दिनभर में हम कई ऐसे unwanted impulses or urges से गुजरते है जो हमारे लिए सही नहीं होते है. हम इस तरह के thoughts को channel करने की कोशिश करते है क्यों की हमें difference between acceptable or unacceptable behaviors के बीच का फर्क हमें ऐसा करने को मजबूर करता है.
एक ऐसा thoughts, feeling या emotion जो socially unacceptable है उसे Defense Mechanism of Sublimation के जरिये ऐसे emotion या feeling में बदला जाता है जो acceptable होता है.
यहाँ पर बदलता क्या है ? क्या हमारे feeling, thoughts या फिर emotion बदले है ? नहीं बदला है सिर्फ वो जरिया. इस तरह का डिफेन्स मैकेनिज्म हमें ऐसे तरीके पर ले जाते है जहाँ हम अपने emotion को express भी कर सकते है और उसका की विरोध भी नहीं होता है.
ये एक ऐसी process है जिसमे unwanted impulses को उन less harmful and often even helpful process में बदला जाता है जो की नुकसान की जगह फायदा देती है और स्वीकार करने लायक होती है.
Concept of sublimation को Sigmund Freud’s psychoanalytic theory से लिया गया है.
इसके अनुसार ये एक ऐसा unconscious psychological defense है जो anxiety को कम करता है जिसकी वजह से नुकसान होने की सम्भावना बनी रहती है.
यहाँ पर three components of personality के बारे में बताया गया है यानि the id, the ego, and the superego जिसमे हम अपने emotion को कैसे serve करते है से लेकर channel करने तक के बारे में समझाया गया है.
आइये आज की पोस्ट में हम बात करते है ऐसे एक defense mechanism के बारे में जिसे अगर सही तरीके से अपना लिया जाए तो लाइफ में आगे बढ़ा जा सकता है वही गलत तरीके से किया गया इस्तेमाल हमें निचे ले जाता है.
Defense Mechanism of Sublimation in Hindi
ये एक ऐसा defense mechanism है जिसमे हम socially unacceptable impulses or idealizations को unconsciously ऐसे idealizations में transform कर लेते है जिन्हें society आसानी से acceptable actions or behavior की तरह देखती हो.
आमतौर पर defense mechanism of ‘sublimation’ आपकी feeling, emotion का transformation है जिन्हें अगर आप direct way में करते है तो आप गलत है लेकिन Indirectly करते है तो गलत नहीं है.
इसे आप आसानी से ऐसे समझ सकते है की आप जो करना चाहते थे वो आप नहीं कर पाए क्यों की समाज इसे गलत मानता है लेकिन आप अपने बेटे या बेटी को वही सब करने दे रहे है जो आपकी इच्छा थी.
एक तरह से आप अपनी feeling को उनमे जी रहे है. इस तरह का Defense Mechanism of Sublimation कई मायने में आपको अलग ले जाता है.
Three components of personality
- The id: हमारे behavior को ड्राइव करने के लिए जिस energy की जरुरत होती है the id वही पहली form होती है. ये primitive and basic, composed होती है जहाँ से सभी urges and desires जिन्हें socially unacceptable माना जाता है.
- The ego: childhood के बाद इसका जन्म होता है और ये हमारी personality का ही एक भाग होता है. इसका काम demands of reality को पूरा करना है. हमारा ईगो किसी भी डिजायर पर एक्ट करने की बजाय उसे पूरा करने के लिए उन तरीको पर जोर देता है जो realistic होते है.
- The superego: सुपर ईगो अपने अन्दर the morals, rules, standards, and values जैसे गुण समाए हुए होता है जिन्हें हम अपने Parents and culture से सीखते है. सुपर ईगो की वजह से हम अपने मोरल के अनुसार काम करते है और उन रास्तो का चुनाव करते है जो acceptable है.
Sublimation वास्तव में हमारे ईगो की वजह से पैदा होने वाले stress and anxiety को कम करने का एक जरिया है. इसके जरिये negative and unacceptable impulses को positive and socially acceptable impulse में channeling किया जाता है.
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केस स्टडी
मोहिनी एक विधवा औरत है अपनी उम्र पड़ाव में उसका मन कभी भी किसी पराए पुरुष की तरफ आकर्षित नहीं हुआ. उसका प्यार हमेशा अपने पति की प्रति समर्पित रहा और समय के साथ उसके एक बेटी हुई.
उसका पूरा ध्यान अपने बेटी की परवरिश में रहा लेकिन जब उसकी मुलाकात अपनी बेटी के Boyfriend से हुई तब पहली बार उसने एक young man के प्रति खुद को attract होते हुए पाया.
अगर वो इन feeling को किसी के साथ share करती तो ये गलत होता इसलिए unacceptable feelings को motherly feelings में unconsciously transforms कर लिया जिससे की उसे एक young man का साथ भी मिला और कुछ गलत भी नहीं लगा.
उसकी ये feeling society में acceptable थी क्यों की वो ये सब एक माँ की तरह कर रही थी.
अब मोहिनी अपने बेटी के boyfriend पर मेहरबान हो चुकी थी तो वो उसकी education का खर्च उठाने लगी, अपनी बेटी और उसे दोनों को मूवी दिखाने डिनर करने के बहाने बाहर ले जाने लगी. यहाँ तक की अगर उसकी बेटी और Boyfriend में लड़ाई भी हो जाती थी तो वो उस लड़के का ही पक्ष लेकर लड़ाई को ख़त्म करती थी.
समाज की नजर में वो ये सब एक माँ की तरह कर रही थी लेकिन दूसरी तरफ वो उस जवान लड़के के नजदीक रहने के हर बहाने को अच्छे से पूरा कर रही थी.
इस तरह की feeling को उम्र का इस पड़ाव में महसूस करना मोहिनी की initial impulse थी जिन्हें वो लम्बे समय से दबाती आ रही थी.
हम अपनी कई भावनाओं को सिर्फ इसलिए दबा देते है क्यों की समाज में स्वीकार नहीं की जा सकती है. आगे चलकर ये भावनाए कोई जरिया खोजती है और बदले हुए जरिये में पूरी होती है.
How does Defense Mechanism of Sublimation work?
जब कोई इस तरह के thoughts, feelings and emotions को फेस करता है जो societal norms के साथ conflict करते है तो anxiety, stress or guilt in the system जैसी स्थिति पैदा होती है.
अब जब ये हमारे society के against the moral values होती है हमारा Subconscious mind कोई ऐसा सुरक्षित जरिया खोजता है जहाँ हम अपनी feeling को execute कर सकते है और ये गलत नजरिये से लिया भी न जाए.
इस तरह के same thoughts, feelings, emotions जो एक socially acceptable manner में execute होते है आपके stress / anxiety / guilt को reduce करते है और आप अपनी भावनाओं को किसी न किसी माध्यम से दूसरो के सामने रख पाते है. ये सब हमारे unconscious level पर होता है इसलिए ज्यादातर हमें खुद पता नही होता है की हम ये सब कर रहे है.
Day life example of Sublimation
एक व्यक्ति जिसके अन्दर suppressed anger बहुत ज्यादा मात्रा में है लेकिन वो किसी पर निकाल नहीं सकता है क्यों की ये समाज में गलत सन्देश देगा, वही वो व्यक्ति professional wrestler बन जाता है जो की अब जब चाहे अपना गुस्सा सामने वाले wrestler पर निकाल सकता है.
व्यक्ति के अन्दर emotion, feeling same थी लेकिन पहले नजरिये में समाज उसे स्वीकार नहीं कर रहा था जबकि दूसरे नजरिये में वो acceptable था.
हमारे डेली लाइफ में ऐसे कई example निकल कर सामने आते है जब हम किसी काम को नहीं कर पाते है तो उसे पूरा करने के लिए alternate way की तलाश करते है. पहले नजरिये में हमारा काम गलत समझा जा सकता था लेकिन दूसरे तरीके से किया गया काम सही नजरिये की तरह देखा गया.
कानून में जिस तरह Illegal काम को भी लीगल बनाने के लिए तरीके अपनाए जाते है उसी तरह हम Defense Mechanism of Sublimation के जरिये अपनी उन feeling को लीगल बना लेते है जिन्हें शायद सामने से किया जाए तो समाज की नजर में गलत होता.
Displacement vs Sublimation
अगर इसे डिटेल से देखे तो Displacement और Sublimation दोनों में कई सारी बाते common है जैसे की इनका Working base और तरीके. दोनों में ही हम एक जगह गलत होते है वही दूसरी जगह सही हो जाते है. ये सब हमारे अधिकार क्षेत्र के बदलने के साथ बदलता रहता है.
हम अपने emotion, feeling, thoughts को constructive and socially acceptable way में सामने रखते है ना की destructive activity की तरह ताकि इन्हें स्वीकार किया जा सके बगैर किसी विरोध के.
Defense Mechanism of Sublimation के तरह ही Displacement में आपने पहले Published article में पढ़ ही लिया होगा की किस तरह अपने बॉस से मिली डांट का गुस्सा अपने family member पर निकालते है.
यहाँ पर व्यक्ति का गुस्सा अपने family member के लिए destructive होता है क्यों की वो अपने बॉस पर गुस्सा नहीं निकाल सकता है. आगे चलकर यही गुस्सा उनके Family relationship के लिए खतरनाक और दरार डालने वाला बन जाता है.
वही दूसरी और Sublimation में भी same एक्टिविटी होती है लेकिन इसका behavior, Displacement की तुलना में social / moral level पर ज्यादा acceptable होता है. इसका एक उदाहरण आपने मोहिनी का देख लिया होगा.
Sublimation: in day to day life
हम दिनभर में ऐसे कई कंडीशन से गुजरते है जिसमे Defense Mechanism of Sublimation का इस्तेमाल करते है और हमें इसका अहसास भी नहीं होता है. एक उदाहरण में एक लड़का अपने पिता से बहुत ज्यादा गुस्से में होता है लेकिन वो अपना गुस्सा निकाल नहीं पाता है.
अब वो violent video games खेलना शुरू कर देता है. यहाँ पर original feeling of anger को express करने के लिए उसे एक माध्यम मिल चूका था.
अब जब तक वो गेम खेलता है उसका गुस्सा खेल में express हो जाता है लेकिन तब क्या जब उसे खेलने को न मिले ?
यहाँ पर स्थिति में complications पैदा होना शुरू हो जाता है. जिस लड़के का गुस्सा विडियो गेम में निकलता था उसका असर अब रियल लाइफ में देखने को मिलने लगा है.
इसी तरह की स्थिति में जब मोहिनी की बेटी अपने माँ के interfere को लेकर आवाज उठाने लगे तो हो सकता है की इसका mother-daughter relationship पर negative effect पड़े और रिश्ते में दरार आना शुरू हो जाए.
किसी भी तरह के defense mechanism की तरह short run Sublimation में एक वजह मिलती है की हम अपने feeling, emotion and thoughts को किसी और तरीके से express कर सकते है लेकिन long run में ये हमेशा complications पैदा करता है.
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Therapists Niche: Working with Clients
आपको मालूम होना चाहिए की Defense Mechanism of Sublimation हमारे unconscious level of thinking पर बनता है जिसकी वजह से हम अक्सर हमारी true feeling and protection barrier के बीच फर्क नहीं कर पाते है.
इसकी वजह हमारा दोनों ही तरह की स्थिति यानि true feeling and anxiety, guilt or helplessness को एक साथ हैंडल नहीं कर पाते है.
इस स्थिति में Therapists को Potential Problems का सामना करना पड़ता है. ज्यादातर therapies & coaching sessions के दौरान क्लाइंट्स अपने sublimated feelings को बाहर आने से रोकते है. ऐसा लगता है मानो वे इसके बारे में खुलकर बात ही नहीं करना चाहते है.
इस तरह के मामले में confrontational approach का इस्तेमाल किया जाता है ताकि इस तरह के resistance को break किया जा सके.
यहाँ पर acknowledgement of true feelings के confrontation को जोड़ा जाता है ताकि किसी तरह का defense mechanism न बने और नुकसान भी ना हो.
Recommended Steps to work
जब हम इस तरह के स्टेप में आगे बढ़ने लगते है confrontation की बजाय कुछ ऐसे approach को शामिल किया जाता है जिसमे ज्यादा true feeling हो. इसके साथ ही एक necessary framework भी तैयार किया जाता है ताकि क्लाइंट को true feelings के बारे में मालूम होने के बाद वो खुद को लेकर ज्यादा ही हार्ड ना बन जाए.
इसके लिए NLP meta model के साथ supportive & comforting tone & body language का इस्तेमाल कर सेशन को और भी बेहतर बनाया जा सकता है.
अगर ये काम न करे तो Different techniques from Hypnosis के जरिये भी unconscious feelings along with the reasons for the same का पता लगाने की कोशिश की जाती है.
इससे क्लाइंट में deeper understanding पैदा होती है और अपनी परेशानी को जानने के बाद उससे कैसे cope करना है इसके बारे में भी बेहतर समझ develop होती है.
अगर आप खुद एक therapist की तैयारी कर रहे है तो आपको Cognitive Hypnotic Psychotherapist के बारे में जानना चाहिए. इस तरह के केस में ये स्थिति आपकी बेहतर मदद कर सकती है.
Psychotherapy के different approaches जैसे की cognitive, behavioral, psycho-dynamics and humanistic के साथ साथ techniques from Hypnosis, NLP, Metaphor therapy and Mindfulness को मिला दिया जाए तो Defense Mechanism of Sublimation को समझने में मदद तो मिलती है साथ एक deep understanding भी develop की जा सकती है.
How Can Sublimation Influence Your Life
वैसे तो Defense Mechanism of Sublimation को healthy and mature way of dealing with urges माना जाता है क्यों की undesirable or unacceptable urges को भी लीगल तरीके से acceptable बनाता है.
हमारा defence mechanism एक तरह से energy को channel करने का काम करता है जो हमारे लिए beneficial होता है.
अगर सही तरीके से इसका प्रयोग किया जाए तो positive effect हमारे health and wellness पर देखा जा सकता है. अगर हमारे अंदर किसी तरह की negative feelings है और इस तरह से हम उसे defense करते है तो ये हमारे लिए गलत साबित हो सकता है.
ज्यादातर कंडीशन में हम इसके बारे में unaware होते है. Negative emotion and the behavior के बीच कोई direct correlation नहीं होता है.
benefit of defense mechanism in daily life
ऐसे कई Defense Mechanism of Sublimation benefits है जिन्हें डेली लाइफ में शामिल किया जाए तो लाइफ को deeper understanding के जरिये बेहतर बनाया जा सकता है. कुछ बेनिफिट निम्न है.
- खुद को गलत कामो में आगे बढ़ने से रोकना.
- energy को channeling कर सही कामो में लगाना.
- उन जगहों पर focus करना जो हमें आगे ले जा सकती है ना की निचे.
- stress and anxiety को कम करना.
- उन morals and value को आगे ले जाना जो हम culture and parents से सीखते है.
- Anger displacement के जरिये खुद को subconscious mind level पर program करना.
देखा जाए तो अगर सही तरीके से इसका इस्तेमाल किया जाए तो कई फायदे हासिल किये जा सकते है वही negative way में आगे बढे तो नुकसान भी है. ये पूरी तरह से हम पर निर्भर है की हम किस तरह इसका इस्तेमाल करते है.
How to use Defense Mechanism of Sublimation as a strength final word
Sublimation को हम Powerful influence on behavior की तरह इस्तेमाल कर सकते है.
ये एक ऐसा mechanism है जिसके बारे में हम ज्यादातर समय unaware होते है. ये जानते हुए भी की ये सब subconscious level पर हो रहा है हम inspiration लेकर अपने emotion, thoughts and feeling को एक नई डायरेक्शन दे सकते है.
किसी भी तरह के defense mechanism की तरह इसके भी healthy and productive behaviors के साथ साथ negative harmful effect भी देखे जा सकते है.
अगर आपको लगता है की आप भी दिनभर में कई जगह पर जाने अनजाने Defense Mechanism of Sublimation के जरिये खुद को बदल रहे है तो हमें कम्मेंट के माध्यम से जरुर बताए. आप इस defense को कैसे cope करते है बताना ना भूले.