Spiritual Illnesses and Soul loss जब जीने की इच्छा ना रहे तो खुद को हील करे


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क्या कभी आपने नोटिस किया है की जब भी आप किसी तरह के Spiritual Illnesses से गुजरते है तो वो आपके inner emotions and feelings की वजह से होता है.

आज इस आर्टिकल में हम concept of spiritual diseases और उसका हमारे लाइफ में कहा कितना असर पड़ता है इसके बारे में डिटेल से जानने वाले है.

समय समय पर हम कई Physical health challenge से गुजरते है. बचपन से लेकर जवानी और अंत तक हम बीमारी, दुर्घटना या फिर ऐसे ही अनेको दुःख और तकलीफ की स्थिति से गुजरते है.

सिर्फ यही नहीं अनेको ऐसी बीमारी है जो बाहरी तौर पर दिखाई भी नहीं देती है और समय के साथ जब उसके लक्षण सामने आते है तब तक काफी देर हो जाती है. समय के साथ हमारा शरीर कमजोरी का सामना करता है और अंत में सब कुछ नष्ट हो जाता है.

अगर आप Spiritual person है और सभी नियम को फॉलो करते है तब भी आपको इसका सामना करना ही पड़ेगा. बड़े बड़े सिद्ध संत और महात्मा ने भी दिव्य होने के बावजूद किसी न किसी तरह से बीमारी का सामना करते हुए भौतिक संसार का त्याग किया है.

तो क्या हम कुछ भी कर ले हम बीमारी और समय के साथ क्षरण को टाल नहीं सकते है ?

सबसे पहले तो आपको अपने inner emotions and feelings और इसका Spiritual Illnesses के साथ deep connection को समझना होगा.

Basic Reason of Unsuccess in Sadhna
Spiritual Illnesses

हमारे अंतर्मन और इमोशन में आ रहे बदलाव की हमें काफी कुछ संकेत दे देते है.

आपके इमोशन और फीलिंग किस तरह physical and spiritual well-being को प्रभावित करते है ये जानने के बाद आपके लिए अपने Emotional health को समझना आसान हो जायेगा.

अगर आपकी इमोशनल हेल्थ सही है तो आपके लिए किसी भी तरह की हीलिंग को अपनाना आसान हो जाता है.

Spiritual Illnesses in Hindi

हमारा शरीर एक आत्मा के अनेको समूह से मिलकर बना है. जब तक इनका आपस में अलाइनमेंट सही है आप खुद को फिजिकल और मेंटल फिट महसूस करते है.

इनके आपसी तालमेल में पैदा हुई गड़बड़ी की वजह से आप बीमारियों का सामना करते है. जब भी आप बीमार होने वाले होते है उसके कुछ समय पहले ही आपके इमोशन और फीलिंग में बदलाव आना शुरू हो जाता है.

मुख्य रूप से Spiritual Illnesses के लिए आपके कुछ इमोशन और फीलिंग को जिम्मेदार माना जाता है क्यों की इनमे होने वाला बदलाव आपके अंदर होने वाले दूसरे बदलाव ( बीमार, तनाव, चोट, दुर्घटना ) होने की वजह बनता है.

हीलिंग के जरिये आप खुद को ठीक कर सकते है लेकिन, सबसे पहले आपको उन वजहों का पता होना चाहिए जो ऐसी स्थिति पैदा करती है. आइये जानते है

Spiritual diseases की वजह और इसके परिणाम के बारे में.

Spiritual illness: Cause and effect

अगर हम Spiritual healing or shamanic healing के जरिये इसे समझे तो ज्यादातर बीमारियाँ हमारे ethereal, imaginative worlds से पैदा होती है. उदाहरण के लिए किसी बात को लेकर Overthinking करना और फिर ना चाहते हुए भी अनचाहे विचारो में फंस जाना.

कभी गौर किया है की जब एक के बाद एक लोग आपसे कहे की आपका चेहरा तो मुरझा गया है और बीमार लग रहे है तो आप खुद पर शक करने लगते है की कही आप बीमार तो नहीं पड़ने वाले है.

आपका शरीर कमजोर पड़ना शुरू हो जाता है और आप ना होते हुए भी बीमार पड़ जाते है.

इसकी वजह क्या थी ?

लोगो का कहना या आपका खुद पर शक करना ?

आपके विचार जैसे होंगे आप यूनिवर्स से वैसी ही एनर्जी को अपनी तरफ आकर्षित करते है. पॉजिटिव या नेगेटिव जैसी भी एनर्जी को आप आकर्षित करेंगे आपके मन में वैसी स्थिति पैदा होने लगेगी.

भौतिक बीमारियों का इलाज आप उपरी स्तर के संकेतो के आधार पर कर देते है लेकिन, Spiritual healing or shamanic healing में बीमारी की मुख्य वजह की पहचान की जाती है.

इसी वजह से धीरे धीरे साइंस सिर्फ मेडिकल पर फोकस रहने के अलावा आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ भी आकर्षित हो रहा है.

हीलिंग में हम The 3 causes of spiritual illnesses को समझेंगे.

Disharmony

Disharmony की स्थिति तब पैदा होती है जब आपकी लाइफ में कुछ छूटने लगता है. इस तरह का अनुभव आपके अन्दर deep sense of loss and emptiness को पैदा करता है.

अगर आप long-standing marriage को जी चुके है तो आप इस तरह की स्थिति में किसी तरह की Imperfections In Relationship को आने देने की बजाय अपने Experiences And Memories जो साथ में जी चुके है के जरिये रिश्ते को बैलेंस करते है.

अगर एक पार्टनर ना रहे तो दूसरा intense crisis की फीलिंग से भर जायेगा और इसकी वजह से उस पार्टनर को इतनी तकलीफ होगी की वो खुद को सबसे अलग कर लेगा.

Disharmony हमारी लाइफ में अचानक होने वाली उन स्थितियों का परिणाम है जो लाइफ को पूरी तरह बदल कर रख देती है.

आपकी लाइफ में इस तरह का बदलाव आप अचानक सहन नहीं कर पाते है या फिर बार बार ऐसी स्थिति में होने की वजह से आपका विश्वास ही खत्म होने लगता है.

यहाँ पर आप Connection Between Emotional Well-Being And Physical Health को बेहतर समझ सकते है.

Disharmony सिर्फ एक state of mind नहीं है बल्कि इसका हमारे फिजिकल बॉडी पर काफी गहरा प्रभाव पड़ता है.

लाइफ में बैलेंस स्थापित करने और हीलिंग के लिए इसके कारण की पहचान करना बेहद जरुरी है. Spiritual illnesses से बाहर आने के लिए holistic approach to healing का उपाय करना आपको बेहतर रिजल्ट देता है.

Fear and Its Effect on Spiritual Illnesses

आपका फियर Second Fundamental Cause Of Spiritual Diseases है जिसका आपके Emotional and Overall Well-Being पर काफी गहरा असर पड़ता है.

Chronic fear, a relentless and consuming emotion यानि बार बार कुछ होने की आशंका आपके अंदर बीमारी की संभावना को बढ़ा देती है. अगर आपका डर लगातार बना रहता है तो ये आपके Cornerstone of Health को प्रभावित करता है जो की आपके इमोशन से जुड़ी है.

जब आपके आधार के साथ गड़बड़ होती है तो ये आपके प्रतिरोधी प्रणाली को प्रभावित करता है और आपका बॉडी आने वाली स्थिति और बीमारी के लिए नाजुक हो जाता है.

ये सब प्रोसेस बार बार दोहराई जाती है और एक समय ऐसा आता है जब आप कण्ट्रोल खो देते है.

ये Connection Between Fear, Disharmony, And Illness कोई नया कांसेप्ट नहीं है. आपको इसके लिए The Psychological And Physiological Impacts Of Fear On Health के बारे में समझना होगा.

जब आप इसे समझेंगे तब आपको Emotional Well-Beling और Overall Health के बारे में समझने में हेल्प मिलेगी.

इसके लिए आप उन Holistic Approach To Healing का चुनाव कर सकते है जो ना सिर्फ आपके बॉडी को बल्कि दिमाग और आत्मा को भी पोषित करे.

जब आप इसकी गहराई में जायेंगे तो Spiritual Illnesses का सबसे बड़ा और तीसरा कारण Soul Loss सामने आयेगा.

Soul Loss

पुरातन संस्कृति में Soul Loss को हम Premature Death And Serious Physical Illnesses से जोड़कर देखते थे लेकिन, ये उससे भी कही ज्यादा है.

जब आप जीने की वजह खो देते है तब आप Soul Loss को समझते है. जब हम लाइफ में अलग अलग Traumatic Experiences से गुजरते है और इतना परेशान हो जाते है की हमारी लाइफ को जीने की इच्छा शक्ति ही ख़त्म होने लगे तो इसे आत्मा की क्षति कहा जाता है.

बार बार मिलने वाले ऐसे अनुभव हमें अन्दर से ख़त्म करते है और हम लाइफ को जीना भूल कर खुद को सबसे अलग कर लेते है.

सोल लोस के कई कारण हो सकते है जैसे की

  • बचपन में पेरेंट्स द्वारा अनदेखा करना, आपको अनचाहा मान लेना ( Black sheep of family ).
  • स्कूल या फिर पब्लिक प्लेस पर दूसरो द्वारा प्रताड़ित होना. ये स्थिति आगे चलकर Spiritual Illness की वजह बनती है.
  • जब आपकी पर्सनल सेफ्टी और ट्रस्ट के साथ खिलवाड़ किया जाता है तब आप सोल लोस को अनुभव करते है.

सोल लोस के लिए conventional medicine कोई प्रभावी समाधान नहीं है. आप Traumatic Experiences से बचाव के लिए जिन मेडिसिन का सहारा लेते है वे सिर्फ आपको कुछ समय तक ही इससे अलग कर पाती है इसका स्थायी समाधान नहीं.

इसकी पहचान करने और समाधान के लिए आपको traditional medical treatments के साथ साथ holistic approach of healing का सहारा लेना होगा.

इस तरह की हीलिंग में आपके लाइफ के पुराने तौर तरीके, आपके जीने का बेसिक अंदाज जो आपको अलग बनाता है और उन सभी इमोशन की रिकवरी शामिल है जो आपको लाइफ में आगे बढ़ने की एक वजह देती थी.

हीलिंग लेने से पहले आपको Symptoms of soul loss के बारे में जान लेना चाहिए. क्या आप भी ऐसे ही संकेतो से गुजर रहे है ?

Spiritual Illness and Symptoms of soul loss

Soul Loss एक ऐसी Spiritual condition है जिसकी आप निम्न संकेत पर पहचान कर सकते है.

  • खंडित महसूस करना : अधूरापन महसूस करना या कुछ छूट रहा है ऐसा अनुभव करना.
  • मेमोरी गैप : लाइफ के अहम् हिस्सों की यादों को भूलना.
  • प्यार जैसी भावना में चुनौती का सामना करना : दूसरो को देने और लेने में मुश्किल का सामना करना.
  • Emotional Detachment: दूसरो से अलग होने का अहसास होना और उसकी वजह से आपके आसपास रिश्तो का ख़राब होना.
  • जो चीजे पहले आपको खुशिया देती थी अब उनका होना ना होना आपके लिए कोई मायने नहीं रखता है.
  • किसी भी तरह की पहल करने की आपकी इच्छा ना होना. ये Spiritual Illness का सबसे बड़ा संकेत है.
  • लाइफ में जॉय की कमी का सामना करना.
  • लाइफ में क्या फैसला लेना है और क्या करना है इसका चुनाव करने में मुश्किल का सामना करना.
  • लाइफ को लेकर आपका नजरिया नकारात्मक बन जाना.
  • अपने हालात को ठीक करने में मुश्किल का सामना करना जिसकी वजह से आपको लगातार तनाव का सामना करना पड़ रहा है.

किसी भी holistic approach of healing को लेने से पहले इनकी पहचान करना आवश्यक है. इसमें न सिर्फ मेडिकल बल्कि spiritual and emotional healing भी शामिल है जो आपको रिकवर करने में हेल्प करेंगे.

Understanding Soul Loss and Its Symptoms in Spiritual Illness Final conclusion

सोल लोस का सबसे बड़ा कारण तनाव को माना जाता है. ये एक ऐसी कंडीशन है जो आज समाज में सबसे ज्यादा प्रभावी बन रही है. जब हम तनाव से भर जाते है तब हमारे लिए सबकुछ मुश्किल हो जाता है.

हम कुछ भी करने की कोशिश करे उसमे मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और इसकी वजह से हमारा खुद पर से भरोसा ख़त्म होने लगता है.

Spiritual Illness की वजह और तनाव को समझते हुए समय रहते हीलिंग ली जाए तो इससे बाहर निकला जा सकता है. इसकी पहचान कर हम सही समाधान कर सकते है.

ज्यादा जानकारी के लिए आप वेबसाइट पर इससे जुड़ी दूसरी पोस्ट पढ़ सकते है. अगर आप भी Spiritual Illness से गुजर रहे है तो यहाँ दिए गए टिप्स और हीलिंग के अलग अलग तरीको का चुनाव कर इससे बाहर निकल सकते है.

sign and symptoms of soul loss

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