लिए मोहन और मकान मालिक ने घर के CCTV Footage को भी देखा लेकिन वहां कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था. मोहन मानसिक रूप से बेहद घबरा गया था की आखिर रात को 2 बजे मेरे रूम पर जो आया वो कौन था क्या वो जूनियर का भूत था ?
इस घटना को 6 महीने बीत गए लेकिन वो रात आज भी मोहन को डरा देती है. मोहन आज 25 साल का हो चूका है और वो जगह भी छोड़ चूका है. रूम बदलने के बाद उसने कुछ दोस्तों के साथ नयी जगह पर कमरा ले लिया लेकिन उसके मन में आज भी एक छोटे बच्चे की तरह वो घटना इस कदर बैठ गई है की चैन से अकेला सो भी नहीं पाता है.
क्या उस रात वाकई अमन मोहन के रूम पर आया था ?
मृतक व्यक्ति से मुलाकात की इस घटना को 2 तरीको से समझा जा सकता है. पहला मोहन को उस रात किसी तरह का hallucination experience हुआ था जिसे आमतौर पर psychologist अपने पेशेंट को यकीन दिलाने के लिए कहते है. ऐसा इसलिए ताकि वो मानसिक रूप से इसे स्वीकार कर ले और इस बारे में ज्यादा न सोचकर अपने दुसरे कामो पर फोकस हो जाए.
ऐसा इसलिए क्यों की लाइफ को नार्मल बनाने के लिए हमें काफी सारी बातो को वहम और कल्पना मान कर भुलाना पड़ता है.
अब बात करते है इसके दुसरे पहलू की तो मोहन को जो अनुभव हुआ था वो astral level experience था.
इस तरह का अनुभव किसी व्यक्ति को अगर होता है तो वो इसे हकीकत की तरह अनुभव करते है. उनके अनुसार जो भी घटना घटित होती है वो एकदम वास्तविक जैसा लगता है. इस तरह की घटना को हम paranormal activity नहीं कह सकते है क्यों की इसमें व्यक्ति को किसी तरह से भी भय की अनुभूति नहीं होती है.
इस तरह का अनुभव होने की वजह
मृतक व्यक्ति से मुलाकात यानि किसी ऐसे व्यक्ति का आपको मिलना जिसके बारे में आपको अगले दिन पता चलता है की उसकी मौत हो चुकी है एक spiritual telepathic connection का अनुभव होता है.
ऐसे अनेको केस दुनिया भर में हो चुके है जिसमे एक व्यक्ति दावा करता है की उसने मृतक से बात की है और वो टाइम उसकी मौत के बाद का हो ऐसा कैसे हो सकता है.
इस तरह के केस व्यक्ति के ऊपर मानसिक स्तर पर बेहद बुरा प्रभाव डालते है इसलिए psychologist or consultant लोगो को ये यकीन दिलाते है की ये उनका वहम हो सकता है. लेकिन इस बात को अगर गहराई से समझने की कोशिश करे तो एक बात सामने आती है.
अगर किसी व्यक्ति के अंतिम समय में उसकी कोई इच्छा होती है और वो अधूरी होती है तो उसकी आत्मा वही फंसी रहती है.
मृतक व्यक्ति से मुलाकात का सबसे कॉमन उदाहरण जो शायद आपके साथ भी हो चूका होगा आपके घर में किसी बुजुर्ग की मौत होने वाली होती है लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी उनके प्राण निकलते नहीं है और वे किसी खास व्यक्ति से मिलने की इच्छा करते है.
जैसे ही वो व्यक्ति उनके पास पहुँचता है तो उसे देखते ही वे प्राण छोड़ देते है. ऐसा कैसे संभव है ?
दरअसल ऐसा व्यक्ति की willpower की वजह से होता है. अगर किसी व्यक्ति के अंतिम समय में उसकी किसी तरह इच्छा पूरी नहीं होती है तो वे कुछ समय के लिए इसी आयाम में फंसे रह जाते है. मरने के कुछ ही समय बाद वे अपने किसी प्रिय व्यक्ति जिससे मिलने की प्रबल इच्छा उनमे उस समय होती है, उससे मिलते है.
उनके साथ कुछ समय बिताने के बाद वो अपने आप वहां से गायब हो जाते है और व्यक्ति को लगता है जैसे की वो जागते हुए सपना देख रहा है.
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मरे हुए लोगो से बात के कुछ कॉमन उदाहरण
ऐसे कई उदाहरण आपको मिल जायेंगे जिसमे लोगो ने दावा किया है की उन्होंने मृतक व्यक्ति से मुलाकात की है.
- चाचा जी घर के बाहर की चौकी पर सोये हुए थे की अचानक किसी ने उन्हें जगाया. उन्होंने अपने सामने दूर के दादा जी को पाया. कुछ समय तक बाते करने के बाद चाचा को पानी पिने की तलब हुई. पानी पीकर जैसे ही वे दादा जी को पानी देने के लिए मुड़े वहां कोई नहीं था.
- रौशनी अपने परिवार के साथ अच्छे से जिंदगी बीता रही थी. अचानक ही रात के 11 बजे उसके पास चाची का फोन आया. कुछ देर तक बाते करने के दौरान रौशनी भावुक हो गई और चाची से मिलने की इच्छा जाहिर की. अगले दिन ही वो गाँव के लिए निकल जाती है तो वहां पहुँच कर पता चलता है की कल ही चाची की मौत हो गई. अपने अंतिम समय में वे उसे ही याद कर रही थी लेकिन किसी कारणवश रौशनी से संपर्क नहीं हो पाया.
- सोहन बड़े दिनों के बाद अपने गाँव जा रहा था. सफ़र काफी लम्बा था और गाँव अब 5 किलोमीटर ही दूर रह गे था लेकिन अँधेरा काफी हो जाने की वजह से सोहन को रास्ता तय करने में घबराहट हो रही थी. कुछ देर सोचने के बाद वो गाँव जाने का मन बना लेता है और चल देता है. कुछ देर बाद ही वो पाता है की सामने से उसके दादा जी चले आ रहे है. उन्हें देख कर वो काफी खुश होता है और दोनों साथ साथ गाँव की ओर चल देते है. गाँव से कुछ ही दुरी पर दादा जी कोई काम होने का कह कर सोहन को अकेले ही जाने का कह देते है. घर जाने के बाद घरवाले पूछते है की इतनी रात को आया है डर नहीं लगा तो सोहन दादा जी के बारे में बताता है. घरवाले हैरान रह जाते है क्यों की दादा जी कुछ समय पहले ही चल बसे थे.
हालाँकि ये सभी उदाहरण काल्पनिक है लेकिन हकीकत के करीब है. इस तरह के किस्से कहानियां आपको अपने आसपास से काफी बार सुनने को मिल जायेंगे जहाँ लोगो ने मृतक व्यक्ति से मुलाकात की हो.
मृतक व्यक्ति से मुलाकात पर sachhiprerna analysis
किसी तरह का ऐसा अनुभव जिसमे हम मृतक व्यक्ति से मुलाकात या ऐसे लोगो से मुलाकात होने का दावा करते है जिसकी मौत हो चुकी होती है लेकिन हमें इसके बारे में पता नहीं होता है. हम उनसे बिलकुल वैसे ही मिलते है,
बात करते है जैसे Normal life का हिस्सा हो. कुछ समय बाद हमें पता चलता है की वो तो इससे पहले ही गुजर चुके है इसलिए उनका इस तरह से बात करना असम्भव है.
देखने में ये पारलौकिक घटना की तरह लगता है लेकिन इसके होने की वजह दो लोगो के बिच spiritual telepathic connection या किसी तरह का attachment होती है.
हो सकता है की आपके साथ या फिर आपके आसपास किसी व्यक्ति के साथ ऐसा हो चूका हो. ज्यादातर लोग इस बात पर विश्वास नहीं करते है लेकिन ऐसा होना 100% संभव है.
आप इस बारे में क्या सोचते है कमेंट कर बताना न भूले.