क्या आप जानते है क्यो की जाती है भारत में जानवर और पेड़ के साथ शादी -अन्धविश्वास या कुछ और


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पीपल के पेड़ से शादी करने से मांगलिक दोष का हटना क्या आज ये वैज्ञानिक युग में इस तरह की शादी का महत्त्व है ? क्या आपने अपने आसपास की जगह पर पीपल के पेड़ से शादी जैसी घटना के बारे में सुना है ?

आज भी गाँव या urban areas में इस तरह की घटना सुनने को मिलती है जिसमे लड़की की शादी जानवर या पेड़ से कर दी जाती है.

इसके पीछे ऐसा माना जाता है की ऐसा करने से लड़की पर लगे मांगलिक दोष हट जाते है और वो विवाह के लायक हो जाती है.

आइये जानते है पीपल / बरगद / के पेड़ या जानवर से शादी करने के पीछे की असली वजह और ऐसा क्यों और किन हालात में किया जाता है जैसी ही कुछ खास बातो के बारे में.

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पीपल के पेड़ से शादी करने से मांगलिक दोष का हटना

अगर किसी लड़की की शादी में अडचने आ रही है या फिर रिश्ता नहीं हो पा रहा है क्यों की उसकी कुंडली में मांगलिक दोष है तो उसके लिए पेड़ से या किसी जानवर के साथ शादी करने के उपाय बताया जाता है.

मांगलिक कन्या के साथ शादी करने से लड़के की मौत तक हो जाने की आशंका बन जाती है जिसकी वजह से कोई उस लड़की के साथ शादी करने को तैयार नहीं होता है.

तो क्या पीपल के पेड़ से शादी करने से उसके ऊपर लगे सभी दोष हट जाते है और वो विवाह के योग हो जाती है ? आइये जानते है इस पोस्ट में.

पीपल के पेड़ से शादी करने से मांगलिक दोष का हटना

भारत में शादी को एक अटूट और पवित्र बंधन माना जाता है जिसके लिए विधिवत रस्मे और नियम होते है.

शादी में वर और वधु की कुंडली और गुण का मिलना बेहद आवश्यक होता है क्यों की इसका असर उनके वैवाहिक जीवन और आने वाली पीढ़ी पर पड़ता है.

कुंडली मिलान के दौरान किसी कुंडली में मांगलिक दोष / राहू केतु दोष / काल-सर्प योग बनते है जिसकी वजह से शादी नहीं हो पाती है.

ऐसे में पंडित द्वारा वृक्ष विवाह का सुझाव दिया जाता है जिसमे कन्या को किसी वृक्ष जैसे पीपल / बरगद आदि के साथ शादी करनी पड़ती है.

ये शादी कुछ समय की ही होती है और इसके बाद वो अपनी मर्जी से किसी के साथ भी विवाह करने लायक हो जाती है. लेकिन क्या आप जानते है की इन दोषों के निवारण के लिए वृक्ष विवाह कहा तक जायज है ?

क्या वाकई ऐसा करने से कन्या पर लगा दोष हट जाता है और वो विवाह लायक हो जाती है.

विवाह में आने वाले दोष

विवाह में देरी की वजह कन्या की कुंडली में आने वाले कई तरह के दोष होते है. इनमे सबसे बड़ा दोष है मांगलिक होना ये एक ऐसी स्थिति है जिसमे शादी के बाद वर पर मुसीबत के योग बनने लगते है और जान का खतरा भी बन जाता है.

इसकी वजह से ही कोई भी परिवार मांगलिक कन्या / लड़के के साथ रिश्ता बनाना पसंद नहीं करते है.

ऐसी किसी स्थिति में अगर पीपल के पेड़ से शादी करवा डी जाए तो दोष ख़त्म हो जाता है और अगर शादी की वजह से कोई मुसीबत आती है तो वो उस जानवर या पेड़ के जरिये दूर हो जाती है.

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क्यों की जाती है पीपल के पेड़ से शादी

पीपल के पेड़ से शादी कराने के पीछे कई कारण दिए जाते है जिनमे से कुछ महत्वपूर्ण कारण निम्न है.

दो शादी का योग – अगर किसी कन्या की कुंडली में दो शादी के योग बन रहा होता है तो जाहिर है की कोई भी परिवार उससे नाता रखना नहीं चाहेगा.

दो शादी का योग बनना यानि पहली शादी का सफल ना हो पाना, इसके समाधान के लिए किसी भी जानवर या वृक्ष के साथ शादी करवा देना एक उचित उपाय माना जाता है.

शादी के बाद जीवन में उथल पुथल – चंचल मन की कन्या के मन में शादी के कुछ समय बाद ही ऐसे ख्याल आने लगते है जिनकी वजह से वो समझ नहीं पाती है की क्या उसकी ये शादी सही है ?

जैसे की उसे सही योग्य वर का ना मिल पाना, मन का बार बार भटकना.

इस समस्या से निकलने के लिए भी इस तरह के उपाय का सुझाया जाना उचित माना जाता है क्यों की एक शादी से गुजरने के बाद उसका मन स्थिर होने लगता है.

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मांगलिक दोष – ग्रहों की प्रबल नकारात्मक योग के कारण बनने वाली ऐसी स्थिति जिसमे कन्या से जुड़ने वाले लोगो पर समस्या आने लग जाना को मांगलिक दोष कहा जाता है.

ऐसा माना जाता है की इसमें कन्या से जुड़ने वाले वर की जान का खतरा भी होता है जिसे टालने के लिए पीपल के पेड़ से शादी करने की सलाह दी जाती है.

ये शादी नैतिक तरीके से मान्य होती है क़ानूनी तरीके से नहीं जिसकी वजह से कोई समस्या उत्पन नहीं होती है.

क्या ऐसा करना सही है ?

विवाह में देरी, मांगलिक दोष या कन्या में मिलने वाले कुंडली दोष के निवारण के लिए उसका विवाह जानवर / वृक्ष जैसे की पीपल या बरगद या कोई भी अन्य पवित्र वृक्ष के साथ करना आज की सदी में बेतुका लगता है लेकिन ये नियम आज के नहीं बनाए हुए है.

सनातन धर्म में उच्च स्तर की संतान के लिए विवाह में सही संयोग का होना बेहद आवश्यक माना गया है.

आज वैज्ञानिक जिस गुणधर्म की रिसर्च कर रहे है हमारे पूर्वजो ने विवाह में कुंडली के माध्यम से मिलान करने का तरीका अपनाया था.

ये सब इसलिए ताकि वैवाहिक जीवन और आने वाली संतान कैसी होगी इसका अनुमान पहले ही निर्धारित किया जा सके. आइये जानते है इस तरह की शादी का अलग अलग नजरिया क्यों ये जायज है और क्यों नहीं.

सकारात्मक नजरिया

सनातन धर्म में इसे जायज और बिलकुल सही माना जाता है जिसकी मुख्य वजह है इस तरह की शादी का कोई क़ानूनी झंझट नहीं होता है.

इसके अलावा इसका नैतिक मूल्य होने की वजह से कन्या से जुड़े दोष वृक्ष पर आ जाते है.

पवित्र वृक्ष जैसे की पीपल और बरगद इनमे स्वयमं ब्रह्मा और त्रिदेव का वास होने की वजह से कन्या के दोष हट जाते है और उसकी शादी में आने वाली अडचने दूर हो जाती है.

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भारत जैसे देश में आज भी आत्मा और शैतान जैसी शक्तिया अपना अस्तित्व रखती है.

हालाँकि सम्पूर्ण विश्व में इस तरह के केस पढ़े जा सकते है लेकिन भारत देश में इसे अन्य देशो की तुलना में ज्यादा ही माना जाता है.

अगर आप किसी ऐसे वृक्ष से कन्या की शादी करवा देते है जो निर्जन जगह हो, लम्बे समय से उसकी पूजा अर्चना नहीं हुई हो तो उसमे रहने वाली अतृप्त आत्मा का साया कन्या पर पड़ सकता है.

ऐसे कई किस्से कहानी भारत भर में मशहूर है.

पीपल के पेड़ से शादी और शैतानी आत्मा की समस्या

अगर आप फियर फाइल्स के एपिसोड देखते है तो पीपल के पेड़ से शादी वाला एक एपिसोड भी आपने देखा ही होगा. हालाँकि ये सच है या नहीं कोई नहीं जानता क्यों की इनमे कुछ सच्चाई और कुछ झूठ होता है लेकिन इसका मतलब ये नहीं की इस तरह के दुर्घटना होती भी नहीं है.

अगर आप किसी ऐसे वृक्ष का चुनाव करते है जो इंसानी पहुँच से बाहर और सात्विक नहीं है तो आप किसी भी दुष्ट आत्मा के साए में फंस सकते है.

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ऐसे वृक्ष के साथ शादी कर आप खुद ऊन्हे अपने साथ आने का निमंत्रण देते है जिसकी वजह से वो आपके साथ खींचे चले आते है और बाद में आपको समस्या होने लगती है.

कुछ लोगो के लिए इस तरह की बाते महज अन्धविश्वास हो सकती है लेकिन जो चीज हम अनुभव न करे उसका अस्तित्व नहीं है ऐसा जरुरी नहीं.

और फिर जानबूझ इस तरह की पारलौकिक शक्ति को खुद चलकर निमंत्रण देना सिर्फ बेवकूफी है और कुछ नहीं.

पीपल के पेड़ से शादी – अंतिम शब्द

अगर आपकी शादी में कोई अड़चन आ रही है तो आपको भी इस तरह के उपाय सुनने को मिले होंगे. पीपल के पेड़ से शादी करना है या फिर किसी जानवर से ये अभी हाल ही में एक बॉलीवुड मूवी में भी दिखाया गया है.

ऐसे किसी भी कार्य को करने से पहले आपको उस जगह के इतिहास के बारे में भी मालूम कर लेना चाहिए. ऐसा ना हो की आप दुःख दूर करने के लिए उपाय कर रहे है और इससे मुसीबत दूर होने की बजाय और ज्यादा बढ़ गई हो.

किसी भी उपाय को करने से पहले उसकी भलीभांति जाँच जरुर कर ले क्यों की पारलौकिक शक्तियाँ सिर्फ तभी आप के साथ जुड़ सकती है जब आप कमजोर हो या खुद उन्हें जाने-अनजाने में निमंत्रण दो.

आज की पोस्ट को लेकर आप क्या सोचते है हमें बताना न भूले.

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