side effect of tratak की बात हो चुकी है. और हम जानते है की त्राटक को कैसे अनुभव किया जा सकता है. क्या आप जानते है बिना किसी गुरु के त्राटक का अभ्यास करने पर क्या होता है ? हमें क्या अनुभव होते है या समस्या आती है.
अगर आपके अभ्यास का तरीका सही है फिर भी आप खुद को परेशान महसूस करने लगे है तो समझ ले की आप common problem in tratak का शिकार हो चुके है.
ये समस्या तो नहीं लेकिन बदलाव जरुर है जिनसे निपटना कैसे है ये आज हम जानने वाले है.
त्राटक और इसकी श्रेणी में अब तक हम जान चुके है की त्राटक क्या है क्यों किया जाता है इसके लाभ क्या क्या है लेकिन, आज हम बात करने वाले है की जब हम बिना किसी गुरु या गाइड के सिर्फ पढ़ कर भी त्राटक की शुरुआत करते है तो शुरू शुरू में हमें क्या क्या तकलीफे आ सकती है.
मै इसे तकलीफ कम बदलाव ज्यादा कहना पसंद करूँगा क्यों की त्राटक के अभ्यास द्वारा हम खुद को अलग वातावरण के लिए तैयार ही तो कर रहे है.
तो बिना किसी फॉर्मेलिटी के बात करते है Common problem in beginning of tratak या फिर common problem in tratak जो की हर साधक को फेस करनी होती है.
Common problem in tratak क्या वास्तव में ये समस्या है?
जब हम एक वातावरण से दुसरे वातावरण में खुद को ढालते है तो कुछ ऐसे बदलाव होते है जिनी वजह से हमें तकलीफ हो सकती है या फिर तकलीफ होती है.
वास्तव में ये बदलाव तकलीफ नहीं है बल्कि ये बदलाव हमें उस स्थिति के लिए तैयार करते है. कुछ लोग इसे बैलेंस कर लेते है तो कुछ नहीं कर पाते है.
आज में आपको त्राटक में शुरू शुरू में आने वाली तकलीफ और इनसे निपटने के कुछ उपाय बताऊंगा.
जब हम त्राटक की शुरुआत बिना किसी अनुभव के करते है या फिर सिर्फ त्राटक का अभ्यास करते है तो हमें कुछ ऐसे बदलाव का सामना करना पड़ता है जो की कई बार हमें परेशान कर सकते है.
वैसे तो त्राटक के साइड इफ़ेक्ट की हम बात कर चुके है लेकिन आज जिस विषय में हम बात कर रहे है वो कोई प्रॉब्लम नहीं है बल्कि बदलाव है.
त्राटक में होने वाले मुख्य शुरुआती अनुभव और परेशानिया तथा उनसे आगे बढ़ने के तरीके जानने के लिए इस पोस्ट को पढ़े और फिर अपने होने वाले अनुभव के अनुसार उपाय करे आपको सफलता जरुर मिलेगी.
आँखों का सूख जाना या फिर बहुत ज्यादा पानी निकलना
जब हम त्राटक की शुरुआत करते है तो शुरू शुरू में यही सबसे बड़ी समस्या आती है की या तो हमारी आँखों से बहुत ज्यादा पानी निकलता है या आँखे सूखी हो जाती है. कई देर तक बोर्ड पर त्राटक करने से हमारी आँखे भी पथरा जाती है.
वैसे तो ये कोई ज्यादा बड़ी समस्या नहीं है लेकिन दिन की अन्य गतिविधि में हमें इससे मुश्किल आ सकती है.
जब आँखों से बार बार पानी आता है या फिर नमी ख़त्म सी हो जाती है तो दिन भर में कामो में हमें धुंधलेपन की शिकायत महसूस होने लगती है.
त्राटक के शुरुआती दिनों में ये बहुत आम बात है लेकिन फिर भी लोगो के मन में आँखे ख़राब हो जाने का डर बैठ जाता है जिसकी वजह से वो इसे छोड़ देते है.
अगर आप भी इस तरह की common problem in tratak से परेशान है तो आपको त्राटक छोड़ने की जरुरत नहीं है, खुद में बस ये बदलाव लाइए.
समाधान
त्राटक की शुरुआत बिंदु से करनी चाहिए इसके बारे में पहले भी बताया जा चूका है. लेकिन फिर भी कुछ लोग दर्पण, दीपक त्राटक करने लगते है.
ज्यादातर लोग दीपक त्राटक के पीछे भागते है ताकि उन्हें सम्मोहन शक्ति मिले.
शक्ति के चक्कर में वो अपनी आँखों को परेशानी में डाल देते है. त्राटक की सही शुरुआत ही आपको अच्छे अनुभव दिला सकती है इसलिए त्राटक के बारे में अच्छे से जानकारी ले और फिर इसकी शुरूआत करे.
अगर आपको आँखों के ज्यादा नम या सूखे रहने से प्रॉब्लम आ रही है तो आप कुछ tips को follow कर सकते है.
- त्राटक से पहले आँखों की exercise जैसे की thumb gazing का अभ्यास करे.
- आँखों को त्राटक करने के बाद ठन्डे पानी से या गुलाबजल से धो ले.
- त्राटक के बाद सुबह सुबह थोड़ा घुमने की आदत डाले.
स्वभाव में एकाकीपन आ जाना
जब हम त्राटक करते है तब common problem in tratak में से एक हमारे स्वभाव में एकाकीपन आने से भी परेशान हो जाते है. हमारे स्वभाव में ये बदलाव हमें और दुसरो को हैरत में डाल देता है की आखिर हम इतने बदल कैसे रहे है.
जिन लोगो को इसकी सही knowledge नहीं होती है उनके मन में तो ये भी आ जाता है की कही में लोगो से ही दूर न होकर रह जाऊ.
मन की चंचलता पर काबू करने में त्राटक ध्यान से भी ज्यादा प्रभावी तरीका है लेकिन कई बार हम इसके शुरुआती अनुभवों को सही तरीके से समझ नहीं पाते है और हमें ऐसा लगने लगता है की अभ्यास में कुछ न कुछ गलती हो गई है.
स्वभाव में एकाकीपन आना किसी तरह की समस्या नहीं है अगर आप इसे साथ ही साथ बैलेंस करना सीख ले.
समाधान
जब आपके मन में एकाकीपन आने लगे आपको सबसे पहले खुद को बैलेंस करना सीखना चाहिए.
स्वभाव में एकाकीपन आने से हम लोगो से कम मिलना पसंद करते है हमारा मन न के बराबर भटकता है और ज्यादातर हम पब्लिक प्लेस में खुद को अकेला महसूस करते है या फिर चलना पसंद करते है.
अगर आपको इससे कोई प्रॉब्लम न हो तो कोई बड़ी समस्या नहीं है. लेकिन, अगर आपको लगे की ऐसा करने से आप खुद को लोगो से दूर करते जा रहे है तो कुछ tips आजमाए.
- हर रोज कुछ समय एकांत में बैठे और लोगो से मुलाकात करने का सोचे.
- लोगो से बातचीत करने के लहजे में करे, संयत होकर बोले क्यों की अब आपकी चंचलता बेहद कम हो चुकी है इससे लोगो पर आपका एक positive impression पड़ेगा.
- सुबह शाम पार्क में घुमने का schedule बना ले इससे आप अपने आसपास की सुन्दरता को देखोगे तो मन संयमित रहेगा.
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मस्तिष्क का दिन में शून्य महसूस करना
त्राटक का अभ्यास शुरू करने से पहले बेशक आपके मस्तिष्क में हजारो विचार चलते रहते होंगे लेकिन tratak meditation की शुरुरत करने के बाद आप खुद को शांत और विचार-शून्य महसूस करने लगते है.
कुछ लोगो को इसका अहसास बिलकुल वैसे होता है जैसे अचानक चलते चलते दिमाग का सुन्न हो जाने पर अनुभव होता है.
ऐसा होना एक नार्मल कंडीशन है अगर आप दिन का एक बड़ा हिस्सा लोगो से कट कर अकेले गुजारते है.
ये किसी तरह की common problem in tratak नहीं है बल्कि आपके मस्तिष्क की गतिविधि है. आप जितना ज्यादा खुद पर फोकस करेंगे आपको इसका अनुभव उतना ही ज्यादा होगा.
समाधान
- लोगो से अकेले रहने की वजह से ऐसा होता है तो दुसरो से मिलने जुलने की आदत डाले.
- अगर दिनभर आप अकेले रहकर काम करते है जिसमे आपको कम से कम बोलना पड़ता है तो आप कुछ खास frequency music को सुन सकते है. ये आपके emotion को control करते है.
- आँखे बंद करे और खुद को किसी खास पल से जोड़ दे इससे आपके मन में उससे जुड़े विचार आने शुरू होंगे और मस्तिष्क का खालीपन महसूस होना बंद हो जायेगा.
स्वभाव चिडचिडापन हो जाना
त्राटक करने के कुछ दिन बाद आम लोगो की तरह मुझमे भी ये समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिली थी. मेरा स्वभाव कुछ चिडचिडा हो गया था खासतौर से लोगो से ज्यादा देर बात करने के दौरान.
मै ना तो लोगो से ज्यादा बात करता था न ही उनसे ज्यादा मिलता था. ज्यादातर समय बस स्टडी की किताबो में.
आपमें से ज्यादातर लोगो ने भी इसे महसूस किया होगा. वैसे तो ये कोई side effect नहीं है लेकिन common problem in tratak में से एक है जिसे साधक समझ नहीं पाते है की इसे डील कैसे करे.
स्वभाव में चिडचिडापन कई बार इतना बढ़ जाता है की हम या तो परेशान हो जाते है या फिर दुसरो की भावनाओ को ठेस पहुंचा देते है.
मुझे इसे डील करने में काफी समय लगा था क्यों की मुझे guide करने वाला कोई नहीं था लेकिन आप कुछ tips को फॉलो कर सकते है इससे आपको मदद मिलेगी.
common problem in tratak and how to solve them. जब भी आप लोगो के बिच में बैठे हो और आपका मन आपको उनसे दूर चले जाने को प्रेरित करे या फिर मन में चिडचिडापन बढ़ने लगे तो उन पॉइंट को समझे आपको गुस्सा क्यों आ रहा है.
जैसे की आपको कोई बोलने का कह रहा है और आप बोलना कम ही चाहते है तो आप इसे लोगो के कहने पर मुस्कुरा कर डील कर सकते है. 95% को बोलने में प्रॉब्लम होती है वो कम ही बोलना पसंद करते है.
दिन का कुछ समय आप दर्पण के सामने गुजारे और वहा पर बोलने की कोशिश करे.
इससे न सिर्फ आपके बोलने के तरीके में बदलाव आएगा बल्कि आप अच्छे से लोगो को डील कर पाएंगे और अपना positive impression भी छोड़ सकेंगे. ज्यादा जानकारी के लिए इसे पढ़े दर्पण के सामने बोलचाल को सुधारे.
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दिन की रौशनी में तकलीफ होना
त्राटक करने का समय सूर्योदय से पहले का होता है जिसकी दो मुख्य वजह होती है पहली इस समय आपके आसपास के वातावरण में cosmic energy बहुत ज्यादा मात्रा में बिखरी होती है जिसे आप आसानी से अपनी और attract कर सकते है.
दूसरा त्राटक से आप अपनी आँखों की रौशनी (तेज) को बढाते है. सूर्य की उपस्थिति में इसे कर पाना मुमकिन नहीं. लेकिन ऐसा करने से आप कुछ दिन तक शायद सूर्य की रौशनी से परेशान हो सकते है.
जब हम त्राटक का अभ्यास करते है तब हमारी आँखे आसपास की रौशनी को सोखना शुरू कर देती है.
ये एक अभ्यास है जिसमे हम धीरे धीरे अपनी आँखों में तेज समेटना शुरु करते है.
आँखे तेजस्वी बने इसलिए अभ्यास को क्रम से करना चाहिए लेकिन ऐसा करना हमें दिन की रौशनी में चुभन, आँखे खुली न रख पाना, कुछ देर बाद ज्यादा तेज चमकीली रौशनी दिखना जैसे अनुभव करवा सकता है.
common problem in tratak में से एक ये भी आपके लिए समस्या खड़ी कर सकता है लेकिन आप इसे निम्न तरह से हल कर सकते है.
समाधान
कुछ एक्सपर्ट के अनुसार अगर आपको इस तरह की समस्या हो तो कम रौशनी के चश्मे का प्रयोग करना चाहिए. इससे आपको रौशनी में तकलीफ नहीं होती है साथ ही आपकी आँखों का तेज बना रहता है.
त्राटक का अभ्यास करने के बाद सूर्योदय के समय पार्क में घुमे ताकि रौशनी की सही मात्रा आपको मिले. पार्क का माहौल कुछ इस तरह का होता है की वो आँखों को ठंडक देता है. इस वजह से सुबह शाम पार्क में घुमने की सलाह दी जाती है.
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common problem in tratak and their solution – final word
त्राटक की शुरुआत करने के बाद हमें इस तरह के अनुभव होना आम बात है. हालाँकि अभ्यास के साथ इन सबको दूर किया जा सकता है लेकिन अगर आपको इससे प्रॉब्लम होने लगती है तो आप इनके समाधान अपना कर इनसे डील कर सकते है.
common problem in tratak की ये पोस्ट मेरे अपने अनुभव और free trataka problem online consult में अभ्यास करने वाले ज्यादातर लोगो द्वारा फेस की गई प्रॉब्लम पर आधारित है.
अन्य किसी तरह की प्रॉब्लम के लिए आप दूसरी पोस्ट tratak side effect पढ़ सकते है.
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