इस पोस्ट में हम मधुमती योगिनी मंत्र प्रयोग के लाभ के बारे में बात करने जा रहे है. मैंने गुप्त, खोई हुई, छिपी हुई, या दबी हुई संपत्ति और खजाने को आकर्षित करने, धन का एक गुप्त स्रोत खोजने, या अज्ञात पैतृक धन प्राप्त करने में सक्षम होने के लिए एक दुर्लभ मंत्र के बारे में लिखा है. यह मंत्र मधुमती योगिनी नामक एक रहस्यमय शक्ति को समर्पित है .
वातावरण में कई ऐसे अदृश्य रहस्यमय प्राणी मौजूद हैं जिनमें अपार शक्ति और शक्ति है और ऐसे प्राणियों को आकर्षित करना कभी-कभी अभ्यासी के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है.
कुछ साल पहले प्रकाशित एक लेख में, मैंने मधुमती योगिनी के बारे में कुछ जानकारी दी थी जिसे अनुरागिनी यक्षिणी भी कहा जाता है.
इस यक्षिणी का आह्वान असीमित शारीरिक सुख और भोग प्राप्त करने और अभ्यासी को एक सुंदर और वांछनीय व्यक्ति में बदलने के उद्देश्य से भी किया जा सकता है, जिसमें वह कहीं भी जाने की अलौकिक शक्ति रखता है.
मधुमति योगिनी- शुभ्र वर्ण वाली देवी अति सुंदर नाना प्रकार के अलंकारों से भूषित साधना के पश्चात सामने आकर किसी भी लोक की वस्तु प्रदान करती हैं.
इनकी कृपा से पूर्ण आयु तथा अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है. राज्याधिकार प्राप्त होता है.
इस मधुमती योगिनी मंत्र प्रयोग के लाभ: मंत्र साधना अभ्यासी को अप्रत्याशित रूप से चल और अचल धन या जंगम और स्थावर धन दोनों दे सकती है.
जमगाम चल संपत्ति है, जैसे गहने, कार और पैसा और स्थावर अचल संपत्ति है, जैसे घर, जमीन, दुकानें और कार्यालय.
इस योगिनी मंत्र का जाप कैसे करें
1] इस खजाना खोजने वाले मंत्र का जाप करने की विधि बहुत ही सरल और सरल है. शाबर तंत्र ने इस मधुमती योगिनी मंत्र का प्रयोग करने के लिए किसी भी प्रकार की सिद्धि साधना निर्धारित नहीं की है और न ही किसी तंत्र या कर्मकांड के अनुसार इसे काम करने के लिए निर्धारित किया है.
2] अभ्यासी को सोते समय मधुमती योगिनी मंत्र का जाप करना होता है. मैंने मन्त्र जपों की कोई निश्चित संख्या नहीं दी है, इसका अर्थ है कि वह मन्त्र जप करता रह सकता है और नींद आने पर सो सकता है. जप सोने की स्थिति में बिस्तर पर भी किया जा सकता है.
मधुमति दिशः स्थावर जंगम सागर-पुररत्नानि सर्वे-षांकर्षिणी ठं ठं स्वाहा ||
3] योगिनी तंत्र के अनुसार, गुप्त या खोया हुआ खजाना या पैतृक धन और संपत्ति या छिपे हुए धन को प्राप्त करने की विधि का सही स्थान साधक को रात में सोते समय सपने में बताया जाता है. इस मंत्र साधना का अभ्यास मन्त्र में विश्वास के साथ तब तक करना चाहिए जब तक साधक को अपेक्षित परिणाम न मिल जाए.
Read : कामदेव मोहिनी वशीकरण मंत्र और Top 5 Powerful effect से करे मनचाहा वशीकरण और पाए खोया हुआ प्यार
योगिनी लोक
योगिनी लोक दुर आकाश में स्थित है, मंत्र द्वारा ध्यान अवस्था में पहुंचना ज्यादा मुश्किल नहीं है, पुरी निष्ठा व विश्वास से अगर मंत्र ध्यान किया जाये तो सुरसुन्दरी योगिनी ही योगिनी लोक में ले जाती है.
साधना के दौरान अचानक आकाश की तरफ ऊंचाई का अहसास होने लगे तो बिल्कुल मत धबरायें बस समझ लें कि योगिनी जी प्रसन्न हो कर अपने दिव्यलोक के दर्शन करवाने ले जा रही है.
आप जितना समय साथ रहें हैं आप की ऊर्जा का स्तर ऊच्चतम सीमा पर पहुंच जायेगा शिव जी तथा सद्गुरू जी पर सम्पूर्ण विश्वास बनायें रखे.
योगिनी लोक पथ्वी पर बने आम घरों की तरह नहीं होता है वह कुछ ऊर्जा से निर्मित होता है.
उसके अन्दर जाने का दरवाजा भी मुखनुमा होता है, इसलिये मंत्र जाप बिलकुल भी बंद न करें पूर्ण निष्ठा साहस के साथ डटे रहें ,जो जितना गहराई में उतरता है मोती (सिद्धीयां) भी उसी को ही प्राप्त होती हैं किनारे पर बैठने वालों को कुछ प्राप्त नहीं होता यह सिद्धीयां पुरूष व महिलायें भी प्राप्त कर सकती है.
मधुमती योगिनी मंत्र की साधना में जाति धर्म का इतना ही बंधन है कि आप को सम्पूर्ण रूप से सनातन शिव धर्म (हिन्दू) को अपनाना व शिव जी के प्रति निष्ठावान ऱहना अनिवार्य है प्रतिदिन 5 माला गणेश व 5 माला शिव जी व सद्गुरू जी करना ही चाहिए जिससे यह ऊर्जा आप की रक्षा करती रहें.
कोई भी साधना करने से पहले अनिवार्य मंत्र :
गणेश मंत्र :
1- ऊँ गं गणपत्ये नमः
2- ऊं नमः शिवाय
3- ऊं ह्रीं गुरूवे नमः
मधुमती योगिनी की साधना का उपाय
इस पोस्ट में वर्णित योगिनी मंत्र साधना मधुमती योगिनी मंत्र प्रयोग है, जो भूत डामर तंत्र में समाहित है.
यदि साधक मधुमती योगिनी का आह्वान और तुष्टिकरण करने में सफल हो जाता है, तो वह प्रतिदिन योगिनी के साथ अविश्वसनीय शारीरिक सुख का आनंद लेता है.
उसके आशीर्वाद से वह एक सुंदर और आकर्षक सज्जन में बदल जाता है और जहां चाहे वहां जाने की असाधारण शक्ति प्राप्त करता है.
भूत डामर तंत्र मधुमती योगिनी को अत्यंत सुंदर और स्पैथिक की तरह एक बेदाग रंग के रूप में वर्णित करता है और सबसे महंगे रत्नों के साथ हार, नूपुर, कयूर और कुंडल सहित विदेशी गहनों से सजी है .
भूत-डामर तंत्र कहता है कि यह एक अत्यंत दुर्लभ, गुप्त और सबसे शक्तिशाली मंत्र साधना है. भूत डामर तंत्र में निहित मूल दिशा-निर्देश इस प्रकार हैं-
- 1] मधुमती योगिनी मंत्र साधना प्रतिपदा के दिन शुरू करनी चाहिए.
- 2] साधक को भोजपत्र पर मधुमती योगिनी की समानता में एक अष्टदल पद्म [आठ पंखुड़ियों वाला एक कमल का फूल] के अंदर कुमकुम पेस्ट के साथ एक छवि बनानी चाहिए.
- 3] नीचे दिए गए मधुमती योगिनी मंत्र का 1000 बार जाप करना चाहिए और फिर धूप, शुद्ध घी की दीप, गंधम, पुष्प और प्रसाद से योगिनी की पूजा करनी चाहिए.
मंत्र
ओम ह्रीं आगाच्छा अनुरागिनी मैथुनप्रिये स्वाहा ||
- 4] पूरे महीने यही प्रक्रिया अपनानी चाहिए और पूर्णिमा के दिन अभ्यासी को ऊपर बताए गए तरीके से योगिनी की पूजा करनी चाहिए और दिन-रात मूल मंत्र का जाप करना चाहिए.
यदि अभ्यासी मधुमती योगिनी को प्रसन्न करने में सफल हो जाती है, तो वह हर सुबह उसके सामने उपस्थित होगी.
वह उसे देव-केन्या, नाग-कन्या, दानव-कन्या, यक्ष-कन्या, गंधर्व-कन्या सहित सभी प्रकार की स्त्रियाँ भी देगी, जो उसे उसकी कल्पना से परे शारीरिक सुख और आनंद देने के लिए है.
मधुमती योगिनी अभ्यासी को हर तरह के रत्न और आभूषण और रोजाना 100 सोने के सिक्के देती है . वह व्यवसायी को स्वर्ग लोक और पाताल लोक से महंगी, दुर्लभ और जादुई वस्तुएं भी देती हैं.
Read : आकर्षण के लिए मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना के आसान उपाय और टोटके मनचाहा प्यार पाने के लिए
अभ्यासी बहुत सुंदर, वांछनीय और आकर्षक और रोगों और व्याधियों से मुक्त हो जाता है और योगिनी के आशीर्वाद से उसकी आयु बहुत लंबी होती है.
मधुमती योगिनी मंत्र को सर्व कार्य सिद्धि मंत्र के रूप में भी वर्णित किया गया है, जो सभी कार्यों में सफलता और मनोकामना पूर्ति के लिए प्रदान करता है.
नोट-चूंकि यह मंत्र शास्त्र के सबसे उन्नत और अनुभवी अभ्यासी के लिए एक मंत्र प्रयोग है , अभ्यासी को अन्य अभ्यासों जैसे आंग न्यास और अन्य अभ्यासों का पालन करना पड़ता है, जो उन्हें इस मंत्र साधना के लिए उपयुक्त लगता है.
मधुमती योगिनी मंत्र की साधना में सावधानी
योगिनी साधना अप्सरा साधना या अन्य देवी-देवताओं की साधना से काफी भिन्य है.क्योंकि यहां आप किसी एक देवी की नहीं स्वम् महा शक्ति का आवाहन कर रहे होते हैं.
सभी योगिनियां आदिशक्ति मां काली का अवतार है. घोर नामक दैत्य के साथ युद्ध करते हुए माता ने ये अवतार लिए थे.
पौराणिक कथाओं के अनुसार ये सभी माता पर्वती की सखियां हैं. इन चौंसठ देवियों में, दस महाविद्याएं और सिद्ध विद्याओं की भी गणना की जाती है.
मधुमती योगिनी मंत्र की साधना को शक्ति काली के ही भिन्न-भिन्न अवतारी अंश कहा जाता हैं.
कुछ साधकों की माने तो समस्त योगिनियों का संबंध मुख्यतः काली कुल से ही हैं और ये सभी तंत्र तथा योग विद्या से घनिष्ठ सम्बन्ध रखती हैं.
इंद्रजाल, जादू, वशीकरण, मारण, स्तंभन इत्यादि कर्म इन्हीं की कृपा द्वारा सफल होते है. प्रमुख रूप से आठ योगिनियां हैं जिनको:-
- सुर-सुंदरी योगिनी
- मनोहरा योगिनी
- कनकवती योगिनी
- कामेश्वरी योगिनी
- रति सुंदरी योगिनी
- पद्मिनी योगिनी
- नतिनी योगिनी और
- मधुमती योगिनी
के नाम से जाना जाता है. मान्यताओं के अनुसार इनकी साधना अत्यंत ही गोपनीय रखी जाती है. विधिवत संपूर्ण माह साधना करने के बाद प्रसन्न होने पर प्रतिदिन साधक को स्वर्ण मुद्राएं प्रदान करती हैं.
इनकी साधना बहुत ही कठिन होती है. साधना के दौरान कई तरह की सावधानी भी रखनी होगी है.
नदी स्नान कर चंदन का मंडल बनाकर मध्य में देवी का मंत्र लिखकर ध्यान मंत्र जपा करें. याद रहे कि देवी आपकी परीक्षा लेने के लिए कुछ भी कर सकतीं हैं. इसलिए साधना में सावधानी जरूर बरतें.