Therapeutic Touch का main purpose आपके healing process को active करना होता है. आमतौर पर किसी तरह के energy blockage की वजह से हम अपने अन्दर कई तरह के health related changes को महसूस करते है.
Touch Therapy एक खास तरह की energy healing process है जिसमे provider, माध्यम की body को कुछ दूरी पर या हलके टच के जरिये थेरेपी सेशन की शरूआत करता है.
इस थेरेपी के जरिये हम deep relaxation response, reduction of pain and anxiety, and faster wound healing जैसे बदलाव खुद में महसूस कर सकते है.
हालाँकि इसके जरिये हम किस तरह benefits लेते है और कैसे हमारी body में इसके बदलाव आते है इसे वैज्ञानिक तरीके से prove नहीं किया जा सका है लेकिन, इसके जरिये mental condition में positive changes लाये जा सकते है जिसकी वजह से natural healing process को fast बनाया जा सकता है.
आज हम बात करने वाले है Therapeutic Touch के बारे में की किस तरह ये प्रक्रिया हमारे body की energy blockage को न सिर्फ दूर करती है बल्कि self healing capacity को भी strong बनाती है.
जब हमारी body खुद को natural healing ability के लिए तैयार कर लेती है तब mental or physical diseases से recover करना आसान हो जाता है.
वास्तव में ये कोई चमत्कार नहीं बल्कि हमारी body की अपनी healing ability होती है जिसकी वजह से हम therapy session के बाद खुद को हल्का, विचारो के बोझ से परे और शांत महसूस करते है.
आइये जानते है की ये थेरेपी किस तरह काम करती है और इसके सेशन की शुरुआत से पहले आपको किन किन बातो का पता होना चाहिए.
What is Touch Therapy in Hindi?
ये Energy healing जैसी broad category का एक हिस्सा है जिसमे acupuncture, tai chi, and reiki जैसी healing दी जाती है. इसका main concept ये मानता है की हमारी बॉडी एक natural energy field से घिरी हुई रहती है जो mind-body connection को बनाए रखती है और हमारे wellness को प्रभावित करती है.
अगर energy healing theory की माने तो हमारे बॉडी में जब energy पूरी तरह फ्री होकर फ्लो करती है तब हम पूरी तरह स्वस्थ महसूस करते है. किसी भी तरह imbalances or disruptions हमारे illness, pain, mental health symptoms, and other distress की वजह बन जाता है.
Touch therapy practitioners अपने हाथो के जरिये flow of energy को manipulate करते है जो की reiki or energy healing में मुख्य है.
इससे हम अपने healing factor को कुछ हद तक ठीक कर लेते है और फिर हमारी बॉडी खुद को heal करना शुरू कर देती है.
क्या ये healing touch जैसी therapy है ?
ये समझ पाना बेहद मुश्किल है क्यों की कुछ लोग मानते है की ये एक तरह का Umbrella है जो कई तरह की practice का एक समूह है.कुछ लोग मानते है की healing touch (HT) and therapeutic touch (TT) ये दोनों ही इसका हिस्सा है जबकि दुसरे लोगो के अनुसार ये therapeutic touch का हिस्सा है.
ये दोनों ही किसी नर्स ने ईजाद किये थे फर्क सिर्फ इतना था की इन दोनों therapy में कुछ अलग अलग फर्क थे. अब इन दोनों को अलग अलग समझते है.
Therapeutic touch को Dolores Krieger ने 1970 में ईजाद किया था. इसमें practitioners आपको टच नहीं करता है बल्कि कुछ इंच दूरी पर खड़े रहते है. सिर्फ कुछ केस में ही वे आपको टच करते है. जबकि
Healing touch की खोज Janet Mentgen ने 1980s में की थी. ये कई तरह की energy healing practices का एक Combination है जिसमे chakra connection and lymphatic release जैसी practice शामिल थी. Practitioner’s इसे treatment philosophy की तरह देखते है ना की specific technique और touch therapy की तरह पास में खड़े रहने की बजाय छू कर therapy को पूरा किया जाता है.
ये निर्भर करता है की हम तकनीक में किस practice को शामिल कर रहे है. Healing touch में माध्यम को टच करना दोनों के बिच के comfortable level पर depend करता है. अगर आप चाहते है की Practitioner आपको touch ना करे तब भी ये काम करती है.
ये किस काम आती है
हमारी बॉडी में self healing की natural capacity है ये खुद को बेहद जल्दी किसी भी स्थिति से heal कर लेती है. हालाँकि घाव और चोट को भरने में थोड़ा समय लग जाता है. touch therapy Practitioner का मानना है की self healing की Process को fast बनाने में energy healing काफी असरदार है.
यहाँ पर हमें स्पर्श के जरिये ईलाज के कई सारे application देखने को मिलते है जैसे की
- relieve anxiety and stress – तनाव को दूर करती है
- घाव को जल्दी भरने में मदद मिलती है – help wounds heal faster
- Improve immune system function – रोग प्रति-रोधक क्षमता को मजबूत करती है.
- दर्द को कम किया जा सकता है – reduce pain
- help reduce nausea, fatigue, and other side effects of chemotherapy
- improve symptoms of chronic conditions like fibromyalgia and lupus
- थकावट दूर कर अच्छी नींद लेने में हेल्प करती है – reduce fatigue and get better sleep
जिन लोगो ने touch therapy healing ली है उनका मानना है की इसके बाद उन्होंने खुद को calm and more relaxed feel किया है. ये therapy उन लोगो पर भी काम करती है जो अपनी लाइफ के अंतिम पल पर होते है. इसकी मदद से वे खुद को terminal illness में भी शांत करते है ताकि peaceful रह सके.
लोगो ने ये दावा भी किया है की reiki touch therapy session के बाद वे खुद को और भी ज्यादा confident and self-aware feel करते है.
सेशन के दौरान क्या होता है ?
जब आपका पहला Appointment होता है तब Practitioner आपके बारे में कुछ background information collect करता है ताकि वो उन symptoms की पहचान कर सके जो अपने notice किये थे. आपके साथ ऐसा होते हुए कितना समय हो चूका है इसी आधार पर वे आपकी therapy की शुरुआत करते है.
ये जानना भी बेहद जरुरी है की आप ये थेरेपी क्यों लेना चाहते है और इसके पीछे आपका मकसद क्या है ताकि goal को एक सुनियोजित तरीके से प्राप्त किया जा सके. सेशन के दौरान कपड़े रिमूव करना जरुरी नहीं होता है लेकिन अगर आप सेशन के दौरान ऐसे कपडे पहने जो आरामदायक हो और आपको प्रॉब्लम ना हो तो ज्यादा better रहता है.
अगर आप एक महिला है और चाहती है की Practitioner आपको टच न करे तो सेशन की शुरुआत में ही इस बात को क्लियर कर ले. healing की process को आसान तभी बनाया जा सकता है जब दोनों के बिच bonding हो ना की किसी तरह का दबाव इसलिए जिसमे आप खुद को comfortable feel ना करे उसके बारे में पहले ही क्लियर कर ले.
healing therapy or touch therapy दोनों का सेशन लगभग 20 मिनट के आसपास होता है. इसमें समय ऊपर निचे आपके healing process या फिर symptom पर depend करता है जो आप experience करते है. इस ट्रीटमेंट में सेशन को निम्न चरण में पूरा किया जाता है.
Centering
सेशन की शुरुआत में आपका practitioner पहले खुद को केन्द्रित करता है. इसके लिए वे अपनी पूरी awareness को एक जगह लाते है और एक semi-meditative state में enter करते है. ज्यादातर इसके लिए वे deep breathing and similar grounding exercises जैसी meditation technique का इस्तेमाल करते है.
इससे होता ये है की वे खुद को distracting thoughts से दूर रख पाते है और अपनी treatment पर better focus रख पाते है. इस पूरी प्रक्रिया को Healing touch practitioners लम्बे समय तक बनाए रख पाते है जब तक की आपका मनचाहा goal पूरा ना हो जाए.
Assessment
सेशन में जब प्रक्रिया करने वाले केन्द्रित हो जाते है तब वे माध्यम की बॉडी के कुछ ही इंच ऊपर से टच करते है. ये पूरी प्रक्रिया सेंस पर निर्भर करती है और इस दौरान वे माध्यम की Bio field को sense करने की कोशिश करते है.
सर से लेकर पैर के अंगूठे तक वे आपकी बॉडी को sense करते है और उस जगह का पता लगाते है जहाँ पर energy flow blockage हो रहा है.
ये एरिया उन्हें अलग अलग तरह से feel होता है जिसमे warm, cool, or tingly feeling शामिल है.
अगर आपकी problem किसी specific area of body से related है तो अभ्यास करने वाले उस जगह पर ही अभ्यास करते है जैसे की chronic back pain जिसमे अभ्यास सिर्फ आपकी कमर पर focus होता है.
यहाँ पर आपको पता होना चाहिए की ये अभ्यास multiple techniques शामिल किये हुए होता है इसलिए हल्का सा टच भी किया जा सकता है लेकिन ये सिर्फ अभ्यास का हिस्सा होता है.
Trained touch therapists हमेशा new treatment techniques को आप पर अप्लाई करने से पहले चेक करते है की ये आप पर किस तरह का असर डालेगी.
Intervention
जब practitioner को ये पता चल जाता है की आपके बॉडी में किस एरिया में energy blockage की problem आ रही है और कहाँ पर energy के प्रवाह में issue आ रहे है तब वे अपने तरीके से सही तकनीक पर काम करना शुरू कर देते है.
ये प्रक्रिया ऐसी है मानो कपड़े में से सलवटे निकल रही हो. उनके हाथो की मूवमेंट आपके बॉडी पर इस तरह होती है मानो वे चेक कर रहे हो की ये काम कर रही है या नहीं. इस process को un-ruffling के नाम से जाना जाता है.
ये process तब तक चलती है जब तक वे ये sense ना करने लगे की अब आपके बॉडी में उस जगह पर किसी तरह का blockage नहीं रह गया है.
इस दौरान visualization techniques का इस्तेमाल भी कर सकते है ताकि direct positive energy को उस जगह transfer किया जा सके जहाँ पर उन्हें Blockage feel हो रहा है.
Evaluation
कुछ मिनट के बाद आप Touch therapy के दौरान खुद sense of calm and relaxation को बढ़ता हुआ experience कर सकते है.
जब ये energy blockages पूरी तरह clear हो जाता है तब एक और quick assessment पूरा किया जाता है ताकि ये चेक किया जा सके की किसी तरह का blockage रह तो नहीं गया है. जब पूरी तरह निश्चित हो जाते है तब इस सेशन को एंड किया जाता है.
इस सेशन के पूरा होने के बाद आप खुद में इस तरह के बदलाव notice कर सकते है जैसे की
- विचारो के बोझ से छुटकारा – brief emotional overwhelm
- Thirst – भूख प्यास का अहसास
- खुद में हल्कापन – lightheadedness
इस तरह के बदलाव आपके अन्दर Positive session को शो करते है की ये आपके लिए काम कर रहा है लेकिन अगर इस दौरान या इसके बाद किसी तरह के unpleasant or unwanted symptoms को notice कर रहे है तो तुरंत अपने practitioner से इसके बारे में बात करे.
क्या ये वाकई काम करता है ?
Reiki Touch therapy किस तरह काम करती है ये कुछ लोगो के लिए हैरान कर देने वाला हो सकता है. किसी छू कर उसकी problem को दूर करना ये किस तरह संभव है ? ये therapy इमोशन पर काम करती है और इसके लिए sense करना सबसे जरुरी है.
जब आप किसी दूसरे व्यक्ति को सिर्फ टच कर उसके इमोशन को महसूस कर पाते है तब आप उसकी feeling को better तरीके से manipulate कर पाते है.
किसी भी व्यक्ति की बायो फील्ड उसके इमोशनल बॉडी को कवर करती है और इसे प्रभावित कर हम व्यक्ति पर मनचाहे प्रभाव डाल सकते है. मेडिकल साइंस भी इस बात को मानता है की इसके जरिये हम healing को आसान बना सकते है जैसे की ऐसी बीमारी जिसमे mental condition सबसे ज्यादा affect होती है.
ऐसी कई रिसर्च सामने आई है जिसमे लोगो ने इस बात को एक्सेप्ट किया है की Healing touch therapy के बाद उन्होंने अपनी healing में positive effect महसूस किया है.
आज भी how touch therapy might help people को समझ पाना या प्रूफ करना मुश्किल है क्यों की सेशन के बाद लोगो ने खुद में positive change तो experience किये लेकिन इसे वैज्ञानिक तरीके से प्रूफ नहीं किया जा सका है. यही वजह है की आज भी touch therapy and other energy healing methods को research-driven approaches के नजरिये से समझ पाना मुश्किल है.
Is touch therapy right for you?
Reiki touch therapy session को लेना किसी तरह से भी रिस्की नहीं है क्यों की आज तक इसके किसी भी तरह के side effect की शिकायत नहीं मिली है. अगर आप इसे आजमाना चाहते है तो बेशक आप कोशिश कर सकते है लेकिन कुछ बाते आपको मालूम होनी चाहिए और ध्यान रखना चाहिए की
- अगर आप इस therapy से किसी तरह के चमत्कार की उम्मीद कर रहे है तो रुके क्यों की ये सिर्फ relieve symptoms में हेल्प कर सकती है ना की किसी बीमारी को ठीक करती है. हमारी बॉडी की Natural healing को ये सपोर्ट करती है ना की बनाती है. healing हमारी बॉडी करती है ना की ये therapy.
- यही शर्त mental health symptoms में लागू होती है की ये therapy आपके तनाव को कम कर सकती है ना की किसी तरह का resolvement क्यों की ये depression, mood swings, or thoughts of suicide को रोक सकती है ना की दूर कर सकती है. साफ शब्दों में कहे तो ये therapy हमारे लिए सिर्फ सपोर्ट का काम करती है ना की healing का मुख्य काम हमारी बॉडी करती है जो की accept or reject पर टिका हुआ है.
- कुछ लोगो ने दावा किया है की touch therapy session के बाद उन्होंने mild pain, fatigue, and muscle tension में positive change को experience किया है जिसे लेकर उनके healthcare expert कुछ नहीं कर पाए इस therapy ने कर दिखाया. इस तरह की कंडीशन trauma or anxiety से जुड़ी होती है इसलिए therapy के साथ साथ किसी mental health professional से भी consult कर लेना चाहिए.
ये सभी बाते आपको याद रखनी चाहिए.
सही touch therapy provider की पहचान कैसे की जाए ?
अगर आप इसे try करना चाहते है तो इसके लिए सिर्फ certified practitioner का ही चुनाव करे. इसके लिए आपको ध्यान देना चाहिए की Healing touch provider के पास Healing Touch Certified Practitioner की डिग्री होनी चाहिए जबकि Therapeutic touch practitioner के पास Qualified Therapeutic Touch Practitioner की योग्यता हो.
सेशन की शुरुआत में ही आपके मन में इससे जुड़े किसी भी तरह के डाउट को क्लियर कर लेना चाहिए और ये तय कर लेना चाहिए की आप इसे comfortable होकर पूरा कर पा रहे हो. इसके लिए आपका Comfortable होना बेहद जरुरी है तो कई विजिट करे, चेक करे और फिर सेशन की शरूआत करे.
आपको मालूम होना चाहिए की अगर आपका provider इस योग्य नहीं है तो वो आपके लिए किस तरह नुकसान पहुंचा सकते है. इसमें निम्न तरह के नुकसान शामिल है जैसे की
- आपका emotional imbalance होना.
- bio field के साथ छेड़छाड़ और नेगेटिव फीलिंग
- हम पहले ही Psychic vampire के बारे में बात का चुके है. और आपको इस तरह की कंडीशन में खासकर जब आपके Aura energy field से जुड़े किसी अभ्यास में सावधानी रखनी चाहिए.
- अगर आपका provider खुद trained नहीं होगा तो हो सकता है वो आपके ऊपर अपने psychic energy को सही तरह transfer न कर पाए जिसकी वजह से नेगेटिव एनर्जी भी आपको प्रभावित कर सकती है.
हालाँकि ये हमें ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाता है लेकिन emotional imbalance होना हमें परेशान कर सकता है. इसलिए जब भी therapy ले पहले अपने सवालों और शंका का समाधान कर ले.
Aura energy touch therapy healing final conclusion
हम सब जानते है की energy therapy में रैकी और touch therapy healing जैसे अभ्यास आते है जिसमे हम माध्यम से कुछ दूरी पर उसके बायो फील्ड को महसूस करते हुए उसके Aura energy field को affect करते है. इस प्रोसेस में हम माध्यम को heal नहीं करते है बल्कि blockage को दूर करते है जिसकी वजह से energy flow natural हो जाता है और माध्यम का शरीर किसी भी तरह की problem को खुद heal करना शुरू कर देता है.
हालाँकि आज तक इस थेरेपी से किसी तरह के नुकसान के बारे में पता नहीं चला है ना ही इस तरह की energy therapy का कोई side effect होता है लेकिन बेहतर होगा की इसे लेने से पहले अपने provider के बारे में पता कर ले. ये जरुर जान ले की वो वाकई में professional है भी या नहीं. ये थेरेपी तभी काम करती है जब आप खुद को comfortable feel करते है.