योग और प्राणायाम में ऐसी कई breathing technique है जो सीधे तौर पर हमारे emotion, thought को control करती है. अगर आप तनाव से गुजर रहे है और negative thoughts से परेशान रहते है तो आपको Bhramari pranayama breathing technique का अभ्यास करना चाहिए.
इसके सिर्फ कुछ दिन के अभ्यास के बाद ही आपको चौंका देने वाले परिणाम मिलने लगते है. बिना किसी गाइड के किये जा सकने वाले इस प्राणायाम अभ्यास को करना बेहद आसान है और ये सीधे तौर पर हमारे nervous system को relax करता है.
भ्रामरी प्राणायाम का नाम एक बड़े मक्खी भंवरे के नाम पर रखा गया है. इसके पंखो का साउंड इतना तेज होता है की इसका वाइब्रेशन हम खुद पर महसूस कर सकते है. Bhramari pranayama में हमारी पूरी बॉडी में एक vibration पैदा करता है जिसका सीधा असर हमारे nervous system पर पड़ता है. पिछली पोस्ट में हमने Breathing and emotion के बारे में जाना था की किस तरह हम सांसो की मात्रा को कण्ट्रोल करते हुए अपने इमोशन को कण्ट्रोल कर सकते है.
Yoga and meditation की practice हमें state of concentration को हासिल करने में मदद करती है. जब हम योग में conscious physical movement को महसूस करते है और energy को release करते है तो ये सीधे तौर पर हमारे मस्तिष्क को focus होने में मदद करता है.
इस प्राणायाम को bee humming breath के नाम से जानते है क्यों की इस प्राणायाम के सांसो को छोड़ते समय एक गूँज और वाइब्रेशन पैदा किया जाता है.
भ्रामरी प्राणायाम को करने से हम अनचाहे विचारो को कण्ट्रोल कर सकते है और अपने अंतर की आवाज को महसूस कर सकते है. ये हमें खुद से जुड़ने में मदद करता है जो better self confidence buildup करता है.
इसके परिणाम कम समय में हासिल किये जा सकते है इसलिए इसे आपको नियमित अभ्यास में शामिल करना चाहिए. आइये जानते है इसके अभ्यास को लेकर complete step by step guide के बारे में.
Bhramari pranayama breathing technique
जैसा की इसके नाम से साफ़ है की इस तकनीक को black Indian bee जिसे Bhramari ( भंवरा ) के नाम से जानते से लिया गया है. भ्रामरी प्राणायाम उन योग प्राणायाम में से एक है जो दिमाग को बेहद आसानी से शांत कर देते है.
इसे best breathing exercises माना जाता है जो agitation, frustration or anxiety and get rid of anger में मदद कर मस्तिष्क को शांति प्रदान करता है.
इसकी सबसे खास बात ये है की ये प्राणायाम बेहद आसान है और कही भी किया जा सकता है.
इसे आप घर पर ऑफिस में जब थोड़ा सा भी टाइम मिले तब किया जा सकता है. भ्रामरी प्राणायाम में जब साँस को छोड़ा जाता है तब ये एक भँवरे की तरह आवाज करती है.
अगर बात करे The science behind Bhramari pranayama तो आपको पता होगा की भ्रामरी प्राणायाम हमारे nerves को शांत करता है. इसका सबसे ज्यादा असर हमारे brain and forehead पर देखा जा सकता है.
Humming sound vibrations अपने आप में natural calming effect पैदा करता है और इस तरह की स्थिति में हम आसानी से बेहद कम समय में खुद को शांत रख पाते है.
अगर इसका अभ्यास Trataka guided meditation, spiritual healing, reiki जैसी practice से पहले किया जाए तो परिणाम अच्छे मिलते है.
Bhramari pranayama breathing technique का main objective हमें meditative state में ले जाना होता है जहाँ पर internal sound of the Inner Silence, Nada Anusandana को सुनते है.
इस अभ्यास को तब करना बेहद कारगर होता है जब आपका मन अशांत हो, बार बार unwanted intrusive thoughts आपको परेशान कर रहे हो.
ऐसी स्थिति में इस प्राणायाम का अभ्यास करना आपको तेजी से शांति देता है. आइये जानते है Bhramari pranayama breathing को बिना किसी गाइड के करने का सबसे आसान तरीका जिसे आप कही भी कर सकते है.
How to do Bhramari pranayama (Bee Breath) Hindi guide step by step
Bhramari pranayama breathing technique को करना बेहद आसान है और इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं चाहिए सिवाय एक शांत जगह के. इसका अभ्यास सुबह सूर्योदय के समय किया जाए तो इसके Spiritual benefit मिलते है और मन को शांत रखने में मदद मिलती है. आइये जानते है step by step guide के बारे में.
- सबसे पहले शांत होकर एक जगह पर आरामदायक स्थिति में बैठ जाए, आँखों को हल्का सा बंद कर ले और चेहरे पर एक स्माइल लाए.
- कुछ समय के लिए आंखे बंद रखे और बॉडी में हो रही हरकतों को नोटिस करने की कोशिश करे.
- अपनी index fingers को अपने कानो पर रखे.
- एक deep breath ले और छोड़ते समय cartilage जो की आपके कान और गाल के बीच की जगह होती है उसे दबाना है. ऐसा करने से आपको loud humming sound like a bee की तरह महसूस होगा.
- इसी तकनीक को Indian technique में करते समय पांचो अंगुली और दोनों हाथो का इस्तेमाल किया जाता है. इस दौरान चेहरे पर इस तरह प्रेशर बनाया जाता है की सांसे छोड़ते समय तनाव हो और उसका वाइब्रेशन पूरी बॉडी में महसूस हो. ज्यादा जानकारी के लिए आप दोनों ही तकनीक को फोटो में देख सकते है.
- ज्यादा बेहतर परिणाम के लिए सांसो को छोड़ते समय High pitch sound बनाने की कोशिश करे. आवाज में जितनी गहराई होगी आपका प्रभाव उतना ही होगा. आपको अपना ध्यान हो रहे वाइब्रेशन पर देना है.
- इस अभ्यास को 4 से 5 बार करे और बेहतर परिणाम के लिए 7 दिन लगातार कर के देखे.
Bhramari pranayama breathing technique का अभ्यास काफी आसान है लेकिन इसके प्रभाव उतने ही amazing है. आप इससे न सिर्फ अपने मास्तिष्क को आसानी से शांत कर पाते है बल्कि आपके nervous system को भी relax करने में मदद मिलती है.
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भ्रामरी प्राणायाम को करने से जुड़े कुछ खास टिप्स
अगर आप सुबह सुबह योग प्राणायाम और दूसरी एक्सरसाइज करते है तो वार्म-अप के बाद इस अभ्यास को किया जा सकता है.
कुछ Yoga teacher इस अभ्यास को अपने सेशन में सबसे लास्ट में करवाते है ताकि हम पूरी तरह रिलैक्स महसूस करे.
अगर आप बैठकर भ्रामरी प्राणायाम करने में किसी तरह की समस्या का सामना कर रहे है तो इसे लेटकर भी कर सकते है.
इसकी process बैठकर किये जाने वाले अभ्यास की तरह ही होती है.
Benefits of Bhramari pranayama (Bee Breath)
- हर रोज किया जाने वाला इसका अभ्यास हमें tension, anger and anxiety से कम से कम समय में निजात दिलाने में मदद करता है. जिन लोगो को अक्सर hypertension की problem रहती है उनके लिए ये effective breathing technique की तरह काम करता है.
- अगर आप खुद को गर्म महसूस कर रहे है या फिर headache हो रहा है तो इसमें ये आराम दिलाता है.
- Bhramari pranayama breathing technique आपके Migraines की problem को solve करता है.
- Improving concentration and memory में मदद करता है.
- आपके self confidence को buildup करता है.
- Blood pressure को control करता है.
- Bhramari pranayama (Bee Breath) का अभ्यास आपको meditation technique में आसानी से concentration बनाने में मदद करता है.
अगर आप मैडिटेशन करते है और बार बार ध्यान लगाने में परेशानी आ रही है तो इसका अभ्यास करे. आपको न सिर्फ ध्यान लगाने में आसानी होगी बल्कि अच्छे परिणाम मिलेंगे.
Precautions for doing Bhramari pranayama
भ्रामरी प्राणायाम के दौरान हमें कुछ सावधानियो का ख्याल रखना चाहिए. ये सावधानियां हमें अभ्यास के दौरान होने वाले गलत अनुभव से बचाते है. ये सावधानियां निम्न है जैसे की
- Bhramari pranayama breathing technique के दौरान कानो में अन्दर तक नहीं डालनी चाहिए. कानो में ऊँगली का दबाव सिर्फ बाहरी तौर पर हल्का सा होना चाहिए.
- Cartilage को बहुत ज्यादा सख्ती से दबाना नहीं चाहिए. हलके से दबाए और निकाले.
- Humming sound के लिए आपका मुह बंद होना चाहिए.
- भ्रामरी प्राणायाम को Shanmukhi Mudra की तरह भी किया जा सकता है. इसमें हमारे दोनों हाथ और सभी अंगुलियों का इस्तेमाल होता है.
- आपको अपने चेहरे पर हाथो से बहुत ज्यादा दबाव नहीं देना है.
- इस अभ्यास को 4-5 बार से ज्यादा नहीं करना चाहिए.
आपको अभ्यास के दौरान इन सावधानियो को बरतना चाहिए ताकि अभ्यास में सफलता मिले और परिणाम अच्छे मिले.
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Bhramari pranayama breathing technique final thoughts
एक बार भ्रामरी प्राणायाम को yoga teacher से सही सीख लिया जाए तो इसके बाद आपको कुछ करने की जरुरत नहीं है.
ये अभ्यास बेहद आसान है और किसी भी उम्र में ( 8 साल से ऊपर ) Bhramari pranayama breathing technique को किया जा सकता है. अगर आप अनचाहे विचार और तनाव से गुजर रहे है तो आपको इसे नियमित अभ्यास में शामिल करना चाहिए.
इसका नियमित अभ्यास आपको तनाव से दूर रखता है, मन शांत रहता है और तनाव दूर रहने की वजह से आपका Blood pressure control रहता है.
अगर आप इसका अभ्यास करते है तो अपने अनुभव कमेंट में बताना ना भूले. किसी भी तरह के योगा, प्राणायाम और त्राटक मैडिटेशन के लिए आप हमें कमेंट में पूछ सकते है.