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Home Persoanl development

negative thoughts के जरिये सीखे खुद को positive बनाने के simple effective tips hindi में

by Spiritual Shine
December 20, 2022
in Persoanl development
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learn from negative thoughts क्या ये संभव है ? ऐसा कैसे हो सकता है की हम अपने negative thoughts से भी कुछ सीख सकते है और from negativity to positivity को संभव कर सकते है.

नकारात्मक विचार हमें सबसे ज्यादा परेशान करते है लेकिन हम अगर उन पर अपने प्रतिक्रिया देने के तरीके में बदलाव ला सके तो खुद को negative होने से बचा सकते है साथ ही positive बन कर लोगो को भी प्रेरित कर सकते है.

अगर आपके आसपास के लोग आपकी negativity की problem की वजह से आपसे दुरिया बना रहे है तो mind programming के इन simple steps in hindi के जरिये आप भी लोगो को फिर से अपना बना सकते है.

learn from negative thoughts in hindi

दोस्तों mind programming का ही एक part है जो हम सोचते है उसके तरीको में बदलाव लाना. इसके जरिये हम ना सिर्फ उन पॉइंट्स को पहचान सकते है जो हमें कमजोर करती है और negative बनाती है बल्कि positive बनने के संभावित option की भी पहचान करती है.

आप सबने सुना ही होगा की “अगर बीते कल में जाना संभव हो पाता तो हम अपनी सभी गलतिया सुधार सकते है” हमारा mind programming गलतियों को सुधार तो नहीं सकता है लेकिन उसकी वजह को दूर कर उसे दोबारा होने से जरुर रोक सकता है.

आइये जानते है उन महत्वपूर्ण tips और बदलाव के बारे में जो आपके from negative to positive बनने के सफ़र के लिए बेहद जरुरी है.

learn from negative thoughts in hindi

क्या हम negative thoughts से भी कुछ सीख सकते है ? ये believe कर पाना थोडा मुश्किल होगा क्यों की जब भी हम अनचाहे या नकारात्मक विचारो की ओर attract होते है हम खुद को और ज्यादा negative बना लेते है.

अगर negative thoughts का हम पर यही असर पड़ता है तो हम इनसे कुछ कैसे सीख सकते है ?

आज हम बात करने वाले है कुछ ऐसे point पर जिनकी वजह से हम सही में learn from negative thoughts को possible बना सकते है.

चलिए जानते है की आखिर कैसे हम बिना किसी negativity में उलझे अपने अनचाहे और नकारात्मक विचारो से भी कुछ सीख सकते है.

emotion को observe करे पर उन्हें judge ना करे

human psychology के according हम negative thoughts पर बहुत जल्दी फोकस हो जाते है, ये तेजी से mind में जगह बनाते है और हम अगर कुछ देर इनके बारे में सोचे तो इनमे फंस कर रह जाते है.

for example अगर हम किसी negative या गलत चीज के बारे में सोचे जो हमारे साथ हो सकती है तो एक के बाद एक विचारो की बाढ़ आने लगती है जबकि positive thoughts में ऐसा नहीं होता है. यही वजह है की हम जितना भी चाहे positive सोचे लेकिन एक negative thoughts की वजह से सब बदल जाता है.

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इसकी मुख्य वजह है emotion को judge करना, हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है इसलिए जब भी हम किसी विचार के बारे में सोचते है तो उसके परिणाम निकलने शुरू हो जाते है अगर हम उन परिणाम में से किसी एक को पकड़ ले और सोचना शुरू कर दे तो फिर उसमे भी नए रिजल्ट निकलने शुरू हो जाते है.

ये एक chain reaction of thoughts की तरह चलना शुरू हो जाता है.

इसलिए अगर किसी भी अनचाहे विचार से बचना है तो किसी भी विचार यानि thought पर एक हद तक ही judge करे जब लगे की negative thoughts बढ़ रहे है तो इसे सिर्फ observe करे ना की judge और आप पाएंगे की धीरे धीरे सब negative thought ख़त्म होने लगे है.

यही प्रक्रिया ध्यान में सफलता दिलाने की महत्वपूर्ण कड़ी है, जब भी हम ध्यान में उतरते है, मस्तिष्क और शरीर के नयी स्टेट में पहुँचने की वजह से एक बदलाव आता है और हमारा मस्तिष्क उस पर प्रतिक्रिया करना शुरू कर देता है जिसकी वजह से सफलता नहीं मिलती है.

इसीलिए जब भी हम ध्यान करते है तो हमें सिर्फ observe पर focus करने पर जोर देना होता है ना की अनुभव को judge करने पर.

emotion के पीछे के thought को नोटिस करना

हर emotion के पीछे कोई न कोई thought होता है. आप भी उन विचारो को कण्ट्रोल कर सकते है सिर्फ एक चीज से और वो है ऐसे thoughts पर question करना. हम गुस्सा हो रहे है क्यों ?

जब आप ऐसा खुद से सवाल करेंगे तो वो thoughts सामने आएंगे और सामने आयेगी उनसे जुड़ी feeling जो हमे ऐसा करने पर मजबूर करती है.

अक्सर ऐसा होता है की हम किसी के बारे में सिर्फ सुन कर भी पूर्वानुमान कर लेते है और फिर हम चाह कर भी उस person के प्रति खुद के विचार बदल नहीं पाते है.

इस तरह के सवाल करने से पहले आप कभी भी गुस्सा हो जाते थे लेकिन आपको क्लियर ये पता नहीं था की ऐसा क्यों होता है, क्या वाकई आपका गुस्सा होना सही था ? क्यों की कई मौको पर सिर्फ हमारे emotion को ठेस पहुंचना हमारे गुस्से के लिए काफी नहीं खासकर तब जब बात हो 2 से ज्यादा लोगो की.

ऐसे में हम उन emotion का पता लगा सकते है जो हमारे गुस्सा होने की असली वजह है और अगर वो सही है तो ठीक नहीं तो सवाल कर उन पर रोक लगाई जा सकती है.

जब हम किसी thought के पीछे की फीलिंग को नोटिस करना शुरू कर देते है तो अनचाहे विचार उभरना कम होने लगते है और धीरे धीरे हम negative से positive की ओर बढ़ना शुरू कर देते है.

इसी तरह से आप भी learn from negative thoughts के जरिये खुद को अनचाहे विचारो से परेशान होने से बचा सकते है.

खुद को ले जाए negative होने से पहले की स्टेट में

किसी के बारे में negative होने की सबसे बड़ी वजह है पूर्व धारणा. अक्सर ऐसा देखने में आता है की हम किसी के बारे में पहले से ही सुनी सुनाई या देखने भर से ही पूर्व धारणा बना लेते है जिसकी वजह से हम उस person के contact से बचते रहते है ताकि उसका impact हम पर ना पड़े, जबकि हकीकत में हो सकता है वो ऐसा हो ही ना जैसा हम सोचते है.

Dont judge a book by its cover के जरिये पहले ही हम समझ चुके है की किसी के बारे में सिर्फ उसे देख कर या सुन कर अपने मन में धारणा बना लेना सही नहीं है. इसकी वजह से हम खुद को negativity में उलझा लेते है और उस व्यक्ति के प्रति negative बना लेते है.

इससे बचे और emotion को नोटिस करते हुए खुद को उस स्टेट में ले जाए जब आप उस person से मिले ही नहीं थे या फिर किसी भी thoughts के प्रति आप negative नहीं बने थे.

जब आप ऐसा करते है तब आप खुद को एक नए सिरे से सोचने का मौका देते है.

ऐसा करने से आप खुद में उन विचारो को महसूस करते है जो आपको positive feel करवाते है. आपका ऐसा करना आपको अहसास दिलाता है की जिस thoughts के लिए आप खुद को negative बना रहे थे वो तो है ही नहीं. इसे ही हम mind programming का हिस्सा कहते है.

learn from negative thoughts – mind सिर्फ evidence को मानता है

दिल और दिमाग में सबसे बड़ा फर्क है सोचने के नजरिये का, एक ओर जहा हमारा मस्तिष्क सिर्फ evidence यानि सबूत / साक्ष्य के आधार पर गलत और सही का फैसला करता है वही दूसरी और दिल सिर्फ emotion की सुनता है फिर चाहे वो सही हो या गलत.

आप जिस thoughts के जरिये negative बने है क्या वाकई वो सही है ? हमारा mind जो देखता है और सुनता है उसके आधार पर फैसले तो लेता है लेकिन हर बार वो सही हो ऐसा जरुरी नहीं क्यों की हमारी आँखे कई बार जो देखती है वो हकीकत नहीं होती है.

अगर आप भी learn from negative thoughts के जरिये खुद को from negativity to positivity की ओर देखना चाहते है और बदलाव करना चाहते है तो उन evidence पर गौर करे जो आपको negative बनाते है.

हम negative क्यों बने ? इसके पीछे हम ऐसा क्यों सोचते है ये सब किसी ना किसी emotion / evidence / thoughts की वजह से हुआ है. अगर आप उन evidence पर गौर करेंगे तो पाएंगे की ज्यादातर तो गलत ही थे. जब आप ऐसा करते है तो जो वजह आपको negative बना रही थी वो दूर हो जाती है.

संभावित अन्य विकल्प की पहचान करे

अगर कोई आपसे कहे की आप आज तो बीमार / उदास / मुरझाए हुए लग रहे है और आप बिना उस बात पर गौर किये उसकी वजह को जाने उस पर believe कर लेते है तो इसका मतलब है की आप सोचने को लेकर आलसी है.

आपके साथी आपको जो कहते है उसकी वजह क्या है ? क्या आप आज वाकई उदास है या फिर आपका मूड किसी बात को लेकर ख़राब है ?

झूठ को अगर बार बार चिल्लाकर कर कहा जाए तो वो भी सच लगने लगता है और अगर कोई आपको कुछ ऐसा कहता है जो वास्तव में है ही नहीं तो आपको उसके संभावित कारण की वजह पता करनी चाहिए.

ऐसा करने से आप learn from negative thoughts के जरिये खुद को अनचाहे बदलाव से मुक्त कर सकते है.

learn from negative thoughts – किसी एक वजह को तलाशे जो सही हो

अगर आप negative thoughts से परेशान है तो उसकी कम से कम एक ऐसी वजह को तलाशे जो सही हो. अगर आप गुस्से में है तो उसकी एक वजह तो होनी चाहिए जो इस बात को prove कर सके की आपका गुस्सा होना जायज है.

हमारा sub-conscious mind हमेशा background में इस process में लगा रहता है.

अगर आप खुद को कुछ देर शांत कर अपनी प्रॉब्लम के बारे सोचते है तो आप पाएंगे की आपके mind में अपने आप वो वजह उभरना शुरू हो जाती है इस प्रॉब्लम के लिए responsible है. और धीरे धीरे लास्ट में आप पायंगे की आपको उसका solution भी मिल जाता है.

इसके विपरीत जब हमें कोई प्रॉब्लम find out करनी होती है हम उसके बारे में सोचना शुरू कर देते है.

जब भी उस प्रॉब्लम में हम खुद को इसकी वजह पाते है तो argument करने लगते है खुद को सही साबित करने की कोशिश करते है जिसकी वजह से प्रॉब्लम solve नहीं होती है बल्कि बढ़ जाती है और mind में unwanted thoughts उभरना शुरू हो जाते है.

यकीन ना हो तो जब आपकी लड़ाई अपने दोस्त से हो तो सोचना कौन गलत था ?

repeat this process again to learn from negative thoughts

ऐसा करना सिर्फ एक बार में ही काफी नहीं होता है. अगर आप खुद को from negative to positive देखना चाहते है तो इस प्रोसेस को repeat करते रहे.

तब तक जब तक की ये आपकी daily life का हिस्सा ना बन जाए. आप पाएंगे की जब ऐसा होता है तो आप खुद को अनचाहे विचार / negativity और परेशानी से पहले से कही ज्यादा दूर रख पाने में कामयाब हो जाते है.

ये steps आपको negativity से positivity की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और आपको सकारात्मक सोच का मालिक बनाती है. आप खुद में निम्न बदलाव को भी महसूस कर सकते है.

learn from negative thoughts – benefits hindi में

  • ये steps आपको positive बनाने में सबसे अहम् भूमिका निभाती है.
  • अनचाहे और फालतू विचारो से आपको दूर रखती है.
  • आप बेहतर सोच पाते है क्यों की अब आपका मस्तिष्क काम की जानकारी को सोचने में वक़्त देता है.
  • आप खुद को शांत और संयमित महसूस करने लगते है.
  • किसी भी काम को बेहतर ढंग से कर पाते है.

जब हम खुद को बेहतर शांत और संयमित रख कर दुसरो से जुड़ते है तो बेहद जल्दी उनके आकर्षण का केंद्र बन सकते है. लोग उनसे ज्यादा जुड़ना पसंद करते है जो उन्हें समझ सके और उन्हें वक़्त दे.

Read : 8 मुख्य कारण जिनकी वजह से वशीकरण का उपाय काम नहीं करता है वशीकरण के फ़ैल होने की सबसे बड़ी वजह

learn from negative thoughts – final word

अगर आप भी खुद को अनावश्यक रूप से परेशान और बात बात पर गुस्सा होने की स्थिति में फंसा हुआ महसूस करते है तो आपको ये जरुर अजमाना चाहिए.

दोस्तों learn from negative thoughts  के ये steps आप किसी भी फील्ड में जहाँ आप खुद को विचारो से उलझा हुआ महसूस करते है आजमा कर खुद को प्रॉब्लम से बाहर निकाल सकते है.

अगर आप ध्यान में इसका use करते है तो आप पाएंगे की आप बेहद जल्दी अनचाहे विचारो पर काबू पा रहे है. ध्यान में सबसे पहला चरण अनचाहे विचारो को काबू करना है और आप इसके जरिये उन पर बेहद आसानी से काबू पा सकते है.

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