आत्माओं से बात करने के सरल तरीकेशायद कुछ लोगो के लिए आत्माओं से बात करने के सरल तरीके एक रोमांच से बढ़कर कुछ नहीं. पर क्या आप जानते है आत्माओ से बात करना हमेशा अच्छा अनुभव साबित नहीं होता है खासतौर से तब जब आप इस फील्ड में नए हो.
आत्माओ से बात करने से पहले इसके बारे में पूरी जानकारी जुटा लेनी चाहिए जिससे वक़्त आने पर आत्माओ से बात करने के बाद उन्हें वापस भेज जा सके.
भूत से दोस्ती कैसे करे और आत्मा से कैसे मिले यही नहीं आत्मा से संपर्क कर आत्मा को कैसे देखे जैसी जानकारी हासिल करने और कुछ खतरनाक करना बहुत से लोग चाहते है.
भूत को वश मे करना और आत्मा का रहस्य क्या है ?
कुछ लोग पैसे के लालच में आत्मा क्या होती है परी को कैसे बुलाये जैसी बाते जानने के लिए बहुत से लोग बैचेन राहते है.
हॉलीवुड में बनी The conjuring 3 फिल्म असल में घटी एक खोफनाक वारदात पर बेस्ड है जिसमे एक बच्ची शौक शौक में आत्माओ से बात करना चाहती थी. आत्माए आ जाती है और फिर… खैर फिल्म देखिये सब पता चल जायेगा.
आज हम बात करेंगे आत्माओं से बात करने के सरल तरीके और इनके लिए आसान और प्रचलित माध्यम.
आत्माओं से बात करने के सरल तरीके
आत्माओं से हम सीधे बात नहीं कर सकते है क्यों की वो 2 तत्व से बनी होती है इसलिए हम इसके लिए माध्यम का चुनाव करते है. आपने plain chit के बारे में सुना होगा या फिर Ouija board planchette ये सब आत्माओं से सांकेतिक बात करने के माध्यम है.
आज बात करते है करामाती लेखनी की, त्रिकाल दर्शी दर्पण की और करामाती अंगूठी बनाने की जिसके द्वारा हम खुद आत्माओं से बात कर सकते है.
आत्माओं से बात करने के लिए आपको उन चीजों के बारे में समझने की आवश्यकता है जिनसे वो ATTRACT होती है क्यों की साधारण चीजों में और इन चीजों में जो फर्क है वो है इन्हे बनाने वाले सामान का इस्तेमाल जो इसे दूसरो से अलग बनाती है.
आपने तांत्रिक और औझा जो उपरी हवा को पीड़ित से दूर करते है को मोर पंख का चंदवा इस्तेमाल करते हुए देखा होगा. ये कोई अन्धविश्वास नहीं है बल्कि reiki spiritual healing ही है.
जब हमारा चुम्बकीय क्षेत्र यानि Aura energy firld कमजोर हो जाता है तो हम आसानी से Negative energy का शिकार बन जाते है. आत्माए और कुछ नहीं उर्जा ही है जो Positive and negative energy के रूप में हमें प्रभावित करती है.
आइये जानते है आत्माओ को आकर्षित करने के लिए हमें किन माध्यम की जरुरत पड़ती है.
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आत्माओं से बात करने के सरल तरीके और करामाती चीजों में काम आने वाले सामान
करामाती लेखनी, अंगूठी या त्रिकालदर्शी दर्पण इन सबमे कुछ चीजों का समावेश है आप पिछली पोस्ट करामाती टेबल में भी इनके बारे में पढ़ चुके है आज इन पर विस्तृत रूप से बात करते है.
1 काजल, तेल ( खुशबू दार ) : इसके अलावा आप कड़वा तेल यानि सरसो का कच्चा तेल इस्तेमाल कर सकते है इसका इस्तेमाल बाकि की चीजों को मिलाकर उन्हें एकसमान बनाने में किया जाता है.
2.) शमशानी कोयला : शमशानी कोयला आत्माओं से बात करने के लिए सबसे बढे तत्व में से एक है इसके अंदर आकर्षण पैदा करने वाले गुण होते है.
3.) चुंबक पत्थर : चुम्बक पत्थर भी आकर्षक पदार्थ है जिनसे हम अपनी आकर्षण शक्ति को बढाकर आत्माओं को अपनी और आकर्षित कर सकते है.
4.) मोर पंख का चंदवा : माना जाता है की मोर पंख का चंदवा सबसे बड़ा चुम्बकीय प्रभाव वाला माध्यम है इसके द्वारा फ़क़ीर हमारे शरीर से बुरी ऊर्जा को बाहर निकालते है.
अगर गौर करे तो आत्माओं से बात करने के सरल तरीके या फिर आत्माओ को बुलाने का तरीका चाहे जो भी हो उसमे ऐसी आकर्षण से जुड़ी चीजो का इस्तेमाल किया जाता है जो हमें आत्माओ से जोड़ती है. मोर पंख का चंदवा चुम्बकीय शक्ति को सही करने का सबसे शक्तिशाली तरीका माना जाता है.
आत्माओं से बात करने के सरल तरीके जो आज भी प्रचलन में है
आत्माओ से बात करने के निम्न प्रचलित तरीके है
- करामाती अंगूठी
- त्रिकालदर्शी दर्पण
- करामाती लेखनी
- ओझा टेबल
- प्लेनचिट टेबल
और भी कई आत्माओं से बात करने के सरल तरीके है मगर ऊपर दिए गए पहले 3 तरीके सबसे ज्यादा प्रचलित है आइये जाने इनके बारे में
करामाती अंगूठी The Magic ring
इस अंगूठी से कई जादूगर या तांत्रिक छोटे बच्चों के माध्यम से आत्माओं से बात करते है.जो हमें भूत और भविष्य की जानकारी देते है.
करामाती अंगूठी का नग और इस्तेमाल होने वाली धातु का ज्यादा महत्त्व होता है इसलिए इसके निर्माण में सावधानी रखे की जो आवश्यक तत्व है वो अंगूठी में हो.
इसके द्वारा आप घर बैठे आत्माओं से बात कर सकते है और fraud बाबा के चक्कर से बच सकते है.
Urban and Rural area में आज भी छोटे बच्चे सबसे ज्यादा माध्यम बनाए जाते है आत्माओं से बात करने के लिए इसकी वजह है उनके मस्तिष्क का निर्माण इस उम्र में वो ज्यादा तर्कशील नहीं होते है.
करामाती अंगूठी का नग और धातु
करामाती अंगूठी को जो की आत्माओं से बात करने के सरल तरीके में सबसे ज्यादा प्रयोग होती है को अष्ट धातु के संयोग से बनाना चाहिए. अष्ट धातु का संयोग सर्वोत्तम होता है.
अंगूठी के निर्माण में प्रयुक्त होने वाली धातु लोहा, चांदी , सोना, तांबा, सीसा, जस्ता, रांगा, पीतल, और कांसा है.
इनके संयोग से अंगूठी को बना कर ऊपर छोटा सा दुअन्नी के साइज का गोलाकार नग की जगह रहने दे. नग की जगह काजल, श्मशानी कोयला, तेल, और चुम्बक पत्थर को पीस कर नाग के साइज की गोली बना कर धुप में सुखा लेते है.
अंगूठी के इस्तेमाल का तरीका
आत्माओं से बात करने के सरल तरीके में से एक अंगूठी पर सुंगधित तेल लगाए फिर इस अंगूठी को 8-9 साल के बच्चे के हाथ में पहना दे.
उस बालक को इसे एकटक मन में ये विश्वास करते हुए देखने दे की इसमें उसे मृतक आत्मा दिखाई देगी.
एक-टक देखते वक़्त उसका चित स्थिर हो. जब देखने वाला बालक उसे स्थिर चित से देखता है तो वो उसमे खो जाता है और उसे कुछ देर बाद एक मकान दिखाई देता है फिर उसे पूछे कुछ दिखाई दिया क्या ?
इस वक़्त भी उसकी नजर अंगूठी पर ही होनी चाहिए.
कुछ देर बाद मकान का द्वार खुद-ब-खुद खुल जाता है और मकान के अंदर 4 मनुष्य 4 कुर्सी पर बैठे दिखलाई देते है जो अंगूठी के रखवाले कहलाते है.
अंगूठी पहले बालक को आज्ञा दे की वो उन रखवाले को आदेश दे की वो उनकी मनचाही आत्मा को पकड़ के लाए.
कुछ देर बाद जब वो रखवाले उस आत्मा को वह ले आते है तब उनसे सवाल जवाब कर सकते है. काम ख़त्म कर तेल को पोंछ दे और इसे एक डिबिया में बंद कर दे जो लकड़ी की बनी हो.
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त्रिकालदर्शी दर्पण The ghost mirror
आत्माओं से बात करने के सरल तरीके में सबसे खास तरीका त्रिकालदर्शी दर्पण मिश्र की देन माना जाता है. इसके द्वारा हम अपनी आत्मशक्ति को बढाकर आत्माओं से या फिर अपनी अवचेतन मन की शक्ति को चरम सीमा तक पहुंचा कर भूत भविष्य को देखने की क्षमता हासिल करते है.
आज हर कोई CRYSTAL BAAL का इस्तेमाल करता है और अपने चारो और का माहौल ऐसा बनाता है की सामने वाला उसके मायाजाल में उसी वक़्त फंस जाता है.
याद रखे अगर दो व्यक्ति में से एक की तर्कशक्ति को ख़त्म कर दिया जाये तो वो दूसरे व्यक्ति के जाल में फंसते देर नहीं लगाता है. दर्पण को दूसरी दुनिया का द्वार माना जाता है और ये उन माध्यम में से एक है जो आपको आसानी से आत्माओ से कनेक्ट कर सकती है.
ये दर्पण हमारे अवचेतन मन को प्रभावित करते है और हमारा मन जितना ज्यादा फ्री होता है उतना ही हम चीजो को एक्सप्लोर कर सकते है.
त्रिकालदर्शी दर्पण का निर्माण कर आत्माओं से बात करने के सरल तरीके
इसके लिए आपको कांच की बिल्लौरी किस्म चाहिए जो चीन या मिश्र में मिलती है अगर ऐसा न हो सके तो सामान्य कांच से भी बना सकते है. सामान्य कांच पूरी तरह शुद्ध होना चाहिए जब उसमे देखा जाये तो किसी तरह का कोई भी विकार हमारे प्रतिबिम्ब का न बने.
त्रिकालदर्शी दर्पण के लिए सामान्य कांच के 1 इंच चौड़ाई और 5-6 इंच लम्बाई वाले वाले कांच को ले इसके एक और मोर पंख का चंदवा, शमशानी कोयला, चुम्बक पत्थर और आवश्यकता अनुसार कड़वा तेल लेकर उन्हें आपस में घोट ले ( मिक्स करना ).
इस मसाले को कांच के एक और चढ़ा कर सुखा दे. इसके बाद मसाला लगे हिस्से को पीछे रख मसाले पर काले कागज की एक पट्टी चढ़ा दे. और इसे लकड़ी के फ्रेम में जड़ दे. इसका प्रयोग भी अंगूठी की तरह किया जाता है.
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आत्माओं से बात करने के सरल तरीके – करामाती लेखनी बनाना
करामाती लेखनी या MAGIC PAN ये एक पेन होता है जिससे हम अपनी आकर्षण शक्ति द्वारा आत्माओं को बुलाकर उनसे सवालों का जवाब संकेतों के माध्यम से जानते है जैसे Ouija Board.
इसमें ऊपर की दोनों विधि की तुलना में ज्यादा ज्यादा आत्मविश्वास और आकर्षण शक्ति की आवश्यकता है.
Automatic writing and connecting with spirits को 1920 मूवी में दिखाया गया है. जब आप खुद को अवचेतन मन के स्तर पर फ्री कर लेते है तब आप आसानी से अपने सवालों के जवाब आत्माओ से पा सकते है.
हम चेतन स्तर पर मन के सवालों का जवाब नहीं पा सकते है और यही वजह है की जब हम खुद को Subconscious mind की गहरे में एक्सप्लोर करना शुरू कर देते है तब हमें कुछ हटकर अनुभव होना शुरू हो जाते है. यहाँ शेयर किये गए आत्माओं से बात करने के सरल तरीके में आपको मानसिक शक्ति और आध्यात्म को समझना होगा.
हो सकता है आपको ये अनुभव अजीब लगे लेकिन, ये सब हमारे अवचेतन मन में छिपे हुए अनुभव ही होते है.
लेखनी को बनाने का तरीका
देवदार या शीशम की के तख्ते को पान के आकार का बनाओ और ऊपर का हिस्सा रंदवा कर साफ कर ले.
ऊपर हलकी सी चिकनाई बना दे, पान की नोक की तरफ पेंसिल लगने के लिए छेड़ कर दे निचे के भाग में विद्युत शक्ति के योग से बने हड्डी के 2 छेद लगाकर प्रयोग करे.
इसके लिए आपको निचले हिस्से में आकर्षण पदार्थो को भरना होता है.
आत्माओं से बात करने के सरल तरीके में से एक लेखनी से मृत आत्माओं से बात करने के लिए अब आपको ये करना होगा. सफ़ेद या बादामी रंग के मोटे कागज पर लेखनी को रखे इसके लिए आमने सामने बैठने वाले दो लोग चाहिए.
दोनों अपने हाथ की 3-3 अंगुली यन्त्र पर रखे लेकिन दबाव न बनाए. अब अपने स्थिर मन की मानसिक विचार शक्ति और विद्युत शक्ति को एकाग्र करे.
इस तरह से कुछ देर बाद यंत्र चलने लगता है. लेकिन ध्यान रहे आत्माओं से बात करने के सरल तरीके में से एक लेखनी को अपनी तरह चलने दे अपनी और से कोई भी दबाव न बनाए.
जब कार्य समाप्त हो जाये तो तब उसे लेखनी को अंगूठी की तरह लकड़ी के डब्बे में रख देना चाहिए.
इसे बनाना आसान है लेकिन ये इस्तेमाल करने वाले की मानसिक विचार शक्ति और विद्युत ऊर्जा से चलती है इसलिए किसी को का संपर्क न होने पाए इसका ख्याल रखे क्यों की ऐसा करने से उसकी विद्युत शक्ति ख़त्म हो जाती है.
NOTE: ऊपर जिन करामाती माध्यम का वर्णन किया गया है वो किताबी ज्ञान और गांव में ओझा के पास मिलने वाले सामान के आधार पर है इसलिए इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं है की ये हर स्थिति में काम करता हो.
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आत्माओं से बात करने के सरल तरीके और छिपे हुए खतरे
गांव में आज भी इन चीजों का इस्तेमाल करने वाले ओझा और तांत्रिक मौजूद है. इसलिए आत्माओं से बात करने के सरल तरीके और इसके सामान के चयन में सावधानी बरते और इसके निर्माण में विश्वास रखे.
ये सभी आत्माओं से बात करने के सरल तरीके पढने में जितने आसान लग रहे है इन्हें बनाने और प्रयोग करने में उससे कही ज्यादा मेहनत लगती है.
आज की पोस्ट आत्माओं से बात करने के सरल तरीके काफी मेहनत से तैयार की गयी है और इसके लिए न सिर्फ अध्ययन बल्कि असल जिंदगी में इसका इस्तेमाल करने वाले लोगो से मिलकर इसके तरीकों को समझ कर आपके सामने प्रस्तुत किया गया है.
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