तत्वदर्शी रामपाल महाराज की सच्चाई क्या वाकई वो ईश्वर से बढ़कर है ?


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दोस्तों आपने कुछ साधु महात्माओ के नाम के पीछे श्री श्री या फिर बड़ी बड़ी संख्याये जैसे एक हजार आठ जैसे उपनाम लगाते देखा और सुना तो होगा ही, वो ऐसा क्यों करते है क्या आप ये जानते है ?

वो ऐसा करते है अपने अनुभव और पद की गरिमा को बढ़ाने के लिए ताकि लोगो को लगे की ये वाकई बहुत पहुंचे हुए साधु है. लेकिन क्या वाकई बड़ा नाम और उपनाम रखने से कोई महान बन जाता है. जो हाल आज के साधु बाबा लोगो का है उसे देख कर तो बिलकुल भी नहीं लगता.

आइये आज जानते है तत्वदर्शी रामपाल महाराज की सच्चाई क्या है और वे कितने बड़े संत पुरुष है.

बीते कुछ सालो में दो नाम बहुत ज्यादा लोगो की जुबान पर चढ़े है पहला आशाराम बापू, और दूसरा संत रामपाल जो अपने नाम के बाद तत्वदर्शी लगाते है.

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तत्वदर्शी रामपाल महाराज की सच्चाई

अगर आपसे पूछा जाए की तत्वदर्शी का मतलब क्या है तो इनके शिष्य बताते है की तत्वदर्शी यानि जिसे तत्व ज्ञान हो आत्मज्ञान मिला हो वो जो पंच-तत्व से ऊपर उठ चूका हो.

क्या वाकई आपको ऐसा कोई महात्मा मिला जो आत्मज्ञान से रूबरू हो चूका है. फिर तत्वदर्शी रामपाल महाराज की सच्चाई को कैसे माना जाए ?

आज हम बात करने जा रहे ऐसी कई बातो की जो हमें बताती है की जिस तरह के ज्ञान का दिखावा संत रामपाल के शिष्य कर रहे है

हकीकत में क्या और इनके परमगुरु कबीर जी कौन है ? अगर संत रामपाल वाकई ऐसे महात्मा है तो फिर कामोत्तेजक दवाइओ और आग्नेय शस्त्र की उन्हें क्या जरुरत हो गई.

संत रामपाल और उनके गुरु की सच्चाई

रामपाल पहले सिंचाई विभाग में अभियंता थे लेकिन उनकी रूचि सतसंग में थी जिसके जरिए धीरे धीरे वो संत रामपाल और फिर तत्वदर्शी रामपाल महाराज बन गए वही उनके गुरु कबीर साहेब जीविका चलाने के लिए जुलाहे का काम करते थे और हिन्दू तथा इस्लाम दोनों धर्म के विरोधी थे.

दोनों ही अचानक से लोगो के बिच फेमस बने हालाँकि कुछ लोगो को कबीर साहेब की काव्यधारा ने प्रभावित भी किया था.

देव और मूर्ति पूजा का विरोध

तत्वदर्शी रामपाल महाराज की सच्चाई को मानने वाले उनके शिष्य देव पूजा को नहीं मानते ना ही किसी तरह के धार्मिक कार्य को.

क्या वाकई सनातन काल से चलते आये हमारे धर्म पर कुछ समय पहले ही बने इन लोगो के धर्म हावी हो गए.

इतिहास गवाह है की ना तो आज के ग्रन्थ सही है ना ही कोई और सम्प्रदाय जो दावा करता है की उसका इतिहास हिन्दू धर्म से भी पुराना है. सोशल मीडिया इन सभी बाबाओ की जननी है जो अचानक से लोगो के बिच फेमस हो जाते है.

किसी का सम्मान ना करना

रामपाल के शिष्य ना तो औरतो का सम्मान करते है ना ही किसी को आशीर्वाद देते है इसके अलावा वो ईश्वरीय नाम भी नहीं ले सकते है.

क्या किसी ऐसे नाम और दीक्षा के बारे में आपने सुना है जो किसी अन्य ईश्वर की सत्ता का विरोध करती है.

ये तो एक तरह से जिहाद वाला काम है अगर आपने दीक्षा ली है तो आपकी जुबान पर किसी देवी देवता का नाम भी नहीं आना चाहिए. जो लोग पहले राम राम करते थे आज बोलते ही नहीं है. ये सब क्यों ?

पवित्र ग्रंथो को तोड़ मोड़ कर अपना प्रचार करना

संत रामपाल के अनुसार ये अनंत ब्रह्माण्ड और त्रिदेव माँ दुर्गा के पुत्र है और स्वयं कबीर महाराज माँ दुर्गा से भी ऊपर है.

इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में एकमात्र जो सबसे पहले अस्तित्व में आये फिर इनका जिक्र किताबो में एक जुलाहे की तरह क्यों ?

ज्यादा से ज्यादा कितना पुराना होगा इनका जिक्र किताबो में 500 सालो से ज्यादा पुराना नहीं फिर इनका ग्रंथो में नाम कहा से आ गया.

इनके ग्रन्थ और तत्वदर्शी रामपाल महाराज की सच्चाई अचानक कैसे अस्तित्व में आ गई ?

क्या पहले जिसने ग्रंथो का पाठ किया वो अज्ञानी थे जो कबीर साहेब को पढ़ना भूल गए.

जाग जाइये क्यों की आप सबको पुरातन ग्रंथो के साथ तोड़ मोड़ कर बेवकूफ बनाया जा रहा है और आप बन रहे है.

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सोशल मीडिया और लोगो को बेवकूफ बनाने का सिलसिला

आजकल संत रामपाल के शिष्यों का एक ग्रुप फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया पर ज्यादा ही एक्टिव हो चूका है.

दिनभर अलग अलग ग्रुप से जुड़ना और जैसे ही वहा जुड़े अपने गुरु को भगवान् की तरह पेश की जाने वाली पोस्ट से ग्रुप के लोगो और एडमिन की नाक में दम कर देते है.

यही नहीं ये लोगो से जुड़ कर उन्हें ज्यादा से ज्यादा संत रामपाल की दीक्षा लेने और उनका शिष्य बनने पर फाॅर्स करने लगे है. देखा जाए तो एक तरह से ये भी जिहाद वाला काम हो गया जिसमे आपको बस किसी तरह लोगो को गुमराह करना ही है.

तत्वदर्शी रामपाल महाराज की सच्चाई

सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल की जा रही है जिसमे ये ब्रह्माण्ड उससे ऊपर त्रिदेव और फिर माँ दुर्गा और सबसे ऊपर एकमात्र कबीर साहेब, उनके अवतार संत रामपाल जी महाराज को जिस तरीके से दर्शाया जा रहा है उसे देखकर लगता अवतार रातो रात जन्म ले लेते है और सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का नक्शा ही बदल देते है.

क्या अचानक ही कोई ऐसा बन जाता है जो इस यूनिवर्स में सबसे ऊपर हो.

कबीर साहेब भी एक साधारण इंसान थे जिनके दोहे और अमृतवाणी सुन कर किसी को भी उनपर श्रद्धा हो सकती है लेकिन उनका सहारा लेकर एक इंसान अवतार कैसे बन सकता है ?

आप लोगो की अज्ञानता की वजह से. कल को कोई व्यक्ति अगर गुजरे हुए व्यक्ति का अवतार बता देगा तो क्या तब भी आप उसे ईश्वर से बढ़ कर मानने लगेंगे.

मेरी नजर में ये पहला ऐसा पथ है जिसमे ईश्वरीय भक्ति से लोगो को रोका जा रहा है. भक्ति के मायने बदले जा रहे है.

तत्वदर्शी रामपाल महाराज की सच्चाई – लोगो का मसीहा बनना

कुछ दिन पहले मेने फेसबुक पर दो पोस्ट देखी. दोनों ही पोस्ट बहुत लम्बे समय से चली आ रही विज्ञापन की तरह थी जिसमे सिर्फ नाम बदल दिए थे.

पहली थी एक जले हुए लड़के की जिसमे लड़का छत पर हाई वोल्टाज के करंट की चपेट में आ गया था और दावा करता है की उसे कबीर साहेब के अवतार संत रामपाल ने बचाया है और वो उसके साथ है यही नहीं महज एक महीने में ही उसके सर के ऊपरी घाव को जिस तरह से ठीक हुआ दिखाया गया लोगो को विश्वास हो गया की हां वाकई ये सब चमत्कार है.

दूसरी पोस्ट हरयाणा की एक औरत की थी जो माँ की बहुत बड़ी भक्त थी.

वो खाना छोड़ सकती थी भक्ति नहीं, एक दिन उसके पास रहने वाली औरत ने उसे संत रामपाल से मिलाया और दीक्षा लेने को कहा जिसमे किसी अन्य देव देवी की पूजा नहीं करनी थी. उस औरत ने मना कर दिया और लौट आयी.

रास्ते में एक जागरण में माता ने उसे उसे उसकी अखंड ज्योति जलाने को कहा जिसे ना करने पर उसका नुकसान होना था. उसने सबकुछ किया फिर भी वो कंगाल सी हो गई उसका सबकुछ ख़त्म हो गया.

तत्वदर्शी रामपाल महाराज की सच्चाई – चमत्कार

फिर वो औरत एक बार फिर माता की आवाज सुनती है की बेटी मेने अपनी कोशिश की लेकिन तुझे बचा नहीं पाई अब तुझे सिर्फ संत रामपाल जी ही बचा सकते है उनकी शरण में चली जाओ.

और वो औरत महाराज के पास गई दीक्षा ली और फिर क्या था पहले से ज्यादा अमीर और समृद्धशाली बन गई.

क्या आपको दोनों ही वाकये सुने हुए नहीं लगते में आपको बता दू की इससे पहले भी संत आशाराम बापू और निर्मल बाबा के शो में भी इसी तरह के बाते बता कर लोगो को गुमराह किया जा रहा था.

इसी कड़ी में अब संत रामपाल महाराज बढ़ रहे है. क्या सब बाबा लोग एक ही चमत्कार को बार बार रिपीट करते है.

ब्रह्माण्ड की सरंचना में खुद का स्थान सबसे ऊपर

ब्रह्मांड में सबकुछ नश्वर है यहाँ तक की त्रिदेव भी क्या आप ये जानते थे क्यों की अब तक हम समझते थे की हमारी उत्पति, इस ब्रह्माण्ड का जन्म सब कुछ त्रिदेव के संचालन से है. लेकिन नहीं ये तो कबीर साहेब की माया ओर कृपा है जो हम सब मनुष्य कर्म कर सके है.

जिन कबीर साहेब को अब तक हम एक साधारण जुलाहा मान रहे थे वो तो ईश्वरीय अवतार से भी बढ़कर है और उनके अवतार है तत्वदर्शी रामपाल महाराज की सच्चाई क्या बात है.

spiritual bypassing

शिष्यों की अंधभक्ति का नतीजा है की एक गलत चरित्र वाला व्यक्ति भी हमारे लिए पूज्य बन जाता है ईश्वरीय सत्ता से भी ऊपर उठ जाता है.

संत आशाराम बापू जिन पर रेप का केस है क्या एक संत है तो फिर एक ऐसा व्यक्ति जो गिरफ्तारी से बचने के लिए औरतो की आड़ लेता है वो महात्मा और अवतार कैसे बन सकता है ? सोचियेगा जरूर.

एक ही घिसा पीटा तरीका आजमाना

अगर आपने गौर किया होगा तो निर्मल बाबा, आशाराम बापू, रामपाल महाराज और दूसरे कोई भी संत जो अपना वर्चस्व साबित करना चाहते है वो एक ही तरीका अपनाते है. कुछ लोगो को भीड़ में से खरीद लेते है उन्हें पैसे देते है और एक स्टोरी देते है जो उन्हें भीड़ को सुनानी होती है.

सोचने वाली बात ये है की क्या हर किसी को एक ही अनुभव बार बार होता है ? तत्वदर्शी रामपाल महाराज की सच्चाई पहले किसी बाबा द्वारा घडी गई कहानी जैसी ही है.

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सोशल मीडिया पर लोगो को ज्यादा से ज्यादा गुमराह करना

पिछले कुछ दिनों से रामपाल महाराज के भक्तो की गतिविधिया बहुत ज्यादा बढ़ गई है मसलन लोगो को गुमराह करना, ज्यादा से ज्यादा महाराज को एक अवतार की तरह दिखाना और लोगो को उनसे जुड़ने को प्रेरित करना.

अगर वाकई वो एक अवतार है तो जेल में क्यों है ?

उसके पास नशीली दवाइया और अश्लील साहित्य और सामग्री क्यों पकड़ी गई ? क्यों उसके पास औरतो की आड़ लेने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा.

तत्वदर्शी रामपाल महाराज की सच्चाई तो यही है की वो सिर्फ एक आम इंसान है.

आश्रम से अश्लील साहित्य और दवाइया पकड़ी जाना

एक संत और तत्वदर्शी महाराज के पास अश्लील और नशीली सामग्री का क्या काम ? क्या इनके बगैर वो सतलोक की यात्रा नहीं कर पाते थे. साफ सी बात है अपने भक्तो का ख्याल रखा जा रहा था जो उसे भगवन की तरह पेश कर रहे थे.

इसीलिए उन्हें लड़किया, नशा और अश्लील सामग्री उपलब्ध करवाई जा रही थी.

यही नहीं अपने गढ़ जैसे आश्रम में वीडियो रिकॉर्डिंग का केस भी सामने आया था जिसमे औरतो के रहने, आने जाने की जगह पर गतिविधि को देखा जा रहा था.

ये सब बाते काफी है ये बताने के लिए की तत्वदर्शी रामपाल महाराज की सच्चाई पाखंड है और कुछ नहीं.

संत लोगो के पास इसका क्या काम

क्या एक संत कभी वासना से लिप्त होता है ? नहीं लेकिन आजकल हर किसी को जहा पर देखो थोड़े से टाइम में ही ऊंचाइयों पर पहुंच जाता है और फिर किसी न किसी तरह की संदिग्ध गतिविधि में पकड़ा जाता है.

क्या ये सब उनके लिए सही है ये सब काफी नहीं ये बताने के लिए की सब के सब पैसे के पीछे है ना की ईश्वर की भक्ति के.

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तत्वदर्शी रामपाल महाराज की सच्चाई – औरतो की आड़ लेना

जब रामपाल महाराज को पकड़ने पुलिस आयी थी तब उनके शिष्यों ने औरतो की आड़ ले रखी थी. यही नहीं उनसे हमला भी करवाया गया.

क्या रामपाल महाराज इतने बड़े अवतार नहीं थे जो औरतो से हमला करवाया गया. यही नहीं उसकी हर गतिविधि इसी ओर इशारा करती है की आज इंडिया में धर्म को कैसे इस्तेमाल कर कोई भी आसानी से लोगो को बेवकूफ बना सकता है.

हमारी भावनाओ के साथ खिलवाड़ करने वाले तो एक एक कर अब जेल में जा रहे है जल्दी ही लोगो की अंधभक्ति का फायदा उठा कर ये लोगो को आपस में ही लड़वा कर उसकी राजनीती बना देंगे. क्या ऐसे लोगो को हम अपना आदर्श चुने ? नहीं जागिये और इस तरह के ढकोसले से बाहर निकले.

दोस्तों तत्वदर्शी रामपाल महाराज की सच्चाई से जुड़े कुछ पहलु हमने आपको बताने की कोशिश की है उम्मीद करते है आपको पढ़ कर अच्छा लगा होगा. अपनी राय हमें कमेंट के माध्यम से दे और subscribe करना ना भूले.

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