हम सभी सम्मोहन नाम से परिचित है. सम्मोहन से किसी को भी आँखों द्वारा सम्मोहित करो मनचाहा कार्य करवाओ. लेकिन क्या आप सम्मोहन के उद्भव के बारे में जानते है. मेस्मेरिज्म और सम्मोहन का जन्म Dr Mesmer द्वारा हुआ था.
मेस्मेरिज्म और सम्मोहन का जन्म लम्बे शोध और रिसर्च का परिणाम है लेकिन क्या वाकई इसे किसी ने रचा है ? इसी विधा को आगे चल कर विज्ञान के अनुसार सम्मोहन का नाम दिया गया. Mesmerism and hypnotism in Hindi में आइये जानते है इसके इतिहास के बारे में.
सबसे खास बात how to hypnotize someone in 5 second ये हमारी आने वाली खास पोस्ट हो सकती है. इसके बारे में जानने के लिए बने रहिये हमारे साथ क्यों की सम्मोहन और मेस्मेरिज्म के बारे में खास जानकारिया शेयर की जाने वाली है.
मेस्मेरिज्म और सम्मोहन का जन्म के अनुसार मेस्मेरिज्म मन को आजाद करने की कला थी. जिसमे मन को आजाद कर आत्माओं से बात की जाती थी. वही सम्मोहन में मन को आजाद कर उसे निर्देश द्वारा बदला जाता है. Mesmerism पश्चिमी सभ्यता की विद्या है. जो काफी हद तक सम्मोहन जैसी है.
मगर इस विद्या का प्रयोग आत्माओं से सवांद करने के लिए किया जाता है. मेस्मेरिज्म Dr. मेस्मेर की देन है. मेस्मेरिज्म की भारतीय सभ्यता में अलग ही परिभाषा है जिसके अनुसार
“योग त्राटक कर्मानुसार चित वृति को स्थिर करके भुत भविष्य और वर्तमान काल का वृतांत जाना जा सकता है. अथवा जिन नियमों से निम्न विचार दूसरे के ह्रदय में प्रवेश किया जाये या आकर्षण किये जाये उसी साधन का नाम ENGLISH में “मेस्मेरिज्म” कहलाता है.”
एनिमल मैग्नेटिज्म यानि जानवरो के मध्य आकर्षण शक्ति जैसे अजगर. अजगर दूर बैठे अपने शिकार को आँखों द्वारा सम्मोहित कर लेता है और फिर जब जानवर उनके आकर्षण में फंस कर जड़ हो जाता है तब वो आसानी से उसे निगल जाता है.
भारी भरकम अजगर के लिए ये संभव नहीं की वो फुर्ती के साथ शिकार को दबोच सके इसलिए कुदरत ने उन्हें ये शक्ति प्रदान की है. इसी लिए छोटे जानवर अजगर या सांप को देखते ही जड़ हो जाते है और वो आसानी से उनका शिकार बन जाते है.
मेस्मेरिज्म और सम्मोहन का जन्म
सम्मोहन की परिभाषा जाने तो सम्मोहन नेत्रो की शक्ति के संकेत से दूसरो को अचेतावस्था में लाकर गुप्त वृतांत को जानना और आँखों की चाल वृत्ति को स्थिर करना या एकाग्र करना English में hypnotism कहलाता है.
अगर मेस्मेरिज्म और सम्मोहन का जन्म दोनों को साथ साथ जोड़ कर देखा जाये तो 2 तथ्य सामने आते है. पहला फिनोमेल और दूसरा क्वेरेटविज्म.
आइये जानते है विस्तार से इनके बारे में. सम्मोहन कैसे किया जाता है ये हम दूसरी पोस्ट में जान चुके है, लेकिन उन सबके लिए इनके बेसिक के बारे में भी जानना चाहिए.
फिनोमिनल
इसके द्वारा मृतक आत्माओं से बात करके पृथ्वी मे गड़े हुए धन का पता और हजार कोस दूर रहने वाले ईस्ट मित्रो का पूरा ज्ञान मेस्मेरिज्म के यंत्रो द्वारा कराया जाता है.
पुरानी किताबो और कुछ जादूगरों के अनुसार अगर इस विद्या पर नियंत्रण अच्छा बना लिया जाए तो हम गुप्त रहस्यों का पता लगा सकते है. जैसे नागमणि और धरती में गड़ा खजाना.
हालाँकि कई जगह पर आँखों में जादुई सुरमे के द्वारा इसका पता लगाने का जिक्र है लेकिन इस विद्या का प्रयोग कर धरती के रहस्यों का ता लगाया जा सकता है.
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क्युरेटिविज्म
इसके द्वारा अनेक प्रकार के कठिन रोगों की चिकित्सा के मंत्रो के प्रभाव के झाड़-फूंक करके रोगी को आरोग्यता प्राप्त कराइ जाती है. Dr. मेस्मेर ने मेस्मेरिज्म के भेद को 3 भाग में विभाजित किया है, उसके अनुसार
- hypnotic : इसमें निद्रा से मन तन्द्राभूत होकर पत्र को मूर्छा प्राप्त होती है. और स्वपनलोक में विचरने उसे इसका ज्ञान नहीं होता है.
- somulisrm : स्वप्नावस्था या ,मेस्मेरिक अवस्था में निद्रा द्वारा पात्र प्रतीत होता है. प्रयोक्ता समस्त प्रश्नों का यथोचित प्रमाणिक उत्तर देता है.
- psachie : सुषुप्तावस्था जिसमे ऊपर की दोनों अवस्था से ज्यादा गाढ़ी निद्रा आती है. यह वही अवस्था है जिसमे योगीराज समाधी में डूबे रहते है.इसमें मन निर्मल रहता है और भुत भविष्य का हाल साफ दिखने लगता है.
सम्मोहन और मेस्मेरिज्म में अंतर
मेस्मेरिज्म और सम्मोहन का जन्म की बात करे तो वैज्ञानिक नजरिये से देखे तो सम्मोहन मेस्मेरिज्म से बना है. वक़्त के साथ मेस्मेरिज्म की कला में बदलाव लाकर इसे थोड़ा सरल बना कर सम्मोहन या हिप्नोटिज्म का नाम दिया गया.
मेस्मेरिज्म को हम वैज्ञानिक नजरिये से ना तो परिभाषित कर सकते है ना ही साबित कर सकते है. शायद इसीलिए इसे ओझा विद्या में से एक माना जाता है. मेस्मेरिज्म और सम्मोहन का जन्म एक ही माना जाता है लेकिन, एक आध्यात्म पर आधारित है तो दूसरी उसका वैज्ञानिक रूप.
गांव में अल्पज्ञान के कारण जादूगर के खेल को लोग समझ नहीं पाते है जबकि सबसे ज्यादा उपयोग इनके द्वारा ही किया जाता है. सम्मोहन शक्तिवर्धक सरल उपाय में आपको सबसे पहले प्राण ऊर्जा पर ध्यान देना चाहिए. त्राटक के अभ्यास द्वारा इसी प्राण ऊर्जा को आकर्षण शक्ति में बदला जाता है.
मेस्मेरिज्म और मायाजाल
mesmerism को हम अगर किसी तरीके से समझा सकते है तो वो है मायाजाल. मायाजाल इसलिए क्यों की ये विद्या सामने वाले की सोचने की क्षमता को ख़त्म या न्यूनतम कर देती है. सामने वाला वही देखता और सोचता है जो आप उसे बताते है.
जबकि सम्मोहन इस उच्च स्तर का भ्रम पैदा नहीं कर सकता है की वो किसी के सोचने की क्षमता को ख़त्म कर दे.
मेस्मेरिज्म और सम्मोहन का जन्म मेस्मेर द्वारा हुआ है लेकिन उन्होंने इसे रचा नहीं है बल्कि परिभाषित किया है. जबकि मेस्मेरिज्म लम्बे समय पहले से ही अस्तित्व में था और अलग अलग नाम के साथ अस्तित्व में था.
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मेस्मेरिज्म के प्रयोग में सावधानी
मेस्मेरिज्म का प्रयोग लड़को पर नहीं करना चाहिए इसके लिए सिर्फ युवा या स्वस्थ अवस्था वाले पात्र चाहिए वर्ना लाभ की बजाय हानि होने की सम्भावना होती है. प्रयोग शुरुआत में सिर्फ शांत और वातानुकूलित जगह पर ही करना चाहिए.
इसके लिए सबसे अच्छा वक़्त रात्रि 10 बजे के बाद का होता है. मेस्मरिज्म में मन को सम्मोहन से ऊपर के स्तर तक भी आजाद किया जा सकता है.
मेस्मेरिज्म और सम्मोहन का जन्म के अलावा ऐसी कई अज्ञात बाते है जो आपको पता होनी चाहिए.
आकर्षण की सीमा सम्मोहन से कई गुना ज्यादा है इसलिए इसके प्रयोग में हमें सावधानी बरतनी चाहिए. क्यों की जादूगरों और उच्च स्तर के साधको के अनुसार मेस्मेरिज्म द्वारा आत्माओ का आकर्षण भी किया जा सकता है.
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मेस्मेरिज्म के लिए आवश्यक पुरुष के लक्षण
शरीर से स्वस्थ, ईश्वर को मानने वाला, दयालु और श्रद्धालु, अटल विश्वासी, सदाचारी सत्य बोलने वाला यानि एक साधक पुरुष होना चाहिए. इसके लिए साधक की उम्र 25 से 40 वर्ष तक होनी चाहिए.
यदि मेस्मेरिज्म करने वाला व्यक्ति शराबी, वेश्यागमन करने वाला कुत्सित होता है तो वो मेस्मेरिज्म की शक्ति कभी हासिल नहीं कर सकता है.
मेस्मेरिज्म और सम्मोहन का जन्म के अलावा सच्ची-प्रेरणा पर सम्मोहन कैसे करे से जुड़ी कई पोस्ट है जो मानसिक शक्तियों पर आधारित है.
ज्यादातर देखने में आता है की सम्मोहन और मेस्मेरिज्म के जानने वाले लोग इसका गलत फायदा उठाते है जिसकी वजह से उनके आकर्षण शक्ति का पतन होने लगता है. इस बारे में एक फिल्म भी बनी थी जो शायद एक सत्य घटना पर ही आधारित थी.
इस मूवी में एक व्यक्ति जिसके पास आकर्षण शक्ति का हुनर था अपनी शक्ति के बल पर गलत कार्य करने लगता है और अंत में उसके पतन होने के समय बुरी दुर्गति होने लगती है. शक्ति के अहम् से हर किसी को बचना चाहिए.
मेस्मेरिज्म और सम्मोहन का जन्म की पोस्ट में सिर्फ इतना ही अगली पोस्ट में पढ़े मेस्मेरिज्म की शक्ति के लिए किये जाने वाले अभ्यास. आज की पोस्ट पर प्रतिक्रिया जरूर दे.