spiritual practice of sapt vartul tratak meditation से हम सभी परिचित है. सप्त वर्तुल त्राटक साधना का नाम पड़ा है सप्त वर्तुल यानि सात घेरे जो हमारे आत्मविश्वास के बढ़ने का प्रतिक होते है. दूसरे शब्दो में सप्त वर्तुल त्राटक का अभ्यास हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए होता है.
साथ ही हमारा आत्मविश्वास मजबूत कर अवचेतन मन को चेतन मन से जोड़ता है. sapt vartul tratak से हम subconscious mind activation कर सकते है.
वैसे तो ये त्राटक हमें बिंदु त्राटक साधना के बाद ही करनी चाहिए लेकिन अगर इसे निचे दिए गए तरीके से किया जाए तो tratak meditation में spiritual experience किये जा सकते है यही नहीं subconscious mind को हम मनचाहे तरीके से ढाल सकते है.
sapt vartul tratak यानि सप्त वर्तुल त्राटक को साधारण त्राटक से ऊपर माना गया है हालाँकि शक्ति प्राप्त करने के लिए त्राटक में इसका उल्लेख बहुत कम मिलता है पर चूँकि त्राटक के अभ्यास को सम्पूर्ण तरीके से पूरा करने के लिए हमें बिंदु त्राटक के बाद सप्त वर्तुल त्राटक साधना से गुजरना पड़ता है इसलिए इसका भी जिक्र करना आज की पोस्ट का उद्देश्य है.
अंतर्मन की यात्रा के लिए सप्त वर्तुल त्राटक की साधना उपयुक्त है बशर्ते इसे सही तरीके और धैर्य के साथ पूरा समय दिया जाये.
इस साधना के अभ्यास का मकसद आपके आत्मविश्वास को मजबूत करना होता है साथ ही त्राटक के आगे के सफ़र के लिए आपको तैयार करना है. आइये जानते है इस साधना के बारे में और ज्यादा विस्तार से.
Sapt vartul Tratak Meditation
seven spiral or sapt vartul tratak sadhna in hindi एक spiritual practice मानी जाती है क्यों की ये साधना आपके subconscious mind को ज्यादा affect करती है. Bindu tratak meditation से आप पहले ही भ्रम से निकल कर spiritual और शक्ति से भरे संसार को अलग नजरिये से देखने लगते है.
और बिंदु त्राटक से आप इतने ससक्त हो जाते है की आप आसानी से किसी भी अभ्यास को कर सके फिर चाहे वो candle tratak हो या फिर mirror tratak.
begining of tratak meditation में जो problem आती है उसका solution सिर्फ धैर्य के साथ किया गया बिंदु त्राटक का अभ्यास है. बिंदु त्राटक के बाद सप्त वर्तुल त्राटक किया जाता है. सप्त वर्तुल यानि 7 गोल घेरे.
जब बिंदु त्राटक अभ्यास पूर्ण हो जाता है तब उस बिंदु के चारो और एक एक कर सप्त वर्तुल पर अभ्यास किया जाता है.
इस अभ्यास से हमारा सुप्त अवचेतन मन जाग्रत होता है. और हम मन की गहराई में उतरते है. इस अभ्यास से हमारे सोचने समझने की क्षमता में वृद्धि होती है.
sapt vartul tratak त्राटक साधना का अभ्यास अधिकतर शक्ति अर्जन के उदेश्य से किया जाता है. vashikaran, subconscious mind activation, hypnotism, telekinesis, telepathy ये सब अभ्यास त्राटक ध्यान द्वारा संभव है जिसकी वजह से मैडिटेशन की तुलना में त्राटक को ज्यादा सहज और फायदेमंद माना जाता है.
त्राटक का अभ्यास करने वाले लोग सिर्फ एक महीने त्राटक के अभ्यास के जरिये वशीकरण का अभ्यास किया जा सकता है. telepathy यानि एक जगह बैठे बैठे ही दूर बैठे व्यक्ति से बात करना ये सब संभव है. ये चमत्कार नहीं है बल्कि हमारे अवचेतन मन की शक्ति है जो की सामान्य इन्सान में सुप्त अवस्था में है.
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Sapt vartul tratak meditation in hindi step by step guide
सप्त वर्तुल त्राटक का अभ्यास हमें बिंदु त्राटक के बाद करना चाहिए. पहले के अभ्यास में काम में लिया गया बोर्ड ले और एक-एक कर अभ्यास के साथ वर्तुल यानि गोलों की संख्या बढ़ाते रहना चाहिए.
- जब बिंदु त्राटक का अभ्यास करते हुए हमें 1 माह बीत जाता है. तब उसी बिंदु के चारो और एक गोल घेरा बनाये.
- घेरे की कुछ मोटाई होनी चाहिए. ताकि हमें यह घेरा स्पष्ट दिखे. अब अभ्यास करे. अभ्यास के दौरान पहले बिंदु पर सफ़ेद चमक या हमारा आत्मप्रकाश पड़ता है. फिर यह आत्मप्रकाश उस गोल घेरे को भी घेर लेता है जो बिंदु के चारो और है.
- sapt vartul tratak के दौरान जब पूर्ण रूप से आत्मप्रकाश बिंदु और गोल घेरे पर हो जाता है तब उस घेरे के चारो और सामान दूरी पर एक और घेरा बनाये इसी तरह अभ्यास जारी रखे और धीरे धीरे सप्त वर्तुल तक इसका अभ्यास करे. अब जब हम सप्त वर्तुल पर अभ्यास करते है तब हम पाते है की बिंदु और सप्त वर्तुल धीरे धीरे उस चमक में बदल रहे है.
- चमक में बदलने के अलावा बिंदु के साइज में कमी आती जाती है. इस दौरान subconscious mind activation process शुरू हो जाती है. हम अभ्यास में बैठे बैठे ही अपने आसपास की गतिविधि देखने लगते है.
- ये सब अनुभव बिलकुल वैसे ही होता है जैसे की Astral body travel experience का होना. धीरे धीरे हम वापस उस बिंदु को बढ़ता हुआ महसूस करते है. बिंदु के घटने और बढ़ने का सम्बन्ध हमारे अवचेतन मन के जाग्रत होने और चेतन मन के वापस जाग्रत होने से है.
इस अभ्यास से हमारा सबसे ज्यादा आत्मविश्वास बढ़ता है. अवचेतन मन से चेतन मन का जुड़ाव बनता है और सोचने समझने की क्षमता में अद्भुत विकास होता है. इस अभ्यास से हमारा सबसे ज्यादा आत्मविश्वास बढ़ता है. अवचेतन मन से चेतन मन का जुड़ाव बनता है और सोचने समझने की क्षमता में अद्भुत विकास होता है.
Benefit of seven spiral tratak meditation
सप्त वर्तुल त्राटक साधना एक और आध्यात्मिक संसार में हमारा परिचय कराती है वही दूसरी और हमारे subconscious mind को भी जाग्रत करती है. सप्त वर्तुल त्राटक एक के बाद एक वर्तुल बना कर अभ्यास किया जाता है अतः ये अभ्यास हमारे आत्मविश्वास को मजबूत बनाता है.
- sapt vartul tratak साधना हमें विचारो पर नियंत्रण रखना और खुद को शांत रखना सिखाती है.
- हम मस्तिष्क की क्षमता का सही इस्तेमाल कर पाते है.
- व्यक्तित्व विकास में भी त्राटक साधना का महत्वपूर्ण योगदान है.
- सप्त वर्तुल त्राटक से हम आसान और कठिन दोनों अभ्यास ( त्राटक ) आसानी से पूर्ण कर सकते है. क्यों की इसमें लंबे समय तक हमें एक विचार पर टिके रहना सिखने को मिलता है.
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sapt vartul tratak and subconscious mind
सप्त वर्तुल त्राटक के अभ्यास से अवचेतन मन प्रभावित होता है क्यों की हम अंतर की यात्रा करने लगते है. ये तो आप सब जानते है की विचारो की मात्रा पर जितना नियंत्रण होता है उतना ही अच्छा हम खुद को बनाते है. अवचेतन मन तक कोई विचार जाने से पहले चेतन मन तक बार बार गुजरता है.
इसी अभ्यास में हम एक विचार को घनीभूत कर उसे मजबूत बनाते है और लंबे समय तक Subconscious mind से जुड़े रहते है. ये सुनने में आता है की सप्त वर्तुल त्राटक करते वक़्त हम Astral travel भी कर लेते है. जिसमे हम एक जगह होते हुए दूसरी जगह उपस्थित होते है. दूर की घटनाये देखने यानि Remote view के भी example मिलते है.
हमेश याद रखे : sapt vartul tratak या ध्यान का कोई भी अभ्यास अकेले शुरू या ख़त्म नहीं होता है इन्हें अगर स्टेज में किया जाये तो इनके स्थायित्व की सम्भावना बढ़ जाती है.
सप्त वर्तुल त्राटक का अभ्यास करना खास क्यों है ?
अगर बात करे की त्राटक का अभ्यास इतना खास क्यों है तो आपको बता दे की त्राटक का अभ्यास बाह्य माध्यम के तौर पर हमारे दिमाग को गाइड करता है. त्राटक का अभ्यास करना जितना सहज और शक्तिशाली है उतना ही खतरनाक भी.
जबरदस्ती किया गया अभ्यास आपको मानसिक रूप से बीमार कर सकता है. इसकेmental illness के दुष्प्रभाव आपकी मानसिकता पर प्रभाव डाल सकते है.
हमारी आंखे बेहद सवेंदनशील अंग है और यही वजह है की गलत तरीके से किया गया अभ्यास इसे सबसे ज्यादा प्रभावित किया जाता है.
हमारे सोचने समझने की क्षमता को भी गुमराह किया जा सकता है क्यों की त्राटक के अभ्यास के बाद spiritual bypass की प्रॉब्लम हो सकती है. आध्यात्मिक उदासीनता की वजह से हम दुसरे लोगो से अलग हो जाते है और हमें लगता है की त्राटक का अभ्यास गलत तरीके से किया जा रहा है.
sapt vartul tratak का अभ्यास हमें मानसिक रूप से स्ट्रोंग बनाता है क्यों की हमारा दिमाग जब एक जगह फोकस होता है तब बार बार दिया गया सुझाव सीधे अवचेतन मन को प्रभावित करता है. हमारी आँखों से निकली रौशनी जब एक रे की तरह बोर्ड को कवर करती है तो हमारा दिमाग और ज्यादा एक्टिव हो जाता है.
seven spiral tratak meditation का अभ्यास हमें आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनाता है. जिन लोगो में आत्मविश्वास की कमी होती है उन्हें इसका अभ्यास करना चाहिए.
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Sapt Vartul Tratak meditation final word
sapt vartul tratak meditation in Hindi जितनी सरल और आसान है उतनी ही धैर्य के साथ इसे करना चाहिए. क्यों की अगर आपको लगता है की वर्तुल के घेरे को चमकीली रेखा द्वारा ढका जाना सम्पूर्णता की निशानी है तो आप गलत है.
इसमें सफलता तब मिलती है जब हम अभ्यास में सूक्ष्म अनुभव में चले जाये. यानि इस अभ्यास द्वारा हमारे आसपास की घटना का चित्रण हमारे मानस पटेल पर उभरने लगे.
ये बिलकुल वैसा है जैसे किसी फिल्म को देखना. इसलिए धैर्य के साथ साधना में पूरा वक़्त दे और जल्दबाजी ना करे. इससे आप इनकी शक्ति को लंबे वक़्त तक बनाये रखने में सक्षम होंगे.