क्या आप भी self-sabotaging behavior in relationships से गुजर रहे है ? ये एक तरह का Self destruction thought है जो हमें आगे बढ़ने से रोकता है.
आमतौर पर हमारे लिए गए फैसलों में Conscious and subconscious brain दोनों की सहमती होती है लेकिन Self sabotage Situation के दौरान हमारा चेतन मन जिस काम को करने के लिए कहता है अवचेतन मन उसी काम को करने के लिए हमें रोक देता है.
इसे हम Subconscious mind self defence mechanism भी कह सकते है.
लाइफ में हमें आगे बढ़ने के कई मौके मिलते है लेकिन थोडा सा प्रयास करने के बाद हमारा मन उस काम को करने के लिए इंकार कर देता है. हमें जो मिला है वो काफी है जैसी सोच के साथ हम खुद को रोक लेते है.
इसके रिजल्ट में हम उन अवसर को खो देते है जो हमें आगे ले जा सकते है. हमारे लिए सही फैसला होने के बावजूद हम उस पर टिके नहीं रह पाते है.
एक उदाहरण के तौर पर आप मोटे है और पतला होना चाहते है. आप सुबह उठते है लेकिन आपका मन कहता है की जाने दो अभी काफी टाइम पड़ा है.
कल से कोशिश करेंगे अभी सो जाते है. ये खुद को बचाने का एक मैकेनिज्म है जो अवचेतन मन बनाता है. इसकी वजह है आपका बार बार खुद को ऐसे मौको से दूर रखना.
अगर आप भी खुद को आगे बढ़ने से ये सोच कर रोक लेते है की जो है वो काफी है तो यकीन मानिये आपको आज ही खुद में बदलाव करने की जरुरत है. आइये जानते है की कैसे हम self-sabotaging Behavior को control कर सकते है.
What is self-sabotaging Behavior?
आमतौर पर जब हम कोई निर्णय लेते है तब Conscious side of brain हमारे Subconscious side of brain को लिए गए निर्णय के लिए agree कर लेता है. क्या होगा अगर हमारे brain के ये दोनों हिस्से एक दूसरे के विपरीत फैसले लेना शुरू कर दे ? आप घूमना चाहते है लेकिन आपका अंतर्मन आपको पैसा बचाने के लिए कहे और आपको पीछे रखे.
Self-sabotaging Behavior एक ऐसी condition है जिसमे किसी काम को लेकर हमारे एक साइड में इच्छा होती है लेकिन दूसरा साइड हमें कमजोर बना देता है जिसकी वजह से चाह कर भी हम वो काम कर नहीं पाते है. हम लाइफ में जब कुछ बड़ा करना चाहते है तब हमारा Subconscious side of brain हमें रोक लेता है.
आपमें से ज्यादातर ने महसूस किया होगा की जब भी आप स्कूल में स्टेज प्रोग्राम, टीचर को जवाब देना चाहते है आपका मन कहता है
“तुम नहीं कर पाओगे” या फिर “अगर तुम फ़ैल हो गए तो ?” “ सब तुम्हारा मजाक बना देंगे अगर तुम नहीं कर पाए इसलिए रहने दो”
ये सब आपको आगे बढ़ने से रोक लेता है और आप करना चाहे तो भी कुछ नया नहीं कर पाते है. यहाँ पर आपका Subconscious mind आपको तकलीफ और दर्द से बचाता है जो इस दौरान आप face कर सकते है लेकिन, ये आपको deep-seated fear के सामने कमजोर बना देता है.
आप झुक जाते है और self-sabotage की वजह से लाइफ में problem को face करने में hesitate feel करना शुरू कर देते है. हम लाइफ में बड़ा बदलाव miss कर देते है लेकिन क्यों ? आइये जानते है stop self-sabotaging your success के बारे में.
आगे बढ़ने से रोकने वाले मुख्य कारण
वैसे तो इसके लिए कई वजह जिम्मेदार है लेकिन 3 मुख्य ऐसी वजह होती है जो self-sabotaging Behavior को बढ़ावा देती है इनमे
- Faulty thinking यानि गलत तरीके से सोचना
- Fear of intimacy or fear of rejection फ़ैल होने और खो देने का डर
- Procrastination and avoidance बार बार किसी खास बात या मौके को ignor करते रहना जो आपको आगे ले जा सकता है.
ये 3 ऐसे कारण है जिसकी वजह से आप आगे नहीं बढ़ पाते है. अगर आप self-sabotaging begaviour control करना चाहते है तो आपको इसे स्टेप में समझना होगा और एक positive mindset के लिए खुद में बदलाव करना होगा.
8 step to stop self-sabotaging Behavior
आप लाइफ में आ रही problem को face करने की बजाय उनसे दूर भाग रहे है और जब आपके साथी कामयाब हो जाते है और आप वही पीछे रह जाते है तब आपको अहसास होता है की आपने क्या खो दिया.
इस तरह की स्थिति में आपको सिर्फ अफ़सोस होता है और कुछ नहीं क्यों की आपको लगता है की risk न लेकर आपने खुद को कुछ समय तक protect कर लिया है.
लाइफ में Special opportunity बार बार नहीं मिलती है इसलिए सोच समझकर आगे बढ़ना चाहिए. अगर सफलता के लिए risk लेना भी पड़ता है तब भी हमें challenge लेना चाहिए.
Self-sabotaging यानि खुद को रोकना ये Phenomina लिया गया Brain working function system से क्यों की ये सभी मानते है की हमारे लिए गए फैसले कभी भी एक साइड के नहीं होते है.
हमारा Conscious and subconscious side of brain ये दोनों मिलकर फैसला लेते है. खुद को तकलीफ से छिपाना हमें कुछ देर के लिए आराम तो दे सकता है लेकिन बाद में ढेर सारा पछतावा भी लाता है.
हम जब भी दूसरो को आगे बढ़ता हुआ देखते है तब तब तकलीफ और बढ़ जाती है की “काश हमने भी कोशिश की होती.”
आखिर ऐसा होता क्यों है इसे समझे
सबसे पहले तो आपको ये समझना बेहद जरुरी है की आखिर आपके साथ ऐसा क्यों होता है की आप कुछ करना चाहते है और आपके मस्तिष्क का एक हिस्सा आपको रोक लेता है. ऐसी कोई वजह जिसकी वजह से आपका Self defence mechanism जिसे अवचेतन मन control करता है आपको कोई काम करने से रोकता रहता है.
आपको सबसे पहले self-sabotaging behavior को समझने की जरुरत है.
आज हम में से ज्यादातर अपने Daily life routine में self-destructive behaviors से जूझते है और जाने अनजाने में इसे habit में शामिल कर चुके है. जब भी हम कुछ बड़ा सोचते है या करने की कोशिश करते है उसे कर नहीं पाते है क्यों की अन्दर ही अन्दर हमारा ब्रेन दो अलग अलग अवधारणा से जूझता रहता है.
आपके Subconscious mind के लिए Self-sabotage खुद को रोकने की बजाय self-preservation का एक जरिया बन जाता है. जब भी हम कुछ करने की कोशिश करते है हम खुद को इसमें नाकाम पाते है और सबसे बड़ी बात हमारा Unconscious brain हमें पीछे हटने के लिए suggestion देता रहता है.
एक छोटे से example से इसे clear कर लेते है. ये बात मेरे स्कूल टाइम की है और ज्यादातर student के साथ ऐसा होता होगा.
क्लास में सबसे Boring period था maths का और में हमेशा इस पीरियड से बचने की कोशिश करता था. हमारे मैथ टीचर कभी क्लास miss नहीं करते थे.
वे जब पढ़ाते थे तब मेरा पूरा ध्यान उसे समझने की बजाय ये दिखाने में रहता था की में इसे समझ रहा हूँ.
मेरी हमेशा कोशिश रहती थी की या तो पीरियड ऐसे ही बीत जाए या फिर मेरा नंबर ना आये. लेकिन ऐसा नहीं होता था और 3 में से 2 टाइम ऐसा होता था की मुझे मार पड़ती थी. नतीजा मुझे मैथ से नफरत होने लगी.
Self-destructive behaviors के लिए जिम्मेदार कौन?
मैथ में हमेशा से में कमजोर था क्यों की टीचर हमेशा पढाई को student पर थोपने की कोशिश करते थे. मुझे हमेशा लगता था की मुझे मेरी इच्छा के खिलाफ पढने के लिए मजबूर किया जा रहा था. दूसरी और एक पीरियड आता था इंग्लिश का जो मेरा favourite था.
वजह थी टीचर का फ्रेंडली होना, वे हमेशा नए नए एक्सपेरिमेंट्स से हमें पढ़ाने की कोशिश करते थे.
आप चीजो को तब बेहतर सीख पाते है जब आपके ऊपर किसी तरह का प्रेशर न हो. और इसके लिए एक वजह थी. मैथ में जब हमें तीसरी बार टीचर बदलकर मिले तब वे क्लास में आते और 10 में से 3 Equation solve करके चले जाते थे.
किसी को भी प्रेशर नहीं देते थे और बाकि बचे 20 मिनट में हम आराम से बचे हुए सवाल को solve करते थे.
नतीजा इस बार मैथ में मेरा रिजल्ट बढ़िया रहा और पहली बार मैथ जैसे सब्जेक्ट को समझने के लिए Positive mindset experience किया. इंग्लिश जैसा सब्जेक्ट मेरे लिए आसान बन गया था क्यों की उसे हम Creative way में समझ रहे थे.
टीचर टॉपिक को इस तरह समझाते थे की अगर सवाल को कही से भी लिंक कर दे तब भी किसी तरह की Confusion नहीं रहती थी.
सबकुछ हमारे ऊपर है. हम उन चीजो से भागते है जिन्हें हम प्रेशर में रहते हुए करते है.
आपको भी सबसे पहले समझना जरुरी है की आखिर वो कौनसी वजह है जिसकी वजह से आप self-sabotaging behavior को एक बचाव का जरिया बना रहे है.
Self-destructive habits की पहचान करना
अगर आप breaking the cycle of self-sabotage को लेकर वाकई Serious है तो सबसे पहले आपको उन habits की पहचान करनी है जो आपके आगे बढ़ने में रूकावट पैदा कर रही है. आप एक बाहरी व्यक्ति के तौर पर अपने Behaviour को नोट कर समझने की कोशिश करे.
उन self-destructive habits, patterns and mindsets की पहचान करे जो आपको आगे बढ़ने से ना सिर्फ रोकते है बल्कि जहाँ आप थे वही आपको थामे रखे है. यहाँ कुछ ऐसे Behaviour के बारे में बता रहे है जो बेहद कॉमन है और पहचान करने लायक है जैसे की
- Procrastination: ऐसी स्थिति जिसमे हम कार्य को किसी समय सीमा में नहीं बांधते है. हम किसी कार्य को हाथ में ले तो लेते है लेकिन उसे कब तक पूरा करना है ये तय नहीं करते है. नतीजा एक फिक्स टाइम पर जो कार्य पूरा हो जाना था वही अब लम्बे समय तक चलता रहता है. इससे बचे और कार्य को छोटे छोटे पार्ट्स में पूरा करने की कोशिश करे. हर छोटे कार्य के लिए Mini deadline और बड़े के लिए Fix time dead line को भी तय करे.
- Negative self-talk/negative thinking आप नए कार्य को हाथ में लेते है लेकिन खुद को अपने past life mistake के लिए अब भी blame कर रहे होते है. इसका सीधा असर आपके आज पर पड़ता है इसलिए खुद को बीते कल की गलतियों के लिए दोष देना बंद कर दे.
- Perfectionism ज्यादातर लोग आगे नहीं बढ़ पाते है क्यों की उन्हें लगता है की अभी सही समय नहीं आया है. अभी उन्हें सुधार की जरुरत है और खुद को skilled बनाकर वे आगे बढ़ना पसंद करेंगे. Perfectionism एक ऐसा impossible parameter है जो आपको आगे बढ़ने से रोकता है. इसे forms of self-sabotage के नाम से भी जान सकते है.
Identify root causes of self-sabotaging Behavior
ज्यादातर लोग जाने अनजाने में ही unhealthy ways of coping with stress को अपने अन्दर develop करते रहते है. खुद से किये गए commitments को बार बार ignore करते रहते है. आगे बढ़ने के कई मौके आते है लेकिन आज नहीं कल करेंगे जैसे डायलॉग हमें उसी स्थिति में रखते है जिसमे हम थे.
हमें खुद पता नहीं चलता की कब इस तरह चीजो को ignore करना self-sabotaging behavior को कई दूसरी समस्या की जड़ बना देता है.
कई बार self-destructive habits हमारे लिए खुद को satify करने का एक जरिया बन जाती है. हम जिस condition में होते है उसे ही सही मान लेते है और ये भूल जाते है की हम कितनी बड़ी सफलता को deserve करते है.
जब हम खुद के लिए बड़े गोल निर्धारित करते है तब ये स्थिति हमें आगे बढ़ने से रोक लेती है.
हमें उन वजहों को समझना होगा जिनकी वजह से हम आगे बढ़ने में कामयाब नहीं हो पा रहे है. ऐसे Behaviour and habits जो आपकी Success को रोक रहे है उन्हें पहचाने और Next time उन्हें Trigger होने देने से रोके.
Take time for self-reflection
इस तरह की समस्या से बाहर निकलने के लिए serious self-reflection की जरुरत पड़ती है.
आपको उन वजह को समझना होगा और सबसे पहले behaviour को जानना होगा जिसकी वजह से आप आज भी पहले स्टेप में फंसे हुए है. कामयाब व्यक्ति अपने फैसले सोच समझकर लेते है क्यों की वे इसके हर पहलू पर गौर करते है.
प्याज की परत की तरह हमें अपने अन्दर झांकना होता है और Past life mistake को समझना होता है ताकि वही गलती अब ना दोहराई जा सके.
सिर्फ Self-reflection ही वो जरिया है जो necessary insight, perspective and understanding के लिए आपको ready करता है और आप process of change and transformation को लाइफ में apply कर पाते है.
Find your inner positive voice
ज्यादातर पीछे हटने की वजह हमारा अपना डर होता है. हम डरते है की जो हम करने वाले है उससे हमें काफी तकलीफों से गुजरना होगा जबकि जो हमारे पास है वो हमारे लिए काफी है.
ये सब वजह ही हमें आगे बढ़ने से रोकती है. जो हमारे पास है उसे काफी मानकर हम कोशिश करना ही छोड़ देते है.
हमारे अन्दर उठने वाले negative internal dialogue जैसे की I cant or i can be failure जैसे self-limiting thoughts को बदलने की जरुरत है.
एक बार आप जान जाए की कौनसा व्यवहार आपको ऐसा करने के लिए मजबूर कर रहा है तब self-sabotaging behavior को रोकना आसान बन जाता है.
Positive behavior and an affirmative, confident voice के जरिये हम खुद को काफी हद तक बदल सकते है.
Change your pattern of behavior
अगर आप अपने स्तर पर self-sabotaging Behavior को control करना चाहते है तो आपको negative behaviors को change करने पर ध्यान देना चाहिए. हमारा लिया गया हर steps या तो हमें आगे की तरफ ले जाता है या फिर अपनों या गोल से दूर इसलिए जो भी Behavior आप खुद के लिए permit करते है वो आपको उसे पाने में मदद करता है जिसकी आपको लाइफ में सबसे ज्यादा desire होती है.
आप किस तरह की एक्शन लेते है या फिर किस तरह के विचार सोचते है ये आपके गोल को achieve करने में सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. काम करने के पुराने तरीके में बदलाव लाए और नए pattern को लाइफ में apply करे. शुरुआत आप negative people or challenging circumstances से दूर रहकर कर सकते है जो आपके गोल को आपसे दूर कर देते है.
अगर ऐसी कोई stressful situation बनती है जो आपको negative behaviors के लिए trigger कर रही है तो आप उससे दूर रह कर healthy ways of handling the situation का चुनाव कर सकते है.
Make small, meaningful changes
एक बार आपको ये पता चल जाए की आपको खुद में क्या बदलाव करने है तो आप तैयार है. शुरुआत हमेशा छोटे बदलाव से करे ताकि आप आसानी से पूरा कर सके. अगर शुरुआत में ही grand, sweeping changes पर काम करते है तब आपके फ़ैल होने की सम्भावना बढ़ जाती है. ये किसी भी तरह के लॉजिक आईडिया में सही नहीं है और पूरा नहीं किया जा सकता है.
खुद को small, meaningful changes के लिए रेडी करे और धीरे धीरे ही सही लेकिन आगे चलकर आप larger transformations in life के लिए तैयार हो जाते है.
अगर आपको लगता है की बार बार किसी भी काम को पूरा करने की डेडलाइन को आप मिस कर रहे है तो विवेक से काम ले और परेशान होने की बजाय सिर्फ एक स्टेप पीछे जाए और नयी शुरुआत करे. छोटा सा सकारात्मक बदलाव आपको आगे ले जा सकता है.
हर रोज सुबह उठने के बाद अपने गोल के बारे में सोचे और आज के दिन में आपको क्या करना है उस पर ध्यान दे. ऐसा करना आपको अपने गोल को पूरा करने में मदद करेगा.
Set goals and make plans
हम कई बार ऐसे struggle with self-sabotaging behavior से गुजरते है जिसमे हमें पता नहीं होता है की हमें क्या expect करना है. ऐसा होना हमारे मन में अपने गोल को लेकर संदेह पैदा करता है. हम Confidence के साथ आगे बढ़ने के बजाय situation को negative way में treat करना शुरू कर देते है.
हम झल्लाते है क्यों की हमें खुद पता नहीं होता है की हमें क्या करना है, कुछ समय बाद हम regret feel करते है और फिर खुद को अपने गोल के लिए असमर्थ पाते है.
इससे बचना है तो एक सॉलिड प्लान के साथ अपने Future goal को decide करे. भरोसा और हर स्टेप पर क्या करना है ये क्लियर पता हो तो आगे बढ़ना आसान हो जाता है. इसे हम रोज के स्तर पर भी कर सकते है. आप situations, people and circumstances पर किस तरह react कर रहे है इस आधार पर आगे बढ़ना आसान हो जाता है.
ये सब ऐसे स्टेप है जो आपको self-sabotaging behavior को control करने में मदद करते है.
Pro Tips to Avoid Self-Defeat and Reach Your Goals
ऐसे कई तरीके है जिनके जरिये हम खुद को रोकने वाले Negative thoughts को दूर कर सकते है.
- अपनी गलती को accept करे जिससे की recover करना आसान हो जाये.
- खुद को छोटी छोटी गलतियों से दूर रखकर देखे की कैसे वो आपके लाइफस्टाइल को प्रभावित करती है.
- खुद को मानसिक तनाव से दूर करने के लिए नशा करने की आदत से दूर रखे.
- कभी भी अपने गोल को पूरा हो रहा है काम कितना बाकि है इनके बारे में ना सोचे. ये देखे की आपने कितनी मेहनत कर ली है. ये आपको motivate करेगा आगे बढ़ने के लिए.
- खुद से सवाल करना सीखे. हमेशा कुछ समय खुद के लिए निकाले और इस दौरान खुद से बाते करे और समझने की कोशिश करे की आप क्या चाहते है.
- सफलता में मुश्किलें देखने की बजाय मुश्किलों में सफलता को तलाशे.
- अपनी गलतियों से सीखे ताकि आगे चलकर उन्हें दोबारा न दोहराया जाए.
- खुद को याद दिलाते रहे की कैसे अपनी गलतियों से सीखना आपको मजबूत बनाता है.
- अपने सपनो को एक बड़ी पिक्चर की तरह देखे. आपको किसका साथ मिला, आपके कितने जजमेंट आपके खिलाफ थे, फ़ैल होने के पीछे क्या लोस है इन सबके बारे में सोचे और आगे बढे.
- हमेशा एक बात याद रखे Success and failure सिर्फ एक package deal है और कुछ नहीं. जिस तरह से ये zigzag आगे बढ़ता है आप सफलता की और आगे बढ़ते जाते है.
ये सब कुछ ऐसी ट्रिक्स है जिसके जरिये हम self-sabotaging Behavior को control कर सकते है.
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control self-sabotaging behavior and get ahead to success
खुद कोPositive किसी भी तरह की जिम्मेदारी से बचाना हो, किसी बड़े बदलाव से खुद को दूर रखना हो तो self-sabotaging behavior सबसे आसान तरीका है जो आपके लिए defence mechanism की तरह काम करता है.
आप खुद को किसी भी बड़ी जिम्मेदारी से आसानी से दूर कर लेते है या फिर जो आपके पास है उसी से सतुष्ट हो जाते है.
शुरू शुरू में ये बहुत मजे देने वाला होता है और आपको मुश्किल हालात से बचाता है लेकिन आगे चलकर जब आप बड़े अवसर खो देते है तब आपको अहसास होता है की आपने सबकुछ खो दिया.
अब आपके पास पछताने के अलावा कुछ नहीं बचता है इसलिए समय रहते है self destructive thinking से खुद को दूर कर ले और आगे बढ़ने के लिए मिल रहे अवसर का सही इस्तेमाल करे.