sur sundari yakshini sadhna


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Basic Reason of Unsuccess in Sadhna
what is yakshini tantra in Hindi

तंत्र को मूल रूप से 2 भाग में बांटा गया है पहला देवी तंत्र और दूसरा मिश्र तंत्र. देवी तंत्र साधना का उदेश्य ब्रह्मत्व की भावना होता है जिसमे मानसिक शांति, दोष का निवारण शामिल है वही दूसरी ओर मिश्र तंत्र का उदेश्य सांसारिक होता है. इसमें खुद का लाभ, आकस्मिक धन प्राप्ति और वशीकरण, सम्मोहन, शारीरिक पीड़ा शांति शामिल है. आज की पोस्ट में हम Yakshini tantra यक्षिणी तंत्र के बारे में बात करने वाले है जिसे किंकिणी तंत्र के नाम से भी जाना जाता है. अगर आप एश्वर्य के लिए साधना करना चाहते है तो आपको सुर सुंदरी यक्षिणी साधना करना चाहिए.

जो व्यक्ति अपने आप पर नियंत्रण रख सकता है और गुरु की प्राप्ति हो गई है वही मिश्र तंत्र को करने के लायक होता है. इन साधनाओ में कर्ण पिशाचनी साधना, चेटक तंत्र, गायब होने का तंत्र, वशीकरण और स्तम्भन तंत्र शामिल है. इन सबसे महत्वपूर्ण है यक्षिणी तंत्र जिसे कई जगह पर किंकिणी तंत्र के नाम से भी जाना जाता है. इस तंत्र की रचना खुद भगवान शिव ने की है और इसमें प्रयोगात्मक साधना विवरण है जिनका पालन करना चाहिए.

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