क्या आपने कभी अनुभव किया है की आप उठे, वाशरूम गए और कुछ देर बाद जब बिस्तर गन्दा हो गया तब आपको पता चला की आप तो सपना देख रहे थे. इस तरह का False awakening experience हमें किसी भी उम्र में हो सकता है.
दिनभर के काम के बाद तनाव की वजह से सही नींद लेने में प्रॉब्लम होती है जिसकी वजह से बार बार नींद से उठना, ऐसा लगना मानो उठकर टहल रहे है जैसे अनुभव होते है. अगर आप चाहे तो इसे Lucid dream में बदल सकते है जहाँ हम सपने के दौरान भी Conscious रहते है.
इस तरह के अनुभव आपको Sleep paralysis जैसे लग सकते है लेकिन ये दोनों अलग अलग चीजे है. हालाँकि इस तरह के अनुभव डरावने नहीं होते है लेकिन बार बार होने वाले लूप में अगर आप फंसे है तो आपको डर लग सकता है.
कई बार इसके अनुभव आपको भयभीत कर सकते है जो आपके मस्तिष्क के सही तरह से respond ना करने की वजह से होता है.
मिथ्या नींद से उठने का भ्रम हमें तब होता है जब हम बार बार रात को नींद से उठ जाते है और फिर वापस सो जाते है.
बार बार एक तरह की गतिविधि को दोहराने की वजह से multiple level of consciousness का बैलेंस बिगड़ता है और वे उस तरह से respond नहीं करती है जिस तरह से करना चाहिए. स्लीप पैरालिसिस भी इसी का परिणाम है लेकिन एक अलग अनुभव है.
आज के आर्टिकल में हम How to turn false awakening into lucid dream के बारे में बात करने वाले है.
अगर आपने इस तरह के अनुभव किये है और उसकी वजह से परेशानी हुई है तो आप इस आर्टिकल में शेयर किये गए टिप्स की मदद से खुद को न सिर्फ किसी भी तरह के मिथ्या भ्रम से बाहर निकाल सकते है बल्कि मनचाहे सपने देखने के दौरान खुद को conscious भी रख सकते है.
What is False awakening in Hindi
False awakening आपके लिए odd and scary experience हो सकता है. कभी कभी हम अचानक ही उठ जाते है तो अहसास होता है की हम सो रहे थे और फिर वापस सो जाते है. कई बार हमें आसपास जो हो रहा है उसका अहसास होता है की हम अभी भी सपने में ही है लेकिन स्थिति कई बार ऐसी भी बन जाती है की हम फर्क नहीं कर पाते है.
इसका सबसे common example आप देख सकते है रात को बिस्तर पर पेशाब कर देना.
ऐसा किसी भी उम्र में हो सकता है जरुरी नहीं की बच्चे ही करे युवा, बुजुर्ग कोई भी इस स्थिति में फंस सकता है. रात को सोने के दौरान हम अचानक उठ जाते है और वाशरूम जाने लगते है.
जब वाशरूम करते है तब हमारी नींद टूटती है क्यों की बिस्तर गन्दा होने की वजह से हमारा चेतन मन उसे पकड़ चूका है. ये स्थिति ऐसी है मानो हम किसी सम्मोहन में हो.
आज की पोस्ट में हम बात करेंगे की waking-world and dream-world के बीच का फर्क कैसे पता करे. कई बार lucid dreaming के अभ्यास के दौरान false awakening हमारे लिए एक excellent opportunity की तरह काम करता है.
ये हमें awareness की तरफ ले जाता है और lucid dreaming state में जाना आसान हो जाता है.
इस आर्टिकल में हम कुछ चीजे क्लियर समझने वाले है जैसे की
- अगर हम मिथ्या उठ जाते है तो इसका क्या मतलब निकलता है ?
- हमें इसका अनुभव क्यों होता है ?
- इसकी पहचान कैसे की जाए ?
- हम मिथ्या नींद के दौरान कैसे उठते है ?
- Dream within a dream का मतलब और क्या हम सपने के अन्दर सपने में फंस सकते है.
- False awakenings को lucid dreams में कैसे बदले?
अगर आप मनचाहे सपने की दुनिया का अभ्यास करते है तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है आइये जानते है.
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मिथ्या नींद से उठना इसका क्या मतलब है ?
False awakening वास्तव में एक ऐसा convincing dream है जहाँ हमें नींद से उठने का मिथ्या भ्रम होता है. हमें लगता है की हम नींद से उठ चुके है और काम कर रहे है लेकिन वास्तव में हम शुरू से सो रहे थे. ऐसी कई चीजे है जो हम इस दौरान करते है जैसे की वाशरूम जाना, नाश्ता करना या बाहर टहलने चले जाना.
हमें लगता है की हम ये सब कर रहे है लेकिन वास्तव में तो हम सो रहे होते है. सुनने में अजीब लग सकता है लेकिन ऐसा होना आम बात है. इस तरह के मिथ्या उठने का भ्रम 2 तरह का होता है.
टाइप 1 में हमें उठने के बाद खुद को अलग ही जगह पाते है. ये जगह हमारी पहचान की जगह या बेडरूम जहाँ हम सोये हुए थे उससे बिलकुल अलग होती है.
टाइप 2 में हम जब उठते है तब हमारे आसपास का माहौल परिचित होता है. हमें लगता है की ये हमारा डेली रूटीन ही है लेकिन कुछ देर बाद हमें ये अहसास होने लगता है की चीजे उस तरह से नहीं हो रही है जिस तरह से होनी चाहिए. इन चीजो को जब आप नोटिस करना शुरू कर देते है तब आपकी consciousness active होना शुरू हो जाती है.
इसके बाद आप या तो आप नींद से उठ जाते है या फिर वापस सपने में जैसे चल रहा है उसे होने देते है.
हमें मिथ्या नींद से उठने का भ्रम क्यों होता है ?
इसकी सबसे बड़ी वजह sleep fragmentation होती है. जब रात को आप सोने जाते है तब छोटी छोटी नींद से उठ जाते है और आपको बार बार इधर उधर घूमना पड़ता है तो उसी की वजह से जब हम नींद में होते है तब भी हमें लगता है की हम उठ गए है.
जब ऐसा होता है तब false awakening की वजह से हमारा brain इस दौरान multiple states of consciousness or sleep simultaneously से गुजरते है. इस स्थिति की वजह से हमारा चेतन मन जो हमारे दिनभर की गतिविधि के लिए जिम्मेदार होता है वो नींद के दौरान भी हमें जगे होने का अहसास करवाता है.
Why does sleep fragmentation occur?
नींद के दौरान कई तरह की ऐसी sleep conditions होती है जिनकी वजह से false awakening की स्थिति बनती है.
- Sleep apnea ऐसी स्थिति जिसमे हमारे सोने के दौरान सांसो का प्रवाह balanced नहीं रह पाता है.
- Periodic limb movements of sleep (PLMS) नींद के दौरान किसी तरह का मांसपेशी में खिंचाव
- Insomnia सोने में प्रॉब्लम
- Environmental noise आसपास के माहौल की शोरगुल की वजह से सही नींद ना ले पाना.
- Stress and anxiety from your everyday life दिनभर के काम की वजह से तनाव होना भी आपके सोने में दिक्कत पैदा करता है.
ये सभी ऐसी कंडीशन है जिसके दौरान आपको सही नींद ले पाने में समस्या होती है.
How to recognize false awakening
अगर आप इस बात को लेकर sure नहीं है की आप वाकई में उठे हुए है या फिर अभी भी नींद में है तो इसके लिए reality check का experiment कर सकते है. हर रोज आप इस reality check के जरिये अपने मिथ्या सपने से जगने के अनुभव को चेक करे ये पक्का कर ले.
इसके जरिये levels of awareness बढ़ता है जो की wake and dream world दोनों में काम करता है. ऐसा करना इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्यों की इसके जरिये आप false awakening को lucid dreaming में बदल सकते है.
इसके लिए आप निम्न तरीको को अपना सकते है जैसे की
- अपनी अंगुलियों को गिनना.
- वास्तविकता पर सवाल खड़ा करना.
- मेमोरी को चेक करना.
- मैडिटेशन का अभ्यास.
- खुद से सवाल करना.
ये सभी तरीके आपको ये जानने में मदद करते है की वाकई आप सपने में है या हकीकत में उठ चुके है.
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मिथ्या नींद से उठने के भ्रम से कैसे बाहर निकले
अगर आप false awakening से बाहर निकलना चाहते है तो कुछ मेथड अपने माइंड में रखे और अभ्यास के दौरान इन्हें अपनाए.
अपनी आँखों को लगातार तेजी से खोले और बंद करे. ऐसा करना आपके दिमाग में एक कड़ी पैदा करता है जो मिथ्या सपने को तोड़ता है और आप चेतना में लौट आते है.
अपनी चेतना को एक जगह फोकस करना भी आपको इसमें हेल्प कर सकता है.
अगर सामने रखा कोई भी ऑब्जेक्ट वास्तविक है तो वो आपके बार बार प्रतिक्रिया के बाद भी वैसा ही रहेगा लेकिन, अगर ये मिथ्या स्वपन हुआ तो चीजे बदलना शुरू हो जाती है.
इसके अलावा आप उसी अवस्था में वापस लेट जाए और खुद को महसूस करने की कोशिश करे. अपने हाथो को हिलाने या पैर के अंगूठे को छूने की कोशिश आपके चेतन मस्तिष्क को activate करना शुरू कर देती है.
इसे Lucid dream में कैसे बदले ?
मिथ्या उठने के भ्रम को हम मनचाहे सपने में भी बदल सकते है. False awakening into a lucid dream के अभ्यास में आपको जितना हो सके रियलिटी चेक पर फोकस करना है.
Lucid dreaming का basic principle समझे तो हम Dream world में जितना ज्यादा aware होंगे उतना ही अच्छा अनुभव हमें मिलेगा.
इसके लिए आपको हर रोज रात को सोने के बाद सुबह सबसे पहले रियल्टी चेक को परफॉर्म करना होगा. हम इसके बारे में पहले ही बात कर चुके है. ऐसा इसलिए जरुरी है क्यों की आपको इसे अपनी हैबिट बनाना होगा तभी आप खुद को सपनो के दौरान भी active रख पाएंगे.
सुबह उठने के बाद खुद से सवाल करना “क्या में उठ चूका हूँ”
और फिर इसे चेक करना आपको धीरे धीरे इसमें परफेक्ट बना देगा.
कुछ ऐसी रियलिटी चेक के मेथड है जिन्हें आप इस दौरान कर सकते है.
नाश्ता करना : सुबह उठने के बाद पानी पीना, कोई ड्रिंक लेना, नाश्ता करना या कुछ भी खाना जिससे आप टेस्ट कर सके, उसे अनुभव कर सके आपको करना होगा.
अपनी परछाई को देखना : ज्यादातर लोग उठने के बाद बाथरूम में जाने के दौरान अपनी प्रतिबिम्ब को दर्पण में जरुर देखते है.
अलार्म क्लॉक : जब हम नींद में होते है number and language centre of the brain सही से काम नहीं करता है. अगर आप लगातार क्लॉक की तरफ देखते है तो आप अपने सपने को समझ सकते है.
आप किसी भी तरीके का चुनाव करे लेकिन जब तक आपकी awareness नहीं बढ़ेगी आप आगे नहीं बढ़ सकते है. आपको रियलिटी चेक करने की अपनी प्रैक्टिस को मजबूत करना होगा तभी आप इन दोनों में फर्क कर पाएंगे और Lucid dream state में जा पाएंगे.
Dream within a dream (false awakening loop)
अगर आपने famous Hollywood movie inception देखी है तो आपको उसमे सपने के अन्दर सपने की प्रोसेस का पता होगा.
सपने के अन्दर खुद को दूसरे सपने में पाना बेहद कम होता है लेकिन रियलिटी चेक करना इसमें मुश्किल होता है. इस तरह का अनुभव confusing and scary experience साबित होता है जब आप एक तरह के लूप में फंस जाते है.
ये एक ऐसी स्थिति है जिसमे हम बार बार खुद को सपने के दौरान जगता हुआ महसूस करते है की हम उठ गए है लेकिन कुछ देर बाद हम उसी स्थिति को फिर से अनुभव करते है.
हमें बार बार जगने के बाद भी भ्रम होता है की हम नींद में है और अभी उठे है. ये बार बार चलता है. सवाल ये उठता है की क्या हम इस लूप में अनंत तक फंसे रह सकते है ?
हम हर रोज एक फिक्स टाइम के बाद खुद उठ जाते है इसलिए इस तरह के लूप में फंसे रहने का कोई सवाल नहीं बनता है.
अगर आपको false awakening dreaming जैसी कंडीशन को बनने से रोकना है तो खुद को aware बनाए रखने की कोशिश करे क्यों की यही एक जरिया है जो आपको मनचाहे तरीके से सपने को कण्ट्रोल करने में मदद करेगा.
इसी awareness को बढाने के लिए आप निचे दिए गए मेथड में मनचाहा तरीका अपना सकते है.
- A meditation and mindfulness practice: सबसे आसान मगर अभ्यास करने लायक तरीका जिसके जरिये हम खुद को ज्यादा से ज्यादा aware कर सकते है.
- हालाँकि इस तरह की स्थिति का कोई क्लियर रीज़न सामने नहीं आया है लेकिन लोगो का मानना है की ऐसा तब होता है जब आप दिन भर के कामो में जरुरत से ज्यादा तनाव ले लेते है. हमारे दिनभर की गतिविधि सोने को प्रभावित करती है इसलिए इसे कण्ट्रोल कर नींद के दौरान होने वाली परेशानी से बचा जा सकता है.
जितना हो सके तनाव कम से कम लेने की कोशिश करे ताकि सही नींद ली जा सके.
How to turn false awakening into lucid dream final conclusion
दिनभर की तनाव और काम की टेंशन या फिर सोते समय तक मोबाइल वगेरह का इस्तेमाल आपके चेतन दिमाग को प्रभावित करता है.
सोते समय आपका level of consciousness सही तरह से बैलेंस नहीं रह पाता है इस वजह से सही नींद नहीं ले पाते है और रात में बार बार उठने का भ्रम होता है.
मान लीजिये की एक रात को तनाव की वजह से आप 2 से 3 बजे तक हर आधे एक घंटे की नींद में उठ जाते है जैसा की आमतौर पर सफ़र के दौरान होता है.
अब इसके बाद सुबह 4 से 5 बजे के बीच आप गहरी नींद में होते है लेकिन आपका मस्तिष्क आपको अहसास करवाता है की आप अब भी वैसे ही उठ रहे है.
अगर आप false awakening को रोकना चाहते है और इस अनुभव को Lucid dream state में बदलना चाहते है तो आपको खुद की awareness को मजबूत करना होगा.
जितना ज्यादा आपकी awareness मजबूत होगी उतना ही आप सपने के दौरान भी active होंगे और फर्क कर पाएंगे. अगर आपने कभी इस तरह के अनुभव किये है तो कमेंट में हमें बताना ना भूले.