साधनाए क्या होती है और क्या यक्षिणी और यक्ष होते है या फिर तंत्र मंत्र के विज्ञान का अस्तित्व है या नहीं ये सवाल आपके मन में हर बार आये होंगे जब जब आपने तंत्र से जुड़ी साधनाओ के बारे में पढ़ा है.
आज की पोस्ट में परी साधना के बारे में और ज्यादा जानेंगे और स्वर्ण प्रदान करने वाली परी की साधना कैसे करे और क्या सावधानी रखे जानेंगे.
स्वर्ण प्रदायी परी की साधना आपको नील परी की सिद्धि दिलवाने में सक्षम है. जिससे आप ना सिर्फ भौतिक सुख पाते है बल्कि समृद्धि भी. golden yakshini sadhna vidhi in hindi.
स्वर्ण की इच्छा रखने वाले कई साधक इस तरह की साधनाओ के प्रति आकर्षित होते है.
जिनमे मुख्य वजह है सबसे मूल्यवान धातु की प्राप्ति और अमीर बनने की इच्छा. यक्षिणी सामान्य तौर पर हमें दिव्य वस्तुए प्रदान करती है इसलिए इनके लालच में आकर हम कही से भी पढ़ कर यक्षिणी को सिद्ध करने निकल पड़ते है.
हमें ऐसी साधनाये करने से पहले तंत्र की अच्छी जानकारी होना चाहिए. कीलन और सुरक्षा का खास ख्याल रखना चाहिए इसके अलावा भी तंत्र के विज्ञान में कई जानकारिया आपको जानने की जरुरत पड़ती है इसलिए पहले उन्हें सीखे और फिर अभ्यास करे.
तंत्र की बेसिक जानकारी जल्दी ही आपके सामने होगी इसके लिए भविष्य की पोस्ट का इंतजार जरूर करे क्यों की सही जानकारी उपलब्ध करवाने में थोड़ा ज्यादा वक़्त तो लगता है पर काम की बाते पता चलती है.
स्वर्ण प्रदायी परी की साधना
हमने बचपन में परियो की कहानी और टीवी सीरियल में भी परियो के प्रोग्राम देखे है ये कल्पना नहीं है बल्कि हकीकत में हमारी ही दुनिया से जुड़ी है.
आज की पोस्ट में हम ऐसी ही एक परी की साधना के बारे में बात करेंगे जिसे सिद्ध करने के बाद साधक को शारीरिक भोग और स्वर्ण उपलब्ध होता है.
ज्यादातर परी साधना मुस्लिम शाबर से जुड़ी है इसलिए इनमे खास ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. ये साधना सिद्धि होने पश्चात् आपको स्वर्ण की प्राप्ति तो होती ही है एक प्रेमिका के रूप में अलौकिक यौवन का आनंद भी प्राप्त होता है.
साधना कठिन इसलिए है क्यों की यौवन की महक और आपकी वासना दोनों का वक़्त से पहले मेल होते ही ये साधना फ़ैल हो जाती है.
इसलिए अपने वासना पर नियंत्रण जरूर बनाना सीखे। स्वर्ण प्रदायी परी की साधना का सरल वर्णन जिससे आप पाते है 100% सही अनुभव.
मुस्लिम शाबर साधनाये
मुस्लिम साधनाये मुख्य रूप से एक ऐसे माहौल में की जाती है जहा पर खुशबु और अच्छी महक हो.
उनका मानना है की ऐसा करने से ना सिर्फ साधक का मन साधना में लगा रहता है बल्कि यक्षिणी, परी या फिर कोई जिन्नात जैसी शक्ति जो रूहानी शक्तियों से जुड़ी है जल्दी ही आकर्षित हो जाती है.
आमतौर पर माना जाता है की मुस्लिम शाबर साधना खासकर स्वर्ण प्रदायी परी की साधना या फिर कोई और परी की साधना का अमल meजल्दी सिद्ध होती है. ये सच भी है क्यों की वे इसे लिए नियम का पालन कड़ाई से करते है खासकर साधना में एकाग्रता जिसका वे खासकर ध्यान रखते है.
यहाँ आप परी और यक्षिणी के बीच कंफ्यूज ना हो. ये दोनों ही शक्तियां हमारी मदद करती है और जल्दी सिद्ध होने वाली साधनाओ में से एक है.
साधना में सामग्री की आवश्यकता
स्वर्ण प्रदायी साधना में मंडल यन्त्र, गुलाब के पुष्प, चमेली के इत्र और तेल की आवश्यकता होती है.
आठ गोमती चक्र आठ सुपारी, लौंग और पतासे सभी की मात्रा आठ होनी चाहिए.
इसके साथ ही साथ थोड़े से काले तिल, सफ़ेद वस्त्र, सफ़ेद ही आसन और हकीक की माला जरूर उपलब्ध करवा ले.
Read : घर पर किये जाने वाले कुछ आसान मगर खास अभ्यास जो बनाते है साधक को मेस्मेंरिज्म में एक्सपर्ट
स्वर्ण प्रदायी परी की साधना की विधि
इस स्वर्ण प्रदायी परी की साधना में हमें 40 दिन तक एक ऐसे कमरे में माला का जप करना है जहा आपके अलावा और कोई ना जाता हो.
40 दिन सिर्फ एक समय भोजन करना है और उसमे खीर का व्यंजन जरूर ग्रहण करे. इन एकांतवास के दिन में आपको गुप्त रहना होता है.
शुरुआत करने के लिए शुक्ल पक्ष के महीने में शुक्रवार को व्रत रखे और शाम को केवल खीर खाये.
रात्रि में स्नान कर ले और फिर कमरे में गुलाब की पंखुड़िया बिखेर दे। अपने कानो में इत्र का फोहा लगा ले और बाजोट पर मंडल यन्त्र स्थापना करे.
इसके चारो और पंखुडियो का एक घेरा बना ले और इसके चारो ओर पहले गोमती चक्र फिर आठो सुपारी, लौंग, इलायची और पतासे रख दे.
मंडल यन्त्र के सामने तिल की ढेरी बना ले और सफ़ेद आसन पर उत्तर दिशा की ओर मुह कर के बैठ जाये। सफ़ेद हकीक की माला से रोज रात्रि 101 माला का जाप करे और फिर वही सो जाये.
प्रतिदिन यह स्वर्ण प्रदायी परी की साधना का क्रम करना है. रोज भोजन में खीर ग्रहण करे या फिर भोजन के साथ भी ले सकते है. इसके बाद स्नान करे और कमरे में रोज 101 माला जप का क्रम बनाये रखे. साधना का सबसे बड़ा नियम ब्रह्मचर्य का पालन करना है बाकि के नियम इसके अनुसार सम्पूर्ण हो जाते है.
मन्त्र :
“अर्हीना अरीना सरीना सफरीना अकविपा सदा सदुनी कामिनी पदभावी वश्यं कुरु कुरु नमः”
“ ARHEENA AREENA SAREENA SAFREENA AKVIPA SADA SADUNI KAMINI PADBHAAVI VASHYAM KURU-KURU NAMAH”
Read : सम्मोहन में स्पर्श साधना प्रयोग के Top 5 Amazing Benefit सिर्फ आँखों से नहीं इशारो से भी करे सम्मोहन
साधना में सफलता की गारन्टी
साधना तभी सफल होती है जब वो गुरु के आशीर्वाद से पूर्ण की जाए. किसी भी साधना में आपको मुख्य नियम और साधना सम्पन सिर्फ गुरु करवा सकता है। इसलिए किसी भी साधना के बारे में अपनी राय बनाने की बजाय आपको गुरु दीक्षा और गुरु का मार्गदर्शन जरूर लेना चाहिए.
ब्लॉग पर जल्दी ही असली आध्यात्मिक गुरु की सूचि भी जारी की जाएगी ताकि फ्रॉड से बचकर आपको मिले असली आध्यत्मिक गुरु.
यधपि स्वर्ण प्रदायी परी की साधना गलत नहीं होती है मगर फिर हमें बगैर गुरु के मार्गदर्शन के इन्हें पूर्ण करने से बचना चाहिए क्यों की इस तरह की साधनाये और भूत साधनाये करने में ज्यादा अंतर नहीं है.
यक्षिणी साधना के दौरान कई बार प्रेत जाग्रत हो जाते है और साधक मानसिक रूप से विक्षप्त या उसकी मौत हो जाती है इसलिए गुरु का बहुत महत्व है.
स्वर्ण प्रदायी परी की साधना की ये पोस्ट किसी तरह का दावा नहीं करती है इसलिए साधक अपने विवेक पर यक्षिणी साधना करे.
साधना और खासतौर से यक्षिणी साधना से जुड़े नियम के बारे में हम पहले की पोस्ट में भी विस्तार से बात कर चुके है. हर यक्षिणी का शक्तिशाली मंत्र आप इंद्रजाल में से पढ़ सकते है.
स्वर्ण प्रदायी परी की साधना करने के दौरान क्या सावधानी रखनी चाहिए
आमतौर पर आपको स्वर्ण प्रदायी परी की साधना या फिर यक्षिणी की साधना के दौरान कुछ नियम का कड़ाई से पालन करना चाहिए जो सफाई और ब्रह्मचर्य से जुड़े है. इसके अलावा साधना आसानी से सिद्ध हो इसके लिए कुछ बातो का खास ख्याल जरुर रखे.
- यक्षिणी साधना के दौरान काम वासना से दूर रहे.
- सात्विक भोजन का सेवन करे और प्याज लहसुन से दूरी बना ले.
- अगर आपको साधना के दौरान अनुभव शुरू होने लगे तो कभी भी साधना को बीच में ना छोड़े. जितना समय इस साधना के लिए फिक्स है उतने समय तक आपको साधना करना ही है,
- अगर आपका मन स्थिर नहीं रहता है तो इस तरह की साधना ना करे वर्ना फायदे की जगह नुकसान की सम्भावना बनी रहती है.
इन सब बातो का ध्यान में रखते हुए स्वर्ण प्रदायी परी की साधना करे आपको सफलता जरुर मिलेगी.