क्या हम सुपर पावर पा सकते है। क्या हम भी एक आम इंसान से ऊपर उठकर Powerful, amazing और सभी के attraction के center बन सकते है। हां ये possible है।
लेकिन कैसे क्यों की एक आम इंसान अपने mind और अपनी mental capability का सिर्फ नाममात्र उपयोग करता है अगर हम खुद को superman बनना चाहते है तो कड़ी मेहनत द्वारा ये संभव है लेकिन क्या आप जानते है इसकी शुरुआत कैसे की जाये।
हमेशा की तरह आज भी हम बात करेंगे मस्तिष्क की अनंत क्षमता तथा मनुष्य की असीमित शक्तियों और क्षमताओ को उभारने वाली कुछ खास बातो पर जो आप सब से सुनते है लेकिन उन्हें प्रयोग में लाने का right method नहीं जानते।
हम सभी पहले भी सुन चुके है की हमारा मस्तिष्क सिर्फ नाममात्र का काम में लिया जाता है।
सवाल ये उठता है की एक साधक कितने % तक दिमाग की क्षमता का इस्तेमाल कर रहा होता है तो आपको बता दू की वो भी सिर्फ 10-15% तक ही होता है।
जो magic आप देखते है वो इससे सिर्फ और सिर्फ 5% बढ़ कर इस्तेमाल कर पाते है। ये में नहीं अब तक की research कहती है। ये सारा डाटा मेने कई जगह से पढ़ने के बाद शेयर किया है। तो मान लिया जाये की 25% maximum इस world में मस्तिष्क की क्षमता का इस्तेमाल किया गया है।
मस्तिष्क की अनंत क्षमता का इस्तेमाल कैसे बढ़ाये
science और spiritual world दोनों में ही मस्तिष्क को लेकर कई बाते शेयर की गयी है जिनमे सबसे common है basic principle of work (मस्तिष्क के काम करने की प्रणाली।) ध्यान दे में बात कर रहा हु subconscious mind की ना की conscious mind यानि चेतन मन।
अवचेतन मन काम करता है विश्वास के आधार पर ना की तर्क और वितर्क। इस मामले में सिर्फ एक अपवाद है और वो ये है की आपका अवचेतन मस्तिष्क चेतन मस्तिष्क द्वारा प्रेषित की गयी सूचनाओं को अंदर भेजने से पहले खुद जाँचता है।
यानि की अगर सम्मोहन की अवस्था में भी अगर हम किसी व्यक्ति से ऐसी बात मनवाये जो उसके संस्कारो से विपरीत है तो सम्मोहन काम नहीं करता है। इसे आप अवचेतन मन का सेल्फ सुरक्षा द्वार समझ सकते है।
आस्था और विश्वास अवचेतन मन की सबसे बड़ी ऊर्जा
हमारा अवचेतन मन सिर्फ आस्था और विश्वास पर हर मुश्किल काम को संभव बना सकता है। बशर्ते आप इसे विश्वास दिला सको की आप में वो काबिलियत है। एक कामयाब इंसान कभी भी अपने अवचेतन मन को निराश नहीं करता है।
कुछ लोग चमत्कार देखने के बाद उसे तर्क की कसौटी पर तौलते है और अंत में कहते है की नहीं ऐसा तो हो नहीं सकता है और वास्तव में वो चाहे जितनी कोशिश कर ले लेकिन कामयाब नहीं हो पाते है।
क्यों की वो अपने मन को खुद की क्षमता पर शक करने का मौका खुद दे रहे है। मस्तिष्क की अनंत क्षमता बढ़ाई जा सकती है कैसे खुद ही देख लीजिये।
कभी भी अपने मन को जाहिर ना होने दे की आप किसी कार्य को नहीं कर सकते है। अगर आप उसे संतुष्ट कर पाएंगे तो आप कभी हार नहीं सकते।
इसलिए सबसे पहले तो खुद पर शक करना बंद कर दे की आप किसी काम को कर नहीं सकते। हर इंसान के अंदर इतनी क्षमता है की वो सब कुछ कर सके पर खुद की क्षमता को एक घेरे में लाकर वो उसे एक limit में बांध देता है। जिससे वो कभी आगे बढ़ ही नहीं पाता है।
आपकी वाणी में वो प्राण ही नहीं है
यहाँ प्राण का मतलब है वो मानसिक बल जो आपके शब्दों से झलकना चाहिए। आपने देखा होगा पहले लोग एक प्रण या संकल्प लेते थे और अपनी जान से बढ़कर उसे पूरा भी करते है। और आज के वक़्त में हम हजारो संकल्प लेते है और पूरा एक भी नहीं करते यही फर्क है की आपका अवचेतन मन कमजोर पड़ता जाता है।
आपका मनोबल एक बार टूट जाए तो उसे वापस मजबूत करने में आपकी पूरी जिंदगी लग सकती है।
इसलिए अगर आप खुद को strong और शक्तिशाली बनाना चाहते है तो संकल्प सोच समझ कर ले और उन्हें पूरा जरूर करे। मस्तिष्क की अनंत क्षमता इस पर भी निर्भर करती है। जिसके बारे में आगे विस्तार से चर्चा की जाएगी।
क्या आपको लम्बे अभ्यास के बाद भी अनुभव नहीं होते है
सबसे बड़ी समस्या उचित गुरु का ना मिल पाना है। इस अभाव में हम किताबी ज्ञान द्वारा अभ्यास करते है तो हमें सही अनुभव नहीं मिल पाते है। दुनिया की पहली किताब जिसने लिखी क्या उसे कही बाहर से ज्ञान और अनुभव मिला था।
नहीं दुनिया में सबसे पहला अनुभव और ज्ञान खुद के ह्रदय से उपजा था। इसकी वजह थी अभ्यास में तर्क वितर्क ना करना। मस्तिष्क की अनंत क्षमता को समझने वाले अपने मन को ही अपना गुरु मान कर अभ्यास करते है और सफलता प्राप्त करते है।
दूसरा हमें इस बात की जल्दी रहती है की कब पहला चरण पूरा हो और दूसरे चरण में प्रवेश करे। साधना का कोई चरण नहीं। हमारा मस्तिष्क और इसके अंदर का मन 7 द्वार के पीछे छुपा है। कुण्डलिनी और चक्र भेदन में इन 7 द्वार का भेदन किया जाता है।
जितना भेदन उतनी ज्यादा ज्ञान की प्राप्ति। लेकिन मोक्ष इसके सबसे अंतिम चक्र के भेदन में छिपा है।
हमें अभ्यास में फ़ैल नहीं होते है कभी नहीं। क्यों की हम कुछ करे और हमें कुछ सिखने को ना मिले ऐसा तो हो ही नहीं सकता।
समस्या है सिर्फ आपके धैर्य की कमी की। क्यों की आप सुन लेते है की अमुक व्यक्ति ने इतने कम समय में अनुभव कर लिया है और हम इतने लम्बे वक़्त से कोशिश कर रहे है फिर भी कोई अनुभव नहीं।
क्या करना चाहिए
धैर्य और संयम के साथ अभ्यास करना चाहिए। इससे हमें 2 फायदे होंगे।
पहला आपको कोई साइड इफ़ेक्ट का नुकसान नहीं होंगे जो अक्सर जल्दी अनुभव में महसूस किये जा सकते है। ऐसे अनुभव होते है जो हमारी समझ से परे होते है और मस्तिष्क फिर उसमे उलझ कर रह जाता है।
दूसरा आपको वो अनुभव होंगे जो लम्बे समय तक आपके साथ बने रहेंगे। इसके अलावा आप दोबारा कभी भी अपने अनुभव को फिर से जाग्रत कर सकते है।
आपके मस्तिष्क की अनंत क्षमता सिर्फ आपके धैर्य और संयम द्वारा ही बढ़ाई जा सकती है अचानक से नहीं।
आप संतुष्ट नहीं होते या आपको कोई रोक देता है
इंसान के अंदर मोल-भाव करने की आदत है। फिर चाहे वो कोई भी क्षेत्र हो। सच्ची-प्रेरणा से जुड़े एक्सपर्ट अपनी सेवाए उपलब्ध करवाने के लिए तैयार भी है लेकिन कुछ लोग कई दिन तक पूछताछ के बाद ये कहते है की हम संतुष्ट नहीं हुए।
आप हमें कोई और एक्सपर्ट उपलब्ध करवाए। क्या ये कमी expert की है। जी नहीं क्यों की वही एक्सपर्ट दूसरे लोगो को भी अपनी service देते है और उन्हें अच्छे अनुभव भी होते है।
बगैर शुरुआत के ये मान लेना की हम संतुष्ट नहीं होंगे आपकी ही कमी को show करता है। इसलिए एक बात पर ध्यान दे की हम कोई magic या चमत्कार नहीं करते है। मस्तिष्क की अनंत क्षमता को बढ़ाने के पीछे हमारा मकसद सिर्फ आपके मन को दिशा देना है यानि guide करना है।
बाकि अनुभव आपको ही होते है ये सब आपकी काबिलियत होती है। इसलिए सबसे पहले खुद को इस लायक बनाये की आपको विश्वास हो जाये की हम ये कार्य कर सकते है।
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लगभग 6 साल से ज्यादा हो चुके है और अपनी सेवाए उपलब्ध करवाना हम 3 महीने पहले ही शुरू कर चुके है। हम आपके मन की असीम क्षमता को उजागर करने और व्यक्तित्व विकास करने में आपकी मदद करेंगे।
आज की पोस्ट खासतौर से किसी अनुभव या अभ्यास पर नहीं है। ये सिर्फ एक शुरुआत है मन की शक्तियों को उभारने से पहले आपके डाउट को क्लियर करने की।
इसलिए हमने फैसला लिया है की इस पोस्ट को हम कड़ी में उपलब्ध करवाएंगे जिसमे आपको अभ्यास, अनुभव, टिप्स और बहुत कुछ जैसे की आपकी समस्या और हमारे सवाल जवाब भी उपलब्ध करवाए जायेंगे। इससे आपको दोगुना फायदा भी मिलेगा और हमें किसी फालतू सवाल का जवाब नहीं देना पड़ेगा।
अगर आपके मन में भी मस्तिष्क की अनंत क्षमता को लेकर कोई भी सवाल हो आप कमेंट के जरिये पूछ सकते है।
bhut bdia sir ji…
बेहतरीन लेख । आपने बिल्कुल सही कहा व्यक्ति के अन्दर अनेक शक्तियां छिपी होती है बस जरूरत होती है उन्हें पहचान कर बाहर लाने की ।
right , human has so many hidden powers.
अवचेतन मन की अद्भुत शक्तियोँ के बारे मेँ जानकारी देने के लिए धन्यवाद
Main bhi yahi manta hu ki brain chahe to kuch bhi kar sakta hai
ॐ नमः शिवाय