मनुष्य शुरू से ही अपने त्रिकाल को लेकर सजग रहा है. ऐसी कोई त्रिकाल ज्ञान साधना जिसके द्वारा भूत भविष्य का दर्शन हो जाए या फिर कोई शाबर मंत्र जिसके जरिये हमें अपने तीनो काल की घटनाओ का पता चल जाए.
आज की पोस्ट में हम बात करने वाले है भूत भविष्य दर्शन साधना के बारे में जिसमे अलग अलग तरीको द्वारा अपने काल का ज्ञान करना और सरल साधना के बारे में जानेंगे.
हमने कई बार देखा होगा की कुछ लोग crystal ball, tarot card and future telling के जरिये आपका भविष्य बताते है इसके पीछे intuition power को मजबूत बनाना ही है.
अपना खुद का और दुसरो का भविष्य जानने के लिए बात करते है ऐसी ही कुछ साधनाओ के बारे में.
काफी समय से ब्लॉग पर अलग अलग तरीको से हम चेतना और अवचेतना के बिच की स्थिति में होने वाली अनायास भविष्य देखने की घटनाओ को लेकर पोस्ट लिख चुके है.
कई रीडर जो भविष्य दर्शन साधना को लेकर पूछते रहते थे उनके लिए आज की पोस्ट में हम बताने वाले है ऐसी कुछ तकनीक और साधना जिनके जरिये ये संभव है.
भूत भविष्य दर्शन साधना
भूत भविष्य साधना यानि त्रिकाल ज्ञान ये एक ऐसी विद्या है जिसके जरिये हम आने वाले और बीते हुए कल के बारे में जान सकते है.
कुछ टाइम पहले एक टीवी सीरियल काफी पोपुलर हुआ था “राज पिछले जन्म का” ये शो सम्मोहन के आधार पर बना था और past life regression एक ऐसी तकनीक है जिसके जरिये हम पिछली बातो को याद कर सकते है.
ऐसा माना जाता है की हमारा अवचेतन मन जितना ज्यादा आजाद होगा उतना ही हम समय की सीमा से परे देख सकते है. भूत भविष्य दर्शन साधना के जरिये हम भूत और भविष्य को घटनाओं को देख सकते है.
हमारी मानसिक शक्तियों में भी यही खासियत है की हम समय से आगे देख सकते है. कई बार ये हमारे कण्ट्रोल में होता है और कई बार जाने अनजाने में इसका अभ्यास कर लेते है.
आइये जानते है ऐसी कुछ गुप्त और दुर्लभ तकनीक के बारे में जिसके जरिये त्रिकाल ज्ञान संभव है.
त्रिकाल जानने की सिद्धि
future telling art या भविष्य ज्ञान की सिद्धि के कई जरिये है. हर साधना आपकी चेतना से जुड़ी है इसलिए आप अपनी चेतना को जिस तरीके से भी कण्ट्रोल कर सके उसी तरीके से आप इसे सिद्ध कर सकते है.
आध्यात्म हो या विज्ञान दोनों ही तरीको से ये संभव है. अगर आप भूत भविष्य दर्शन साधना के ऐसे उपाय देख रहे है जो आसान है और घर पर भी किये जा सकते है तो अवचेतन मन से जुड़े कुछ अभ्यास आप भी कर सकते है.
त्राटक के द्वारा भविष्य में होने वाली घटनाओ को देखा जा सकता है, कर्ण-पिशाचनी साधना या यक्षिणी साधना इनके जरिये भी भूत भविष्य दर्शन किया जा सकता है.
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सपने में भविष्य जानने का उपाय
सपने में भविष्य को जानना इसके बारे में हम पिछली पोस्ट में बता चुके है इसलिए यहाँ सिर्फ इसके बारे में ये जानेंगे की ये काम कैसे करता है ?
हम ध्यान द्वारा जब किसी का आवाहन करते है या चेतना में कोई बात पहुंचाते है तो वो हमारे अंतर तक पहुँच जाती है निर्भर करता है की आपकी चेतना का स्तर कौनसा है.
कुछ लोग जो त्राटक, ध्यान करते रहते है उनकी चेतना सोने के बाद उन्हें आने वाले भविष्य का दर्शन अनायास ही करवा देती है जिस पर उनका खुद का कण्ट्रोल नहीं होता है.
इस वजह से वो इसे अपनी लाइफ में ज्यादा प्रयोग में नहीं ला सकते लेकिन अगर सोते समय हम अपने इष्ट, गुरु, spiritual गाइड का आवाहन / ध्यान करे और उनसे प्राथना करे की वो हमें भविष्य में होने वाली घटना को दिखाए तो ऐसा संभव है.
इसमें जानने वाली बात सिर्फ इतनी है की जिस तरह से हम अपनी चेतना को किसी ऑब्जेक्ट पर फोकस करते है वो उसी तरह काम करती है.
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भविष्य जानने की कला – sixth sense activation
इसे हम intuition power भी कहते है. आने वाली घटना का आभास होना जिसमे नजदीक की घटना को महसूस किया जाता है.
ये हमारी चेतना का आज्ञा-चक्र पर केन्द्रित होने की वजह से होता है.
नियमित रूप से अगर हम 15 मिनट भी ध्यान करे और कुछ समय के लिए सही मगर हमारी चेतना शून्य में पहुँच जाए तो हम sixth sense को activate कर सकते है. इसके लिए भी काफी ऐसी विधि है जो पहले से ही शेयर की जा चुकी है.
अगर हम बात करे इसके पीछे की वजह की तो हम पाएंगे की sixth sense यानि छटी इंद्री और intuition power ये तब काम करती है जब हमारी चेतना आज्ञा चक्र पर फोकस रहने लगती है.
कुछ लोगो को शुरू में इससे तकलीफ होती है मगर समय के साथ ये सही हो जाता है. ये चेतना ही कई बार अनायास हमें भविष्य दर्शन साधना का आभास करा देती है.
काल ज्ञान की यक्षिणी साधना
काल ज्ञान के लिए कई यक्षिणी साधना है जिनमे सबसे ज्यादा सुनने में आती है कर्ण पिशाचनी की भविष्य दर्शन साधना. ये साधना सहज की जा सकती है लेकिन इसके कई नुकसान है और जहा तक हो सके इसके लिए साधको को मना भी किया जाता है.
लेकिन अन्य ऐसी साधना भी है जिसके जरिये हम भविष्य दर्शन कर सकते है और अगर आप ऐसी ही कोई यक्षिणी साधना के बारे में देख रहे है जो भूत भविष्य दर्शन करवाती है तो आप किसी एक का चुनाव कर सकते है.
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विधुज्जिव्हा यक्षिणी भविष्य दर्शन साधना
ये यक्षिणी साधना सहज, सुगम और सरल है और कोई भी इसे कर सकता है. अगर आप भी यक्षिणी साधना में श्रधा और विश्वास रखते है तो आप इस साधना को कर सकते है.
विधुज्जिव्हा यक्षिणी साधना मंत्र
ओंकारमुखे विधुजिव्ह ॐ हु चेटके जय जय स्वाहा ||
विधुज्जिव्हा यक्षिणी साधना सामग्री
- माला ( रुद्राक्ष या काले हकीक की )
- अपने हाथ से बनाया हुआ मीठा भोजन
विधि – किसी भी पूर्णिमा से इस साधना की शुरुआत कर सकते है.
यक्षिणी साधना के नियम का पालन करते हुए वट वृक्ष के निचे लगातार एक महीने हर रोज एक माला का जाप करे और मीठे भोजन का भोग अर्पण करे.
ऐसा एक महीने रोज नियम से करने पर यक्षिणी देवी खुद आपके पास से भोजन ग्रहण करती है और आपको वर देती है.
वर में आपको त्रिकाल यानि भूत वर्तमान और भविष्य दर्शन की बात कहने का वचन दिया जाता है.
चिंचीपिशाचनी भविष्य दर्शन साधना
सामग्री – नीलवर्ण भोजपत्र, गोरोचन, केसर, दूध
विधान – गोरोचन, केसर और दूध इन सबको मिलाकर भोजपत्र पर अष्ट-दल की रचना करे. प्रत्येक दल पर मायाबीज ( ह्रीं ) लिखे.
इसे अपने सर पर धारण कर ले और मंत्र का यथासंभव जाप करे.
रोजाना 2-3 घंटे इसका जाप लगातार 7 दिन करने के बाद यक्षिणी खुद आपको सपने भूत भविष्य कहने लगती है.
इसमें मंत्र की संख्या निश्चित नहीं होती है इसलिए साधक अपनी श्रधा से जितना चाहे कर सकता है.
जितना गहरा जाप होगा प्रभाव उतना ही जल्दी बनने लगता है.
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भविष्य दर्शन साधना – त्राटक
त्राटक साधना में भी हम भविष्य का दर्शन कर सकते है. अंतर त्राटक, दर्पण त्राटक, शक्ति चक्र त्राटक के करने पर भी हम ऐसा अनुभव कर सकते है.
ये भी हमारे sixth sense को activate करने में सहायक होते है मगर इनके साथ कुछ अभ्यास और करने पड़ते है जिनमे कुछ नियम का पालन करना पड़ता है.
त्राटक द्वारा मेरे खुद के कई अनुभव रह चुके है इसलिए में इस साधना को वैज्ञानिक तरीके से और ज्यादा safe मानता हूँ.
अगर आप भविष्य दर्शन साधना के बारे में सोच रहे है तो त्राटक के जरिये अपने sense को बढाकर इसे अनुभव कर सकते है.
ब्लॉग की पुरानी पोस्ट में इसके बारे में काफी कुछ लिखा हुआ है. इसे आप यहाँ पढ़ सकते है त्राटक की गुप्त साधनाए
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भविष्य दर्शन साधना – अंतिम विचार
हम अक्सर कुछ मौको पर खुद को आश्चर्यचकित महसूस करते है जब हम खुद किसी के द्वारा अपना भूत बताए जाने पर कहते है की “तुम्हे ये सब कैसे पता”.
कई बार हम खुद अनजाने में भविष्य की घटनाओ को पकड़ लेते है जो की हमारे चेतना और अवचेतन मन के बिच टकराव का नतीजा होता है.
भविष्य दर्शन साधना की इस पोस्ट में आप जन ही चुके होंगे अलग अलग तरीको के बारे में.
हालाँकि कई भविष्य दर्शन की शाबर मंत्र साधना भी है लेकिन बिना गुरु के इन्हें करना संभव नहीं है.
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