हम काफी दिन तक साधना करते है लेकिन हमारी साधना सफल नहीं होती है. ज्यादातर लोग सोचते है की गुरु न होने की वजह से या सही जानकारी ना होने की वजह से ऐसा हुआ है और वो प्रयास करना छोड़ देते है.
कोई भी टोने टोटके, वशीकरण या black magic और कोई भी साधना फ़ैल क्यों हो जाती है ? साधना असफल होने की मुख्य वजह है कुछ ऐसे पॉइंट्स जहा आपका ध्यान ही नहीं जाता है.
why i am not able to do vashikaran, black magic and any sadhna top reason for failure in Hindi के बारे में बात करते है.
हम किसी साधना में सफल क्यों नहीं हो पाते है वो भी लम्बे समय तक प्रयास करने के बावजूद भी, हमारा ध्यान क्यों उन छोटी छोटी बातो पर नहीं जाता है जिसकी वजह से हमारी साधना असफल हो जाती है.
पिछली कुछ पोस्ट में मैंने वशीकरण के फ़ैल होने की वजह के बारे में बताया था आज बात करते है किसी भी साधना में सफल ना होने की क्या वजह हो सकती है.
आपकी असफलता बड़े बड़े कारण पर नहीं छोटी छोटी गलतियों पर निर्भर करती है.
इनसे आपको बचना चाहिए. आज हम बात करने वाले है ऐसे कुछ पॉइंट्स के बारे में जो सुनने में भले ही छोटे से लगे लेकिन इनका साधना की सफलता या असफलता में बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है.
साधना असफल होने की मुख्य वजह
एक समय था जब सच्चे गुरु की तलाश करने पर हमें वो मिल जाते थे लेकिन आज के समय में ना तो वो दुर्लभ ज्ञान हर किसी के पास है ना ही सच्चा गुरु हर के भाग्य में.
साधना असफल होने की मुख्य वजह क्या हो सकती है ?
गुरु का न मिल पाना या फिर सही ज्ञान का पता न होना ? नहीं इसके पीछे कई और फैक्टर है जो आपके अभ्यास को प्रभावित करते है.
प्रयास करने वाला सफल जरुर होता है बेशक वो गलतियों से सीखे ना की खुद को असफल माने.
अगर आप भी किसी तरह की साधना या अभ्यास जैसे टोने-टोटके, वशीकरण, या फिर साधनाए जिनमे आप सफलता हासिल करना चाहते है बिना गुरु के तो इन पॉइंट्स को समझे और विवेक से काम लेकर अभ्यास को पूर्ण करे.
आपको सफलता मिलेगी, एक बार में ना सही लेकिन प्रयास करने पर आप इसमें सफल जरुर हो जाओगे.
क्या वाकई आपकी साधना सफल नहीं हुई है
ज्यादातर लोग जोश जोश में साधना की शुरुआत तो कर लेते है लेकिन वक़्त के साथ उनका जोश ठंडा पड़ जाता है या फिर उनमे वो उत्साह नहीं रहता जो पहले था, इन सब की वजह से हम साधना पूर्ण तो कर लेते है लेकिन हमें कुछ अनुभव नजर नहीं आता है.
हमें लगता है की हम असफल हो गए है लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है क्यों की हमारी उर्जा और साधना अभ्यास में जितना हम प्रयास करते है वातावरण में उसकी उर्जा को महसूस किया जा सकता है.
कोई भी साधना असफल नहीं होती है लेकिन लोगो में धेर्य और संयम की कमी के चलते जितनी उर्जा बनती है वो सब बिखर जाती है.
आप साधना करते है लेकिन आपको खुद पर ये विश्वास नहीं होता है की साधना हुई भी या नहीं ?
साधना में हमें बड़ी सावधानियो से उतना खतरा नहीं है जितना सूक्ष्म बातो का ध्यान ना रख पाने का जिसकी वजह साधना असफल होने की मुख्य वजह के चक्कर में आप फंस जाते है.
साधना में सफलता को देखने का आपका नजरिया क्या है ?
आपकी नजर में साधना में सफलता का क्या मतलब है ? आपने जैसे तैसे कर 21-41 दिन साधना कर ली अब आप चाहते है की शक्ति आपके समक्ष प्रकट होगी और आपको बताएगी की आपने जो साधना की है वो सफल हो गई है.
ऐसा नहीं है कुछ ही साधना होती है जिसमे हमें शक्ति के प्रत्यक्ष दर्शन होते है बाकि सब शक्तिया हमारे आसपास ही विचरण करती है और साधक जब पुरे विश्वास के साथ उनका आवाहन करता है तभी वो उसका साथ देती और काम सिद्ध करती है.
जब आप साधना को पुरे विश्वास के साथ पूर्ण नहीं कर सकते तो क्या उम्मीद रख सकते है की शक्ति आएगी और आपका काम पूर्ण होगा.
ऐसा नहीं है साधना में आपको सिर्फ सबसे ज्यादा जिस चीज पर फोकस करना चाहिए वो है आपकी आत्मशक्ति, ये जितनी strong होगी आपकी सफलता के चांस उतने ही प्रबल होंगे. इसे सबल करने के लिए आपको निरंतर अभ्यास के साथ मानसिक चिंतन करना चाहिए.
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साधना असफल होने की मुख्य वजह या कारण
साधना में असफलता मिलने के कई कारण हो सकते है निर्भर करता है आप किस तरह से खुद को साधना से जोड़ कर देखते है. ज्यादातर लोग सावधानिय तो खूब रखते है लेकिन कभी भी सूक्ष्म निर्देशों पर गौर नहीं करते है.
साधना करवाने वाला गुरु या मार्गदर्शक इन सब बातो को समझता है लेकिन उसे लगता है की शायद आपको इन बातो का पता हो इसलिए नहीं बताते है.
आइये जानते है कुछ खास निर्देश के बारे में जिनका आपको साधना में ध्यान रखना चाहिए.
प्राण शक्ति की कमी
किसी भी उपकरण में अगर electricity नहीं होगी तो वो चलेगी नहीं ये उर्जा उसे विधुत या बैटरी के जरिये मिलती है ठीक उसी तरह हम सभी प्राणी प्राण उर्जा पर निर्भर है. शरीर में प्राण की कमी साधना में सबसे बड़ी बाधा में से एक है.
आपके अन्दर प्राण उर्जा की प्रचुर मात्रा आपको संयमित, धेर्यशील बनाती है इसलिए अगर आप कोई साधना अभ्यास कर रहे है तो ये सुनिश्चित कर ले की आपके अन्दर प्राण की मात्रा आवश्यक रूप से है भी या नहीं.
कई उग्र साधना जिनमे अचानक साधक में उर्जा की प्रचंड मात्रा बढ़ने लगती है में देखा जाता है की वो इस उर्जा को संभाल नहीं पाते है. अगर अभ्यास के बाद आपके अन्दर energy flow बढ़ता जा रहा है तो आप अपना विवेक खोकर उस उर्जा के अधीन हो जाते है और साधना से भटक जाते है.
कुछ लोग इस तरह के बदलाव में खुद को दुसरो से ऊपर मानने लगते है जिसकी वजह से गलत काम करने लगते है और शीध्र ही उनका पतन होने लगता है.
ऐसा आपके साथ ना हो इसलिए साधना से पूर्व ये जान ले की साधना में आपके अन्दर आवश्यक प्राण उर्जा की मात्रा हो, अगर ऐसा होगा तो आप साधना में खुद पर आत्मविश्वास बनाए रख सकेंगे और साधना में बनने वाली उर्जा का वेग भी संभाल पाएंगे.
जिनके अन्दर प्राण उर्जा का प्रवाह विचार मात्र से होना शुरू हो जाता है वो काम वासना की उर्जा को भी चक्रों में transfer करना शुरू कर देते है जिससे उर्जा का प्रवाह संतुलित होता है.
साधना में विश्वास / आत्मशक्ति की कमी
अगर आप कोई अभ्यास कर रहे है फिर चाहे वो साधना हो, टोना-टोटका हो या फिर वशीकरण जैसी क्रिया हो खुद पर विश्वास बनाए रखना बेहद जरुरी होता है.
आप असफल इसलिए नहीं होते क्यों की आपके पास पूरी जानकारी नहीं है बल्कि इससे भी ज्यादा ये निर्भर करता है की आप खुद पर विश्वास बनाए रख पाते है या नही.
ज्यादातर लोग सोचते है की कोई अभ्यास करेंगे और हमें पहली बार में सफलता मिल जाएगी, या फिर अगर साधना विधान 21-41 दिन का है तो इन दिनों में ही हमें रिजल्ट मिलेगा ही मिलेगा.
मैंने ऐसे भी केस देखे है जिनमे काम 40-45 दिन में हो जाना था लेकिन पूरी तरह होने में उसे 4-5 महीने लग गए.
इसका मतलब ये नहीं की रिजल्ट 4-5 महीने में मिला, वो तो साधना के पूर्ण होते होते क्षणिक संकेतो में महसूस होना शुरू हो गया था.
शक्तिया आपकी परीक्षा लेती है की आप उन पर कितना विश्वास रखते है इसलिए आपको अगर साधना में देरी हो या संकेत महसूस ना हो तो भी विश्वास बनाए रखे. आपको सफलता मिलेगी क्यों की विश्वास से ही काम बनते है. आपका विश्वास एक आकर्षण का काम करता है.
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साधना असफल होने की मुख्य वजह – अभ्यास पर संसय करना
आप कोई काम कर रहे है और आपको खुद पर doubt होने लगे की में कोई काम कर रहा हूँ वो हो भी रहा है या नहीं तो क्या वो काम पूरा होगा ? नहीं कमिया आपको उस काम देखने को मिल जाएगी क्यों की आपने उसे मन से नहीं किया.
साधना करते हुए जब साधक को अनुभव आगे पीछे होते है तो उसे खुद पर शंका होने लगती है की अभ्यास सही जा रहा है या नहीं जिसकी वजह से उसे अनुभव में वो सफलता हासिल नहीं होती है जो उसे होनी चाहिए.
आपको लगता है की शंका छोटी सी बात है लेकिन बड़ी से बड़ी साधना में भी ये शंका आपके और आपकी साधना के बिच एक दीवार बन जाती है जिसे भेदना सिर्फ आपके विवेक से संभव है इसलिए जब भी कोई साधना करे खुद को इसके लायक समझ कर करे और बिच में शंका ना करे.
अगर आपको लगता है कोई गलती हो रही है तो वो आप अपने अंतर्मन से सवाल करे आपको सवाल का जवाब जरुर मिलेगा.
4.) साधना असफल होने की मुख्य वजह – सिर्फ फॉर्मेलिटी करना
ज्यादातर लोग टोने टोटके को सबसे आसान सा उपाय मानते है लेकिन जब बात आती है करने की तो इसमें formality कर देते है और फिर जब टोटका सफल नहीं होता है तो दोष देते है की टोटके काम नहीं करते है.
टोटके सबसे आसान उपाय में से एक है लेकिन इसका मतलब ये नहीं की आप कैसे भी उन्हें कर सकते है.
इन सबमे आपको शारीरिक और मानसिक रूप से उस क्रिया पर फोकस रहना पड़ता है. लेकिन जब लोग करते है तो वो मानसिक रूप से कही और होते है और सोचते है की बस जल्दी से ये finish हो जाए. ऐसा करना कभी सफलता नहीं दिला सकता है.
साधना असफल होने की मुख्य वजह है की अगर आपको 41 दिन की साधना बताई जाती है तो आप कुछ दिन उसे मन से करते है बाद में आप शारीरिक रूप से तो साधना में होते है लेकिन मानसिक रूप से नहीं, आपका मन दुनिया के और कामो में भटकता रहता है और ज्यादातर लोग तो साधना जिस उदेश्य से कर रहे है उसकी कल्पना करने लगते है.
मान लो वशीकरण की साधना है तो साधक का मन इस विषय में भटक जाता है की जिसे हम वश में करना चाहते है वो हमारे वश में हो गया है.
ऐसा करना आपको विफल बना देता है. जब भी साधना में आप पूर्णता की ओर बढ़ते है कुछ शक्तिया ( साधना के बिच में negative powers का ज्यादा attract होना ) आपको भटकाने की कोशिश करते है. अगर आप इसमें फंस जाते है तो वो इतने दिन की आपकी साधना में बनी उर्जा को भी चुरा लेती है.
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साधना को अनुभव करने का सही तरीका पता ना होना
साधना कम्पलीट होगी तो मुझे देवी के दर्शन होंगे और में सफल हो जाऊंगा. हर किसी के साथ ऐसा नहीं होता है.
साधना जब होती है तब या पूर्ण होने के बाद आपको ऐसे संकेत मिलने शुरू हो जाते है जो साधारण से लगते है और हमारा ध्यान उनकी ओर जाता ही नहीं है क्यों की हमारा मन बड़े चमत्कार के पीछे भाग रहा होता है जो साधना असफल होने की मुख्य वजह में से एक ही है.
अगर आपको संकेत मिले तो खुद में आत्मविश्वास जगाते रहे क्यों की ऐसा करना आपको उस शक्ति साधना की ओर ले जायेगा.
साधना में अगर negative powers आपकी और attract होती है तो वो आपको साधना के बिच में ही साधना सफल होने जैसे अनुभव करवाती है और अगर आप उसे मान कर रुक जाते है तो सब कुछ अपनी पुरानी स्थिति में आ जाता है. साधना में हमेशा विवेक को विस्तृत बनाए और समझे ना की सीधे ही विश्वास कर साधना को बिच में छोड़े.
जरुरी नहीं की आपको अनुभव सुखद ही मिले शुरू में अलग अनुभव भी हो सकते है.
सफलता हासिल करने के लिए क्या करे ?
साधना में सफलता के लिए कुछ महत्वपूर्ण tips को follow करे इसमें आपको साधना असफल होने की मुख्य वजह ignore कर उनका solution देखना होगा जिससे आपको सफलता जरुर मिलेगी.
- अभ्यास शुरू करने से पहले खुद पर विश्वास बना ले और आप उस साधना को पूर्ण करने लायक है इस तरीके से खुद को तैयार करे.
- cultivation process के बिच में जो संकेत मिलते है उसे अपने विवेक से सुलझाए क्यों की आपका अंतर्मन आपको कभी गलत दिशा नहीं देता है इसके बजाय दिमाग से दिखी हर घटना वैसी नहीं होती है जैसी दिखाई पड़ती है.
- हमेशा साधना में खुद पर कभी भी negative powers को हावी ना होने दे. हम जिस मकसद से साधना कर रहे है वो अगर पहले ही पूर्ण होती दिखे तो भी साधना विधान को बिच में ना छोड़े.
- किसी भी साधना के अनुभव हमेशा गुप्त रखे और खुद को कभी जाहिर ना करे.
- ध्यान रखे की साधना में बनने वाली energy को कण्ट्रोल करे ना की उनके कण्ट्रोल में फंस जाए.
साधना असफल होने की मुख्य वजह – final word
आपके पास हजारो वजह मिल जाएगी साधना में असफल होने की लेकिन उन्हें आप खुद भी दूर कर सकते है.
जरुरी नहीं की हर किसी को सच्चा गुरु नसीब हो आप अपने आध्यात्मिक गाइड को या फिर अंतर्मन को भी अपना गुरु बना सकते है.
अगर आप चाहते है की मै इसकी विधि भी यहाँ शेयर करू तो कमेंट box में बताना ना भूले.
साधना असफल होने की मुख्य वजह की इस पोस्ट को लेकर किसी तरह के सवाल आप यहाँ पूछ सकते है.