Lucid dreaming techniques before bed एक ऐसी खास तकनीक है जिसके जरिये हम मनचाहे सपने देख सकते है. ऐसे सपने जो है सपने लेकिन बने है हमारी कल्पनाओ से और उनका अंत हम तय करते है. हम ऐसा क्यों करते है ? Lucid dream technique एक ऐसी विधि है जिसके जरिये एक व्यक्ति अपनी निराश जिंदगी में रंग भर सकता है.
negative life से positive life का हिस्सा बनने में इस खास तकनीक का एक अहम् योगदान होता है अगर इसे सही तरीके से किया जाए.
क्या आप नहीं चाहेंगे खुद को मनचाहे सपने के पूरा होने से मोटीवेट होता देखे ? हर कोई अपनी life में किसी न किसी चीज को बेहद चाहता है लेकिन हकीकत में उसे पा नहीं सकता है. ऐसी चीजे जिन्हें हम कल्पनाओ के जरिये खुद के पास पाते है. Law of attraction and positive mindset का काम करती है. इस पोस्ट में हम इसी बारे में काफी कुछ जानने वाले है.
सोते वक़्त हम जो देखते और अनुभव करते है वो सब एक सपना की वास्तविकता जानना ही ल्युसिड ड्रीम है। हम हर रात को सपनो की दुनिया में सैर करते है, दिन भर की जो इच्छाए हमारी अधूरी रह जाती है उन्हें सपनो में हम जीते है.
लेकिन क्या आप जानते है की कई बार सपने देखते हुए आपको अचानक ये आभास होता है की जो आप महसूस कर रहे है वो सब एक भ्रम या सपना है.
ये समझना की हम ख्वाब में है और जो सब कुछ हम महसूस कर रहे है वो एक कल्पना और सपना मात्र है lucid dream technique द्वारा possible है.
Lucid dream technique meaning in Hindi
ल्युसिड ड्रीम यानि मायाजाल में खुद की रचना को जीना. ये शब्द इसलिए सबसे सटीक बैठते है क्यों की lucid dream में हम खुद की कल्पना द्वारा किरदार और स्थान के साथ साथ घटना की रचना करते है. ये सब हमारी इच्छा, पर्सनल स्वार्थ या अनुभव के आधार पर महसूस किया जाता है.
जो इच्छा दिन भर में पूरी नहीं होती है उन्हें रात्रि में ख्वाब में अपनी मर्जी से जिया जाता है.
इसके जरिये हम खुद को बेहतर भी बना सकते है वही दूसरी और मायाजाल में भी फंस कर रह सकते है. ( निर्भर करता है आप इसे किस तरह प्रयोग करते है ) इस तरह की खास तकनीक का उदेश्य लोगो को निराशा से दूर ले जाना, nightmare and dark figure demon during sleep paralysis जैसी condition से बाहर निकलने के लिए भी किया जाता है.
इसका साफ सा मतलब है ऐसे सपने जिनका निर्णय हमारी कल्पना करती है, हम उनमे अपनी सोच के अनुसार बदलाव करते है.
ऐसे सपनो पर हमारा पूरा कण्ट्रोल होता है और हम उन्हें मनचाहे तरीके से अंतिम रूप दे सकते है. ये सब करना हमारे अन्दर एक positive vibration create करता है जो आगे चलकर हमे हमारे लक्ष्य की और ले जाता है.
ल्युसिड ड्रीम कब अनुभव किये जाते है ?
लुसिड ड्रीम रात्रि में सोने की बिच की अवस्था में होता है. इस वक़्त हमारा मस्तिष्क चेतना से अवचेतना की और अग्रसर होता है जिसमे दिनभर की सूक्ष्म घटनाए रिकॉर्ड रहती है. उस वक़्त हमारा चेतन मन लगभग धीरे धीरे सुप्त होने लगता है.
ऐसा संभव है की हम इस दौरान सपने देखे और हमें अचानक अहसास हो जाए की ये मात्र एक सपना है. ज्यादातर केस में ये चेतना और अवचेतना के बिच टकराव की वजह से हो सकता है. क्यों की चेतन मन तर्क पर आधारित काम करता है. Lucid dream technique इन सबको ध्यान में रख कर काम करती है.
Lucid dream technique से मनचाहे सपनो का अनुभव
ल्युसिड ड्रीम अनुभव करने के लिए कुछ खास तकनीक और टिप्स आज आपको जानने को मिलेगी. इसमें सपने देखने से लेकर सपनो के बाद तक कुछ खास निर्देशों का पालन करना जरुरी है.
1.) दिन के समय खुद से दोहराये कुछ खास बाते
ये संभव है की लुसिड ड्रीम रात्रि के अलावा दिन में भी महसूस किया जा सके, वो भी चलते चलते और बैठे हुए. अक्सर वास्तविक अनुभव और लुसिड ड्रीम में याद रखने के कुछ अंतर है. ल्युसिड ड्रीम की खास तकनीक के आधार पर आप सपने और वास्तविकता में फर्क का पता लगा सकते है.
जब हम दिन में बार बार कुछ खास बातो को दोहराते है तो ये हमारे लिए एक खास तरह का instruction बन जाता है. Lucid dream technique के जरिये जब मनचाहे सपनो की शुरुआत की जाती है तब ये खास निर्देश ही हमें आगे की कड़ी से जोड़ते है. सिंपल से शब्दों में कहे तो जो बदलाव आप खुद में चाहते है उन्हें लेकर कुछ बातो के समूह को दोहराए. फिर जब लुसिड ड्रीम की स्टेज में पहुंचे तब यही निर्देश आपको मनचाहा सपना दिखाते है.
इससे आप खुद को मोटीवेट फील करने लगते है और धीरे धीरे मानसिक बदलाव आपके अन्दर देखा और महसूस किया जाने लगता है.
2.) Lucid dream technique – सपनो की किताब
जब भी आप सपने देखे उन्हें उठने के तुरंत बाद लिखना ना भूले. इसके लिए बेड के पास में डायरी और रिकॉर्डर भी रख सकते है. इससे आपको ल्युसिड ड्रीम को समझने में काफी मदद मिलती है. आप समझ जाते है की ये सब आपकी अधूरी इच्छाए है जिन्हे आप सपनो में मन मुताबिक अनुभव करते है.
अक्सर ऐसा होता है की हम वास्तविक सपनो और लुसिड ड्रीम में फर्क महसूस ही नहीं कर पाते है.
एक डायरी लिखना और उसमे अपने सपनो को नोट करना आपको उन्हें समझने में काफी मददगार है. इससे न सिर्फ आप अपने मनोवैज्ञानिक पैटर्न ( आपकी सोच और तनाव के स्तर ) को समझ पाते है बल्कि उनमे क्या बदलाव करना है ये भी समझ पाते है.
इन सभी बातो के clear होने के बाद आप खुद को बेहतर गाइड कर पाते है और अपने अन्दर क्या बदलाव लाना चाहते है के लक्ष्य को हासिल करने लायक सही निति तैयार कर पाते है. Lucid dream technique का ही एक अहम् हिस्सा है journal तैयार करना और उसके बाद आगे का ड्रीम पैटर्न तैयार करना.
3.) लुसिड ड्रीम के लिए सबसे सही समय का चुनाव
लुसिड ड्रीम के लिए नींद खुलने के बाद की कुछ समय की नींद सबसे अच्छी रहती है. मान लीजिये आप रात्रि में सो गए है लेकिन सुबह 4-5 बजे आपकी नींद खुल जाती है.
इस वक़्त आप चेतना की और अग्रसर तो होते है लेकिन मस्तिष्क अर्धचेतन होने की वजह से आप वापस सो सकते है. इस दौरान आप खुद को लुसिड ड्रीम अनुभव करवा सकते है.
हम कभी भी लुसिड ड्रीम को experience कर सकते है बशर्ते कुछ खास condition हो. सबसे पहली condition है मस्तिष्क का पूरी तरह जाग्रत न होना ना ही पूरी तरह से सुप्त. इस स्थिति में हम सपने देख सकते है लेकिन उन पर हमारा कण्ट्रोल होता है.
इसके अलावा ढीले कपड़े, किसी तरह का तनाव न होना बेहद जरुरी है. अगर आप चाहते है की आपके सपने पर आपका पूरा कण्ट्रोल रहे तो आपको इन condition को follow करना चाहिए.
आइये अब समझते है lucid dream technique को जिनके अभ्यास से हम desired dreams experience कर सकते है.
Lucid dream technique step by step guide in Hindi
ल्युसिड ड्रीम अनुभव की खास तकनीक को आप घर आजमा सकते है जो 100% प्राकृतिक और लाभदायक है. लेकिन इनमे सफलता आपकी मानसिकता पर निर्भर करती है.
1.) तुरंत उठते ही सपने को याद करना
ये तकनीक हम अक्सर अपनाते है. याद कीजिये जब आप अपने मीठे सपने को देखते देखते उठ जाते है तो वापस उसे याद करते हुए आँखे बंद करते हुए आगे की कल्पना करते है. आपको इसमें यही करना है.
सबसे पहले तो एक अलार्म लगाना है जो नींद पूरी होने के तिहाई समय बाद का होता है. जैसे की आप 6 बजे उठते है तो अलार्म 3 से 4 बजे का लगाए.
जब आप अलार्म से उठ जाते है तो याद कीजिये आपने सपने में क्या देखा उसे तुरंत याद कीजिये.
आप जितना याद रख पाते है उसे याद करते हुए वापस सो जाए लेकिन इस वक़्त ध्यान रखे आपको खुद को ये निर्देश भी देना है की ये एक लुसिड ड्रीम है और में जाग्रत हूँ. अगर फालतू विचार मस्तिष्क में आने लगे तो खुद को पहले से तैयार किये गए विचारो के निर्देश या खास भावना दे ताकि फालतू विचार आपके मस्तिष्क में ना आये.
95% चांस होते है की अगर आप उठते ही with in 5 minute अपने सपने को याद कर पाते है तो वो आपको पूरी तरह से याद रहे. इसके बाद सपने की स्मृति आपके दिमाग से मिटने लगती है. संभव है की वो अवचेतन मन की परत में छिपी हो.
2.) खुद को ल्युसिड ड्रीम में खोना
ये ल्युसिड ड्रीम की खास तकनीकमें से एक कारगर तकनीक है क्यों की इसमें सफलता मिलती ही मिलती है. और अक्सर हम अनजाने में भी इसे कर लेते है.
Lucid dream technique के इस अभ्यास में इसमें आपको सोने के बाद जब अलार्म से उठे तो खुद के लिए लुसिड ड्रीम का निर्माण करना है. सरल शब्दों में उठने के बाद खुद की इच्छाओ और कल्पनाओ को पूरा करते हुए अनुभव करना है.
जब आपको ऐसा करते हुए काफी समय हो जाए तो वापस सो जाए.
इसे दूसरे तरीके से समझने की कोशिश करे तो हम जब सो जाने के बाद अलार्म से उठते है तब हमारा मस्तिष्क भारी महसूस होता है. उस वक़्त भी हम नींद की अवस्था में ही होते है. उस दौरान बिस्तर पर बैठे बैठे आपको सपने के बारे में या फिर आगे जो करना है उसकी कल्पना करने लगते है. और ऐसा करते करते ही हम वापस सो भी जाते है.
ल्युसिड ड्रीम में खो जाने के केस
रात्रि को सोते हुए करीब 1-2 बजे आपको जोर का सू-सू लगने लगता है. आप उठते है और गैलरी से बाथरूम का रास्ता तय करते है. सू-सू करते हुए जब आपको थोड़ा समय बीत जाता है तब आप असल में उठते है और तब आपको पता चलता है की आप सपने में ही सू सू करने लगे थे. इसके अलावा सपने में स्वपनदोष कई मामले में इसका ही केस है.
हम सुबह उठते है और बिस्तर पर बैठ जाते है. आलस की वजह से आँखे खुलती नहीं है और मन में ख्याल आने लगते है. हम बिस्तर से उठ जाते है और नहा-धोकर नास्ता भी कर लेते है. इस दौरान अचानक हमें कोई उठा देता है तब हमें पता चलता है की ये तो एक सपना है. ये खासतौर से स्कूल के स्टूडेंट के साथ होता है.
3.) अचानक से उठ जाने की तकनीक
दोपहर की झपकी के दौरान आप इस तकनीक को आजमा सकते है. इसमें आपको शुरू से ही सोने के दौरान ध्यान रखना है की आप lucid dream की अवस्था में है. आप सांसो को गिन सकते है. लम्बे समय तक सोते हुए जाग्रत अवस्था में रहना इस तकनीक की खासियत है. और अंत तक लुसिड ड्रीम की स्टेट में बने रहना ना की ल्युसिड ड्रीम के बाद सो जाना इसमें आता है.
जब हम झटके से उठते है तो कई बार हमें डरावने और सबसे ज्यादा जूझे जाने वाले मोवैज्ञानिक समस्या sleep paralysis and shadow people जैसे experience हो जाते है. हालाँकि ऐसा सिर्फ कुछ पल के होता है लेकिन ये बेहद डरावना अनुभव रहता है,.
4.) ल्युसिड ड्रीम की खास तकनीक – सपनो में जाग्रत रहना
समाधी की अवस्था में होने के बावजूद आपको अपने आसपास का पता हो तो कैसा लगेगा. ये तकनीक आपको लम्बे समय तक जाग्रत रहते हुए अंतर की यात्रा करवाने की कामयाब तकनीक है.
ध्यान करते समय खुद का बोध करते हुए सम्पूर्ण विश्व में भ्रमण करते हुए खुद को देखना और अंत तक आपको पता होना की आप लुसिड ड्रीम की अवस्था में जाग्रत है.
ये एक ऐसी अवस्था है जिसमे हमें अपने होने का पूरा अहसास होता है साथ ही हम एक ही जगह पर रहते हुए दूसरी जगह पर खुद को पाते है. लुसिड ड्रीम यानि मनचाहे सपनो की दुनिया इस खास lucid dream technique के बदौलत हम अपनी अधूरी इच्छाओं को भी जी सकते है.
इसके अच्छे और बुरे दोनों परिणाम देखे जा सकते है. क्यों की अति हमेशा बुरी होती है और यहाँ बात हो रही है सपनो के मायाजाल की तो भटकाव भी हो सकता है.
लुसिड ड्रीम के लिए सही वक़्त क्या है
lucid dream technique को समझते हुए हम सब ये तो समझ चुके है की सपनो की दुनिया और वास्तविक दुनिया में फर्क करने के लिए कुछ ऐसे पैरामीटर आपको हमेशा चेक करते रहना चाहिए. इसमें आपका घड़ी को लम्बे समय तक बार बार चेक करना की वो चल रही है या रुक गई है सबसे खास है.
अपने आप को देखना की उसमे कोई बदलाव है या नहीं. अपनी नाक को बंद कर साँस लेने की कोशिश करना जैसे काम है.
ये ऐसे कार्य है जिनमे हम खुद को सपने और लुसिड ड्रीम में होने के के अहसास से अवगत हो सकते है.
विचारो से बदले सपनो को
जब भी रात को सोने के लिए जाए. बेड पर लेट कर अपने हाथो को देखते हुए खुद को निर्देश दे की में ये सपना देखने वाला हूँ या फिर में सपने में ये देखने वाला हूँ. इस तरह की प्रैक्टिस हर रात को 30 मिनट तक दोहराते रहे जब ताकि आपको नींद ना आने लगे.
इसके बाद जब भी रात्रि को उठे खुद के हाथो को देखे अगर वो ना दिखे तो अगली बार देखने का निर्देश दे.
नियमित अभ्यास के बाद आप खुद जब सो जाते है खुद के हाथो को देखते है और अनुभव करते है की ये सब एक सपना मात्रा है.
हाथो के दिखाई देने और ना देने के पीछे की वजह
जब हम रात्रि को हाथो को देखने की कोशिश करते है तो हम अँधेरे में देखने की कोशिश करते है. लेकिन नियमित अभ्यास से हम खुद को भावनाओ द्वारा इस कदर मायाजाल में बाँध लेते है की हमें हाथ दिखाई देने लगते है. इसे आप भ्रम की स्थिति कह सकते है जो की लगातार एक ही भावना देने से बनती है.
जब ये दिखाई दे जाते है तब आप ल्युसिड ड्रीम की अवस्था में होते है. इसलिए इसे भी special lucid dream technique कह सकते है.
इसके लिए आपको एक छोटा सा अभ्यास करना है. अपने कमरे में अँधेरा कर ले और शरीर को पूरी तरह शिथिल करे. इसके बाद अपने दोनों हाथो को हवा में उठाए और उन्हें ऐसे महसूस करे जैसे वो दिखाई दे रहे हो. जिस तरह हमें दिन के उजाले में अपने हाथ दिखाई देते है वैसे ही अँधेरे में हमें इसकी कल्पना करनी है.
कुछ समय बाद आप पाएंगे की ऐसा सोचने के बाद आपको हाथ दिखाई देने लगते है. ये वास्तविक नहीं है बल्कि जो निर्देश आप मस्तिष्क को देते है वो आपको निर्देश के अनुसार वैसे ही दिखाने की कोशिश करता है.
ये हमें इतना रियल लगने लगता है की हम उसे हकीकत मानने लगते है. ( मानसिक शक्ति में हम इसे बढ़ा सकते है. )
Lucid dream technique कुछ खास बाते जो ध्यान में रखनी चाहिए
जो लोग रात को सपनो में अनजाने भय से डरते है उनके लिए ये काफी मददगार साबित हो सकती है. आप lucid dream technique द्वारा खुद की अच्छाई को बाहर ला सकते है डर पर काबू पा सकते है.
ध्यान रखे सपने के बाद जब जगे तो शरीर में हरकत ना करे अगर आप फिर से लुसिड ड्रीम को अनुभव करना चाहते है तो.
इसके अलावा निर्देश को follow करते हुए ही इसका अभ्यास करे वर्ना आपको मानसिक परेशानी से गुजरना पड़ सकता है.
अगर आप इसे पूरी तरह से positive होकर अनुभव करना चाहते है तो पूरी डिटेल जाने, नीर्देश पढ़े और भय को काबू में रखकर अभ्यास करे.
Side effect of lucid dream – सावधानी
अगर आप लुसिड ड्रीम के दौरान खुद को बहुत ज्यादा उत्तेजित कर लेते है जैसे की सपने में सेक्स तो आप चेतना में वापस लौट सकते है. या फिर ये संभव है की आप sleep paralysis ये फिर ऐसे दृश्य जो आपकी असल जिंदगी से वास्ता नहीं रखते से परेशान हो सकते है. ध्यान रखे जब भी लुसिड ड्रीम लेकर उठे खुद को सकारात्मक महसूस करे ना की नकारात्मक.
कई बार देखने में आता है की हम लुसिड ड्रीम से इस कदर जुड़ जाते है की असली नकली में फर्क महसूस ही नहीं कर पाते है. अगर आप अपनी life में negative बनते जा रहे है तो इस अभ्यास को करने से पहले ये कन्फर्म कर ले की आप इसे लेकर नकारात्मक तो नहीं. इसके अलावा एक टाइम में एक ही step को follow क्यों की शुरुआत में ही आप एक्सपर्ट नहीं बन सकते. जबरदस्ती किया गया अभ्यास सिर्फ थकावट और मानसिक परेशानी ही लायेगा.
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Lucid dream technique and author’s thought
लुसिड ड्रीम वास्तव में और कुछ नहीं कल्पनाओ के दिखाए गए दृध्य है. हम जो सोचते रहते है वही अचानक से हमें ऐसी अवस्था जिसमे हम सोने और जागने के बिच की अवस्था में रहते है तब दिखाई देने लगता है.
Lucid dream technique के जरिये हम अपनी अधूरी इछाओ को या फिर उन सपनो को जीते है जो वास्तविक जीवन में पुरे नहीं हो पा रहे है.
एक ओर जहाँ हम इसके जरिये खुद को positive बना सकते है वही दूसरी ओर इसके जरिये सपनो के मायाजाल में भी भटक सकते है.
सबकुछ निर्भर करता है आपके विवेक पर. अगर आप यहाँ दिए गए step by step guide को follow करते है तो आपको आसानी से बिना किसी परेशानी के मनचाहे सपने दिखाए जा सकते है.
i have interest about lucid dream.But as i dont understand hindi so though i used google translator but i can’t understand your article perfectly.However i read some of it and it was a great informative article.
ye article copy nahi hota…
plz ise copy karne layak banaeye…..
mujhe bhi lucid dream aye the