कटेरी अम्मा / Kateri Amman जिन्हें साउथ में गार्डियन देवी के तौर पर जाना जाता है माता पार्वती का स्वरूप है. तमिलनाडु में इन्हें माता पार्वती के स्वरूप में जाना जाता है. हिन्दू धर्म में इनका पूजन Dravidian folk religion में किया जाता है.
ऐसा माना जाता है की माता अदि शक्ति पार्वती का ये स्वरूप जिस प्रान्त में स्थापित होता है वहां ये सरंक्षक देवी की तरह उस जगह की सुरक्षा करती है.
कलियुग में बीमारियों से रक्षा करने के लिए ये हमेशा सजग रहती है.
साउथ प्रान्त में लोग Kateri Amman / कटेरी को महाकाली और गंगा देवी की बहन के तौर पर मानते है. उनका मानना है की माँ का ये स्वरूप बीमारियों को हरने वाला है और किसी के शरीर से उपरी हवाओं के असर को दूर करने वाला है.
South popular Urban legend में इनके बारे में पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों स्वरूप के बारे में सुनने को मिलता है इसलिए एक तरह से कहा जा सकता है की ये Low vibration goddess form of Supreme Goddess है.
इसमें वो देवी देवता या आध्यात्मिक शक्तियां आती है जो प्रमुख शक्तियों से निचे है लेकिन जल्दी प्रसन्न होती है, जितना जल्दी ये अपना स्नेह दिखाती है उतना ही जल्दी ये कुपित भी होती है.
आज के लेख में हम कटेरी अम्मा और उनकी उत्पति के बारे में जानने वाले है.
Urban legend of Kateri Amman कटेरी अम्मा की उत्पति से जुड़ी दंतकथा
तमिल लोककथाओं के अनुसार, शिव ने एक बार अपनी पत्नी पार्वती को आधी रात में अपना बिस्तर छोड़ते हुए और सूर्योदय से पहले ही लौटते हुए देखा.
जब उसने उससे इस संबंध में पूछताछ की, तो उसकी पत्नी हैरान रह गई और उसने उसे बताया कि वह पूरी रात उसके पास से नहीं गई थी.
जब शिव ने एक बार फिर ऐसा होते हुए देखा, तो वे कैलास से जंगल की ओर उसका पीछा करने के लिए आगे बढ़े, और देखा कि उसने काली का भयानक रूप धारण कर लिया था, और उन्हें भस्म करने के इरादे से लाशों को खोद रही थी.
उसे रोकने का निश्चय करके उसने जंगल के रास्ते में एक गड्ढा खोद दिया. जब काली गड्ढे में गिरी और उसने शिव को देखा, तो वह अपने किए पर पश्चाताप से भर गई, और उसने शिव से वादा किया कि वह इस घृणित कार्य को समाप्त कर देगी.
उसने शिव से यह भी कहा कि वह अपने भयानक रूप को बिल के भीतर छोड़ देगी, और एक कर्तव्यपरायण पत्नी के रूप में उनके पास लौट आएगी.
जो शक्ति पीछे छूट गई, वह कटेरी अम्मन (Kateri Amman) का रूप बन जाएगी, जो एक दयालु देवी है जो बीमारियों को नष्ट करती है, और अपने अनुयायियों की रक्षा करती है.
हालाँकि, कुछ समुदायों की लोककथाओं के अनुसार, देवी को कभी-कभी द्वेषपूर्ण पहलुओं से भी पहचाना जाता है.
उदाहरण के लिए, दलित लोककथाओं के अनुसार, कटेरी अम्मान (Kateri Amman) की उत्पत्ति शिव द्वारा उन्हें दिए गए श्राप से मानी जाती है, जिसके कारण उन्हें जंगलों में भटकना पड़ता है और अगर उनकी पूजा नहीं की जाती है तो वे गर्भवती महिलाओं को अपना शिकार बनाती हैं.
कटेरी को इस कारण से हिंसक और डायन जैसा भी चित्रित किया जाता है, जो उन अनुष्ठानों से जुड़ा होता है जिनमें रक्त और आध्यात्मिक कब्ज़ा शामिल होता है.
उसे एक ऐसी इकाई के रूप में चित्रित किया गया है जो प्रसन्न होने पर बच्चों की रक्षा करती है और अप्रसन्न होने पर उनका गला घोंट देती है.
कटेरी अम्मा की पूजा किन जगहों पर की जाती है ?
साउथ में Kateri Amman का ज्यादा महत्त्व है क्यों की दंतकथाओ में इनका वर्णन द्रविड़ धर्म में देखने को मिलता है और इनकी गिनती सरंक्षक देवी देवताओ में की जाती है.
बात की जाए इनकी पूजा करने की तो South India And Canada, New York, Fiji, All Over The Caribbean, Mainly In Guyana And Trinidad इन जगहों पर इनका आध्यात्मिक महत्त्व है.
भोग के तौर पर इन्हें फूल, रम, सिगरेट, मीठा भात / खीर / मीठा चावल ( हालाँकि उनका प्रसाद बिना चीनी के बनाया जाता है ), लापसी / पूरी, नींबू, नीम, कपूर, फल जैसी वस्तुओ का भोग दिया जाता है.
अलग अलग जगहों पर भोग में आपको विविधता देखने को मिलेगी जिसकी वजह उनके बिलीफ है.
कटेरी अम्मा की पूजा मुख्य रूप से सरंक्षण और हीलिंग के लिए की जाती है. ऐसा माना जाता है की कटेरी अम्मा किसी भी तरह की बीमारी को हील कर सकती है.
उत्तर भारत में शीतला माता की पूजा की जाती है और वे भी अदि शक्ति के स्वरूप में से एक है. साउथ में इसी तरह Kateri Amman का आध्यात्मिक महत्त्व है.
देवी का स्वरूप और इनके रूप में विविधता
कटेरी अम्मा का स्वरूप गहरे नील या काले रंग से दर्शाया गया है. ये दोनों स्वरूप माँ काली के थे और इनकी उत्पति भी महाकाली के अपने स्वरूप का त्याग करने के दौरान हुई थी.
इनके रूप में विविधता देखने को मिलती है क्यों की इनके बारे में अच्छी और बुरी दोनों तरह की बाते सुनने को मिलती है.
कटेरी अम्मा की उत्पति भगवान् शिव के श्राप की वजह से हुई थी और दलित मान्यता के अनुसार अगर इन्हें पूजा ना जाए तो ये गर्भवती महिलाओं को अपना शिकार बनाती है.
वही अगर इन्हें सही सम्मान दिया जाए तो ये उस जगह की सरंक्षक देवी बन जाती है और वहां के लोगो की सुरक्षा करती है.
कटेरी अम्मा Kateri Amman किसी भी बीमारी को ठीक कर सकती है और Paranormal activity से परेशान लोगो का इलाज इनके सरंक्षण में करना आसान हो जाता है.
What is the power of Kateri Maa? कटेरी अम्मा की शक्ति
ऐसा माना जाता है की ये साउथ इंडिया के ग्रामीण प्रान्त की सरंक्षक देवी है. ये महाकाली और गंगा देवी की बहन है. इनकी प्रमुख शक्तियों में से एक है हीलिंग.
ये किसी भी बीमारी का इलाज कर सकती है. अगर आप गर्भवती महिला है तो आप इनकी सरंक्षण शक्ति प्राप्त कर सकती है. इनके आशीर्वाद से आप हर मुश्किल से बाहर निकल सकती है.
इन्हें सरंक्षक देवी के तौर पर माना जाता है इसलिए इनके सरंक्षण में रहने वाले को बीमारी और पारलौकिक शक्तियों से परेशानी नहीं होती है.
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साउथ में कटेरी अम्मा का महत्त्व होने के पीछे की वजह निष्कर्ष
दुनिया भर में अलग अल जगहों पर आपको Kateri Amman और or Mother Kateri के बारे में सुनने को मिल जायेगा. गर्भवती महिलाए जिन्हें माँ बनने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है वे ( साउथ में ) कटेरी अम्मा का आशीर्वाद जरुर ले.
विज्ञान को मानने वाले लोग इन सब में बिलीव नहीं करते है लेकिन, ये सच है क्यों की इनकी तरह ही उत्तर भारत में शीतला माता, चोगान माता ( चौराहे वाली माता ) की पूजा की जाती है.
आदि शक्ति के स्वरूप होने की वजह से इनकी अलग अलग प्रान्तों में पूजा की जाती है.
साउथ में ही नहीं कनाडा और अमेरिका जैसी जगहों पर भी Kateri Amman or mother kateri की पूजा की जाती है. इन्हें अलग अलग जगह पर अलग नामो से जाना जाता है और दिया जाने वाला भोग भी जगह के आधार पर विविधता से भरा होता है.
क्या आप लोक प्रान्त की शक्तियों में बिलीव करते है ? कमेंट के माध्यम से हमें बताना ना भूले.