क्या हो अगर हम दिन भर जितना कर रहे है उससे कही ज्यादा बेहतर तरीके से काम कर सके ? जैसा की हम सब जानते है की सबको एक जितना टाइम हर रोज मिलता है लेकिन कोई इस दौरान बेहतर करता है तो कोई सिर्फ सोचता रह जाता है.
अगर आप भी अपने Daily routine को पहले से better कर बढ़िया perform करना चाहते है तो आपको sync biological clock to daily schedule को समझना होगा.
ये एक ऐसा mind power workshop है जिसके जरिये आप खुद को बेहतर ट्रेन कर पाते है और जितना कर रहे है उससे कही बेहतर कर पाते है.
आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है सिर्फ peak periods of activity and energy को reschedule करना होगा यानि दिनभर में आप जो करते आ रहे है उन्हें उसके सबसे सही समय पर ही करना है.
अगर आप ऐसा करते है तो न सिर्फ आपके काम करने का तरीका smart होता है बल्कि productivity में भी improvement होता है. आइये सबसे पहले तो ये जानते है की बायोलॉजिकल क्लॉक आखिर क्या है और ये कैसे काम करती है.
What is Biological Clock in Hindi?
अगर सीधे साफ शब्दों में इसे समझे तो हम किस तरह फंक्शन करते है इसे हमारा Biological Clock ही control करता है. हर किसी का बायोलॉजिकल क्लॉक अलग अलग होता है इसलिए हम सभी अलग अलग समय पर बेहतर perform कर पाते है.
एक उदाहरण के लिए कुछ लोगो को दिन में पढ़ा हुआ अच्छे से याद होता है तो कुछ इसके लिए night time को prefer करते है.
ये हमारा बायो क्लॉक ही है जो program, regulating the timing जैसे Main work करती है. हम कब सोते है और कब उठते है से लेकर दिनभर किस तरह की एक्टिविटी कर रहे है उन सब पर बायो क्लॉक वर्क करती है जो एक तरह से energy levels को किस काम में कितना खर्च करना है ये देखती है.
हम सब हमारे ही body’s biological clock को दूसरो से कही बेहतर समझते है.
जब भी हम अपने schedule से हटकर काम करते है इसका असर देखने को मिलता है.
यही वजह है की कुछ लोगो को सफ़र के दौरान सोने में problem होती है तो कुछ को दिन में स्टडी करने में. आप खुद इस बात को notice कर सकते है की दिन के किस समय के दौरान आप खुद को ज्यादा उत्साही महसूस करते है और किस समय सबसे ज्यादा थका हुआ.
रिसर्च में ये बात सामने आई है की हमारा Biological Clock सिर्फ हमारे सोने और उठने को ही मैनेज नहीं करता है बल्कि इससे भी बढ़कर दिनभर की हर एक एक्टिविटी को किस तरह मैनेज करना है ये सब शामिल है.
खास तरह की स्थिति जैसे की Mental alertness, hunger, stress, mood, heart function यहाँ तक की immunity भी हमारे body’s daily rhythms से प्रभावित होती है. हमारी हेल्थ को ये कैसे प्रभावित करती है आइये जानते है.
How It Affects Your Health
Circadian rhythms हमारे बॉडी के हर मुख्य काम को जैसे की sleep-wake cycle, eating habits, body temperature, digestion, and hormone levels या ऐसे ही महत्वपूर्ण कामो को मैनेज करता है. दूसरे शब्दों में कहे तो ये हमारे body’s internal clock का हेल्थ में काफी Important role होता है.
इसमें किसी भी तरह की छेड़छाड़ diabetes, seasonal affective disorder, and sleep disorders की वजह बन सकती है.
अगर हम ये समझ ले की ये कैसे काम करता है तो फिर potential problems को समझकर उसका treatments करना काफी आसान हो जाता है.
एक उदाहरण के लिए आप लाइफ को पहले की तरह बनाना चाहते है जिसे circadian rhythm कहते है तो आपका डॉक्टर आपको सुझाव दे सकता है की आपको क्या करना चाहिए ताकि आपकी लाइफ पहले की तरह बेहतर बन जाए.
The Best Time for Activities
आज के समय में दिनभर ऐसी कई एक्टिविटी हो जाती है जो हमारे Biological Clock को प्रभावित करती है. कई बार हम अपने कामो को इस तरीके से करते है जिसे हमारी बॉडी एक्सेप्ट नहीं कर पाती है तो इस तरह की स्थिति पैदा होती है.
इसे एक उदाहरण के जरिये और बेहतर समझा जा सकता है जैसे की मान लीजिये आप किसी को शाम के समय बेहतर तरीके से कर सकते है और आपको वही काम सुबह करना पड़े तो क्या होगा ?
आप बेमन से काम करेंगे जो की बेहतर Outcome नहीं देगा और हो सकता है आपका काम बिगड़ ही जाए.
या फिर आप दिमागी तौर पर थके हुए है और आपको घरवाले और ज्यादा पढने के लिए फ़ोर्स करे तो ? आप पढने बैठोगे तो सही लेकिन आपको याद कुछ नहीं होगा क्यों की आपका दिमाग उस समय सिर्फ नींद चाहेगा.
काम को करने के तरीके में बदलाव लाने की बजाय आपको सिर्फ उसके समय में बदलाव करना है और बेहतर समय का चुनाव करना है. जब आप ऐसा करते है तो पाएंगे की अब आप बेहतर तरीके से काम को पूरा कर पा रहे है बल्कि आपका energy level भी अब सही है.
Circadian rhythm disruptions की वजह से कई तरह के negative effects को देखा जा सकता है जिसमे depression and diabetes जैसे कुछ common problem शामिल है.
Sleeping
हमारे daily sleeping and waking cycle में biological clock का बेहद महत्वपूर्ण योगदान होता है. इसमें उम्र का भी रोल शामिल है क्यों की जैसे जैसे हम बूढ़े होते है हमारा body’s natural sleep cycle बदलता जाता है. ऐसा इसलिए क्यों की समय के साथ हम किस समय बेहतर नींद ले सकते है या बेहतर नींद का कितना समय काफी है ये हमारी बॉडी समझ जाती है.
- छोटे बच्चे सुबह जल्दी उठ जाते है जबकि युवा को सुबह देर तक सोना पसंद होता है.
- जैसे जैसे हम युवा से बढती उम्र की और जाते है वैसे वैसे हमारे उठने का टाइम वही सुबह जल्दी का हो जाता है.
- एक और teen अपनी energy को दिनभर के कामो में बेहतर तरीके से इस्तेमाल करते है वही उम्रदराज लोग रात को जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना prefer करते है.
सुबह से दोपहर तक काम करते करते हम खुद में energy level को ख़त्म होता हुआ महसूस कर सकते है. यही वजह है की दोपहर के समय ली गई हलकी सी झपकी आपको दोपहर के बाद से लेकर शाम तक के task performance को improve करने में मदद करती है. अगर ऐसा संभव नहीं है तो आप अपने काम से ब्रेक ले क्यों की ऐसा करना आपकी energy को फिर से बनने में मदद करेगा और आप बेहतर परफॉर्म कर पाएंगे.
खाने पिने का असर
सही समय पर खाना और पीना हमारे हेल्थ को बेहतर बनाता है. इस बारे में की गई एक रिसर्च से सामने आया है की अगर हम दिनभर के टाइम में किसी खास समय पर खाना पीना करते है तो इसका हमारे हेल्थ पर Positive effect पड़ता है.
- अगर हम सही समय पर खाना खाते है तो ऐसा करना हमारे वेट को सबसे पहले कण्ट्रोल करता है. सही समय पर खाना खा लेने से आप excessive weight gain and metabolic diseases से बच सकते है.
- रिसर्च में ये बात भी निकल कर समाने आई है की सही समय पर खाना लेने से resetting your biological clock में भी हेल्प मिलती है. अगर आप अपने सोने उठने या फिर किसी दूसरे काम में बदलाव लाना चाहते है तो बेहतर परिणाम के लिए खान पान में भी बदलाव करे.
दोपहर के समय 12 से 3 बजे तक खाना खा लेना चाहिए और सुबह 8 बजे किया गया नाश्ता आपको दिनभर तरोताजा रखता है. शाम को 8 बजे के बाद खाना खाने से बचना चाहिए अगर आप 10 बजे तक सो जाते है. bedtime में खाना लेना आपके वजन को तो बढाता ही है साथ ही Physical fit रहने में भी problem पैदा होती है.
Exercising
Biological clock के अनुसर किया गया वर्क आउट आपको एक्सरसाइज का सही फायदा दिला सकता है. अगर आप रोज एक्सरसाइज करते है तो ऐसा करना न सिर्फ circadian rhythm को regulate करता है बल्कि improve daily sleep schedule में भी हेल्प करता है.
- हमारे पास सबसे ज्यादा काम दोपहर के समय होता है लेकिन हम सबे अच्छा perform करते है शाम के 3 से 6 बजे के बीच.
- अगर आप strength-training program ले रहे है तो इसके लिए सबसे सही समय दोपहर के 2 से शाम के 6 बजे है इस दौरान आपके Physical strength को मनचाहे तरीके से मजबूत किया जा सकता है.
- शाम का समय योग या फिर ऐसी एक्सरसाइज जो आपके बॉडी की flexibility को बढ़ाती है उसके लिए बेस्ट टाइम हो सकता है.
ऐसा इसलिए क्यों की इस समय हमारी बॉडी सबसे ज्यादा relax होती है जिसकी वजह से किसी भी तरह की चोट का रिस्क ना के बराबर रह जाता है.
Biological clock effects on thinking
अगर आप बेहतर सोच को विकसित नहीं कर पा रहे है तो आपको अपने बायो क्लॉक को समझने की जरुरत है क्यों की Mental powers को तभी बढाया जा सकता है जब आप इसके लिए सही समय दे.
- सुबह के समय हम सबसे बेहतर सोच रखते है. Cognitive abilities जैसे जैसे दिन गुजरता है वैसे कम होती जाती है इसलिए आपको लंच से पहले कुछ mental workout कर लेना चाहिए.
- जब आपको भूख लगी हो तो सबसे ज्यादा alertness and attention levels ही affect होता है. दोपहर का लंच लिए बगैर ली गई मीटिंग आपको concentrate होने में problem create करती है और आप इसमें खुद को सक्षम नहीं पाते है.
- दोपहर के 2 से 4 बजे तक का समय ऐसा होता की आप खुद को चाह कर भी उत्साही नहीं रख पाते है. यही वजह है की इस समय आपको सबसे ज्यादा energy-boosting pick-me-up की जरुरत पड़ती है.
अगर आप किसी तरह का creative task करना चाहते है तो आपको तब तक wait करना चाहिए जब तक आप थोड़ा सा थका हुआ feel न करने लगे. रिसर्च में ये बात सामने आई है की हमारे problem solving में टाइम का अहम् रोल होता है.
हम चीजो को तभी बेहतर समझ और सुलझा सकते है जब हम अपने mental peak or at non-optimal times of tiredness पर होते है.
नई खोज में ये बात सामने आई है की हम तभी बेहतर सोच सकते है जब हम थोड़ा सा थके हुए होते है. जब ऐसा होता है तब हम पारम्परिक काम करने के तरीके के बजाय उन तरीको को खोजते है जिनसे काम को कम समय में बेहतर किया जा सकता है.
How to Change Your Circadian Rhythm
हम सबका biological clock functions न तो एक जैसा काम करता है और ना ही ऊपर दिया गया तरीका सब पर एक अजिसा असर डालता है. हम दिनभर में कब थके हुए महसूस करते है और कब सबसे ज्यादा उत्साह से भरे हुए होते है ये हमारे बायो क्लॉक पर निर्भर करता है. दिनभर में कई बार ऐसा होता है की हमारा बायो क्लॉक और schedule दोनों एक दूसरे के उल्टे हो जाते है.
ऐसा स्थिति में हमें क्या करना चाहिए ? ऐसी स्थिति में आपके पास 2 ही option बचते है पहला ये की आप उस समय की पहचान करे जब आप किसी काम को सबसे बेहतर कर पाते है दूसरा आप चीजो को adjust करना सीख ले. यहाँ पर ऐसे कुछ Adjusting tips को share किया जा रहा है जिन्हें किया जा सकता है.
- सोने के समय को schedule करे : अगर आप खुद में बदलाव लाना चाहते है तो सबसे पहले अपने सोने और उठने के टाइम को फिक्स करे. रात को एक फिक्स टाइम पर सो जाना और फिर सुबह एक ही टाइम पर उठाना इसमें हेल्प करता है.
- कभी भी जल्दबाजी ना करे : अगर आप कोई नया schedule बना रहे है तो उसे हैबिट बनाने में थोडा समय जरुर दे. चीजे अचानक नहीं बदलती है और इसके लिए आपको सख्ती से नियम का पालन करना ही होगा.
- Pay attention to your energy levels: हर किसी का काम करने का तरीका एक नहीं होता है. अगर कोई दिन में अच्छा perform कर रहा है तो इसका ये मतलब नहीं है की आप भी अच्छा perform कर लेंगे. काम को करते समय आपका energy level किस तरह respond कर रहा है इस पर ध्यान दे.
ये कुछ ऐसे टिप्स है जिन्हें follow कर आप अपने schedule में बदलाव कर सकते है. हमारा Biological clock जब हर महत्वपूर्ण काम के लिए जिम्मेदार है तो हमें इसे समझकर सही कदम उठाने चाहिए ताकि मनचाहे बदलाव और परिणाम हासिल किये जा सके.
Read : How to Download Netflix Movies with StreamFab Netflix Downloader 5 amazing benefit
How to get best of Biological clock final conclusion
दिनभर की गई हमारी गतिविधि के दौरान energy level किस तरह काम कर रहा है इसे समझकर आप भी अपना बेहतर कर सकते है. हमारा किसी काम को करने का तरीका, काम के दौरान energy level ये बताने के लिए काफी है की हम कब किस काम को सबसे बेस्ट तरीके से कर सकते है.
अगर आप खुद को सुबह के समय सबसे ज्यादा mentally alert पाते है तो उन गतिविधि को करने की कोशिश करे जिनमे cognitively demanding activities होती है. आप अपने काम को सबसे बेहतर तरीके से कर पाएंगे.
Daily schedule में किया गया बदलाव आपको ये जानने में मदद करता है की आप किसी काम को कब सबसे बेहतर कर सकते है. हमारा Biological clock सभी महत्वपूर्ण कामो को regulate and control करता है इसलिए इसे समझना हमें हमारे काम का 100% दे सकता है. इस बारे में आप क्या सोचते है हमें कमेंट के माध्यम से बताना न भूले.