ज़्यादातर लोग meditation की practice अलग अलग उदेश्य से करते है. शुरुआती स्तर पर देखे तो body, mind, and relationships इस तरह का उदेश्य देखने को मिलता है वही कुछ लोग personal growth, emotional healing, or spiritual development के लिए इसका अभ्यास करते है.
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है की आप ध्यान की शुरुआत किस उदेश्य से कर रहे है, अगर आपने लंबे समय तक इसका अभ्यास किया है तो आप कुछ ऐसे पहलू से भी रूबरू होना शुरू हो जाते है जो pleasant नहीं होते है.
meditation के दौरान अगर आप ऐसी कुछ परिस्थिति से गुजरते है जो सही नहीं होती है इन्हे हम shadow self के नाम से जानते है.
इस तरह की स्थिति से बाहर निकलने के लिए हम Shadow Work Exercise करते है.
हमारी personality और conscious thoughts, emotions, decisions के साथ साथ physical activity के साथ हमारा interaction ये सब conscious mind द्वारा control होती है.
हमारे मन मे चेतन मन एक सुई की नोक के बराबर है क्यो की इसका ज़्यादातर हिस्सा subconscious mind और unconscious mind से बना हुआ है.
किसी भी तरह के decisions, thoughts and feelings के पीछे का motivation मुख्य रूप से subconscious and unconscious mind की उपजा होती है जो हमारी personality को डिसाइड करती है. हमे इतना प्रभावित करने के बावजूद हम इसके बारे मे आज भी लिमिट मे ही जानते है.
यही वजह है की meditation का सबसे बड़ा benefit ये है की इससे हमारा conscious mind न सिर्फ शांत होता है बल्कि हम खुद की deeper journey को भी start कर सकते है. आइए जानते है ध्यान के जरिये खुद को कैसे समझा जा सकता है.
Shadow Work Exercise
ये पूरी process वास्तव मे liberating process of meditation ही है जो हमेशा से ही इसका एक हिस्सा थी. सवाल ये है की क्या आप इसके लिए तैयार है ?
ये challenge accept करना चाहेंगे. आपका मकसद अगर personal growth, healing, or spiritual development है तो आप कह सकते है की हाँ ठीक है लेकिन इसे दूसरे नजरिए से simple stress-relief exercise के तौर पर देखे तो शायद ही आप shadow work thing को experience करना चाहेंगे.
इसी तरह की trouble से बाहर निकलने के लिए आप Shadow Work Exercise की help ले सकते है जिसमे हम meditation practice को healing के तौर पर करते है. इससे पहले हम जान लेते है की Shadow Self है क्या ?
What is the Shadow Self?
हम दिन भर मे कुछ विचार या फीलिंग ऐसी रखते है जिन्हे दूसरों के सामने खुलकर कह नहीं पाते है. हर विचार जिसे हम दबाते आए है वो खत्म नहीं होते है बल्कि shadow self के रूप मे हमारे अंदर ही रहते है. देखा जाए तो ये हमारी negative personality को represent करते है.
इसमे हमारे personal and collective psychic elements होते है जो हमारी social life मे incompatible होते है और हम इन्हे express नहीं कर पाते है.
हर वो बात या फीलिंग जो हमारे अंदर होती है लेकिन दूसरों के सामने जाहिर नहीं की जाती है हमारे shadow self को मजबूत करती है.
आपने देखा होगा की कुछ लोगो की मानसिकता संकीर्ण होती है लेकिन उनका energy field बेहद strong होता है और वे हमे negative energy के जरिये प्रभावित करते है.
हम सबका एक Dark Side होता है. जितना कम हम इसे दूसरों के साथ शेयर करते है उतना ही ज्यादा ये strong and black बनता जाता है.
Jungian psychotherapy के अनुसार हम इसे जितना खुद मे shadow को integrate करते है उतना ही ज्यादा खुद को heal कर पाते है. आपको इसे face to face होना होगा, इसके secret जानने होंगे, इसकी ऊर्जा का सही इस्तेमाल करना होगा.
Meditation और आपकी खुद की प्रतिकृति
हम जितना गहरा meditation मे उतरते है उतना ही subconscious mind को unlock करते जाते है. ऐसा करना हमारे conscious mind को कम busy बनाता है और चेतना को गहराई मे उतरने के लिए सही दिशा मिलना शुरू हो जाती है.
ठीक इसी वक़्त हम सामना करते है उन छिपे हुए डर का जिनसे हम हमेशा से भागते आए है.
हमारे सभी डर और Dark intention इसी जगह रहते है जिसकी वजह से चाहे meditation हो या tratak शुरू मे हम अनजाने डर से रूबरू होते ही है. इसमे हर वो गतिविधि शामिल है जो आप जाहिर नहीं कर पाते है जैसे की
- difficult emotions
- hidden traumas
- “wild desires”
- complexes
- negative thought patterns
- shame, guilt, regret
- aggressiveness, anger
- unconscious fears
- unresolved emotional processes
अनुभव हमेशा अच्छे नहीं रहते है
जब पहली बार इसका सामना होता है तब beginner meditator के लिए panic situation बन सकती है. उन्हे लगता है की ऐसा करने से वे खुद को और भी ज्यादा उलझा हुआ महसूस करने लगे है या फिर स्थिति पहले से ज्यादा anxious and restless बन गई है.
हकीकत मे meditation की स्थिति मे कभी ऐसा नहीं होता है बल्कि ये तो पहले से ही हमारे अंदर होता है जिसे हम रूबरू होते है.
हालांकि शुरू मे कुछ कठिनाई होती है लेकिन आगे चलकर आप इन्हे साफ साफ महसूस करने लगते है.
Shadow Work Exercise एक गंदे पानी से भरी हुई गिलास की तरह है जिसमे कुछ समय तक स्थिर रहने के बाद गंदगी नीचे बैठ जाती है और हम गंदगी और साफ पानी को अलग अलग देख पाते है जो कुछ समय पहले एक थे.
ध्यान न सिर्फ हमे शांत और क्लियर बनाता है बल्कि sensitivity को बढ़ाने के साथ साथ attention को भी पैना करता है जिसकी वजह से हम astral level तक पहुँच पाते है.
जिन लोगो के अनुभव अच्छे रहते है वे personal and spiritual growth बढ़ाते है जबकि मानसिक संकीर्ण सोच वाले लोग अपने ही dark side मे उलझ कर रह जाते है.
ये एक तरह से ऐसे box को खोलने जैसा है जिसमे चिजे हम खुद रखते है और वैसा ही पाते है. हमारे subconscious mind मे हम जिस तरह की सोच रखते है ये उसी तरह काम करता है.
सीधे तौर पर देखा जाए तो meditation करने के दौरान हम अपने ही shadow को free करते है. ये positive या negative होगा ये हम पर ही निर्भर करता है.
ध्यान के दौरान खुद की मेंटल स्टेट को चेक करना बंद करे
अगर आप ध्यान के दौरान खुद को dark side से बचाना चाहते है तो आपको Shadow Work Exercise की help लेनी चाहिए.
इसके जरिये आप न सिर्फ negative energy मे फँसने से खुद को रोक पाएंगे बल्कि personal mental और spiritual development के लिए खुद को strong बना सकते है. आपको अपनाने है बस कुछ टिप्स जैसे की
Tips 1 # ध्यान का अभ्यास करना कम कर दे
अगर आप dark intrusive thought मे फंसा हुआ पाते है तो ध्यान का अभ्यास कम कर दे. अगर आप daily 30 मिनट से ज्यादा अभ्यास कर रहे है तो इसे 30 मिनट से कम समय तक सीमित कर दे. ध्यान की बजाय आप खुद को constructive activities मे busy रख सकते है.
एकाग्रता बढ़ाने के लिए आप ऐसे काम कर सकते है जो भले ही meditation की तरह ना हो लेकिन आपकी sensitivity को बढ़ाता हो.
अगर हम खुद को constructive activities मे busy रखते है तो ऐसा करना हमे creative बनाता है. ये हमारे अंदर के positive mind को activate करता है और हम खुद को open minded पाते है, साथ ही हमारा point of view बदलने से हमारी मानसिकता भी सही बनती है.
Tips 2 # तकनीक मे लाये बदलाव
ध्यान की हजारो विधि आज अस्तित्व मे है और इन सभी का प्रभाव एक जैसा नहीं होता है.
ध्यान की कुछ विधि जैसे की Vipassana and mindfulness जैसी विधि और Yoga Nidra, and nondirective meditation इन सब विधि मे हमे spontaneous thoughts and emotions के साथ interact करना होता है जो ध्यान के दौरान आते है.
अगर आप इससे बचना चाहते है तो आप कुछ concentration-based practices कर सकते है जैसे की Mantra meditation, Chakra meditation, Nada Yoga या फिर त्राटक ध्यान ये सब आपकी चेतना को एक जगह एकाग्र करते है बजाय इसके की विचारो के बहाव के साथ चलना.
ऐसी स्थिति मे आप अलग अलग विधि का चुनाव कर सकते है जब तक आपको सही रिज़ल्ट ना मिल जाए.
Tips 3 # किसी से बात कर सकते है
आप अपने अनुभव को लेकर experienced meditation teacher से बात कर सकते है.
अगर आपके अनुभव सही नहीं हो रहे है जैसे की trauma symptoms या फिर serious mental health disorder से गुजर रहे है तो आप किसी mental health professional की help ले सकते है जो meditation की अच्छी जानकारी रखता हो.
अगर फिर भी आपको सही समाधान ना मिले तो बेहतर होगा की आप अपने अभ्यास को कुछ समय के लिए रोक दे जब तक आप खुद को ठीक महसूस न करने लगे.
इस तरह की Shadow Work Exercise के दौरान हम खुद को और बेहतर बना पाते है.
Tips 4 # मेंटल स्टेट को चेक करने के साथ ही strong बनाना शुरू कर दे
कई बार ऐसा होता है की हम अपने हालात को बेहतर समझकर उसके साथ डील कर सकते है.
ऐसी स्थिति जिसमे हमे अपनी mental state को बार बार check करना होता है वे हमे और ज्यादा strong भी बना सकती है अगर उन्हे सही तरह से इस्तेमाल किया जाए. हम अपने मन मे दबे हुए विचारो को सही दिशा दे सकते है.
जिन विचारो को आज तक दबाते आए है उन्हे बाहर आने दे और उनसे अच्छे से डील करे ताकि आपकी problem का solution हो सके. इसके लिए आप pranayama and witnessing. की help ले सकते है.
Pranayama Breathing: प्राणायाम के जरिये हम अपनी साँसो पर ध्यान लगाते है जिसके कारण हम किसी भी दूसरे विचार से खुद को फ्री कर एक विचार पर एकाग्र कर पाते है.
आपको इसके लिए सांस अंदर लेने और कुछ समय तक होल्ड कर वापस छोडना सीखना होगा. इसके लिए आप breathe meditation की पोस्ट पढ़ सकते है.
Witnessing: समर्पण ऐसा टूल है जो किसी भी परिस्थिति मे हमे ढाल सकता है. meditation की स्थिति मे खुद को इस तरह रखना हमे स्थिर बनाता है. ध्यान की प्रक्रिया मे हम अनेकों विचारो और परिस्थिति से गुजरते है.
ऐसी स्थिति मे अगर किसी तरह की प्रतिक्रिया देने की बजाय हम उन्हे उसी तरह अपना लेते है तो सब आसान हो जाता है.
ध्यान की क्रिया के दौरान अगर आपके मन मे अनजाने विचार आते है तब उनमे उलझे नहीं बल्कि खुद को एक observer बनाते हुए जो हो रहा है उसे होने दे.
ऐसा करने से आप जल्दी ही पाएंगे की आपका dark side आपको तक तक प्रभावित नहीं कर सकता जब तक आप खुद न हो. इसे ही हम Shadow Work Exercise कहते है.
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Tips 5 # Parting Thoughts
जैसे जैसे हम गहराई मे उतरते जाते है वैसे ही shadow self के साथ साथ challenging experiences और repressed emotional material and negative thought patterns से गुजरने लगते है. ये हमारे personality को affect करना शुरू करता है जिसकी वजह से हमे सही अनुभव की जगह गलत अनुभव होना शुरू हो जाते है.
आपको इस दौरान ये ध्यान रखना चाहिए की इस दौरान आपके मन मे subconscious material से जुड़े thought ही बाहर निकले. इस प्रक्रिया मे हम सिर्फ उन विचारो को बाहर निकालते है जो हमारे लिए सही है.
अवचेतन मन की यात्रा की इस क्रिया के दौरान सिर्फ कुछ हिस्सो को ही activate करना सही तो नहीं है लेकिन ये आपको negative energy मे फँसने से रोक सकता है. हालांकि ये एक best practice तो नहीं है.
Best Shadow Work Exercise for spiritual development
अब तक आपने जान ही लिया होगा की किस तरह ध्यान के दौरान हमेशा सही अनुभव नहीं होते है. spiritual journey से जुड़े हमारे experience कई बार negative energy से घिरे हुए होते है. अगर meditation का अभ्यास करना हमारे लिए गलत हो रहा है तो हमे Shadow Work Exercise पर गौर करना चाहिए.
हमारे अंदर के दबे हुए हर तरह के dark thought and feeling को हम कैसे repress करने की बजाय दूसरों के सामने ला सकते है. ऐसा करना हमे बेहतर तो बनाएगा ही साथ ही हमारे negative experience को भी दूर करेगा.
हमारा shadow self हमारे दबे हुए emotion और feeling का एक रूप है जितना इसे दबाते जाएंगे ये उतना ही गहरा होता जाएगा. इससे दूर भागने की बजाय इसे फ़ेस करना सीखे और इस energy का सही इस्तेमाल कर सके खुद को इस काबिल बनाए.