कहानी एक ऐसी रहस्यमयी बस के सफ़र की जिसमे कोई जिन्दा नहीं बचा – चीन के बीजिंग का सच्चा किस्सा


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क्या आपने कभी ऐसी जगह विजिट किया है जहाँ पर आपको paranormal experience  हुआ हो या फिर आपके साथ कोई paranormal activity  घटित हुई हो. हम अपने आसपास के लोगो से कई ऐसे किस्से सुनते है जिन पर विश्वास करना मुश्किल होता है लेकिन हकीकत में ऐसे किस्से या खौफनाक अनुभव हमें इन पर विश्वास करने के लिए मजबूर कर देते है.

पुरे विश्वभर में ऐसी कई घटनाए घटने के दावे किये जाते है जो ये दर्शाते है की आत्माए भी हमारे आसपास घुमती रहती है.

चलिए जानते है चीन के एक रहस्यमयी बस का सफ़र करने का दावा करने वाले लोगो की कहानी को और सोचते है एक बार फिर से की क्या वास्तव में ऐसा होता है.

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रहस्यमयी बस का सफ़र

ये घटना कितनी सच है ये तो कोई दावा नहीं कर सकता है लेकिन चीन की इस घटना ने काफी सुर्खिया बटोरी है.

चीन की राजधानी बीजिंग में ऐसी ही एक घटना के बारे में बताया जाता है जिसकी वजह से लोग रात में सफ़र करने से डरते है.

ये घटना दो दशक से भी ज्यादा लोगो के बिच खौफ फैला रही है की रूट नंबर 375 की भूतहा बस करीब 1995 के समय से रात को अचानक गायब हो जाती है. जो भी इस कहानी को सुनता है इस बस में बैठने से भी घबराता है.

रहस्यमयी बस का सफ़र

चीन के बीजिंग में मशहूर रहस्यमयी बस का सफ़र नाम की ये कहानी काफी टाइम से लोगो में इधर से उधर हो रही है. 14 november  की सर्द रात में एक वृद्ध और एक जवान लड़का दोनों बस नंबर 375 का इन्तजार कर रहे थे. दोनों के बिच नार्मल बात चल रही थी.

ठण्ड की वजह से सड़क सुनसान और कोहरे में ढकी हुई थी की ठीक 11 बजे उस रूट की आखरी बस नजर आती है.

बस स्टॉप पर बस रुकते ही दोनों बस में बैठ जाते है. बस पूरी तरह खाली होती है और उसमे ड्राईवर और एक लेडी कंडक्टर के अलावा कोई नहीं होता है.

वो लड़के आगे ड्राईवर के पास वाली सीट पर बैठ जाता है और वृद्ध बिच की सीटो पर, कुछ देर बाद ही बस आगे के स्टॉप पर रूकती है. कुछ देर बाद ही बस अचानक रुक जाती है और कुछ परछाई उस वृद्ध इन्सान को खिड़की की तरफ से बस में आती हुई दिखती है.

बस में रौशनी कम थी इस वजह से उन्होंने उसके चेहरे तो नहीं देख पाए लेकिन उनकी हालत देख कर ऐसा लग रहा था जैसे बिच वाले व्यक्ति ने नशा कर रखा है और दोनों साइड में लोगो ने उसे सहारा दे रखा है.

बस फिर से चल पड़ती है और बस में वही शांति एक बार फिर से छा जाती है.

अचानक वृद्ध करने लगता है अजीब सा बर्ताव

बस चले हुए कुछ ही देर होती है की उस वृद्ध व्यक्ति ने आगे बैठे नौजवान से बहस करना शुरू कर दी. ये वही लड़का था जिसके साथ वो इतने आराम से उस स्टॉप पर खड़ा बात कर रहा था.

अचानक आये इस बदलाव से उसका चौंकना लाजमी था लेकिन वृद्ध व्यक्ति की बातो ने उसे गुस्सा दिला दिया. बात अब हाथापाई पर आ चुकी थी जिसकी वजह से उसने बस में हंगामा करना शुरू कर दिया.

बस ड्राईवर ने परेशान होकर उन दोनों को ही बस से निचे उतार दिया और बस आगे बढ़ा दी.

बस से निचे उतरने के बाद वो वृद्ध अचानक पहले जैसे ही शांत हो जाते है. तभी वो नौजवान उनसे पूछता है की आपने बेवजह मुझसे इतना झगडा क्यों किया? वृद्ध व्यक्ति ने उसका हाथ पकड़ा और बोले

बेटा मेने तुमसे झगडा नहीं किया बल्कि तुम्हारी जान बचाई है.

लड़का हैरान खड़ा कुछ समझ नहीं पाता है की ऐसा वो क्यों बोल रहे थे तब उन वृद्ध ने उसे पूरी कहानी सुनाई और कहा की तुमने जिन 3 लोगो को कुछ देर पहले बस में चढ़ते हुए देखा था उनके पैर ही नहीं थे.

उनका शरीर हवा में तैर रहा था. ये सुनकर लड़का बुरी तरह कांपने लगता है. फिर उस वृद्ध ने उसे रहस्यमयी बस का सफ़र और भूतो से सामना का किस्सा सुनाया.

पुलिस को दी रहस्यमयी बस का सफ़र की सुचना

दोनों ही पास के पुलिस स्टेशन पहुँचते है और सारी कहानी सुनाते है. उनकी बाते सुनकर पुलिस चौकी वाले सभी लोग उन्हें पागल समझने लगते है. दोनों ही चुपचाप अपने अपने घर चले जाते है. अगले दिन की अख़बार में जो उन्होंने छपा हुआ पढ़ा उसने उनके और पुलिस दोनों के होश उड़ा दिए.

जिस कंपनी की बस इस रूट पर चलती थी उसकी ओर से बस-ड्राईवर-कंडक्टर के गायब होने का दावा किया गया था.

पुलिस ने आनन फानन में दोनों के पते तलाश किये और दोनों ने मीडिया को अपनी कहानी शेयर की जिसके बाद पुलिस ने बस की तलाश का काम शुरू किया. अगले ही दिन बस का पता चल जाता है.

घटना से 100 किमी. दूर नदी में गिरी मिली बस

अगले ही दिन बस के एक्सीडेंट की सुचना पुलिस को मिलती है. ये बस वही होती है जिस रहस्यमयी बस का सफ़र उन दोनों नौजवान और वृद्ध व्यक्ति ने किया था और पुलिस को बताया था. बस को पानी से बाहर निकाला जाता है तो खौफनाक दृश्य देखने को मिलता है.

उसमे ड्राईवर और कंडक्टर की लाश मिलती है साथ ही 3 और सदी गली लाशे मिलती है.

चौका देने वाली बात ये थी की महज 48 घंटे में उन तीनो की लाश का इस कदर सड़ गल जाना संभव नहीं था.

वो भी तब जब ड्राईवर और कंडक्टर की लाश सही स्थिति में थी. इससे लोगो में ये धारणा फ़ैल गई की क्या वास्तव में वो तीन शरीर प्रेत आत्माए थी ?

रहस्यमयी बस का सफ़र की कहानी से फैला खौफ

लोगो में दशहत फ़ैलाने के लिए उन 3 सड़ी गली लाशें मिलना काफी नहीं था. जब पुलिस ने उस डीजल टैंक की जाँच की तो पता चला की उसमे डीजल की जगह खून भरा पड़ा है.

ये सब देख कर पुलिस विभाग भी खौफ में आ जाता है और उन्हें उन दोनों की रहस्यमयी बस का सफ़र वाली कहानी सच लगने लगती है.

हैरान करने देने वाली बात ये भी थी की बस अपने आखिरी स्टॉप से करीब 100 किमी. दूर जिंग शान शहर के पास नदी में मिली थी. जब की बस में इतना डीजल नहीं था की वो इतनी दुरी तय कर ले.

रहस्यमयी बस का सफ़र – क्या है इसका सच

इस खबर को पढने के बाद कुछ लोगो का मानना है की वास्तव में भूत प्रेत का अस्तित्व होता है और इस घटना के लिए भी वही जिम्मेदार है. लेकिन कुछ बातो का आपस में तालमेल सही ढंग से नहीं बैठ रहा है. जैसे की आपने गौर किया होगा की पुलिस का कहना था की बस के टैंक में डीजल की जगह खून भरा पड़ा था.

वही दूसरी और एक्सपर्ट का कहना था की बस में इतना डीजल नहीं था की बस इतनी दुरी तय कर सके.

इसके अलावा पुलिस को बस में सड़ी गली और सही कंडीशन में लाशे मिलती है तो सवाल ये उठता है की क्या ये संभव है की वो सड़ी गली लाशे उन्हें बस में ही मिली हो. अगर वो लाशे घटनास्थल के आसपास मिलती तो उनका तालमेल समझ आता है लेकिन इस तरह से नहीं.

अगर आपको कुछ समझ आता है तो कमेंट में जरुर बताए. हमें बताना न भूले की इस घटना को आप किस नजरिये से देखते है और रहस्यमयी बस का सफ़र का ये किस्सा आपको कैसा लगा? ये कहानी दैनिक भास्कर से ली गई है.

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