नमस्कार दोस्तों body language knowledge in hindi यानि हमारे शरीर के हावभाव जो हमारे बाचचीत या मनोदशा के हिसाब से झलकते है। कहते है की इंसान का अगर सही आकलन करना है तो उसकी बातो की बजाय उसके हाव भाव को समझने की कोशिश करो आपको सच्चाई का पता चल जायेगा।
कई बार हम सामने वाले को समझने का प्रयत्न उसके बात करने के तरीके से करते है जबकि कम बोलने वाले लोग क्या कहना चाहते है ये समझना आपके लिए मुश्किल हो सकता है।
इसलिए secret of body language in hindi का महत्व समझना बहुत जरूरी है। ज्यादातर लड़के how to read a girl / women body language sign in hindi search करते है क्यों की अक्सर वो body language समझने में देर कर देते है जिसकी वजह से वो पीछे ही रह जाते है.
बॉडी लैंग्वेज का महत्व आप इस बात से ही लगा सकते है की कुछ लोग आपके हाव-भाव से ही पता लगा लेते है की आप झूठ बोल रहे है, कुछ लोग आपकी मनोदशा समझ लेते है जब की आप ऊपर से कुछ और ही दिखाने की भरपूर कोशिश करते है।
सबसे बड़ी बात इंटरव्यू में अगर सफलता पानी है तो आपको reading male / female body language पर भी बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है। तो सबसे पहले हम इसके महत्व को समझने की कोशिश करते है। इस विषय पर एक लंबी श्रृंखला चलने वाली है इसलिए कोई भी टॉपिक आप मिस मत करिएगा।
body language knowledge का महत्व
कई बार ऐसा होता है की कोई व्यक्ति बोल कुछ और होता है और उसके हावभाव कुछ और बयान करते है ऐसे में अगर शरीर की मुद्रा बोलने से मेल नहीं कहती है तो समझ ले की वो कुछ छुपा रहा है।
हम कुछ छुपा सकते है पर अपने हाव भाव को नहीं बदल सकते तब तक जब तक की हमें body language knowledge का पूरा ज्ञान ना हो। बॉडी लैंग्वेज हमें ये समझने में मदद करता है की जो हो रहा है वो सही या नहीं।
मानवीय हाव भाव की भाषा का इतिहास
सुनने में अविश्वसनीय लग सकता है पर इसका इतिहास मनुष्य के बोलने से पहले का है। बॉडी लैंग्वेज पर पहली बार सक्रीय अध्ययन 1960 के दशक से हुआ है और 1970 में पहली बार इस पर किताब लिखी गई।
अशाब्दिक संप्रेषण यानि बॉडी लैंग्वेज द्वारा बात समझने के लिए charlie champlin का नाम सबसे ज्यादा याद किया जाता है। body language knowledge का सबसे खास और मजेदार फैक्ट ये है की :
किसी भी सन्देश का असर केवल 7 प्रतिशत शाब्दिक ( केवल शब्दो पर निर्भर ) होता है और वाणी का का असर 38 प्रतिशत तक होता है लेकिन 53 प्रतिशत प्रभाव अशाब्दिक होता है।
एक आम आदमी शब्दो के माध्यम से कुल मिला कर 10-12 मिनट तक ही बोलता है और एक औसत वाक्य बोलने में लगभग 2.5 सेकंड का समय लगता है।
आमने सामने की बातचित में शाब्दिक पहलु 35 प्रतिशत से भी कम होता है और संप्रेषण में 65 प्रतिशत से भी ज्यादा हिस्सा अशाब्दिक होता है।
अनुभूतिक्षमता, अन्तर्बोध और सटीक अनुमान
क्या कभी किसी से बात करते हुए आपको लगा है की सामने वाला झूठ बोल रहा है। यदि हाँ तो समझ लीजिये आपके अनुभूति द्वारा अपने उसके body language knowledge को समझ कर ये निष्कर्ष निकाला है। जब कोई व्यक्ति शब्दो के तालमेल के साथ शरीर के हाव भाव को समझ लेता है वही इसे सही तरह समझ सकता है। जैसे की
- अगर श्रोता अपनी कुर्सी पर पीछे की और टिककर बैठा है, उनकी ठुड्डी झुकी हुई है और अपने सीने के सामने हाथ बांध कर बैठे है तो समझ ले की आपकी बात उन तक पहुच तो रही है पर अंदर नहीं पहुँच रही है। ऐसे मौके पर वो अपने बोलने की शैली को बदल लेगा और श्रोता की मुद्रा भी बदल जाएगी।
- महिलाओ की अनुभूति क्षमता और अन्तर्बोध की क्षमता पुरुषो की तुलना में ज्यादा होती है। वो अशाब्दिक पहलुओ से आपका झूठ पकड़ लेती है।
जन्मजात अनुवांशिक और सीखे हुए सांस्कृतिक संकेत
हमारे जीवन में कई ऐसी मुद्रा और हाव भाव ऐसे होते है जो हमें जन्मजात या अनुवांशिक होते है। जैसे जन्म से अंधे और मूक बाधिर बच्चो का मुस्कुराना या फिर अपने दोनों हाथ को सीने के ऊपर रखना जिसका मतलब आप समझते है की आप आरामदायक महसूस कर रहे है जबकि हाव भाव की ये मुद्रा दर्शाती है.
आपके असहज होने को। या फिर जब पुरुष कोट पहनते है तब पहले दांया हाथ अंदर डालते है जबकि महिलाये बांया ये सब जन्मजात मुद्राए है।
body language knowledge का महत्व-मूल बाते और उनका उद्गम
हम अगर किसी से सहमत होते है तब बोलने की बजाय सर हिला कर सहमति जताते है या फिर जब गुस्सा होते है तब हमारी नाक फूल जाती है ये सब मूल बाते बॉडी लैंग्वेज को अच्छे से समझ सकने में मदद करती है। जब हम किसी की बात को समझ नहीं पा रहे होते है तब कंधा झटकाने लगते है ये एक बहुल मुद्रा है जिसमे खुली हुई हथेली, झुके हुए कंधे और उठी हुई भ्रकुटी है।
जिस तरह शाब्दिक भाषा जगह के हिसाब से अलग होती है वैसे ही अशाब्दिक भाषा भी अलग हो सकती है क्यों की ये सब भी कही न कही किसी न किसी रूप में उद्गम से जुड़ी है।
body language knowledge समझने में ना करे ये भूल
कई बार हम शरीर की दूसरी मुद्राओ को समझे बगैर ही एक मुद्रा से आकलन करने लगते है जो सबसे बड़ी भूल हो सकती है। जैसे सर खुजलाने के कई अर्थ हो सकते है जुए, पिस्सू, पसीना या अनिश्चितता या फिर झूठ बोलना ऐसे में उस समय के दूसरे हावभाव को समझे बगैर हम इसका सही मतलब पता नहीं कर सकते है।
मुद्राये ‘वाक्यो’ में आती है और किसी भी व्यक्ति के भावनाओ या नजरिये के बारे में हमेशा सच बताती है इसलिए अनुभूतिक्षम व्यक्ति वह होता है जो अशाब्दिक वाक्यो को पढ़ सकता है और किसी आदमी द्वारा बोले गए शाब्दिक वाक्य के साथ उसकी तुलना कर सकता है। ये सब बॉडी लैंग्वेज का महत्व समझने के लिए काफी है।
1.) बॉडी लैंग्वेज में तालमेल
अगर आप किसी से बात करते है और उस वक़्त उसके हाथ ठुड्डी पर हो यानि सोचने की मुद्रा में ऐसे वक़्त में आप उससे पूछे की वो आपकी बात से सहमत है क्या ? अगर वह ना कर दे तो समझ ले की वो सही कह रहा है,
क्यों की शाब्दिक और अशाब्दिक मुद्राये मेल खा रही है और अगर वो कहे की हां वो सहमत है तो वो झूठ बोल रहा है क्यों की दोनों मेल नहीं खाते है। अनुभवी लोग ज्यादातर अशाब्दिक सन्देश पर ही ज्यादा भरोसा करते है। क्यों की ये बोलने की बजाय 5 गुना ज्यादा प्रभावी होते है।
एक अन्य उदाहरण में एक महिला जो दूसरी महिला को बताती है की वो अपनी शादी से बेहद खुश है और अपनी अंगूठी को निकाल चढ़ा रही थी दूसरी महिला को सच्चाई समझते देर नहीं लगी की वो शादी से खुश नहीं है। बॉडी लैंग्वेज का महत्व हमें ये समझने में मदद करता है की सामने वाला कितना झूठ कितना सच बोल रहा है।
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2.) body language knowledge और मुद्रा की पृष्ठभूमि
मुद्रा समूहों को खोजने और भाषा तथा देह गतिविधि के तालमेल के अलावा हमें इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए की पृष्ठभूमि के हिसाब से ही अवलोकन किया जाये।
जैसे कि अगर बस स्टैंड पर है और हाथ पैर बांध कर खड़ा है साथ ही मौषम ठंडा हो तो हो सकता है की उसे ठंड लग रही हो ना की यह की वो सुरक्षात्मक मुद्रा में है।
3.) विश्लेषण को प्रभावित करने वाले दूसरे तत्व
शारीरिक कमिया बॉडी लैंग्वेज पर बुराप्रभाव डालती है जैसे की किसी व्यक्ति को अगर आर्थ्राइटिस है तो वह मरी हुई मछली ( हाथ मिलाने की मुद्रा ) की तरह हाथ मिलाता है और लोग समझते है की वो कमजोर चरित्र वाला इंसान है जबकि वो सिर्फ दर्द से बचने के लिए ऐसा करता है। अगर आपको ज्यादा से ज्यादा लोगो के मन की बात को जानना है तो आपको बॉडी लैंग्वेज का महत्व समझना पड़ेगा।
4.) स्टेटस और शक्ति
अक्सर छोटे बच्चे या किशोर अपने झूठ को बचाने के लिए मुह पर हाथ रख लेते है। हालाँकि वो कुछ बोलते नहीं पर आप समझ जाते है की वो झूठ बोल रहा है। या फिर अगर कोई आपसे बात करते समय ठुड्डी पर हाथ चलाता है या फिर मुह पर हाथ ढकने की कोशिश करता है तो असल में वो झूठ बोलता है जबकि वो सामान्य तौर पर लगता है की वो कुछ सोच रहा है।
छोटे बच्चे अक्सर झूठ बोलते वक़्त ऐसी मुद्राए बना लेते है जो उनके झूठ को साफ जाहिर कर देती है। ऐसा इसलिए क्यों की उन्हें लगता है की मुह बंद कर लेने से उनका झूठ बाहर नहीं आएगा।
या फिर अगर किसी बच्चे को किसी का साथ पसंद नहीं आता है तो वो उसे हाथो से दूर हटाने की कोशिश करने लगता है जबकि वो बोलता बहुत कम है। आप उनके इन हाव भाव से ही उनके मन की गतिविधि का आसानी से पता लगा सकते है।
body language knowledge का महत्व और सफलता से झूठ कैसे बोले
असल में देखा जाये तो body language knowledge हमारे अवचेतन मन की रचना है यानि हम चेतना से जो बोलते है अवचेतन मन उसके अनुसार हमारे हाव भाव बनाता है जब की उसे सच झूट को छिपाने या जाहिर करने में फर्क पता नहीं होता है। इस वजह से हम बोलते वक़्त कितना भी सच बोलने का दिखावा क्यों ना कर ले हमारा शरीर ऐसे हावभाव बनाने लगता है जो झूठ की इशारा करते है। इसलिए सफलता से झूठ बोलने के 2 ही तरीके है
- पहला आप उन मुद्राओ का अभ्यास कर ले जो सही लगे लेकिन ऐसा तभी संभव है जब आप लंबे समय तक झूठ बोलने का असंख्य बार अभ्यास कर ले।
- दूसरा तरीका है अपने ज्यादातर हाव भाव को समाप्त कर लेना जिनसे उसे बोलते वक़्त सकारात्मक या नकारात्मक मुद्राओ का इस्तेमाल ही नहीं करना पड़े।
सफलतापूर्वक झूठ बोलने के लिए आपको अपने शरीर को छिपाने की जरूरत पड़ती है। क्यों की हम कितना भी अभ्यास कर ले कुछ सूक्ष्म मुद्राये फिर भी दिखाई दे जाती है जैसे पुतलियों का फड़कना और पसीना आना।
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body language knowledge कैसे सीखे
body language knowledge सिखने के लिए दिन के कम से कम 15 मिनट आपको सचेतन रूप से जागरूक बन कर इसे समझने की जरुरत है। इस काम के लिए सबसे बढ़िया जगह वह है जहा पर ज्यादा से ज्यादा लोग मिलते हो। हवाई अड्डा सबसे अच्छा स्थान है जहा पर लोग खुलेआम अपनी भावनाओ को गुस्से, इंतजार और उत्सुकता से जाहिर करते है।
बॉडी लैंग्वेज की लंबी श्रृंखला की ये बेसिक पोस्ट थी जिसमे आपने कुछ बेसिक बाते समझी है। ये सभी बाते विस्तार से आप एलन पीज की पुस्तक में सीख सकते है। निचे दिए गए लिंक से आप इसे खरीद सकते है क्यों की सफलता के लिए ये पुस्तक बड़े मायने रखती है।
आज की पोस्ट हमें बॉडी लैंग्वेज का महत्व बताती है की किस तरह हम बिना बोले दुसरो के मन की बात कैसे समझ सकते है। अगर पोस्ट अच्छी लगे तो शेयर करना ना भूले और हमें सब्सक्राइब जरूर करे।
Body language ke aadmi k savbhav or vavhar ka pta chalta h aap ne kaafi acche tarike se samajyi h sakriya keep posting……………………….
बहुत ही अच्छी जानकारी दी आपने
achi jaankari di aapne
Bahut achhi jankari di aapne
thanks for article
thanks for information about body language in hindi