आध्यात्मिक और शारीरिक विकास में मददगार है ध्यान


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क्या आप जानते है ध्यान के लाभ कितने सारे है जो हमारा जीवन बदलने की क्षमता रखते है। ध्यान के लाभ में आपके शारीरिक विकास के साथ आध्यात्मिक और मानसिक विकास से जुड़े फायदे भी शामिल है। इसलिए ध्यान के लाभ जानने के बाद ध्यानके प्रति उत्साह बढ़ जाता है।

ध्यान करने से हमारे अंदर सकारात्मकता बढ़ जाती है। आइये जानते है  ध्यान के लाभ क्या क्या है ध्यान के लाभ कई तरह से हमारे व्यक्तित्व का विकास करते है। रोजाना 30 मिनट ध्यान कर आप भी ध्यान के लाभ उठा सकते है।

हर इंसान की ज़िंदगी मे सफलता – विफलता, खोना – पाना, सुख – दुख के दौर आते जाते रहते है। कई लोग इसका डट कर सामना करते है तो कई घबराकर हार मान लेते है। exams के समय देखा जा सकता है की किस तरह से बच्चे तनाव से जूझते है और उनके दिमाग मे तरह तरह के नकरात्मक विचार आते है।

कमजोर दिल वाले बच्चो मे आत्महत्या जैसे विचार भी देखे जा सकते है। कई लोग छोटी से बीमारी मे हार मान लेते है तो कई इन मुश्किल परिस्थितयो मे भी अपना कंट्रोल नहीं खोते। ऐसा क्यो होता है की एक ही परिस्थिति मे दो लोग अलग अलग तरीके से react करते है?

spiritual meditation

विज्ञान के अनुसार ऐसा इंसान के immune system की वजह से होता है। कमजोर हृदय वाले लोगो का immune system कमजोर होता है जिसकी वजह से ऐसे लोग टेंशन, बीमारी और दूसरी परिस्थितियो मे जल्दी घबरा जाते है।

ऐसे लोगो के लिए सबसे बड़ा इलाज है Meditation. Meditation यानी की ध्‍यान सिर्फ अध्‍यात्‍म से ही नहीं विज्ञान से भी जुड़ा है । वैज्ञानिक शोधों (रिसर्च) के जरिये इन बातों की पुष्टि हुई है कि रौजाना मेडिटेशन करने वाले लोगो का immune system मजबूत रहता है और साथ साथ स्वास्थ्य बेहतर रहता है और याद्दाश्‍त बढ़ती है।

क्या होता है मेडिटेशन – what is Meditation in Hindi

Meditation (ध्यान) एक प्रकार की क्रिया है जिसमें इंसान अपने मन को चेतन (consciousness) की एक विशेष अवस्था में लाने की कोशिश करता है। मेडिटेशन का उद्देश्य लाभ प्राप्त करना भी हो सकता है या मेडिटेशन करना अपने आप में एक लक्ष्य हो सकता है।

इसमें अपने मन को शान्ति देने से लेकर आन्तरिक ऊर्जा (Energy) या जीवन-शक्ति (की, प्राण आदि) का निर्माण करना हो सकता है जो हमारी ज़िंदगी मे सकरात्मकता और खुशहाली लाती है

ध्यान से मानसिक लाभ :

शोर और प्रदूषण के माहौल के चलते व्यक्ति निरर्थक ही तनाव और मानसिक थकान का अनुभव करता रहता है। ध्यान से तनाव के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।

निरंतर ध्यान करते रहने से जहां मस्तिष्क को नई उर्जा प्राप्त होती है वहीं वह विश्राम में रहकर थकानमुक्त अनुभव करता है। गहरी से गहरी नींद से भी अधिक लाभदायक होता है ध्यान।

विशेष : आपकी चिंताएं कम हो जाती हैं। आपकी समस्याएं छोटी हो जाती हैं। ध्यान से आपकी चेतना को लाभ मिलता है। ध्यान से आपके भीतर सामंजस्यता बढ़ती है। जब भी आप भावनात्मक रूप से अस्थिर और परेशान हो जाते हैं, तो ध्यान आपको भीतर से स्वच्छ, निर्मल और शांत करते हुए हिम्मत और हौसला बढ़ाता है।

ध्यान से शरीर को मिलता लाभ :

ध्यान से जहां शुरुआत में मन और मस्तिष्क को विश्राम और नई उर्जा मिलती है वहीं शरीर इस ऊर्जा से स्वयं को लाभांवित कर लेता है।

ध्यान करने से शरीर की प्रत्येक कोशिका के भीतर प्राण शक्ति का संचार होता है। शरीर में प्राण शक्ति बढ़ने से आप स्वस्थ अनुभव महसूस करते हैं।

विशेष : ध्यान से उच्च रक्तचाप नियंत्रित होता है। सिरदर्द दूर होता है। शरीर में प्रतिरक्षण क्षमता का विकास होता है, जोकि किसी भी प्रकार की बीमारी से लड़ने में महत्वपूर्ण है। ध्यान से शरीर में स्थिरता बढ़ती है। यह स्थिरता शरीर को मजबूत करती है।

ध्यान के लाभ :

ध्यान से भरपूर लाभ प्राप्त करने के लिए नियमित अभ्यास करना आवश्यक है। शुरूआत में आधे घण्‍टे सुबह व आघे घण्‍टे शाम का ध्‍यान आपको भरपूर लाभ दे सकता है बशर्ते की आप नियमित करते हैं।

यदि ध्यान आपकी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है तो यह आपके दिन का सबसे बढ़िया समय बन जाता है।

आपको इससे आनंद की प्राप्ति होती है। फिर आप इसे थोडा थोडा करके बढ़ा सकते हैं। शुरूआत का ध्यान आपके मस्तिष्क में शुरुआत में तो बीज रूप से रहता है, लेकिन 3 से 4 महिने बाद यह वृक्ष का आकार लेने लगता है और फिर उसके परिणाम आने शुरू हो जाते हैं। इसके अलावा ध्‍यान से और भी लाभ है।

ध्यान के लाभ : शारीरिक

  1. ऑक्सीजन की खपत को कम करती है, श्वसन की दर घट जाती है.
  2. रक्त प्रवाह बढ़ता है और हृदय की दर को धीमा कर देती है.
  3. श्रम सहनशीलता बढ़ जाती है.
  4. शारीरिक विश्राम को गहरे स्‍तर तक पहुचाता है
  5. उच्च रक्तचाप को सामान्‍य करता है
  6. खून में लैक्टेट स्तर को कम करके चिन्‍ता को समाप्‍त करता है.
  7. मांसपेशियों का तनाव कम होता है
  8. एलर्जी जैसे पुराने रोगों, गठिया आदि में मदद करता है
  9. पूर्व मासिक धर्म सिंड्रोम के लक्षण कम कर देता है.
  10. पोस्ट ऑपरेटिव भय के उपचार में मदद करता है.
  11. शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है.
  12. वायरस की गतिविधि और भावनात्मक संकट को कम कर देता है
  13. ऊर्जा और शक्ति को बढ़ाता है. वजन घटाने में मदद करता है
  14. शरीर में होने वाली टूट फूट को जल्‍दी ठीक करता है
  15. उच्च त्वचा प्रतिरोध कोलेस्ट्रॉल के स्तर में गिरावट, हृदय रोग के जोखिम को कम करती है.
  16. उम्र बढ़ने की प्रक्रिया घट जाती है. पुराने रोगों काे ठीक करता है
  17. सिर दर्द और माइग्रेन का इलाज, दिमाग के काम की क्रिया को तेज करता है
  18. शरीर को चिकित्‍सकीय देखभाल की कम आवश्‍यकता
  19. कम ऊर्जा बर्बाद, खेल गतिविधियों में अधिक ऊर्जावान बनाता है
  20. अस्थमा से महत्वपूर्ण राहत, एथलेटिक स्पर्धाओं में बेहतर प्रदर्शन
  21. अपने आदर्श वजन करने के लिए, हमारे अंत: स्रावी प्रणाली को सुधारता है
  22. हमारे तंत्रिका तंत्र को आराम, स्थायी मस्तिष्क विद्युत गतिविधि में लाभकारी परिवर्तन

ध्यान के लाभ : मनोवैज्ञानिक

  1. आत्म विश्वास बनाता है.
  2. सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है, मूड और व्यवहार को प्रभावित करती है.
  3. Phobias और भय का समाधान स्वयं के विचारों के नियंत्रण में मदद करता है
  4. ध्यान और एकाग्रता को बढाता है
  5. रचनात्मकता बढाता है
  6. सीखने की क्षमता और स्मृति में सुधार
  7. जीवन शक्ति और कायाकल्प की भावनाओं में वृद्धि.
  8. भावनात्मक स्थिरता में वृद्धि.
  9. बेहतर रिश्ते बनाने में मदद करता है
  10. उम्र का प्रभाव धीमा करता है
  11. बुरी आदतों को दूर करने में मददगार
  12. अंतर्ज्ञान विकसित यानि तीसरा नेत्र जागरण
  13. उत्पादकता वृद्धि
  14. घर पर और काम पर संबंधों में सुधार
  15. क्षुद्र मुद्दों की अनदेखी में मदद करता है
  16. जटिल समस्याओं का समाधान करने की क्षमता
  17. अपने चरित्र शुद्ध
  18. विकसित करने की शक्ति होगा
  19. दो मस्तिष्क गोलार्द्धों के बीच अधिक से अधिक संचार
  20. तनावपूर्ण घटना के लिए अधिक जल्दी और अधिक प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया
  21. नौकरी से संतुष्टि
  22. प्रियजनों के साथ घनिष्ठ संपर्क के लिए क्षमता में वृद्धि
  23. संभावित मानसिक बीमारी में कमी
  24. बेहतर, अधिक मिलनसार व्यवहार
  25. कम आक्रामकता
  26. धूम्रपान, शराब की लत छोड़ने में मदद करता है
  27. दवाओं की गोलियाँ, और दवाइयों पर निर्भरता कम कर देता है
  28. कम नींद की ज़रूरत है
  29. अनिद्रा इलाज में मदद करता है
  30. जिम्मेदारी की भावना बढ़ जातीहै
  31. क्रोध कम कर देता है, बेचैन सोच में कमी, चिंता की प्रवृत्ति कम, सहानुभूति बढ़ जाती है
  32. अधिक सटीक निर्णय करने में मदद करता है
  33. ग्रेटर सहनशीलता : रचानात्‍मक तरीके से कार्य में धैर्य देता है
  34. एक स्थिर, अधिक संतुलित व्यक्तित्व बढ़ता है भावनात्मक परिपक्वता विकसित करता है.

ध्यान के लाभ : आध्यात्मिक

  1. परिप्रेक्ष्य में चीजों को रखने में मदद करता है
  2. मन की शांति, खुशी प्रदान करता है
  3. जीवन में अपने उद्देश्य खोजने में मदद करता है
  4. स्वयं actualization में वृद्धि. दया भाव में व्रद्धि खुद को और दूसरों की गहरी समझ आध्यात्मिक समझ का गहरा स्तर
  5. एक आत्म की स्वीकृति में वृद्धि क्षमा करने में मदद करता है
  6. जीवन की ओर परिवर्तन रवैया अपने भगवान के साथ एक गहरा संबंध बनाता है अपने जीवन में synchronicity बढ़ जाती है ग्रेटर direct redness भीतर वर्तमान में रहने में मदद करता है
  7. शक्ति और अहंकार से परे चेतना के डिस्कवरी आश्वासन की एक आंतरिक भावना का अनुभव एकता की भावना का अनुभव आत्मज्ञान

कैसे करें ध्यान?

Meditation की हजारों विधियां हैं। यहाँ उन कुछ विधियो का जिक्र किया गया है जिन्हे आप आसानी से कर सकते है।

  • 1 Concentration meditation

किसी भी शांत जगह मे बैठकर किसी एक चीज पर अपना ध्यान केन्द्रित कीजिये। आप अपनी breaths यानि के सासों पर अपना ध्यान केन्द्रित कर सकते है। लगभग 15 मिनट तक सिर्फ अपनी सासों (breaths) पर ही अपना ध्यान दे जिसकी वजह से आपका ध्यान सिर्फ एक चीज पर फोकस रहेगा। इसका अलावा आप कोई एक मंत्र या एक शब्द भी बार बार दोहराकर उस अपना ध्यान केन्द्रित कर सकते है। आप इस विडियो को देखकर इसके बारे मे ओर अधिक जान सकते है।

  • 2 Mindfulness meditation

किसी शांत जगह मे बैठ जाये। अपने मन मे कुछ भी न सोचे । अपने शरीर को ढीला छोड़ दें और शरीर में कंपन होने दें और सिर्फ उसे महसूस करे। महसूस करे कि यह ऊर्जा आपके पांवों से ऊपर की ओर बह रही है। जो हो रहा है उसे होने दें और सिर्फ उसी पर ध्यान दे । ये प्रक्रिया 20 -25 मिनट तक करते रहे। इस पर आपका ध्यान बाहरी चीजों से हटकर सिर्फ एक चीज पर केन्द्रित होगा इसके अलावा आप इंटरनेट से पक्षियो की आवाज़ download कर सकते है और किसी शांत जगह मे बैठकर अपना मन सिर्फ उसी पर केन्द्रित कर सकते है।

Meditation यानि की ध्यान कोई भी इंसान एक ही बार मे आसानी से नहीं कर पाता। इसलिए सिर्फ पहले दिन करके ही हिम्मत न हारे। लगातार 6-7 करने के बाद ही आपका ध्यान किसी एक चीज पर केन्द्रीत होगा और धीरे धीरे इसके फायदे दिखने लगेंगे । इसलिए सिर्फ एक 1-2 दिन करके ही इसे बीच मे न छोड़े। हो सके तो रौजाना सिर्फ 15-20 मिनट अपने लिए निकालिए।

  • 3.पिरामिड ध्यान

पिरामिड में ध्यान लगाने के लिए सबसे पहले सीधे बैठ जाये अपनी रीढ़ को सीधा कीजिये और अपनी मुद्रा को सुखासन में लाइए बिलकुल तनाव रहित. आप चाहे तो ज्ञान मुद्रा ( गोद में दोनों हाथ LOCK ) करके बैठ जाइये. ध्यान का प्रभाव बढ़ाने के लिए आप ध्यान से जुड़े म्यूजिक लगा सकते है बिलकुल हल्की आवाज में.

ध्यान का अभ्यास : सुखासन में बैठ कर सांसो को नियत करे और धीरे धीरे साँस की गति को शुन्य करने का प्रयत्न करे. मन शांत होने की वजह से जल्दी ही आपकी सांसे कम होने लगती है. इसमें आगे विचारशून्य की स्थिति बनने लगती है. अंत में आपकी चेतना लुप्त होने लगती है और आप ब्रह्मांड में व्याप्त हो जाते है.

पिरामिड में ध्यान कैसे करे : पिरामिड में प्रवेश करने के बाद के बाद ध्यान रखे की आपके अंदर और पिरामिड से बाहर इसमें ऊर्जा के संचार होने न पाए इन दोनों के बिच किसी तरह का कोई कांटेक्ट न हो.

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आरामदायक आरामदायक स्थिति में आते ही शरीर तनाव रहित होने लगता है. आपका पूरा ध्यान सिर्फ सांसो पर केंद्रित होना चाहिए। जब आपकी साँस विचारशून्य अवस्था में चली जाती है तब आप ध्यान की गहराई में उतरने लगते है और विचारों का प्रवाह रुक जाने की वजह से आपके पुरे शरीर में प्राण शक्ति का प्रवाह होने लगता है।

दोस्तों आज की पोस्ट हमारे प्रिय नीरज मित्तल सर के विचारो का और अनुभव का एक हिस्सा है। उम्मीद करते है आपको ये काफी पसंद आयी होगी। अपने विचार जरूर रखे।

2 thoughts on “आध्यात्मिक और शारीरिक विकास में मददगार है ध्यान”

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