Zen Meditation ध्यान की एक ऐसी विधि है जिसमे हम अपने unconscious mind को बहुत अच्छे तरीके से control and access कर सकते है.
इस पोस्ट में हम Benefits, Uses, and Access to the Unconscious के बारे में तो जानने वाले है ही साथ ही इस दौरान क्या क्या हो सकता है और क्या हमें ये करना चाहिए के बारे में भी पढने वाले है.
इस ध्यान पद्धति को Zazen भी कह सकते है और ये meditation technique है जो की Buddhist psychology को represent करता है.

जेन मैडिटेशन का मुख्य उदेश्य ध्यान को एकाग्र और सही करना है जो कभी कभी thinking about not thinking भी हो सकता है जिसका मतलब है विचारशून्य होने पर जोर देना.
दोनों पैर को आपस में क्रॉस कर lotus position में बैठ जाना और अपने अंतर में खुद को एकाग्र करना इस ध्यान की पद्धति की शुरुआत है.
कुछ साधक ये भी मानते है की इस अभ्यास में हम अपने सांसो को काउंट करते है जो की 1 से 10 होता है और धीरे धीरे हम कुछ भी अनुभव करने की स्थिति से बाहर आ जाते है.
How to do zen meditation?
- ध्यान की किसी भी विधि का अभ्यास करने के लिए सबसे अहम् है एक अनुकूलित वातावरण जो की शांत, सौम्य और महक ( आपका मन ज्यादा समय तक साधना में लगा रहे ) लिए होना चाहिए. इसलिए सबसे पहले तो एक ऐसी जगह का चुनाव करे जो इस काबिल हो की आप कुछ समय वहां बैठ कर अभ्यास कर सके.
- मैडिटेशन के अभ्यास में सुखासन और पद्मासन दो बैठने की स्थिति सबसे ज्यादा प्रयोग में लाते है. अगर आप पद्मासन में बैठ सकते है तो ठीक वर्ना एक आरामदायक स्थिति में भी इसका अभ्यास कर सकते है बशर्ते आपकी रीढ़ सीधी हो और आप किसी तरह की कठिनाई का अनुभव ना कर पा रहे हो.
- आपके चेहरे की स्थिति भी आरामदायक स्थिति में होनी चाहिए जिसमे किसी तरह का तनाव ना हो. आपका सर आपके गर्दन के साथ एक सीधी रेखा में हो और किसी तरह का तनाव पैदा न हो.
- सांस को नाक के जरिये अन्दर खींचे और अन्दर रखे थोड़ी देर फिर बाहर निकाल दे.
- ऐसा करना एक लय पैदा करता है जिस पर आप आसानी से फोकस कर पाते है.
- इस दौरान आपकी आंखे पूरी खुली रखनी है, मध्यम खुली या बंद रखनी है इसका आप चुनाव कर सकते है.
ध्यान रखे की इस दौरान आपके मन में विचार आते है तो उनसे भागने की कोशिश ना करे बल्कि फिर से सांसो पर एकाग्र होने की कोशिश करे जिससे की कुछ देर बाद ही आप फिर से सांसो पर फोकस हो सके.
आप चाहे तो सांसो की बजाय अपने सामने चल रहे किसी भी तरह के दृश्य को देखते हुए अपने अंतर पर ध्यान लगा सकते है.
What Happens During practice
इस ध्यान को open monitoring meditation कहा जाता है. खुली आँखों से देखते हुए खुद को एक स्टेट से दूसरी स्टेट में ले जाना जहाँ हम खुली आँखों से सबकुछ देखते है और उसे अपने विस्तृत सोच से समझने की कोशिश करते है वो भी बिना किसी प्रतिक्रिया के.
जेन मैडिटेशन कुछ मायनो में mindfulness meditation की तरह ही है जिसमे हम खुद को presence of mind में रखने की कोशिश करते है. एक और जहाँ हम mindfulness में खुद को एक ही जगह फोकस रखने की कोशिश करते है वही दूसरी और जेन मैडिटेशन की प्रक्रिया में general awareness को बढाते है.
इस विधि में हम खुद को विस्तृत बनाने पर ज्यादा से ज्यादा जोर देते है.
ध्यान की दूसरी पद्धति जैसे की loving kindness and compassion meditation जिसमे हम खुद को नेचर से जोड़ते है इस विधि में हम शरीर की उन हरकतों पर फोकस रहते है जो आटोमेटिक है जैसे की सांसो का चलना या फिर किसी तरह की गतिविधि और उससे ज्यादा से ज्यादा जुड़ना.
जेन मैडिटेशन ध्यान की वो विधि है जिसमे साधक flow of perceptions, thoughts, emotions, and subjective awareness जैसी activity पर खुद को ज्यादा से ज्यादा अवेयर करने पर फोकस करते है.
दूसरी विधि में हम आंखे बंद रखते है लेकिन इस विधि में हमारी आंखे माध्यम खुली रहती है जिसकी वजह से हम अर्द्ध-चेतन अवस्था में रहते है और किसी विचार को आसानी से हटा सकते है. आगे बढ़ते हुए हम धीरे धीरे conscious से unconscious में बढ़ने लगते है और अवेयर को बढाते रहते है.
benefit of zen meditation
अब तक इसे लेकर काफी रिसर्च हो चुकी है और पाया गया है की ध्यान में हमें physical, cognitive, social, spiritual, and emotional health benefits मिलते है जो की विधि के आधार पर अलग अलग होते है. आपको क्या लगता है हम इसकी शुरुआत क्यों करते है ? क्यों की इससे हम तनाव को कण्ट्रोल कर सकते है जो की इस समय की सबसे बड़ी प्रॉब्लम है.
ध्यान की अलग अलग विधि में हमारा दिमाग अलग तरह से प्रभावित होता है और ये निर्भर करता है ध्यान की विधि कौनसी है लेकिन, जेन मैडिटेशन एक ऐसी विधि है जिसके फायदे इस नार्मल विधि से थोडा हटकर है और इसके दुसरे फायदे कुछ हटकर है जिसमे से एक है चेतना से अवचेतना में बढ़ना यानि “conscious mind to unconscious mind”
Impact on the Brain
इस वक़्त हमारी सबसे बड़ी समस्या है थोड़े ही समय में खुद का आत्म-नियंत्रण यानि self control खो देना.
इस विषय को लेकर काफी लम्बे समय से रिसर्च चल रही थी जिसका उदेश्य था की meditation हमारे physical emotional and spiritual development को कैसे affect करता है और लम्बे समय की स्टडी के बाद 2008 के एक experiment में 12 – 12 लोगो का चुनाव किया गया जो लम्बे समय से जेन मैडिटेशन का अभ्यास कर रहे थे.
अध्ययन में पाया गया की वो लोग जो लम्बे समय से zen meditation की practice कर रहे थे उन्होंने किसी भी स्थिति में खुद को कण्ट्रोल करना सीख लिया था बजाय उन लोगो के जिन्होंने नॉर्मली इसका अभ्यास नहीं किया.
इसके लिए उन्हें सबसे पहले अपनी सांसो पर फोकस होने के लिए कहा गया और कुछ देर बाद computer की स्क्रीन पर घूम रहे कुछ रैंडम word में से एक word का चुनाव करने को कहा गया.
जब ऐसा हो गया तब उन्हें एक बार फिर से सांसो पर फोकस होने को कहा गया. रिसर्च में सामने आया की जिन लोगो ने ध्यान का कोई अभ्यास नहीं किया था उन्होंने सांसो पर खुद को फोकस होने में असमर्थ पाया. मैडिटेशन करने वाले लोगो ने अपना कण्ट्रोल बार बार भटकने के बाद भी आसानी से बना लिया था.
इससे ये साबित हुआ की ध्यान करने वाले लोग किसी भी स्थिति में खुद को आसानी से फोकस बनाए रखने में कामयाब हो सकते है.
Access to the Unconscious
इस बात को लेकर हमेशा साधक के मन में सवाल बना रहता है की क्या वाकई “zen meditation से हम अपने unconscious mind को बेहतर मात्रा में एक्सेस कर सकते है” ?
एक और जहा हमारा चेतन मन एक समय में एक ही जगह पर बेहतर फोकस हो सकता है वही अवचेतन मन अपनी अद्भुत क्षमता के कारण एक ही समय में कई जगहों पर फोकस हो सकता है जो की हमें और भी ज्यादा creative बनाता है.
2012 में इस बात को लेकर एक रिसर्च हुई जो की जेन मैडिटेशन से अवचेतन मन को access करने के लिए कैसे काम करता है को लेकर थी.
इस स्टडी में 2 ग्रुप बने और एक ग्रुप को 20 मिनट तक ध्यान करने का निर्देश दिया गया वही दुसरे को सिर्फ कुछ भी activity करने के लिए कहा गया. इसके बाद उन्हें एक computer स्क्रीन पर गेम खेलने को दिया गया जिसमे 3 शब्दों के साथ चोथे शब्द का तालमेल मिलाना था.
यही नहीं उन्हें इस बात के लिए मेंटली फ़ोर्स किया गया की वो इसका जवाब जल्द से जल्द दे.
जिन लोगो ने ध्यान का अभ्यास किया था उन्होंने विपरीत हालात में भी अपने संयम को काबू में रखते हुए जवाब दिया जबकि दुसरे ग्रुप में लोगो के अन्दर एक तनाव और दबाव देखा गया जिसकी वजह से उन्हें गलतियाँ करते हुए पाया गया.
एक दूसरी रिसर्च में computer की स्क्रीन पर पूछे गए सवाल का एक हिंट कुछ सेकंड के लिए दिखाया गया और पूछा गया की इससे जुड़े बाकि शब्द कौनसे हो सकते है. एक बार फिर से जिन लोगो ने ध्यान किया था उन्होंने इसका जवाब शांति और विश्वास से दिया और ज्यादातर जवाब उनके सही पाए गए.
जबकि दुसरे ग्रुप में एक तनाव का माहौल पाया गया क्यों की कंडीशन थी सवाल का जवाब जल्दी से जल्दी देना जिसकी वजह से दिमाग पर संयम रख पाना संभव नहीं हुआ और गलत जवाब देने की वजह बनी.
इससे ये साबित हो गया की हम इसके जरिये दिमाग पर बेहतर नियंत्रण बनाए रख सकते है और किसी भी स्थिति में खुद को शांत बनाए रखते हुए दिमाग का बेहतर इस्तेमाल कर सकते है. इसके जरिये हम दिमाग के अन्दर चल रही हलचल को बेहतर एक्सेस करते हुए उन्हें कण्ट्रोल कर सकते है.
Drug Abuse Treatment
अभी तक जितनी भी practice थी उनका mind-body connection से जुडाव था जब की 2018 में पब्लिश हुई एक Journal of Traditional and Complementary Medicine नामक बुक में brain-heart interactions को भी समझने की कोशिश की गई.
ऑथर ने इस बुक में काफी सारी चीजो को समझने की कोशिश की जिसमे से एक था drug abuse treatment programs जो की ताईवान में किया जा रहा था. इस प्रोग्राम में साधक खुद के हार्ट रेट और brain की गतिवधि को ड्रग के जरिये बेहद कम स्तर पर पहुंचा देते है और अभ्यास करते है.
उनका मानना है की हमारे ह्रदय में एक और spiritual heart है साथ ही नार्मल brain के अन्दर एक और दिमाग का स्तर जिसे zen meditation के जरिये हम बाहर निकालते है यानि जाग्रत करते है. दुसरे शब्दों में इसे ही reprogram your subconscious mind कह सकते है यानि खुद को रिफार्म करना.
इस विधि का एक उदेश्य ड्रग यानि नशे की लत को छोड़ने के बाद आने वाले बदलाव को भी सही करने में किया गया.
एक नार्मल व्यक्ति जब नशे की लत से बाहर निकलने की कोशिश करता है तो उसका शरीर साथ नहीं देता है जैसे की कम्पन महसूस करना, दिल और दिमाग का कमजोर पड़ जाना लेकिन, जेन मैडिटेशन के जरिये इसे समय के साथ काबू किया जाना आसान हो पाया था.
जेन मैडिटेशन का अभ्यास करने वाले लोगो के मूड में भी बदलाव पाया गया जिसकी वजह से नशे की लत से छुटकारा और दोबारा इसके विरोध करने में खुद को मजबूत पाया गया. इसके अलावा enhances the hypothalamus and frontal-lobe functioning जैसा बदलाव भी पाया गया जिसकी वजह से हम खुद को बेहतर पाते है.
शरीर की शुद्धिकरण प्रक्रिया में भी इसे काफी मददगार पाया गया. जिन लोगो ने भी ध्यान का अभ्यास जिसके बाद उन्होंने खुद में शांत व्यवहार, बेहतर नियंत्रण पाया. हम खुद पर बेहतर नियंत्रण बनाए रख पाने में खुद को सक्षम पाते है.
जिन लोगो ने भी जेन मैडिटेशन को एक अभ्यास की तरह खुद पर प्रयोग किया उन्होंने पाया की ये उनके दिमाग के खास हिस्सों को प्रभावित करता है जो हमारे मूड के लिए जिम्मेदार है और हमें सकारात्मक बनाए रखते है.
How to Learn It
ऐसे काफी सारे माध्यम है जैसे की audio programs, online videos, online learning programs, and books जिनसे हम जेन मैडिटेशन सीख सकते है. इसे आप किसी गुरु से या निर्देशक से भी सीख सकते है. ऐसे काफी सारे प्रोग्राम है जो एक सप्ताह से लेकर एक महीने तक भी चलते रहते है.
चीन में एक Buddhist temple के अन्दर इस तरह की व्यवस्था भी की गई है ताकि वहां के शांत माहौल में आप बैठकर आराम से इसका अभ्यास कर सके. ये आपके मूड पर निर्भर है की आप कौनसा मार्ग चुनते है क्यों की Zen meditation techniques को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक interest, needs, and budget है.
Is Zen Meditation Right for You?
बहुत सारे लोगो के मन में ये सवाल उठता है की आखिर ऐसी खास विधि को बिना किसी गुरु या निर्देशक के करना क्या सेफ है ? ये निर्भर करता है की आप इसे किस तरह एन्जॉय करते है क्यों की ध्यान की किसी भी विधि को आप बिना किसी रूकावट और बगैर मन के ख़राब हुए जितना ज्यादा कर पाते है वो उतना ही आप पर सूट करती है.
अगर बात की जाए की ध्यान की कौनसी विधि का अभ्यास करना आपके लिए सबसे बेहतर है तो हम शायद ही बता सके क्यों की हर किसी का मूड और नेचर अलग अलग होता है.
जिसकी वजह से वो अलग अलग विधि में खुद को बेहतर पाते है लेकिन एक सर्वे में पाया गया है की Vipassana (mindfulness) and Mantra meditation as higher than Zen and Qigong Visualization को अनुभव के आधार पर रैंक मिली है.
इसका साफ सा मतलब है की लोग ज्यादातर या तो विपस्सना या फिर मंत्र ध्यान विधि का चुनाव करते है जो की उन्हें सबसे ज्यादा पसंद भी आती है और आसान भी लगती है बजाय जेन मैडिटेशन के क्यों की एक साधक के लिए बिना किसी मार्गदर्शक के खुली आँखों से खुद को विस्तृत नजरिये में ले जाना बेहद कठिन है.
ज्यादातर लोग इसमें भटक जाते है जिसकी वजह से जल्दी ही लोगो का मन इस विधि से उचट जाता है.
अगर आप इस विधि का अभ्यास करते है और आपको अच्छे अनुभव नहीं होते है तो घबराइये नहीं किसी भी और विधि का चुनाव करे और फिर से शुरुआत करे क्यों की हर किसी पर एक ही विधि काम नहीं करती है और क्या पता दूसरी किसी विधि में आपको बढ़िया अनुभव मिले.
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जेन मैडिटेशन और मेरे अपने विचार
दोस्तों ध्यान की कई सारी विधियाँ और सब के अपने अभ्यास और प्रभाव होने की वजह से इनके परिणाम अलग अलग देखने को मिलते है. ज्यादातर ध्यान करने वाले लोगो के मन में सवाल रहता है की कौनसी विधि का चुनाव किया जाना चाहिए और ज्यादा लाभ देने वाली किसी भी विधि का अभ्यास करना शुरू कर देते है.
समस्या तब आती है जब अभ्यास करने में उनकी रूचि नहीं बन पाती है. अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो जरुरत है विधि में बदलाव करने की. zen meditation techniques के काफी सारे बेनिफिट है लेकिन ये आपके लिए 100% वर्क करेगी ये निश्चित नहीं है.
जिस विधि में आपका इंटरेस्ट बना रहे उसका चुनाव करे और शुरुआत करे आप चाहे तो बदल बदल का ये देख सकते है की किसी विधि में आप अच्छा कर रहे है.
आज की ध्यान की ये विधि आपको कैसी लगी हमें बताना न भूले.
श्रीमान जी,
बहुत ही अच्छी विधि है और एक तरह से देखा जाए तो बहुत ही शक्तिशाली और मन को शांत करने वाली विधी है
Like!! Thank you for publishing this awesome article.
Thank you so much sir
For valuable information about zen meditation