How to Build a Digital Brain (Your Second Brain) in Hindi. डिजिटल ब्रेन से आप क्या समझते है ?
इंसानी दिमाग अपने आप में कुदरत का करिश्मा है जिसमे हम उम्मीद से कई गुना ज्यादा डाटा स्टोर कर सकते है. जैसे जैसे हम तकनीक में आगे बढ़ रहे है हमें ये समझने में आसानी हो रही है की हमारा दिमाग सूचनाओ को स्टोर कैसे करता है.
अमेरिका की एक जर्नल के अनुसार हमारे ब्रेन में एक बिलियन से ज्यादा न्यूरॉन है और हर न्यूरॉन एक हजार से ज्यादा कनेक्शन बनाता है.
ऐसे में सुनने में ये मात्रा बहुत ज्यादा लगती है लेकिन, अगर आपका एक न्यूरॉन सिर्फ एक सिंगल डाटा स्टोर करता है तो ये मात्रा भी कम पड़ सकती है.
क्या आपने कभी ऐसा महसूस किया है की आप किसी जानकारी को याद करने की कोशिश करते है और उसी वक़्त आपका ब्रेन उस डाटा को सही तरह से प्रोसेस नहीं कर पाता है.
क्या हो अगर आप न सिर्फ डाटा को आसानी से स्टोर कर पाए बल्कि जरुरत पड़ने पर उसे आसानी से access भी कर सके ? ऐसा हम ब्रेन में एक एक्स्ट्रा रूम बनाकर कर सकते है जिसे हम दूसरा ब्रेन यानि डिजिटल ब्रेन (Digital Brain) कह सकते है.

जब ऐसा होगा तब हमारे लिए problem-solving and creativity पर काम करना बेहद आसान हो जायेगा.
डाटा को स्टोर करने की परेशानी से आप समय के साथ निजात पा सकते है. इसके लिए आपको second brain जिसे हम Digital Brain भी कह सकते है पर काम करना होगा.
हम जानते है की हमारा ब्रेन हमेशा विकसित होने के लिए ही बना है. डिजिटल ब्रेन पर काम करना आपको क्लाउड स्टोरेज का मालिक बनाता है. आप न सिर्फ डाटा को आसानी से स्टोर कर सकते है बल्कि उन्हें जरुरत के अनुसार access कर सकते है और ये आपके काम को आसान बना देता है बिना किसी परेशानी के.
आइये जानते है How to Build a Digital Brain or secondary brain in Hindi के बारे में.
डिजिटल ब्रेन वास्तव में क्या है ?
कितनी बार आपको महत्वपूर्ण जानकारी को वक़्त पर याद करने में परेशानी का सामना करना पड़ा है ? जब हम मेमोरी को मैनेज करने में नाकाम हो जाते है तब हमें किसी भी चीज को सही तरीके से याद करने में सबसे बड़ी प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है.
सही समय पर चीजो का याद ना होना या उन्हें access ना कर पाना आपके लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर देता है. ऐसे में आप डिजिटल ब्रेन के जरिये इस परेशानी से बच सकते है.
इस प्रॉब्लम को इनफार्मेशन ओवरलोड के नाम से जाना जाता है. ये आपके मेंटल स्ट्रेस को बढाता है इसलिए ये आपको जरुरत से कही ज्यादा परेशान कर सकता है.
इस वजह से आज डिजिटल ब्रेन / Digital Brain की जरुरत महसूस होने लगी है. ये बिलकुल वैसे ही है जैसे की एक स्मार्टफोन की मेमोरी को बढाने के लिए एक्सटर्नल मेमोरी का इस्तेमाल करना या फिर क्लाउड स्टोरेज का सहारा लेना.
हम इसके लिए एनालॉग और डिजिटल टूल्स का इस्तेमाल करते है लेकिन आज के युग की जरुरत है डिजिटल क्यों की फिजिकल टूल को हर जगह पर साथ ले जाना संभव नहीं है.
Digital Brain
डिजिटल ब्रेन को आप एक कंप्यूटर के काम के तरीके से समझ सकते है. जिस तरह हार्ड ड्राइव के फुल होने पर हम एक्सटर्नल ड्राइव के जरिये मेमोरी की प्रॉब्लम दूर करते है इसमें भी कुछ ऐसा है.
कंप्यूटर का काम करने का तरीका समझे. ये तीन स्टेज पर काम करता है.
- रिकॉर्ड : सबसे पहले मेमोरी को रिकॉर्ड करना.
- व्यवस्थित करना : मेमोरी को एक लॉजिकल वे में स्टोर करना.
- रिकॉल : उस व्यवस्थित मेमोरी को हम पथ के जरिये आसानी से access कर सकते है.
ठीक इसी सिद्धांत पर आपका Digital Brain / डिजिटल ब्रेन काम करता है. इसे एक उदाहरण के जरिये क्लियर समझे.
समय के साथ इन्टरनेट पर अकाउंट बनाते समय आपसे कोई ऐसा पासवर्ड पूछा जाता है जिसे आपने पहले कभी इस्तेमाल नहीं किया हो. आप अब
- उस मेमोरी को रिकॉर्ड करेंगे यानि नया पासवर्ड सोचेंगे.
- उस पासवर्ड को पिछले सभी पासवर्ड के साथ सही तरीके से मैनेज करेंगे.
- रिकॉल : अगली बार उस पासवर्ड को फिर से इनपुट देंगे यानि रिकॉल की प्रोसेस.
इसी तरह ये काम करता है.
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Why You Need a Digital Brain
दो अलग अलग क्षमता वाले ब्रेन का होना आपको पावरफुल बनाता है क्यों की जो ब्रेन हमारे पास पहले से है उसकी क्षमता असीमित तभी होगी जब आप इसे सही से मैनेज करेंगे. इसके बिना इसकी क्षमता लिमिटेड ही है.
एक रिसर्च के अनुसार एक एडल्ट का दिमाग ज्यादा से ज्यादा 2.5 million gigabytes of digital memory को स्टोर कर सकता है. बेशक सुनने में ये बहुत ज्यादा मात्रा है लेकिन, अगर आप इसे सही से मैनेज नहीं कर सकते है तो ये आपके किसी काम का नहीं.
Second brain आपको इसमें हेल्प करता है और आप
- सूचना को सही तरीके से स्टोर कर सकते है.
- जरुरत के अनुसार तेजी से आप सूचना को फिर से access कर सकते है.
- इनफार्मेशन को सही से मैनेज करना और इन्हें आपके थॉट प्रोसेस पैटर्न से मैच करना ताकि आप सही क्षमता से काम कर सके.
इन सब में आपको second brain or Digital Brain हेल्प कर सकता है.
आज के युग में डिजिटल ब्रेन की जरुरत क्यों है – Main Reason?
ऐसे बहुत से कारण हो सकते है जब आपको सही तरह से अपने ब्रेन की क्षमता का प्रयोग करने के लिए डिजिटल ब्रेन की जरूरत महसूस हो सकती है.
- Utilizing Mental Resources Effectively: आम तरीको से अलग आप अपने मेंटल रिसोर्स यानि सूचना को स्टोर करने से लेकर रिकॉल करने तक की प्रोसेस को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते है.
- Staying Organized: जिस तरह व्यवस्थित रूम में आपको चीजो की पहचान करने और access करने में आसानी होती है वैसे ही आप इनफार्मेशन को बेहतर व्यवस्थित कर पाते है.
- Establishing A Creative Process: इनफार्मेशन को आसानी से access करना आपके मेंटल स्ट्रेस को कम करता है और आप अपने कार्य प्रणाली को बेहतर बना सकते है.
- Transforming Your Knowledge Into Opportunities: सही समय पर अपने ज्ञान का इस्तेमाल करना आपके लिए अवसर के नए रास्ते खोलता है. आप अपने ज्ञान का इस्तेमाल सही समय पर कर सकते है.
- Improving Your Thinking And Uncovering Connections: आप अपने विचारो को साफ़ तौर पर समझ सकते है और इनके बीच के कनेक्शन का बेहतर इस्तेमाल कर सकते है.
- Developing Credibility For A New Business Or Job: हम सब अपने बीते अनुभव से सीखते है और आगे बढ़ते है. आपके बीते कल के अनुभव से आप अपना आज बेहतर बना सकते है.
- Utilizing Learning Resources Effectively: कुछ नया सीखना आपके अनुभव में सुधार लाता है इसलिए आप ऑनलाइन कुछ नया सीखकर उसे अपने लाइफ में अप्लाई कर सकते है और इसके लिए आपका अपने रिसोर्स का सही से इस्तेमाल करना जरुरी है.
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एक और ब्रेन का होना कैसा अनुभव होता है ?
अब तक आपको समझ आ गया होगा की डिजिटल ब्रेन (Digital Brain) की आवश्यकता क्यों है ? आज के युग में मेंटल स्ट्रेस की वजह से हम अपने ऑफिस लाइफ और पर्सनल लाइफ को अलग नहीं रख पा रहे है जो की सीधे तौर पर हमारे क्वालिटी ऑफ़ लाइफ पर बुरा असर डाल रही है.
ऐसे में आपके लिए इनफार्मेशन को बेहतर तरीके से याद रखना और भी ज्यादा चुनौती से भरा होने लगा है. इस समस्या से निजात पाने के लिए आपको दूसरे ब्रेन / डिजिटल ब्रेन पर काम करना चाहिए.
जब ऐसा होता है तब आप इनफार्मेशन को बेहतर तरीके से न सिर्फ याद रख पाते है बल्कि उन्हें सही समय पर रिकॉल कर न सिर्फ अपने टाइम को बचाते है बल्कि खुद में कॉन्फिडेंस भी improve कर सकते है.
secondary brain or Digital brain का होना आपको खुद से कनेक्ट करता है और आप बेहतर तरीके से काम कर पाते है. इसके अलावा ये आपके मेंटल स्ट्रेस को भी दूर करता है जिसकी वजह से आप अपने ऑफिस और पर्सनल लाइफ को अलग कर सकते है.
How to Develop Your Digital Brain (Your Second Brain)
Digital Brain यानि दूसरे दिमाग पर काम करने के लिए आपको इसके बेसिक को समझना होगा जिसके बारे में हम पहले ही बात कर चुके है. आपको इसके लिए निम्न चीजो पर काम करना होगा.
- आप क्या रिकॉर्ड करने वाले है ?
- इसे किस तरह आप व्यवस्थित करेंगे ?
- रिकॉल करने की कौनसी प्रोसेस होने वाली है ?
ये सब आपको पहले तय करना होगा तभी आप इस पर बेहतर ढंग से काम कर पाएंगे. आइये अब इसे स्टेप से समझते है.
Before Recording, Decide What Information Matters to You
आप हर जानकरी को स्टोर नहीं कर सकते है. जो जानकारी आपके लिए जरुरी है उसे ही स्टोर करने के लिए आपको पहले ये जानना होगा की कौनसी जानकारी आपके काम की है. आप जानकारी को उसके महत्त्व के आधार पर स्टोर कर सकते है.
जैसे की जो जानकारी आपके लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है उसे ज्यादा महत्त्व देना और इसके लिए आप इन फैक्टर पर पहले काम करते है.
- To grow आपके आगे बढ़ने के लिए वो जानकारी कितनी महत्वपूर्ण है.
- To tackle your current challenges आपके वर्तमान चुनौती को ध्यान में रखना.
- To achieve what you want आप वास्तव में उस जानकारी से क्या हासिल कर सकते है.
इस आधार पर आप ये तय कर सकते है की आपको Digital Brain में जानकारी को किस तरह रिकॉर्ड करना है.
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Record Information with the Right Tool
बिना किसी सही टूल के आपका जानकारी को रिकॉर्ड करना बेकार है इसलिए आपको सही टूल की जानकारी होनी बेहद जरुरी है. आपके दिमाग में हर पल हजारो की मात्रा में विचार आते है लेकिन, कितनी ही जानकारी आपके काम की होती है ?
बेकार के आईडिया के बीच आप उस जानकारी को भी महत्त्व नहीं दे पाते है जो आपके लिए जरुरी है.
ऐसे में इनफार्मेशन को रिकॉर्ड करने के लिए आपके पास सही digital brain tools की जानकारी होना बेहद जरुरी है. इसके लिए आप अलग अलग इनफार्मेशन के आधार पर अलग अलग टूल का प्रयोग कर सकते है.
- Note-taking: अगर आपके माइंड में अचानक कोई आईडिया आ रहा है जो आपके काम का हो सकता है या फिर आपके काम से जुड़ा हो लेकिन, उस वक़्त आप उस पर वर्क नहीं कर रहे है तो आपके लिए उसे नोट करना बेहद जरुरी है. इसके लिए आप कोई भी एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर सकते है जहाँ आप अपने आईडिया को लिखकर या वौइस् नोट के जरिये सेव कर सकते है.
- Saving useful articles: ऐसी कुछ एप्लीकेशन आपको प्ले स्टोर पर मिल जाएगी जो जानकारी को उनकी केटेगरी के अनुसार स्टोर करती है.
- Information related to schedule: आप अपने स्मार्टफोन पर कैलेंडर की सहायता से आने वाले टाइम पर किसी काम को schedule कर सकते है जो टाइम पर आपको फिर से रिकॉल करने में हेल्प कर सकता है.
- Tasks अगर आपको किसी काम को स्टेप में करना है या फिर आने वाले टाइम में किसी काम को निपटाना है तो आप उसे टास्क में लिख सकते है. जब भी आप उस जगह पर दोबारा गुजरेंगे तब आपको अपने काम को याद करने में आसानी होगी. इसके अलावा मोबाइल में भी टास्क का यही काम है आप अपने दिनभर के काम को किस तरह फिनिश करना चाहते है इसे तय कर सकते है.
ये सभी Digital brain tools आपको न सिर्फ इनफार्मेशन को व्यवस्थित करने में हेल्प करते है बल्कि आप इनके जरिये आसानी से अपने टाइम को बचा सकते है और प्लान के अनुसार काम कर सकते है.
Organize Information with the Right Tool for Easy Retrieval
इनफार्मेशन को आपने कैप्चर कर लिया अब क्या ? आप इसे व्यवस्थित कैसे करने वाले है ?
जब आप क्रिटिकल इनफार्मेशन को सेव करना शुरू करते है तब आप उनके बीच कनेक्शन को बिल्ड करते है. ऑनलाइन मार्केटिंग करने के लिए आप इन्टरनेट पर मार्केटिंग से जुड़े आर्टिकल को पढ़ कर इन्हें अपने इनफार्मेशन के साथ कनेक्ट कर सकते है.
अगर आपको सही टूल की जानकारी हो तो आप इनफार्मेशन को आसानी से व्यवस्थित कर सकते है. Digital Brain के लिए राईट टूल का होना बेहद जरुरी है.
इस स्थिति में आपके पास कुछ स्थिति है जहाँ आप अपने लिए राईट टूल का चुनाव कर सकते है.
- डिजिटल युग में अगर आप इनफार्मेशन को डिजिटल एप्लीकेशन में स्टोर कर रहे है तो क्या वो अलग अलग डिवाइस पर अवेलेबल है और एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में सही तरीके से काम कर सकती है.
- ये एप्लीकेशन आपके पर्सनल इस्तेमाल के लिए है या फिर इसपर एक टीम के तौर पर काम कर सकते है ?
- क्या इस एप्लीकेशन में सर्च का आप्शन है ताकि आप आसानी से इनफार्मेशन को दोबारा रिकॉल कर सके ?
- क्या ये एप्लीकेशन आपके अलग अलग डाटा को केटेगरी में मैनेज कर सकता है ?
- इस एप्लीकेशन पर आपके पास किसी डाटा को लिस्ट में मैनेज करने की सुविधा है या नहीं ?
- इस एप्लीकेशन में आपके आईडिया और इनफार्मेशन के बीच कनेक्शन स्थापित करने की सुविधा है या नहीं ?
- क्या ये एप्लीकेशन आपके ब्रेन मैपिंग पर काम कर सकती है ? ये आपको अपने इनफार्मेशन और आईडिया को visual में समझने में हेल्प कर सकता है.
ये सभी कुछ ऐसे Criteria है जिनका चुनाव आप अपने लिए Digital Brain tools का चुनाव करते समय ध्यान में रख सकते है.
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How to Build a Secondary Brain for Information Recall Conclusion
डिजिटल ब्रेन का आईडिया आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है अगर आप अपने इनफार्मेशन को सही ढंग से व्यवस्थित करना चाहते है. डिजिटल ब्रेन यानि Digital Brain और कुछ नहीं बल्कि ऐसे टूल्स है जो आपको इनफार्मेशन को मैनेज करने में हेल्प करते है.
इनका चुनाव करते समय आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए की ये आसानी से access किये जा सके.
एक उदाहरण के लिए आप अपनी सारी इनफार्मेशन को अपने पर्सनल कंप्यूटर में मैनेज करते है लेकिन, जिस समय आपको सबसे ज्यादा जरुरत हो उसी वक़्त किसी कारणवश आपका पर्सनल कंप्यूटर ख़राब हो जाए या फिर वो डाटा सिर्फ उसी डिवाइस में काम करता हो तब आपके लिए वो किसी काम का नहीं होगा.
इसलिए इसे समझे और अपने लिए सही डिजिटल टूल का चुनाव करे.
इस आर्टिकल में शेयर की जाने वाली डिजिटल ब्रेन (Digital Brain) से जुड़ी ये जानकारी रिसर्च और इन्टरनेट से ली गई है.
कुछ हद तक इसमें हमारा अपना अनुभव है इसलिए कहा जा सकता है की अगर आप डिजिटल युग में आगे रहना चाहते है तो आपको इनफार्मेशन को सही से मैनेज करना आना चाहिए और जिस वक़्त आपको उनकी जरुरत हो वो आसानी से रिकॉल की जा सके.