हजरत वशीकरण / हाजिरात वशीकरण / हजरात वशीकरण एक ऐसी विद्या है जिसके जरिये आप किसी छोटे बालक या बालिका को वश में कर उनसे कुछ भी सवाल जवाब कर सकते है.
ये अभ्यास पारलौकिक शक्तियों के वशीकरण / आवाहन के अभ्यास का एक हिस्सा है क्यों की हम अशरीरी आत्मा ( चेतना ) को माध्यम के जरिये अपने सामने प्रकट करते है.
हाजरात की क्रिया वशीकरण की तरह ही है जिसमे हम पारलौकिक शक्तियों को सवारी प्रदान करते है. हमेशा एक बात का ध्यान रखे की हाजिरात वशीकरण के दौरान सवारी के लिए जिस माध्यम का चुनाव किया जा रहा है वो ब्रह्माचारी हो या फिर भक्ति भाव रखने वाला संवेदनशील व्यक्ति / महिला होना चाहिए.
वशीकरण की शक्ति सिर्फ स्थूल शरीरधारी जीवो को ही नहीं बल्कि उन प्रेत आत्माओ को भी अपने वश में कर लेती है जो उर्जा शरीर के मालिक होते है. जो व्यक्ति रूद्र ( शिव ) काली एवं दुर्गा की सिद्धि करते है आत्माए उनके वश में सहजता से आ जाती है. वे आसानी से भूत प्रेत और उपरी बाधा को दूर कर सकते है.

आत्मा या यूँ कहे उर्जा शरीर को वश में करने की सबसे बड़ा उदेश्य काल ज्ञान को जानना है. ऐसे सवालों का जवाब पाना जिन्हें आम मनुष्य नहीं बता सकते है जैसे की खोयी हुई वस्तु या मनुष्य के बारे में जानकारी देना. अगर किसी ने कुछ किया है तो उसका समाधान क्या होगा.
आप किस शक्ति का वशीकरण कर रहे है उसके आधार पर ही इसे अच्छा और बुरा कहा जा सकता है. आइये आज के इस आर्टिकल में हम एक और हाजिरात वशीकरण साधना सिद्धि और अभ्यास के बारे में बात करते है.
हाजिरात वशीकरण क्या है ?
हम पहले के आर्टिकल में हाजरात देखने की विधि के बारे में बात कर चुके है. ये एक ऐसा अभ्यास है जिसमे छोटे बच्चे के जरिये पाक रूहों का आवाहन किया जाता है. हाजरात सिर्फ इस्लाम में ही नहीं बल्कि हर धर्म में किया जाने वाला अभ्यास है.
हिन्दू धर्म में इसे माता आना कहते है. हर जगह के अपने लोक देवी देवता होते है इसलिए माता आना, सवारी आना जैसे नामो से बुलाया जाता है.
इसका ज्यादातर प्रयोग सवाल जवाब में किया जाता है इसलिए इसे औझा विधा का अभ्यास भी कहा जाता है. इस अभ्यास के दौरान कुछ कॉमन पूछे जाने वाले सवाल है जैसे की
- कोई वस्तु काफी कोशिश के बाद भी मिल नहीं रही है वो कैसे मिलेगी ?
- घर में किसी मेम्बर या पशु पर बुरी विपत्ति है वो असल में क्या है ?
- घर में किस तरह की शक्ति है जो उन्हें फायदा या नुकसान दे रही है ?
- अगर हाल में ही कुछ बहुत बुरा हुआ है तो उसके पीछे किसी ने कुछ करवाया तो नहीं है ?
ऐसे ही सवाल जवाब होते है जिनका जवाब दिया जाता है. अगर आपने मेस्मेरिज्म का नाम सुना होगा तो वो भी इसी तरह का अभ्यास है.
हाजिरात वशीकरण विधा का अभ्यास और साधना सिद्धि
ये अभ्यास किसी योग्य गुरु के निर्देशन से किया जाए तो सफलता के चांस ज्यादा बढ़ जाते है. हाजिरात वशीकरण का अभ्यास करने के लिए आपको निचे दिए गए गाइड को फॉलो करना होगा.
साधना में इस्तेमाल होने वाली सामग्री
- तेल-फुलेल ( सुगन्धित या सरसों का तेल )
- लौंग
- मिठाई
- धूप
विधि : यह अभ्यास सिर्फ शुक्रवार के दिन किया जा सकता है. हर शुक्रवार को यहाँ दिए गए मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए और ऐसा 40 शुक्रवार तक होगा यानि लगभग 10 महीने तक आपको इसका अभ्यास करना होगा.
मंत्र :
बिस्मिलाहिर्रहमान रहीम ।
तू बड़ा तेरी खुदाई बड़ी ।
जैनुद्दीन पैगंबरर्दुना तेरा ।
साढ़ात फुरो वाद ना मुरादी बे बुनियादी ।
दुर्ना पीर ताइयासिलार देखूं तेरी शक्ति ।
बेगि बांधि लाओ नौ नाहर चौरासी कलवा ।
बारह ब्रह्मा अठारह सौ साकिनी ।
कामन, दुश्मन, छल-छिद्र, भूत-प्रेत, चोर-चाकर ।
अगिया बैताल वेग बांधि लाओ।
जो न बांधि लाओ तो तुझे गुरु की दुहाई।
हाजिरात वशीकरण विधा का अभ्यास और साधना सिद्धि का जो मंत्र यहाँ शेयर किया जा रहा है वो लम्बा चलता है.
इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है साधक का इस साधना के लायक होना. साधना काल के दौरान जब आप ब्रह्मचर्य का पालन करते है तब आपके अंतर्मन की शक्तियां जाग्रत होना शुरू हो जाती है.
शरीर साधना के लायक बनता है और इस साधना का कोई बुरा प्रभाव साधक पर नहीं पड़ता है.
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हाजिरात देखने की विधि
हाजिरात वशीकरण विधा का अभ्यास और साधना सिद्धि के बाद जब आपको हाजरात देखना हो तब ये क्रिया करनी होगी. इसमें मिटटी और गाय का गोबर मिलाकर जमीन को लीप देना है. इस जमीन पर चावल के आटे की मस्जिद बनाए.
रुई की बत्ती बनाकर किसी कुँवारी कन्या को स्नान करवाकर सामने बैठा दे.
मिटटी के तेल में तेल-बत्ती कर दीपक जलाए. इस दीपक को कन्या के मस्तिष्क पर रखे और चावल के दाने 3 बार मंत्र पढ़कर कन्या पर फेंक दे.
इस विधि से आप भूत – भविष्य – वर्तमान से जुड़ी बाते जाने सकते है, रहस्य को जान सकते है और ऐसी बाते जान सकते है जिन्हें आम मनुष्य द्वारा जानना संभव नहीं है.