त्राटक द्वारा छाया पुरुष साधना या हमजाद साधना कैसे की जाती है ? मेने अपने पहले की पोस्ट में आपको हमजाद साधना के बारे में बताया था. कुछ लोग इसे बकवास मानते है तो कुछ लोग इसकी शक्तियों को लेकर सवाल खड़े करने लगते है.
उनके लिए में सिर्फ इतना सा उदाहरण देना चाहूंगा की मनुष्य में सभी एक जैसे नहीं होते है जैसे की कुछ लोगो का आत्मबल जो इतना मजबूत होता है की वो सामने वाले से अपनी बाते मनवा लेते है या फिर कुछ ऐसे काम कर जाते है जो साधारणतया हमारे लिए बहुत ही दुष्कर होते है.
क्या उनके पास कोई सुपर पावर होती है ?
नहीं ! ये हमारा आत्मबल और विश्वास होता है जो हमें असंभव को भी संभव बनाने की प्रेरणा देता रहता है.
यही बात आपके हमजाद पर लागू होती है. अगर आप विश्वास रखते है तो वो आश्चर्यजनक कारनामे भी कर सकता है.
इसलिए जब भी आप खुद पर शक करते है इसका मतलब आप खुद अपने काम को कठिन बना लेते है. इसलिए कभी भी खुद के मनोबल को कमजोर न होने दे. त्राटक द्वारा छाया पुरुष साधना का अभ्यास भी आपके मनोबल पर ही टिका हुआ है.
आज जिन साधना के अभ्यास के बारे में हम बात करने जा रहे है वो और कुछ नहीं त्राटक साधना के ही कुछ ऐसे गुप्त अभ्यास है जिनके बारे में बेहद कम जानकारी आपको पढने को मिलती है.
छाया पुरुष या फिर हमजाद साधना के दौरान जिस परछाई पर हम अभ्यास करते है वो एक कल्पना शक्ति का अभ्यास है. हमारी कल्पना शक्ति हमारे विचारो और उर्जा को एक जगह पर केन्द्रित करती है और फिर यही परछाई हमरे मन की शक्ति से संचालित होती है.
त्राटक द्वारा छाया पुरुष साधना का अभ्यास
आपने अभी तक छाया पुरुष साधना के अभ्यास के लिए जिस अभ्यास के बारे में जाना है वे सब कुछ न कुछ सावधानी और गुप्त रहस्यों से जुड़े है लेकिन, अगर छाया पुरुष साधना को त्राटक मैडिटेशन के जरिये सिद्ध करने की कोशिश की जाए तो अद्भुत परिणाम देखने को मिल सकते है.
त्राटक द्वारा छाया पुरुष साधना का अभ्यास पूरी तरह सेफ है और आप इसे बिना किसी गुरु के भी कर सकते है.
आपकी प्रकृति के अनुसार सूर्य, चंद्रमा और अँधेरे कमरे में किये जाने वाला ये अभ्यास सफलता दिलाता है.
ये साधना 3 तरह से की जाती है. पहली सूर्य पर और दूसरी रात्रि के अँधेरे कमरे में और तीसरी चंद्रमा पर इन तीनो के अलग अलग प्रभाव है इस लिए सबसे पहले खुद का पता कर ले की आप किस साधना को सहजता से कर पाएंगे.
जैसे की आपका स्वभाव उग्र है या शीतल. ऐसा इसलिए क्यों की सूर्य त्राटक से आपका स्वभाव उग्र बनता है वही चंद्रमा के प्रभाव से शीतल. तो आइये जानते है ये साधना और इसका प्रभाव.
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त्राटक और छाया पुरुष साधना के अभ्यास से जुड़ी कुछ खास बाते
वैसे तो त्राटक द्वारा छाया पुरुष साधना का अभ्यास पूरी तरह आपकी कल्पना शक्ति, एकाग्रता और अवचेतन मन से जुड़ा है लेकिन, अगर आप इसका अभ्यास करते है तो आपको शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तर के लाभ मिलना शुरू हो जाते है.
- छाया पुरुष की साधना को सबसे मुश्किल साधनाओ में से एक माना जाता है लेकिन ये अभ्यास पूरी तरह सेफ है.
- इन त्राटक द्वारा छाया पुरुष साधना के 3 अभ्यास को आप बिना किसी गुरु और गाइड के भी कर सकते है.
- ये अभ्यास आपके फोकस, स्थिरता और आध्यात्मिक अनुभव को बढाता है.
- इस अभ्यास को दूसरे किसी भी अभ्यास से अलग बनाता है इनका सात्विक अभ्यास.
- ये साधना आपको हर लेवल पर प्रभावित करती है और आपके अनुभव दूसरो को आपकी और आकर्षित करना शुरू कर देते है.
- त्राटक का ये अभ्यास आपको मानसिक और अवचेतन मन से जुड़ी शक्तियों को जाग्रत करने में मदद करता है.
त्राटक द्वारा छाया पुरुष साधना को सिद्ध करने के लिए आपको एकांत स्थान की आवश्यकता होती है.
ये अभ्यास दूसरे अभ्यास से थोड़ा अलग है क्यों की इसमें आपकी उर्जा आपको सीधे तौर पर प्रभावित करती है इसलिए ऐसी जगह पर अभ्यास करे जहाँ कोई और नहीं जाता है.
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सूर्य त्राटक द्वारा छाया पुरुष साधना का अभ्यास
ये साधना ऐसे मौषम में की जानी चाहिए जब सूर्य का प्रकाश न ज्यादा तेज हो और ना ही मंद साथ ही बादलो से रहित साफ होना चाहिए.
जैसे की सितम्बर का महीना. आपको सुनसान जगह जहां पर कोई आता जाता नहीं हो ऐसी जगह पर सूरज की ओर पीठ करके खड़े हो जाए. इसके बाद आपको अपनी सांसो को बिलकुल मंद कर लेना और सिर्फ मौन खड़े रहे होकर अपनी पीठ के ऊपर तक की परछाई को देखना है.
इस तरह की साधना के 15 से 16 दिन के अभ्यास से आप अपनी परछाई में वही सब परिवर्तन देख सकते है जो हमजाद साधना में पढ़े है.
सूर्य त्राटक द्वारा छाया पुरुष साधना में आपको सूर्यास्त के समय इससे पहले के समय 5 बजे के लगभग अभ्यास करना चाहिए. जब साधना को 15 से 16 दिन बीत जाये तब आपको लाल रंग का कपड़ा अपने चेहरे पर ढक लेना चाहिए और सूर्य का बीज मंत्र
ॐ श्री आंक
का जप मन ही मन करना चाहिए. इससे आपके अंदर तीव्र आत्मबल का प्रभाव बढ़ता रहता है. चेहरे को सिर्फ इतना ही ढकना चाहिए की साँस लेने में तकलीफ ना हो.
इस साधना का प्रभाव दैवीय है और आपकी परछाई के साथ साथ आप को सूर्य के अस्तांचल के वक़्त कई दिव्य अनुभूति हो सकती है.
जैसा की अग्नि त्राटक में आपको दैवीय दर्शन होते है. आपका मनोबल बढ़ता है और आप की इच्छशक्ति तीव्र होती है. त्राटक द्वारा छाया साधना के इस अभ्यास से हम शून्यता के बहुत गहरे अनुभव कर सकते है.
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चन्द्र त्राटक द्वारा छाया पुरुष साधना
Moon trataka / Gazing में हम चंद्र के उदय पर त्राटक करते है. इस साधना में भी हम वही करते है बस त्राटक चन्द्रमा की बजाय हम अपनी परछाई पर त्राटक करते है.
कुछ देर देखते रहने के बाद आँखे बंद कर ले और फिर परछाई को देखे.
इससे आपमें चंद्रमा की दिव्य किरणों का अहसास होने लगता है. आपके स्वभाव में सौम्यता आने लगती है. और त्राटक द्वारा छाया पुरुष साधना के अभ्यास के दौरान आप खुद को बहुत ज्यादा आकर्षक महसूस करने लगते है खासतौर से आपकी आंखे जो सम्मोहन प्रभाव से युक्त होने लगती है.
चंद्र त्राटक करने की विधि आप यहाँ क्लिक कर पढ़ सकते है.
चंद्र के हमारे शरीर पर भी भौतिक और आध्यात्मिक प्रभाव पड़ते है. ये सुनने में आपको किस्से कहानियो जैसा लग सकता है पर ये सच है की चंद्रमा हमारे स्वभाव और मन की चंचलता पर प्रभाव डालता है.
जब चंद्रमा पर छाया त्राटक साधना की जाती है तब साधक में सबसे ज्यादा आत्मबल और इच्छशक्ति का विकास होता है.
ये भी सुनने में आया है की अगर घोर अँधेरी बादलो से ढके हुए आसमान में भी हम अपनी इच्छाशक्ति से चंद्रमा के दर्शन कर सकते है. त्राटक द्वारा छाया साधना के इन अभ्यास से हमें अलौकिक अनुभव ज्यादा मिलते है.
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रात्रि के अँधेरे में त्राटक साधना
इसके लिए आपको ऐसे कमरे का चुनाव करना है जो बिलकुल आसमानी रंग से पोता गया हो. यहाँ तक की उसके दीवार और फर्श भी. इस कमरे में आपके अलावा कोई प्रवेश ना करे इसका ख्याल रखे.
रात्रि को ठीक 11 बजे आपको एक दीपक जला लेना है और अपने सभी वस्त्र उतार कर अपनी परछाई को देखना है. लगातार कई देर तक देखे रखे फिर आसमान की ओर देखे. इस अभ्यास से भी हमारा हमजाद सिद्ध होता है.
जब हमजाद सिद्ध होता है तब हमें कई दिव्य और भय युक्त अनुभव होने लगते है. लेकिन कम समय में ज्यादा फायदे के चक्कर में एक से ज्यादा त्राटक करने से होते है ये नुकसान इसलिए इससे बचे.
साधना में सावधानी और ख्याल
त्राटक द्वारा छाया पुरुष साधना के दौरान आपको जितना हो सके खुद को सात्विक रखना चाहिए. त्राटक साधना का अभ्यास हमारे अन्दर की उष्णता को बढाता है इसलिए साधना के दौरान आपको कुछ अनचाहे अनुभव और परिस्थिति से गुजरना पड़ सकता है.
अगर आप त्राटक द्वारा छाया पुरुष साधना का अभ्यास कर रहे है तो आपको कुछ खास बातो का ख्याल रखना चाहिए जैसे की
- अभ्यास के दौरान आपके शरीर के अंदर मौन रहने से गर्मी बढ़ने लगती है इससे मन बैचेन हो सकता है इसके लिए दूध और दही के साथ साथ फल ज्यादा से ज्यादा खाने चाहिए.
- साधना के अनुभव और साधनाकाल में हमें ज्यादा से ज्यादा एकांतवास बिताना चाहिए ये सिर्फ रात्रि के अँधेरे कमरे की साधना पर लागू होता है.
- अभ्यास के दौरान किसी से अपने अनुभव शेयर ना करे ज्यादा से ज्यादा मौन रहे.
अगर आप छाया पुरुष की साधना का सेफ अभ्यास देख रहे है और बिना किसी मार्गदर्शन के घर पर इसका अभ्यास करना चाहते है तो ये त्राटक द्वारा छाया पुरुष साधना का अभ्यास कर सकते है. ये अभ्यास पूरी तरह सेफ और आपके अवचेतन मन की शक्ति से जुड़े है.
त्राटक द्वारा छाया पुरुष साधना के अभ्यास का कोई नुकसान नहीं है और जितना ज्यादा आपका मन स्थिर और मजबूत होगा आपको उसके अनुसार ही साधना में और उसके बाद अनुभव होंगे.
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त्राटक द्वारा छाया साधना अंतिम विचार
दोस्तों हम जो भी साधना करते है वो हमारे अंदर कही न कही किसी न किसी रूप में अपना प्रभाव छोड़ जाती है. इसलिए कभी भी साधना को मजाक समझ कर या प्रयोग के तौर पर नहीं करना चाहिए ना ही कभी किसी साधना को बिच में छोड़ना चाहिए.
त्राटक द्वारा छाया साधना के कई फायदे है जिनमे सबसे ज्यादा हमारे अंतर का विकास और दिव्य अनुभव है. में बचपन में गुप्त साधनाओ को जानने में बड़ा उत्सुक रहता था.
एक दिन दादा जी एक मित्र आये और कुछ समय मेने उनके वचन सुने जो वो दादा जी को सुना रहे थे. ये साधना मेने बचपन में दादा जी के एक मित्र से सुनी थी जिन्होंने मेरे मन की जिज्ञासा को समझ कर कुछ रहस्य बताये थे.
इसलिए जब भी कोई साधना करे उसके अस्तित्व और सत्यता पर प्रश्न उठाने की बजाय किसी गुरु से परामर्श जरूर ले.
आज की पोस्ट त्राटक द्वारा छाया पुरुष साधना आपको कैसी लगी हमें जरूर बताइये साथ ही साथ हमें यूट्यूब और ईमेल पर सब्सक्राइब करना ना भूले. हम आपको नई नई जानकारिया देते रहेंगे.