सूक्ष्म शरीर विचरण यानि astral travel projection Hindi एक ऐसी प्रक्रिया है जो न सिर्फ आसान है बल्कि आपको सही तरह से अनुभव करने में भी सहायक है.
अगर आपको अभी तक astral travel में no experience जैसी problem से गुजरना पड़ रहा है तो इन top 10 steps को follow कर शरीर से बाहर विचरण करने की शुरुत कर सकते है. ये 100% safe है और स्टेप में होने की वजह से बिना किसी परेशानी के की जा सकती है.
इस पोस्ट को पूरा जरुर पढना ताकि आपको एक सही शुरुआत के साथ एस्ट्रल travel का अनुभव मिल सके.
astral travel projection / एस्ट्रल ट्रेवल प्रोजेक्शन यानि शरीर से बाहर विचरण करना एक शारीरिक, मानसिक आध्यात्मिक स्तर से जुड़ा हुआ ऐसा अभ्यास है जो हमें नए आयाम की ओर ले जाता है लेकिन आप शरीर से बाहर विचरण क्यों करना चाहते है ?
क्या आप मानते है की शरीर से बाहर विचरण किया जा सकता है ?
ये कोई कल्पना नहीं है बल्कि आपके मस्तिष्क और चेतना के बिच की ऐसी अवस्था है जो हमें नए नए अनुभव करवा सकती है बशर्ते आप खुद को चैतन्य रखना सीख जाए।
Astral travel projection in Hindi
शरीर से बाहर विचरण करने के लिए आपको सोने के वक़्त कुछ निर्देश का ध्यान रखना होगा इन निर्देश को फॉलो कर आप आसानी से एस्ट्रल ट्रेवल प्रोजेक्शन यानि out of body travel कर पाएंगे।
आप astral travel projection तभी कर पाएंगे जब आप गहरी तन्द्रा या फिर स्लीप पैरालिसिस की स्थिती में होंगे। सबसे पहले आपको इन दोनों अवस्था में खुद को चैतन्य रखना सीखना होगा।
सुबह सुबह नींद खुलते ही बिस्तर से उठने की बजाय आँखे बंद कर लेटे रहे साथ ही खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से शिथिल कर ले।
अगर आप ऐसा कर लेते है तो आप जल्दी ही शरीर से बाहर विचरण का अनुभव कर सकते है क्यों की इस दौरान आप हकीकत और सपने की दुनिया के बिच होते है।( ये बहुत आसान है बशर्ते आप हकीकत और कल्पना में फर्क पता कर सके )
रात को सामान्य रूप से सो जाइए और एक अलार्म 4 से 5 घंटे बाद का लगा ले।
अलार्म के साथ ही उठ जाइये और एक घंटे तक कुछ भी करिये जैसे टीवी देखना, किताब पढ़ना जैसी गतिविधि अब आप वापस सो जाइये अगर आप ऐसा कर लेते है तो सोने के 30 से 35 मिनट बाद ही आप एस्ट्रल ट्रेवल प्रोजेक्शन में पहुंच जाएंगे।
top astral travel projection technique that work
चलिए बात करते ऐसी कुछ तकनीक की जो हमारी जरुरत के अनुसार बनी हुई है और इसका समान लाभ मिलता है।
किसी एक ऑब्जेक्ट पर फोकस होना
जब भी रात को सोने जाए किसी एक स्पॉट या ऑब्जेक्ट को फिक्स कर ले। सोने से पहले आपने सारा ध्यान इस एक स्पॉट पर फोकस कर ले। आपको सिर्फ उस स्पॉट को देखना है और उसे गहनता से देखते रहना है। जब आप ऐसा कई देर तक ( 10 से 15 मिनट ) कर ले तो सो जाइये।
सुबह उठते ही फिर कुछ देर इसी स्पॉट पार खुद को फोकस कर ले। जब आप इस स्पॉट को देखते है तब आपको आसपास की सभी चीजे लगभग धुंधली महसूस होने लगती है।
इस समय आपको महसूस करना है astral travel projection के लिए अपनी आँखों के आगे बढ़ते अँधेरे को। आपकी आँखों के आगे अँधेरा बढ़ रहा है और आप इस अँधेरे में एकटक देख रहे है।
ये आपकी कल्पना शक्ति द्वारा ही संभव है इसलिए इसे जरूर बढ़ा ले। जल्दी ही आपको अपने शरीर से एक हिस्सा बाहर निकलता हुआ महसूस होने लगेगा।
मुक्त गिराव महसूस करना
कल्पनाशक्ति के अभ्यास द्वारा आप किसी अभ्यास को सरल बना सकते है। जब भी रात को सोने जाए कल्पना करे की आप बहुत ऊंचाई से गिर रहे है।
आपके गिरने की गति बहुत ज्यादा है बिलकुल वैसे ही जैसे एक इंसान स्पेस से धरती की और गिरता है। ये एक 100% working astral travel projection in Hindi का सबसे आसान तरीका है.
सही तरिके से करते रहने पर आप शरीर में वाइब्रेशन महसूस करने लगेंगे और फिर आपके शरीर से बाहर विचरण को।
अँधेरे में देखना
शांत होकर एक कमरे में बैठ जाइये और अपनी आँखों के पीछे के अँधेरे को महसूस करने की कोशिश करे।
आपके पीछे क्या है किस तरह का अँधेरा है और वहा क्या कुछ है इसे कल्पनाशक्ति द्वारा महसूस करे।
धीरे धीरे आप जैसे जैसे आगे बढ़ते है आप इमेजिन करने लगते है की आपके पीछे किस तरह के ऑब्जेक्ट है और अंधकार है.
धीरे धीरे आप अपने पीछे मन की आँखों से सब कुछ देखने और महसूस करने लगते है।
यही वह वक़्त है जब आप खुद को अपने शरीर से बाहर महसूस करने लगते है क्यों की कल्पना और हकीकत का फर्क ख़त्म हो जाता है।
astral travel projection – सुनना
एकांत एक कमरे में बैठकर अपने अंदर गूंजने वाली आवाजों पर फोकस होने की कोशिश करे।
किस तरह की आवाजे आपके अंदर गूंजती रहती है इन पर फोकस होना एक तरह से खुद के अंतर् को समझने जैसा है और जैसे जैसे आपका अभ्यास गहरा होता चला जाता है आप खुद को विभाजित करने में कामयाब हो जाते है।
वैसे तो इसके लिए भी आपको प्रयास करना पड़ता है लेकिन जब अभ्यास गहरा हो जाता है तब आप खुद अपने आप शरीर से बाहर विचरण को अनुभव करने लगते है।
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घूमते रहना महसूस करना
ध्यान की विधि द्वारा भी शरीर से बाहर विचरण यानि astral travel projection को अनुभव कर सकते है।
ध्यान की विधि में इसका वर्णन है। इस विधि के अनुसार आपको सिर्फ आराम की अवस्था में बैठ कर खुद के अंदर के स्पंदन को महसूस करना है।
ये स्पंदन आपके मांसपेशियों में नहीं होगा लेकिन फिर भी आप इसे अनुभव करेंगे।
जब ये स्पंदन ज्यादा बढ़ जाएगा तभी अंदर बहुत ज्यादा शोर पैदा होगा और एक रौशनी की तरह आपके शरीर से एक हिस्सा अलग होने लगेगा यही एस्ट्रल ट्रेवल प्रोजेक्शन होगा।
जबरदस्ती खुद को सुलाने की कोशिश करना
जैसे की ऊपर astral travel projection के बारे में बताया गया है खुद को जबरदस्ती सुलाने की कोशिश में भी हम स्लीप पैरालिसिस की अवस्था में पहुँच सकते है जिससे एस्ट्रल ट्रेवल प्रोजेक्शन आसान बन जाता है।
इसके लिए सुबह उठने के बाद बिस्तर ना छोड़े। अपनी आँखे बंद कर ले और खुद को वापस सुलाने की कोशिश करे आपको किसी चीज पर फोकस होने की जरुरत नहीं है।
जब ऐसा करते है तब 10 से 20 सेकंड में ही आपको वापस अर्द्धनींद की अवस्था हासिल होगी जिसके बाद आप खुद थोड़ा सा प्रयास कर भी शरीर से बाहर विचरण को अनुभव कर सकते है।
आपको सिर्फ तभी थोड़ा सा फाॅर्स करना होता है जब आप आधी नींद की अवस्था में होते है।
उसके बाद आपको चैतन्य रहना होता है नहीं तो नींद और हकीकत में फर्क करना मुश्किल हो जाता है।
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मस्तिष्क के अंदर देखना
सुनने में अजीब लगेगा लेकिन तनाव की स्थिति में हम अपने मस्तिष्क पर बोझ सा महसूस करते है उस स्थिति में भी हम एस्ट्रल ट्रेवल प्रोजेक्शन का अनुभव कर सकते है।
इसमें आपको कल्पनाशक्ति का इस्तेमाल कर तनाव में आना होता है।
इसके लिए आप अकेले शांत जगह बैठ जाइये और अपने मस्तिष्क के अंदर होने वाली गतिविधि को महसूस करे।
इमेजिन करे की astral travel projection के लिए आपके मस्तिष्क में क्या चल रहा है किस तरह की गतिविधि हो रही है।
कुछ देर इस तरह की स्थिति में रहने पर आप तनाव महसूस करने लगते है और धीरे धीरे जब आपका मस्तिष्क शांत होने की स्थिति में आना शुरू करता है आप astral travel projection की कोशिश कर सकते है।
शरीर को बिना आँखों के देखना
न्यास ध्यान में एक स्टेप है जिसमे हम बगैर आँखों के देखे शरीर के किसी एक हिस्से को शिथिल कर रहे थे।
इस अभ्यास में भी ऐसा है बिना आँखों के मन की आँखों से शरीर को देखने की कोशिश करे आँखे बंद कर। जब आप ऐसा करते है तब कल्पनाशक्ति का इस्तेमाल करे और फील करे की शरीर के अंदर कहा क्या गतिविधि हो रही है।
ये करना शरीर में एक तनाव पैदा करता है और कुछ देर बाद आप थोड़ा सा प्रयास कर शरीर से बाहर एस्ट्रल ट्रेवल कर सकते है।
वस्तुओ की कल्पना करते रहना
सुबह उठते ही आँखे बंद कर ले और उन चीजों की कल्पना करे जिनसे हम रोज कामकाज करते है जैसे आपका फोन, कोई फल या फिर ऐसी चीज जिसे आप दिन में ज्यादा काम लेते है।
आंखे बंद करे करे बिना टच करे उसके असली स्पर्श को महसूस करे ये सब आपकी कल्पना-शक्ति का काम है।
जब आप ऐसा करने लगते है तब आप असल जिंदगी में ज्यादा जागरूक बनने लगते है।
जैसे जैसे अभ्यास बढ़ता जायेगा एक वक़्त आयेगा जब आप महसूस करेंगे की आप वस्तुओ के प्रति कुछ ज्यादा ही जागरूक है लेकिन असल में ये अनुभव आपका एस्ट्रल बॉडी करता है।
ये अभ्यास आपको बहुत फायदे दे सकता है अगर इसे वक़्त के साथ किया जाए तो वो भी बिना किसी तनाव के।
astral travel projection – गहरी सुरंग का अनुभव
जिस तरह से ध्यान के समय आँखे बंद करते वक़्त शुरू में अँधेरी सुरंग और फिर एक प्रकाश का अनुभव होता है इस में भी वही अभ्यास है।
अनुभव करे की एक गहरी सुरंग है और आप उसमे उड़ते जा रहे है बहुत तेजी से और अचानक एक लाइट दिखाई देती है और आप तेजी से निचे गिरने लगते है तेज बहुत तेज।
ऐसा करना आपके अंदर तनाव पैदा करेगा और फिर अचानक एस्ट्रल ट्रेवल प्रोजेक्शन शुरू हो जायेगा।
रोप वे पर चढ़ना
फिर से आपकी कल्पनाशक्ति का प्रयोग। सोने के बाद जब आप सुबह उठने लगे तभी ये प्रयोग करे।
astral travel projection के लिए इमेजिन करे की आपके सामने एक रस्सी लटक रही है और बगैर आंखे खोले या शारीरिक गतिविधि के मानसिक रूप से आपको उस पर चढ़ना है.
इस दौरान सबकुछ वैसा ही अनुभव करे जैसा हकीकत में होता है जैसे की हाथो में तनाव, शरीर का भार और खुद को ऊपर मूव करते हुए महसूस करना।
आप ऐसा करते है तभी आपके शरीर में स्पंदन होने लगता है और सबकुछ सही चलता रहे तो जल्दी ही आप शरीर से बाहर विचरण का अनुभव करने लगते है।
एस्ट्रल ट्रेवल प्रोजेक्शन – बाहर निकलना
अगर आपको पता चले की कैसे हम आसानी से सो सकते है तो आप क्या करेंगे ?
इस astral travel projection तकनीक में कुछ ऐसा ही है। आपको सिर्फ खुद को तनाव की स्थिति में रखना है जब तक की आपको नींद ना आने लगे।
इसके लिए आँखों को लम्बे समय तक खुली रखे जब तक की वो भरी भरी ना लगने लगे।
दूसरा शरीर को तनाव की स्थिति में रखे जैसे की उल्टा सोना।
ऐसा करने पर आप जल्दी ही हिप्नोटिक स्टेट में पहुँच जाते है जब ऐसा हो तब आँखे खोल ले वो भी बगैर शरीर को हरकत दिए।
ऐसा अगर आप कर लेते है तो जल्द ही आप astral travel projection करने के लिए तैयार हो जाते है।
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एस्ट्रल ट्रेवल प्रोजेक्शन – रिकॉल मेथड
ये एक ऐसा मेथड है जिसमे हम अनुभव को अचानक से पीछे धकेल देते है। आंखे बंद कल्पना कीजिये की आप बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे है एक सुपर फ़ास्ट ट्रैन की तरह और अचानक ही ब्रेक लग गया और ट्रैन रुक गई।
ये तरीका आपके चेतन और अवचेतन दोनों मन पर प्रभाव डालता है और तनाव की अवस्था में आप शरीर से बाहर अनुभव करने लगते है।
इसके लिए आँखे बंद, सुबह का वक़्त और आपका आधी नींद में होना जरुरी है।
दोस्तों ऊपर जितने भी तरीके बताये है सब में कुछ बाते कॉमन है जैसे की आपका स्लीप परालीसिस की अवस्था में होना, अभ्यास का ज्यादातर वक़्त सुबह उठने के तुरंत बाद का होना और कल्पनाशक्ति का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल।
ये सब चीजे अगर चैतन्य रहकर की जाए तो बहुत गहरे अनुभव हो सकते है नहीं तो आप कल्पना और हकीकत में फर्क महसूस नहीं कर पाएंगे और फंस कर रह जाएंगे।
इस लिए इस अभ्यास को अचानक ना करे थोड़ा थोड़ा करे और ज्यादा तनाव ना पैदा करे।
astral travel projection – final word
सूक्ष्म शरीर की यात्रा करना आध्यात्मिक दुनिया और मानसिक शक्ति के बढ़ने का संकेत है. astral travel projection करना आपके लिए सरल और सहज बन सकता है अगर आप इसे समय देते है और धीरे धीरे आगे बढ़ते है. जिन लोगो के मन में डर रहता है की अगर शरीर से बाहर निकलने के बाद वापस नहीं आ पाए तो क्या होगा ? उन लोगो को सबसे पहले अपने मन में छिपे डर को बाहर निकालना होगा.
बेहतर होगा सही जानकारी के साथ शुरुआत करे और कम से कम समय में इसे पूरा करने से बचे. इन जरूरी पोस्ट को पढना न भूले
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Very nice and informative article. Thank you