एक ही गले से दो आवाज निकलना क्या वाकई ये किसी आत्मा का काम है या कुछ और क्या है सच ?


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dual vocal phase यानि दो तरह की आवाज को एक साथ बोलने की कला जिसे हम इंडिया में multiple personality disorder के नाम से जानते है लेकिन वास्तव में ये हमारे अंदर के दो वोकल फेज के एक साथ activate होने की वजह से होता है।

आज हम बात करने जा रहे है dual vocal phase की जिसमे किस तरह से एक साथ दो तरह की आवाज निकाल सकते है। ek sath kai avaj nikalane ki asli vajah kya h ?

Basic Reason of Unsuccess in Sadhna
dual vocal phase
प्राचीन exorcism की विधि में या फिर मंत्र के जागरण में बौद्ध संत इसका प्रयोग करते है जिसकी वजह से वो खास विधि को पूरा करते है। जब हम उनकी आवाज को सुनते है तो वो हमें डरावनी लग सकती है लेकिन ये उनके दोनों वोकल को एक साथ जाग्रत करने की वजह से होता है।

इस कला में महारत हासिल करने की वजह से वे कई तरह की क्रियाओ को आसानी से पूरा कर लेते है।

कई मंत्र के उच्चारण में साधक की आवाज नार्मल नहीं रहती है खासतौर से बीज मंत्र के उच्चारण में अगर कोई सही विधि से इसका उच्चारण करता है तो उसके गले से निकलने वाली आवाज का कम्पन बदला हुआ होता है यही कम्पन मंत्र के जागरण की वजह बनता है।

क्या है dual vocal phase :

हम बोल-चाल में गले की सिर्फ एकल फेज का प्रयोग करते है। बोलते वक़्त जो आवाज निकलती है वो हमारे गले की मांसपेशियों से निकलती है इतना हम सभी जानते है लेकिन इसके पीछे एक और फेज होता है जो सामान्य रूप में प्रयोग में नहीं लाया जाता है।

कई परिस्थिति में या किसी में ये अचानक स्थिति के अनुसार activate हो जाता है और normal voice के साथ या उससे अलग एक आवाज और निकलती है जो सुनने में बहुत अजीब और डरावनी लग सकती है।

कुछ लोगो को लगता है की ये आत्मा का साया है, डॉक्टर इसे multiple personality disorder कहते है लेकिन हकीकत में ये एक आवाज ही है।

उदहारण के लिए एक छोटा बच्चा जब किसी जानवर जैसे कुत्ते से डरता है तो अचानक उसके मुँह से अजीब आवाज निकलती है जैसे वो उस कुत्ते को डरा रहा हो। उस समय बच्चे की स्थिति भय की भी होती है और वो कुत्ते को डराना भी चाहता है।

dual vocal phase और मंत्र सिद्धि

ड्यूल वोकल फेज का प्रयोग मंत्र की सिद्धि में भी किया जाता है। कुछ लोगो का कहना है इससे मंत्र की सिद्धि जल्दी होती है क्यों की हर मंत्र की अलग अलग वोकल होती है और ऐसे कई मंत्र है जिसमे साधक की आवाज सामान्य से अलग होनी चाहिए।

जैसे काली उपासना में मंत्र को उग्र वोकल में उच्चारण किया जाता है यही नहीं कई बार साधक की आवाज भी अलग महसूस होने लगती है।

बौद्ध संत यानि मोंक कई क्रियाओ में dual vocal phase का यूज़ करते है जैसे की exorcism ki kriya इसमें वो मंत्र का उच्चारण दोनों वोकल का एक साथ करते है।

किसी भी तिब्बत साधु को मंत्र का उच्चारण करते हुए सुनिए आपको उसकी आवाज में दो अलग अलग वोकल मिलेंगे। दोनों वोकल के प्रयोग में गले पर पड़ते हुए महसूस किया जा सकता है।

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dual vocal phase और multiple personality

किसी तरह के मानसिक दबाव में अनजाने में ही ड्यूल वोकल फेज की आवाज निकलने लगती है जिसे लोग आत्मा का साया या फिर डॉक्टर multiple personality disorder का नाम दे देते है।

ये सच है की कई बार आत्माओ का साया लोगो पर पड़ सकता है और किसी और की पर्सनालिटी को भी महसूस किया जा सकता है, लेकिन गले से निकलने वाली अजीबो-गरीब आवाज को हम सामान्य तौर पर भी महसूस कर सकते है।

जरुरी नहीं की इसमें किसी तरह की बीमारी हो।

exorcism and dual vocal phase

किसी बुरे साये को शरीर से अलग करने की एक खास रस्म जिसमे बौद्ध संत बहुत खास मंत्र और वाद्य यंत्रो द्वारा आत्मा के साये को बाहर निकालते है।

इस खास रस्म पर हॉलीवुड में एक मूवी emily rose exorcism बन चुकी है। इस फिल्म को हकीकत की स्टोरी पर फिल्माया गया है।

एमिली के गले से अचानक ही दो तरह की आवाज निकालने लगती है ये सब रिकॉर्डर में रिकॉर्ड भी किया गया था।

एक अन्य फियर फाइल के एपिसोड में भी exorcism का जिक्र किया गया है जिसमे एक औरत के गले से 9 तरह के लोगो की आवाज निकलती है।

बौद्ध संत खास रस्म के जरिए उसके जिस्म में उन 9 आत्माओ को निकाल कर कैद करते है। ये एपिसोड रियल घटना पर based था और इसमें बौद्ध संत के मन्त्र उच्चारण के तरीके को देख और समझ सकते है।

dual vocal phase और आत्माओ का चक्कर

dual vocal phase का आत्माओ के साथ क्या कोई relationship है ? क्या रहस्य है जो एक आदमी की आवाज अचानक ही बदल जाती है। इसके पीछे कोई गहरा रहस्य नहीं है। एक ही शरीर में कई तरह की personality जिन्दा की जा सकती है।

जब मानसिक तौर पर हम किसी काल्पनिक किरदार के बारे में सोचते रहते है तो वक़्त के साथ उसके किरदार में ढलने लगते है।

dual personality

आत्मा के साये की वजह से भी एक इंसान दो तरह की आवाज निकाल सकता है जो आप में भय का संचार कर सकती है।

पारलौकिक समस्याओ के समाधान के लिए खास क्रिया होती है और हम ऐसा कह कर किसी तरह के अन्धविश्वास को बढ़ावा नहीं देते है मगर आज भी ये सच है की आत्मा और जिन्नात का साया हम इंसानो पर पड़ सकता है। लेकिन dual vocal phase हमारे ही गले की दूसरी आवाज का रूप है।

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what author think about dual vocal phase

दोस्तों dual vocal phase यानि एक साथ दो तरह की आवाज का निकलना कोई बीमारी नहीं है ये अचानक ही आपके गले की दूसरी मांसपेशी के हरकत करने की वजह से होता है।

गाने में, मंत्र में इसका प्रयोग एक अलग अनुभव कराता है जो भय और अन्य भाव से मिला जुला होता है।

अगर आप dual vocal phase को लेकर किसी तरह की जानकारी रखते है तो हमारे साथ शेयर कर सकते है।

आपने अपने आसपास क्या इस तरह का अनुभव किया है या नहीं हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताये।

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