सिर्फ एक महीने में बिंदु त्राटक साधना के सरल अभ्यास के अमेजिंग रिजल्ट कैसे प्राप्त करे ?


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ek mahine me tratak ka sahi anubhav kaise kare दोस्तों पिछली पोस्ट में हम त्राटक में सफलता ना मिलने की कई वजह और त्राटक करने से पहले किन बातो का ध्यान रखे के बारे में बात कर चुके है।

आज हम बात करने वाले है km time me tratak me saflta prapt kare एक ऐसा अभ्यास जो कम टाइम में ना सिर्फ सफलता दिलाता है बल्कि सही अनुभव भी करवाता है।

इससे पहले पिछली पोस्ट से छूट गए कुछ टॉपिक को क्लियर कर लेते है ताकि आपको त्राटक के बारे में और भी ज्यादा जानकारी मिल सके। km time me tratak ka sahi anubhav in hindi.

Basic Reason of Unsuccess in Sadhna
km time me tratak ka sahi anubhav

ज्यादातर लोग km time me tratak ka sahi anubhav करना चाहते है। सही जानकारी के अभाव में ऐसा हो नहीं पाता है की हमें पूर्णता हासिल हो।

आप त्राटक काफी टाइम से कर रहे है और अनुभव नहीं हो रहे है तो सिर्फ इन दो पोस्ट को केयरफुल होकर पढ़े, i hope के आपके सभी सवालों का जवाब आपको मिल जायेगा।

km time me tratak ka sahi anubhav

tratak ki sahi shuruat kaise kare ? ये समस्या उन लोगो के साथ अक्सर देखने को मिलती है जो बिना पूरी जानकारी के अभ्यास करने लगते है लेकिन उन्हें पता नहीं चलता की वो सही कर रहे है या नहीं।

ऐसे में फायदा कम नुकसान ज्यादा होने की सम्भावना बनी रहती है।

नियमित हो अभ्यास

आपका अभ्यास कैसा है नियमित या फिर कभी कभी। त्राटक में अभ्यास का नियमित होना शुरुआत में बेहद जरुरी है।

अगर आपको लगता है की ये करना मुश्किल है तो ध्यान दे आपको सिर्फ शुरू में 21 दिन ही अभ्यास को हर हाल में नियमित बनाए रखना है।

ये करना शुरू में मुश्किल लग सकता है लेकिन ये बाद में आदत बन जाता है कैसे जानते है।

21 दिन कम से कम अभ्यास करना चाहिए 

tratak sadhna ka 21 din ka abhyas एक ऐसी प्रोसेस है जो सीधा आपके subconscious mind पर effect डालती है।

ये अभ्यास ना सिर्फ किसी काम को आदत बना देता है बल्कि आपके अवचेतन मन में एक तरह से उस अभ्यास के लिए कमांड बन जाती है।

इसका सबसे बड़ा फायदा ये है की बाद में आपको इसके लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। आपका अवचेतन मन अपने आप प्रोसेस को आगे बढ़ाता है।

बिंदु त्राटक की साधना

बिंदु त्राटक की साधना सबसे पहली ऐसी साधना है जो साधक को शुरुआती अनुभव करने में मदद करता है km time me tratak ka sahi anubhav करने से पहले आपको कुछ ऐसी बातो का पता होना चाहिए जो त्राटक में मदद करती है।

  1. समय : सुबह का शांत माहौल सबसे बढ़िया रहता है।
  2. स्थान : ऐसी जगह होनी चाहिए जो साधक और साधना दोनों की पॉजिटिव एनर्जी जुड़े और सकारात्मक अनुभव हो सके।
  3. माहौल : शांत, बिना किसी शोरगुल का और कोशिश करे आपके आसपास कोई ना हो ताकि आपका ध्यान न बंटे।

सिर्फ त्राटक ही नहीं काफी है. अगर अब तक आपने सिर्फ tratak ka abhyas ही किया है और किसी तरह का अनुभव नहीं कर पाए है तो आपको सुधार करने की जरूरत है।

ध्यान देने वाली बात ये है की त्राटक के अभ्यास के साथ हमें कुछ ऐसे ही अभ्यास करने चाहिए जो अगर त्राटक के साथ किये जाए तो लाभ और अनुभव सही अनुपात में मिल सकते है।

Read : त्राटक साधना में विचारशून्य की स्थिति कैसे प्राप्त करे सबसे आसान तरीके

त्राटक साधना के साथ किये जाने वाले अभ्यास और उनका महत्व

त्राटक साधना में सिर्फ त्राटक का अभ्यास काफी नहीं है हमें इनके साथ और भी अभ्यास करने चाहिए जो अच्छे अनुभव दिलाने में मदद करते है। आइये जानते है की कौन-कौनसे अभ्यास है tratak sadhna के साथ करने पर सही अनुभव दिलाते है।

  • शवासन : ये ऐसा अभ्यास है जो साधक के शरीर और मन को साधने में मदद करता है। इस अभ्यास में भी हम भावना-शक्ति का अभ्यास जोड़ते है ताकि जल्दी से जल्दी मन और शरीर को विचार द्वारा शून्य कर सके।
  • भावना शक्ति का अभ्यास : bhavna shaakti ka abhyas ऐसा अभ्यास है जो सभी जगह महत्वपूर्ण योगदान निभाता है। भावना द्वारा हम मन को जैसे चाहे मोड़ सकते है।
  • इच्छा शक्ति का अभ्यास : ये अभ्यास हमारी इच्छा-शक्ति को बढ़ाता है जिसके जरिये किसी भी काम को करने की प्रबल इच्छाशक्ति पैदा की जा सकती है।
  • प्राण ऊर्जा का अभ्यास : प्राण ऊर्जा का अभ्यास सम्मोहन जैसे अभ्यास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर आप tratak ke sath hypnotism ka sahi abhyas करना चाहते है तो आपको शवासन के बाद प्राणऊर्जा के अभ्यास पर ध्यान देना चाहिए।

ये थे कुछ बेसिक अभ्यास जो त्राटक के अभ्यास के साथ अगर किये जाए तो त्राटक में कई गुना लाभ दिला सकते है।

बिंदु त्राटक को सही तरीके से कैसे करे ?

सिर्फ एक महीना और आप निचे दिए गए तरीके से km time me tratak ka sahi anubhav कर सकते है।

इतने कम टाइम में अगर आपको सही अनुभव करना है तो ध्यान देने लायक कुछ बातो पर जरूर गौर करे।

सिर्फ त्राटक का अभ्यास ही काफी नहीं क्यों की इसकी शुरुआत में सबसे पहले मन और तन को साध लिया जाए तो हमें ज्यादा मेहनत ही नहीं करनी पड़ती है और अनुभव भी अच्छे कर सकते है।

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1 महीने का अभ्यास – km time me tratak ka sahi anubhav

bindu tratak ka ek mahine ka abhyas खासतौर से प्रोग्राम किया गया ऐसा अभ्यास है जो आपको कम टाइम में बहुत ही amazing result देता है।

अभ्यास को हम 4 स्टेप्स में बाँट सकते है जिससे की हमें सही अनुभव की पहचान हो सके और त्राटक के साथ किये जाने वाले अभ्यास आपको अमेजिंग अनुभव हो।

km time me tratak ka sahi anubhav – पहला सप्ताह

पहले सप्ताह में आपको सिर्फ इस बात का ध्यान रखना है की आपकी आँखे अभ्यास के लिए अभ्यस्त हो जाए और tratak me ankho ko hone vale nuksan जैसे की आँखों का लाल होना, लगातार पानी बहना, पथराई हुई आँखे रहना इन सबसे निजात मिल जाती है।

अक्सर इसी वजह से साधक साधना बिच में छोड़ देते है।

क्या है त्राटक में कल्पनाओ का जाल

पहले सप्ताह में आपको सिर्फ करना ये है की सुखासन की मुद्रा में बोर्ड से कुछ ही दुरी पर बैठना है।

दुरी इतनी हो की ना तो बोर्ड का बिंदु आपके ज्यादा पास हो और न ही ज्यादा दूर। बोर्ड पर नजर जमाए और तब तक देखे जब तक की आंखे अपने आप बंद ना होने लगे।

जब आपको लगे की अब आप आंख खुली नहीं रख सकते कुछ देर के लिए पलके बंद कर ले। थोड़ी देर बाद फिर से अभ्यास करे।

ध्यान दे की त्राटक में जबरन आँखे खुली रखने से कोई बेनिफिट नहीं है आपका उदेश्य सिर्फ खुद को विचारशून्य बनाना या फिर किसी भावना द्वारा खुद में बदलाव लाना है।

दूसरा सप्ताह

जब आप km time me tratak ka sahi anubhav के पहले चरण को पार कर लेते है तो आप पाते है की अब आपकी आँखों से जुडी समस्या दूर हो चुकी है। अब तो आप सही तरह से लम्बे समय तक खुली आँखों द्वारा अभ्यास करने में सक्षम हो जाते है।

इस सप्ताह आपको अपने आत्मविश्वास को जगाना है जिसके लिए भावना शक्ति सबसे बड़ा जरिया है। अगर त्राटक के साथ भावना शक्ति को जोड़ दिया जाए तो साधना में अनुभव जल्दी किये जा सकते है।

बिंदु पर चमकीला रंग आत्मविश्वास से जुड़ा है जितना ज्यादा आप पॉजिटिव होंगे उतना ही चमकीला बिंदु।

त्राटक बोर्ड के सामने बैठ कर खुली आँखों से tratak करने के साथ साथ अब आप ये भावना भी दे की आपके आत्मविश्वास में बदलाव हो रहा है। आपका आत्मविश्वास बढ़ रहा है और अब आप किसी भी काम को बड़े आराम से कर सकते है।

Mirror meditation tratak gazing technique

अक्सर लोगो में किसी न किसी बात को लेकर आत्मविश्वास की कमी देखने को मिलती है जैसे की भीड़ में से आगे न निकल पाना, किसी सब्जेक्ट में पीछे रह जाना ये सप्ताह आपको इन सबसे निजात दिला सकता है।

दैनिक लाइफ में आत्मविश्वास कैसे आजमाए ? अगर आपको भीड़ में से आगे निकलने में झिझक होती है तो त्राटक में आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए ये भावना दे की में कुछ खास हूँ इसी वजह से में सबसे आगे निकल सकता हूँ।

अगर आप स्टेज में परफॉर्म नहीं कर पा रहे है तो भावना दीजिये की में बिना किसी झिझक के बोल सकता हूँ जो में बोलूंगा वो समझ आने वाला होगा।

में भी ये कर सकता हूँ। इस तरह की भावना ही नहीं दैनिक लाइफ में जो भी आपकी प्रॉब्लम है उससे जुड़ी आत्मविश्वास बढ़ाने वाली भावना दे और रिजल्ट भी देखे दिनभर के कामो में।

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km time me tratak ka sahi anubhav – तीसरा सप्ताह

ये सप्ताह आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है क्यों की इस सप्ताह के अंत तक आपको लम्बे टाइम तक त्राटक साधना में बैठे रहने की आदत बन जाती है, आप अब बिना किसी परेशानी के साधना में ज्यादा टाइम बिता सकते है।

इस सप्ताह आँखों की समस्या और आत्मविश्वास की कमी की समस्या दूर हो चुकी है तो आगे बढ़ सकते है।

आपका आत्मविश्वास भी बढ़ चूका है तो वक़्त आ गया है की अब मन को विचारशून्य करने का। इसके लिए आप भावना दे की मेरा मन विचारशून्य हो रहा है, मस्तिष्क में कोई विचार नहीं है।

इस तरह की भावना धीरे धीरे आपको अचानक ही शून्यता का अहसास करवाती है।

शुरू शुरू में ये मुश्किल है क्यों की बार बार भावना देने की वजह से मानसिक थकावट महसूस हो सकती है या फिर विचारो से मन घिर जाता है लेकिन अगर आप अभ्यास में बने रहते है तो अचानक ही आप शून्यता को महसूस कर सकते है।

शुरू शुरू में ये स्थिति कुछ पल ही रहती है लेकिन बाद में अभ्यास लम्बे टाइम तक रह पाता है।

बिंदु त्राटक की साधना पूर्ण हुई या नहीं ?

tratak sadhna safal hui ya nahi kaise pta chalega ये जानने के लिए आपको ये जानना जरूरी है की असल में कोई साधना पूर्ण कब कहलाती है ?

क्या एक बार त्राटक साधना करने के बाद आपको भविष्य में इसे दोहराने की आवश्यकता नहीं पड़ती है ? कोई भी साधना या अभ्यास समय समय पार दोहराते रहना चाहिए क्यों ? चलिए जानते है।

क्या साधना पूर्ण होती है ?

देखा जाए तो साधना को लेकर हमारे सिर्फ पैरामीटर ही पूर्ण होते है एक साधना में पूर्ण अवस्था नहीं होती है जैसे की मोक्ष।

thoughtless awareness in tratak meditation

मान लीजिये आपको अपना मन विचारशून्य बनाना है तो क्या आपका मन विचारशून्य होना साधना का पूर्ण होना है ?

नहीं ये सिर्फ साधना में आपकी पूर्णता कहलाती है क्यों की आपका उदेश्य पूर्ण हो गया है। इसी तरह आप त्राटक का अभ्यास किस उदेश्य से कर रहे है ये ध्यान में रख कर साधना करे।

जब वो अनुभव होने लगे और बना रहे तो समझ ले की आप पूर्णता हासिल कर चुके है।

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समय समय पर साधना को दोहराना आवश्यक क्यों है ?

sadhna ko time time par dohrana भी जरुरी है। हमारा मन खासतौर से अवचेतन मन लम्बे समय तक किये जाने वाले कामो को ही महत्व देता है।

जैसे की आप 1 महीना त्राटक करते है फिर 2 महीने दूसरे कामो में बिजी हो गए और आपका मस्तिष्क विचारो से भरा रहने लगे तो इस बात की सम्भावना बढ़ जाती है की आपका मस्तिष्क विचारशून्य ना रह पाए।

time to time repeat sadhna आपके लिए फायदेमंद होता है क्यों की इससे साधना का असर बना रहता है और हम कम अभ्यास कर के भी बढ़िया अनुभव हासिल कर सकते है।

इससे अनुभव भी बढ़ने लगते है।

km time me tratak ka sahi anubhav से जुड़ी हर जानकारी आप तक पहुँच सके इसकी हमने पूरी कोशिश की है। हो सकता है की कुछ टॉपिक छूट गए हो तो हमें जरूर बताए।

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