व्यक्तित्व विकास के लिए सम्मोहन साधना का अभ्यास करना आज के युग में बेहद आवश्यक बन गया है क्यों की आज के युग में हमें नित्य सैकड़ों लोगों से मिलना पड़ता है, जिसमें पुरुष होते हैं, स्त्रियां होती हैं, अधिकारी होते हैं, व्यापारी होते हैं, और भी कई तरह के लोग होते हैं.
उन सब पर अपना प्रभाव जमाने के लिए यह जरूरी है, कि हमारे व्यक्तित्व में कोई विशेष बात हो. हमारे चेहरे में कोई चुम्बकीय आकर्षण हो जिसकी वजह से सामने वाला देखते ही प्रभावित हो जाए. हम उससे जो भी बात कहें, उसका उस पर सीधा असर हो, और वह हमारी बात मान ले.
यदि ऐसा होता है, तो हमारे जीवन के कई कार्य आसानी से सम्पन्न हो जाते हैं. हम जीवन के कई क्षेत्रों में सफलता पा लेते हैं.
हमें अपने जीवन में जिस लक्ष्य तक पहुंचना होता है, जल्दी से और आसानी से हम वहां तक पहुंच जाते हैं. यह सब तभी हो सकता है, जबकि आपका व्यक्तित्व चुम्बकीय और सम्मोहन युक्त हो.
यही एक वजह है की आपके हर काम को आसान बना देने के लिए ही हम यहाँ पर व्यक्तित्व विकास के लिए सम्मोहन साधना का अभ्यास करने से जुड़ी सरल साधना का अभ्यास आपके साथ शेयर कर रहे है.

जीवन में उन्नति का प्रमुख आधार आपका व्यक्तित्व होता है. आपके पास कितनी धन-दौलत है, आपका कितना प्रभुत्व है, यह सब अलग बात है.
मूल बात तो यह है कि आप जब किसी दूसरे से मिलते हैं तब आपका व्यक्तित्व सामने वाले पर कितना हावी होता है. आपका व्यक्तित्व कितना बलवान है. आपको देखते ही यदि सामने वाला निस्तेज हो जाता है या दूसरे शब्दों में, आपका व्यक्तित्व उस पर हावी आप अपने व्यक्तित्व की पूर्णता समझें.
व्यक्तित्व विकास के लिए सम्मोहन साधना का अभ्यास क्यों ?
इसको शास्त्रों में मोहिनी साधना या वशीकरण साधना भी कहा गया है, अर्थात् यह एक ऐसी साधना है, जिसको सम्पन्न करने पर व्यक्ति के चेहरे, उसके पूरे शरीर और उसकी वाणी में कुछ ऐसी चमक, कुछ ऐसा ओज और कुछ ऐसा प्रभाव पैदा हो जाता है, जिसकी वजह से वह अपरिचित से अपरिचित व्यक्ति को भी अपने सम्मोहन से प्रभावित कर लेता है, और उसे अपने वश में कर लेता है.
यह एक दिन की साधना है, और सही अर्थों में कहा जाय, तो यह जीवन की श्रेष्ठ साधना है.
आज के युग में तो प्रत्येक साधक के लिए यह एक अनिवार्य साधना है क्योंकि इस साधना को सम्पन्न करने से उसके व्यक्तित्व में निखार आ जाता है.
वह अपने जीवन में जो कुछ पाना चाहता है, उसे सहज ही प्राप्त कर लेता है. व्यक्तित्व विकास के लिए सम्मोहन साधना का अभ्यास करने पर आप अपने अन्दर खास तरह के बदलाव को नोटिस कर सकते है.
दूसरों से काम निकालने में वह माहिर हो जाता है, और अपनी जिंदगी में वह पूर्ण सफलता प्राप्त करने में सक्षम हो पाता है.
इस साधना से धीरे-धीरे पूरे शरीर का कायाकल्प होने लगता है, चेहरे की झुर्रियाँ मिटने लगती हैं, और आंखों में एक विशेष प्रकार की लपक पैदा हो जाती है, जो सामने वाले पर पूरा प्रभाव डालने में समर्थ हो पाती है.
वास्तव में ही इस दिन हजारों-हजारों पुरुष और स्त्रियां इस साधना को सम्पन्न कर आगे के पूरे वर्ष को अपने लिए अनुकूल और उन्नतिदायक बना लेते हैं.
व्यक्तित्व विकास के लिए सम्मोहन साधना का अभ्यास को सम्पन्न करने से परिवार में चल रहे मतभेद दूर हो जाते हैं, अधिकारियों की कृपा प्राप्त हो जाती है, और अपने मित्रों एवं सम्बन्धियों में उसका प्रभुत्व बढ़ जाता है.
और यदि आपका व्यक्तित्व प्रभावपूर्ण है, तो भी इस प्रयोग को करने से उसमें और ज्यादा निखार आता है, सफलता के और नए द्वार खुलने लगते हैं, और जीवन में आप आसानी से उन सफलताओं को प्राप्त कर लेते हैं, जो आपके जीवन में आवश्यक हैं.
व्यक्तित्व विकास के लिए सम्मोहन साधना का अभ्यास में आवश्यक समय और साधना सामग्री
सप्ताह के किसी भी शुक्रवार को यह प्रयोग सम्पन्न किया जा सकता है.
यह व्यक्तित्व विकास के लिए सम्मोहन साधना का अभ्यास केवल एक दिन का प्रयोग है, और इसे दिन को या रात्रि को कभी भी अपनी सुविधानुसार सम्पन्न किया जा सकता है.
इसके लिए साधक को केवल “मोहिनी महायंत्र” और “मोहिनी माला” की आवश्यकता होती है, जो कि पूर्ण मंत्र सिद्ध एवं प्राणश्चेतना युक्त हो.
यह यंत्र अपने-आप में अत्यन्त महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस यंत्र पर पूर्ण सम्मोहन प्रयोग किया हुआ होता है.
Read : सम्मोहन वशीकरण प्रयोग की साधना का एक दिवसीय अभ्यास से हासिल कर सकते है सम्मोहन और वशीकरण की शक्तियां
मोहिनी सम्मोहन साधना का प्रयोग
साधक स्नान कर, सफेद आसन पर पूर्व या उत्तर की ओर मुंह कर बैठ जाए और सामने एक घृत का दीपक लगा दे, इसके बाद किसी पात्र में इस “मोहिनी महायंत्र” को स्थापित कर दे और “मोहिनी माला” से मोहिनी मंत्र का जप करे.
व्यक्तित्व विकास के लिए सम्मोहन साधना का अभ्यास करते समय यंत्र की पूजा आदि की जरूरत नहीं होती, क्योंकि यह महायंत्र अपने आप में ही सिद्ध किया हुआ होता है.
मोहिनी माला अपने आप में एक अद्भुत और अद्वितीय माला है, जिसे धारण करने से पूरे शरीर में धीमा-धीमा विद्युत प्रवाह सा होता रहता है, और पूरा शरीर निखर कर सम्मोहक बन जाता है, इसीलिए कई शास्त्रों में और साधना ग्रंथों में मोहिनी माला की विशेष प्रशंसा की हुई है.
मोहिनी महामंत्र : ॐ ह्रीं सर्व जनं में वश्य सम्मोहय सम्मोहय फट्
जैसा कि मैं बता चुका हूं, कि मोहिनी माला से ही उपरोक्त मंत्र की 11 माला मंत्र जप होना चाहिए.
मंत्र जप करते समय साधक को अपनी दोनों आंखों से एकटक मोहिनी महायंत्र को देखते रहना चाहिए, जिससे उसकी आंखों में सम्मोहन अवस्था आ जाएगी और इसी सम्मोहन प्रभाव से वह हजारों लोगों को प्रभावित कर सकेगा.
जब मंत्र जप पूरा हो जाय, तब साधक वह माला गले में धारण कर ले और उस मोहिनी महायंत्र को किसी नदी, तालाब, कुए या मंदिर में विसर्जित कर दें. इस तरह से आपकी व्यक्तित्व विकास के लिए सम्मोहन साधना का अभ्यास पूरी हो होगी.
इस प्रकार करने पर यह प्रयोग पूर्ण माना जाता है. आप स्वयं इस साधना को सम्पन्न कर इसका चमत्कार ‘अनुभव कर सकते हैं, कि यह प्रयोग अत्यन्त प्रभावयुक्त और तेजस्वी है तथा इससे लोगों की नजरें ही बदल जाएंगी.
वे स्वयं आपके पास आने के लिए, आपसे बातचीत करने के लिए आतुर होंगे, और आपकी प्रत्येक आज्ञा को पूरा करने में प्रसन्नता महसूस करेंगे. प्रेम, विवाह, सामाजिक सम्बन्ध, व्यावसायिक सम्बन्ध आदि सभी क्षेत्रों में यह प्रयोग चमत्कारिक है, और आपके पूरे जीवन को जगमगाहट देने में समर्थ है.
Read : लक्ष्मी सम्मोहन वशीकरण साधना का प्रयोग जितना चाहो उतना धन प्राप्त करने का अघोर उपाय
व्यक्तित्व विकास के लिए सम्मोहन साधना का अभ्यास और लाइफ में बदलाव निष्कर्ष
अगर आप आज के युग में खुद को दूसरो के सामने कमजोर महसूस कर रहे है तो आपको अपने व्यक्तित्व विकास के लिए सम्मोहन साधना का अभ्यास जरुर करना चाहिए.
मोहिनी वशीकरण की साधना हो या फिर सम्मोहन साधना का अभ्यास आपके लाइफ को पूरी तरह बदलने में सक्षम है.
अगर आपके पास मोहिनी महायंत्र या फिर मोहिनी माला ना हो तो तब आप संकल्प लेते हुए इस साधना को पूरा कर सकते है.
हालाँकि ये साधना सिर्फ एक दिन की है लेकिन वो तभी सफल हो सकती है जब आप साधना के बेसिक नियम का पालन करते है और आपके पास सही यंत्र और माला का इंतजाम है.
इस साधना को आप दर्पण में देखते हुए भी कर सकते है आपको यहाँ पर दर्पण में देखते हुए मोहिनी महा मंत्र का जाप करना है.
संकल्प लेकर साधना की शुरुआत करे और कुछ दिन तक इसका नियमित अभ्यास करे. जैसे जैसे आपको परिणाम मिलते है उसके अनुसार ही आप साधना को सफल मान सकते है.