जब भी किसी ने कैलाश पर्वत पर चढ़ाई की कोशिश की इन 10 रहस्यों को पार नहीं कर पाया नासा भी हैरान है


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कैलाश पर्वत के रहस्य  जानने की कोशिश काफी लोगो ने की लेकिन, आज तक कोई कामयाब नहीं हो पाया है.

कैलाश पर्वत को भगवान महादेव का निवास स्थान माना जाता है. यह स्थान दुनियाभर के रहस्यमयी जगहों में से एक है. कुछ लोगो के अनुसार धरती पर मौजूद रहस्यमयी संग्रीला घाटी का अस्तित्व कही न कही कैलाश पर्वत पर ही है.

काफी सारे पर्वतारोही ने कैलाश पर्वत पर चढ़ाई करने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हो पाए. उन्होंने अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया की इस जगह पर हम धरती के अलग दुनिया का अनुभव करते है मानो ये जगह दुनिया के समानांतर दुनिया से जुड़ी हुई हो.

यकीन करना मुश्किल है लेकिन, इस जगह के रहस्य आपकी सोच से कही ज्यादा है. ऐसी काफी चीजे और फैक्ट है जो कैलाश पर्वत के रहस्य  से जुड़ी है.

कुछ लोगो के अनुसार ये जगह धरती का केंद्र है तो कुछ के अनुसार ये जगह एलियन तकनीक से जुड़ी है. कैलाश पर्वत वास्तव में और कुछ नहीं अलग अलग पिरामिड से मिलकर बना एक विशालकाय पिरामिड है.

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कैलाश पर्वत के रहस्य

इस जगह को अलौकिक शक्तियों का केंद्र माना जाता है. 1999 में कैलाश पर्वत पर चढ़ाई करने वाली एक टीम के अनुभव के अनुसार उन्होंने इस जगह पर चढ़ाई के दौरान शरीर और उम्र में फर्क महसूस किया. उनके अंग जैसे उम्र से पहले बढ़ रहे थे.

उन्हें पर्वत के उपरी हिस्से पर अलौकिक रौशनी दिखाई दी जिसकी चमक को देख पाना आसान नहीं था.

इस आर्टिकल में हम कैलाश पर्वत से जुड़े 10 रहस्यों के बारे में जानने वाले है.

क्या है कैलाश पर्वत के रहस्य

दुनिया के सबसे बड़े रहस्यों में से एक कैलाश पर्वत के रहस्य  माना जाता है. ऐसा माना जाता है की इस जगह का रहस्य जानने के लिए कई लोगो ने कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हुए.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस जगह को धरती और स्वर्ग के बीच का केंद्र माना जाता है. कैलाश पर्वत के ऊपर स्वर्ग और निचे मृत्युलोक है.

कैलाश पर्वत के पास ही कुबेर की नगरी है जहाँ से महा विष्णु के कर कमलो से निकल कर माँ गंगा कैलाश पर्वत से होकर धरती पर प्रवाहित होती है.

पौराणिक मान्यताओं में कहा जाता है की कैलाश पर्वत ही वो जगह है जहाँ भगवान महादेव ने माँ गंगा को अपनी जटाओ में समाया था और फिर इनके निर्मल प्रवाह को धरती पर प्रवाहित किया.

हम बात करने वाले है कैलाश पर्वत के रहस्य  और इससे जुड़े 10 ऐसे फैक्ट जो आपको हैरान कर देंगे.

धरती का केंद्र माना जाता है कैलाश पर्वत को

कैलाश पर्वत को धरती का केंद्र माना जाता है. उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव के बीचो बीच हिमालय पर्वत श्रंखला है. हिमालय का केंद्र ही कैलाश पर्वत है. वैज्ञानिक भी इस बात को मानते है की धरती का केंद्र और कुछ नहीं कैलाश पर्वत ही है.

कैलाश पर्वत को दुनिया के 4 धर्म हिन्दू, जैन, बौद्ध और सिख धर्म की आस्था का केंद्र है.

अलौकिक शक्तियों का केंद्र है कैलाश पर्वत

ऐसा माना जाता है की सिद्धाश्रम जिसके बारे में हम आध्यात्मिक कथाओं और अनुभव में सुनते है वो कैलाश पर्वत है. कैलाश पर्वत के रहस्य में से एक है इसका चुम्बकीय शक्ति से घिरा होना जो इसे अलौकिक बनाता है.

इस जगह का अलौकिक रहस्यमयी शक्तियों से युक्त होना इसके केंद्र की वजह से है. इस जगह को एक्सिस मुंडी के नाम से जाना जाता है जो दुनिया का नाभि केंद्र माना जाता है.

यह जगह आकाश और पृथ्वी के बीच का केंद्र है जहाँ 10 दिशा आपस में मिलती है.

इसके अलावा इस जगह का चुम्बकीय केंद्र इतना शक्तिशाली है की आप यहाँ मानसिक शक्तियों का अभ्यास आसानी से कर सकते है. कैलाश पर्वत के रहस्य में से एक इस जगह का पृथ्वी का केंद्र होना है जो इसे रहस्यमयी बनाता है.

इस जगह का एक्सिस मुंडी होना इसे अलौकिक बनाता है. इस जगह अलौकिक शक्तियों का प्रवाह होने की वजह से आप यहाँ आसानी से शक्तियों से कांटेक्ट कर सकते है.

कैलाश पर्वत का पिरामिड की शेप में होना

कैलाश पर्वत एक विशाल पिरामिडनुमा सरंचना है जो छोटे छोटे 100 पिरामिड से मिलकर बना है.

कैलाश पर्वत की रचना कम्पास की चारो दिशा में समान है और इसके एकांत स्थान पर स्थित है. इस जगह पर कोई बड़ा पर्वत नहीं है. इस रचना का पिरामिड की शेप में होना इसे रहस्यमयी बनाता है.

कुछ लोगो के अनुसार कैलाश पर्वत पूरी तरह एलियन रचना है जो पूरी तरह से अलौकिक रहस्यों से भरी है ठीक वैसे ही जैसे मिश्र के पिरामिड है.

पढ़े : पिरामिड में ध्यान लगाने के इन फायदों को जानकार आप हैरान हो जाओगे – प्राण उर्जा अभ्यास

कैलाश पर्वत के शिखर पर कोई नहीं चढ़ सकता है

कैलाश पर्वत पर आज तक कोई पूरी तरह चढ़ाई नहीं कर पाया है. कुछ रिपोर्ट के अनुसार तिब्बत के बोद्ध मिलारेपा ने इसकी कोशिश की थी.

ये जानकारी 2004 के एक न्यूज़ पेपर में पब्लिश हुई थी हालाँकि इस बात की पुष्टि नहीं की गई. कैलाश पर्वत के रहस्य के बारे में बताने वाला कोई भी व्यक्ति अब तक सामने नहीं आया है.

आज तक जिसने भी कैलाश पर्वत पर चढ़ाई की कोशिश की उन्होंने अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया की इस जगह पर आप ज्यादा समय तक टिक नहीं सकते है.

जिसने भी ऊपर तक चढ़ाई की कोशिश की उसने अलौकिक रहस्यों की वजह से इसका विचार छोड़ दिया.

2 रहस्यमयी झील का रहस्य

कैलाश पर्वत पर 2 ऐसी झील है जिनका रहस्य समझ पाना आज भी पहेली बना हुआ है. कैलाश पर्वत के रहस्य में ये 2 झील भी है.

आपने कैलाश मानसरोवर झील के बारे में सुना ही होगा. ये झील दुनिया की शुद्ध झील में से एक है इसका आकार सूर्य के समान है. दूसरी झील राक्षस झील है जो दुनिया की खारे पाने की झील में से एक है. इसका आकार चन्द्र की तरह है.

इन दोनों झील को सूर्य और चंद्रमा की शक्तियों के प्रतिक के तौर पर देखा जाता है जो सकारात्मक और नकारात्मक उर्जा को दर्शाती है.

दक्षिण दिशा से देखने पर हम इस जगह स्वस्तिक का निशान देख सकते है. ये चिन्ह भी आज तक एक रहस्य बना हुआ है. आपने यिन और यांग के बारे में सुना होगा जिसे हिन्दू धर्म में शिव और शक्ति की उर्जा की तरह माना जाता है.

पढ़े : Basic of Yin and Yang और ताओवादी ब्रह्मांड विज्ञान

सभी बड़ी नदियों का उद्गम है कैलाश पर्वत

कैलाश पर्वत की 4 दिशाओ में 4 बड़ी नदियों ब्रह्मपुत्र, सतलज, सिन्धु, करनाली का उद्गम माना जाता है. इन नदियों से ही गंगा और सरस्वती नदी समेत चीन की दूसरी नदियों का उद्गम है.

कैलाश पर्वत की 4 दिशाओं में 4 जानवरों का मुख है.

  • पूर्व में अश्व-मुख
  • पश्चिम में हाथी का मुख
  • उत्तर में सिंह का मुख
  • दक्षिण में मोर का मुख है.

कैलाश पर्वत के रहस्य को समझ पाना आज तक किसी के लिए संभव नहीं हुआ है.

कैलाश पर्वत पर सिर्फ पवित्र आत्माए ही निवास कर सकती है

कैलाश पर्वत को सिद्धाश्रम के नाम से भी जाना जाता है. यहाँ पर सिर्फ पवित्र आत्मा ही वास कर सकती है. ऐसा माना जाता है की जिन आध्यात्मिक गुरु का शरीर त्याग किया जाता है. उनकी आत्मा इस जगह पर निवास करती है.

Mystery of Mount Kailash

तिब्बत पर्वत और उसके आसपास के वातावरण पर स्टडी करने वाले रूस के वैज्ञानिक के अनुसार इस जगह पर अलौकिक शक्तियों का निवास है क्यों की वातावरण में उन्होंने काफी अलग वाइब्रेशन को अनुभव किया था.

इस बारे में जब उन्होंने तिब्बत के मंदिर के गुरु से संपर्क किया तब उन्हें बताया गया की कैलाश पर्वत के चारो तरफ एक अलौकिक शक्ति का प्रवाह होता है जिसकी वजह से वे वहां के आध्यात्मिक गुरु से टेलीपेथी के माध्यम से कांटेक्ट कर पाते है.

हिम मानव येती का रहस्य जुड़ा है कैलाश पर्वत से

कैलाश पर्वत के रहस्य  सिर्फ आध्यात्मिक ही नहीं येती के होने के दावे से भी जुड़ा हुआ है. कुछ लोगो के अनुसार ये भूरा भालू है तो कुछ के अनुसार ये हिम मानव है.

ये लोगो को मारकर खा जाते है इस तरह की अफवाहे आपको उस जगह पर काफी सुनने को मिल जाएगी.

कुछ वैज्ञानिक इसे निंडरथल मानव मानते है और अब तक 30 से ज्यादा वैज्ञानिक ने फूट प्रिंट के आधार पर दावा किया है की कैलाश पर्वत की पहाडियों में येती का वास है.

पढ़े : भेड़िया मानव से जुड़े रहस्यमयी फैक्ट और दुनिया भर में उनके देखे जाने की सच्ची घटनाए

डमरू और ॐ की आवाज

यदि आप कैलाश पर्वत के मानसरोवर वाले हिस्से में जाते है तो आपको निरंतर डमरू की आवाज सुनने को मिलेगी.

इसके अलावा वहां के वातावरण में ॐ का गुंजन हर समय होता रहता है. इस तरह की आवाज का सुनाई देना कैलाश पर्वत के रहस्य में से एक है.

vibration of om

उस वातावरण की वाइब्रेशन में दूसरी जगहों से काफी अंतर देखने को मिल जायेगा इसके अलावा इस जगह पर आपके वाइब्रेशन का अलाइन होना शुरू हो जाता है और आप आसानी से ध्यान साधना का अभ्यास कर सकते है.

पिरामिड और कैलाश पर्वत के चुम्बकीय फील्ड और जगह का वाइब्रेशन आपके चक्र और कुण्डलिनी की एनर्जी को प्रभावित करता है और आप उन अनुभव को साल भर की बजाय कुछ समय में ही अनुभव करना शुरू कर देते है.

आसमान में लाइट का दिखाई देना

इस बात का दावा किया जाता है की कैलाश पर्वत पर कई बार अलग अलग तरह की लाइट दिखाई देती है.

7 तरह की लाइट का उस आसमान में दिखाई देना कैलाश पर्वत के रहस्य  ही है जो आज तक अनसुलझा है. हालाँकि इस बात का कयास लगाया जाता है की ऐसा उस जगह की चुम्बकीय उर्जा की वजह से होता है.

जैसे जैसे हम उंचाई की तरफ बढ़ते है आसमान में एक तेज चमक का अहसास होता है जिसे देख पाना संभव नहीं.

कुछ लोगो के अनुसार ऐसा इसलिए होता है क्यों की उस जगह स्वयं भगवान महादेव विराजमान है. वैज्ञानिको के अनुसार जब चुम्बकीय बल आसमान से मिलता है तब इस तरह की लाइट दिखाई देती है.

FAQ

कैलाश पर्वत रहस्यमयी क्यों है ?

कैलाश पर्वत पर 2 झील है जो शुद्ध पानी की और खारे पानी की है. ऐसा माना जाता है की ये सूर्य और चन्द्र की उर्जा का प्रतिक है इसके अलावा शिव और शक्ति को दर्शाता है. इसे कुछ जगहों पर यिन और यांग के नाम से भी जानते है. ये दोनों झील कैसे बनी ये आज भी कैलाश पर्वत को रहस्यमयी बनाता है.

कैलाश पर्वत पर कौन कौन चढ़ चुका है ?

कैलाश पर्वत की संरचना कम्पास के 4 दिक् बिंदुओं के समान है और एकांत स्थान पर स्थित है, जहां कोई भी बड़ा पर्वत नहीं है. कैलाश पर्वत के रहस्य को जानने वाला दुनिया में कोई नहीं है.
शिखर पर कोई नहीं चढ़ सकता : कैलाश पर्वत पर चढ़ना निषिद्ध है, परंतु 11वीं सदी में एक तिब्बती बौद्ध योगी मिलारेपा ने इस पर चढ़ाई की थी.

कैलाश पर्वत के बारे में खास क्या है ?

बौद्ध और जैन धर्म का भी पवित्र स्थल है कैलाश पर्वत. यहां से प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव मोक्ष गए थे. वहीं, बौद्ध धर्म के अनुयायी इसे बुद्ध का निवास स्थान मानते हैं.
बुद्ध के डेमचौक रूप को कैलाश पर्वत से ही निर्वाण मिला था. कैलाश पर्वत की धार्मिक मान्यताओं को देखते हुए चीनी सरकार ने इस पर चढ़ने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है.

कैलाश पर्वत पर चढ़ने वाला कोई क्यों नहीं है ?

ऐसा भी माना जाता है कि कैलास पर्वत पर थोड़ा सा ऊपर चढ़ते ही व्यक्ति दिशाहीन हो जाता है. चूंकि बिना दिशा के चढ़ाई करना मतलब मौत को दावत देना है, इसलिए कोई भी इंसान आज तक कैलास पर्वत पर नहीं चढ़ पाया.
ऐसा वहां के चुम्बकीय वातावरण और चढ़ाई के दौरान बॉडी और माइंड में होने वाले बदलाव की वजह से होता है. जब व्यक्ति चढ़ाई पर ऊपर की तरफ जाता है तब उसे भ्रम होना शुरू हो जाता है.
इस वजह से कैलाश पर्वत पर चढ़ने वाला कोई नहीं है. आज तक सिर्फ 1999 की एक टीम ने ही कैलाश पर्वत के रहस्य को उजागर किया है.

कैलाश पर्वत पर पहुंचने वाला प्रथम व्यक्ति कौन था?

कहते हैं कि 11वीं सदी में एक बौद्ध भिक्षु योगी मिलारेपा ने अभी तक माउंट कैलाश पर चढ़ाई की है. कैलाश पर्वत के रहस्य को बताने वाला कोई नहीं है और इस बात में हमेशा एक संसय है की किसी ने इसकी चढ़ाई की भी है या नहीं.
वह इस पवित्र और रहस्यमयी पर्वत पर जाकर जिंदा वापस लौटने वाले दुनिया के पहले इंसान थे. इसका जिक्र पौराणिक कहानियों में भी मिलता है.

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