योग और प्राणायाम का अभ्यास प्राचीन भारतीय संस्कृति की देन है. आज दुनियाभर में दवा से परेशान होकर काफी सारे लोग योग का सहारा ले रहे है. stress management में भी pranayama का बहुत बड़ा रोल है.
प्राणायाम सीधा हमारे सांसो और बॉडी की हरकत को कण्ट्रोल करता है जिसकी वजह से हम बहुत कम समय में खुद को स्थिर कर पाते है.
अगर आपको बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है और अवसाद से घिरे हुए है तो Sama Vritti Pranayama का अभ्यास करना आपके लिए एक सही choice रहता है.
सांसो को लेना उन्हें अन्दर होल्ड करना और फिर छोड़ना इन सबके बिच का ratio इस प्राणायाम को निर्धारित करता है.
आप कितनी देर तक सांसो को अन्दर रोके रखते है ये सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. सांसो को लेने और छोड़ने के साथ अगर आप होल्ड करने का टाइम भी बराबर रखते है तो ये साम वृत्ति प्राणायाम है और अगर होल्ड करने का टाइम विषम है तो आपका अभ्यास विषम साम वृत्ति प्राणायाम है.
हालाँकि दोनों ही अभ्यास करना आपके लिए फायदेमंद है लेकिन जब तक आप परफेक्ट ना बन जाए आपको विषम वृति प्राणायाम नहीं करना चाहिए.
इसकी वजह से दिमाग में तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है, इसके अलावा High blood pressure or discomfort की स्थिति भी बन सकती है. अगर आप तनाव से घिरे है और अभ्यास करना चाहते है तो आपको साम वृति प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए.
Sama Vritti Pranayama
California College of Ayurveda के अनुसार प्राणायाम का मतलब है प्राण यानि साँस को बढ़ाना.
इस अभ्यास में दो तरह के अभ्यास शामिल है Sama Vritti Pranayama का मतलब है सांसो का आदान-प्रदान बराबर समय का रहता है वही Vishama Vritti Pranayama Ratio में सांसो को अन्दर होल्ड करने का समय एक जैसा नहीं रहता है.
साम वृती प्राणायाम में हमारा शरीर और माइंड दोनों एक लय में आ जाते है. जिसकी वजह से तनाव और अवसाद में कमी आती है. इस पोस्ट में हम बात करने वाले है सांसो से जुड़े प्राणायाम के बारे में.
इसमें खास क्या है ?
काफी लम्बे समय से medical perspective में योग की काफी सारी स्टडी की गई है. इसमें पाया गया की breath-related yoga practices काफी हद तक autonomic nervous system को शांत करने में कारगर है.
ये हमारे body में stress hormones को कम स्तर तक पहुंचा देते है जिसकी वजह से हम बेहद जल्द शांति की अवस्था में चले जाते है.
इसके अलावा ये हमारे brain को focus होने में भी मदद करता है जिसकी वजह से meditation practice में इसका प्रयोग किया जा सकता है.
कुछ स्टडी के अनुसार yogic breathing exercises हमारे hypothalamic-pituitary–adrenal axis को सीधे तौर पर प्रभावित करती है. HPA access एक खास तंत्र है जिसमे हमारे बॉडी के 3 मुख्य endocrine glands जैसे की
- The hypothalamus
- The adrenal
- The pituitary
इनके बिच इंटरेक्शन का काम करती है. इन्ही ग्लैंड की वजह से जो हॉर्मोन उत्सर्जित होते है उनसे digestion, the immune system, sexuality, emotions, and mood जैसे बदलाव देखे जाते है. एक और पब्लिशर का रिव्यु देखे तो उसके अनुसार योग stress and anxiety के लिए सबसे कारगर अभ्यास है.
ये हमारे भौतिक हरकतों जैसे की धड़कन और खून के बहाव को धीमा करता है. यही नहीं yoga practices हमारे शरीर में हर चीज को कण्ट्रोल कर हमें stable बनाता है जिसकी वजह से हम किसी भी तरह की स्थिति में खुद को बेहतर तरीके से पा सकते है.
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Sama Vritti Pranayama की शुरुआत कैसे की जाए?
साम वृती प्राणायाम सबसे ज्यादा और खास pranayama में से एक है. ये इतना आसान है की एक छोटा सा बच्चा भी इसका अभ्यास आसानी से कर सकता है. कही भी किये जा सकने की वजह से stress and anxiety को बेहद कम समय में काबू में किया जा सकता है. इसे समझे और फिर दैनिक लाइफ स्टाइल में इसे अपना कर खुद को कण्ट्रोल करना सीखे.
- सबसे पहले एक आसन पर बैठ जाए और सुखासन की स्थिति बना ले. अगर बैठना संभव नहीं है तो कुर्सी पर भी बैठ सकते है.
- आँखे बंद कर ले और natural breath पर ध्यान दे. आपको इसे बदलना नहीं है बल्कि कम से कम 5 अच्छी सांसे अन्दर लेनी और छोडनी है.
- जब आपको लगे की सबकुछ शांत हो गया है. सांसो को अन्दर लेते समय 4 सेकंड का काउंट करे. आपको 4 सेकंड में सांसे अन्दर लेनी है और फिर अन्दर भी 4 सेकंड तक रखनी है. बाहर निकालने के लिए भी आपको 4 सेकंड ही लेने है.
- आप चाहे तो सांसो को अन्दर होल्ड करने का टाइम बदल सकते है लेकिन अन्दर लेने और छोड़ने के टाइम में एक समानता रखनी है.
- इस अभ्यास को लगातार रोज 15 से 30 मिनट तक करे.
साम वृती प्राणायाम को Box breathing pranayama भी कहते है.
सामवृत्ति प्राणायाम के फायदे
सामवृत्ति प्राणायाम के बहुत सारे फायदे है क्यों की इससे हम Body mind and soul के बिच connection स्थापित कर सकते है. इसके अलावा भी बहुत सारे benefit देखे जा सकते है जैसे की
- Stress management
- इसके जरिये Kundalini Awakening का अभ्यास किया जा सकता है.
- ये अभ्यास lungs and respiratory system के लिए बहुत ही बढ़िया है.
- इसका एक फायदा anal related disorders में भी देखा जा सकता है.
Sama Vritti Pranayama क्या ये अभ्यास आपके लिए करना सही रहेगा
हालाँकि योग और प्राणायाम का कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन फिर भी बिना किसी निर्देश इसका अभ्यास करना सही नहीं रहता है.
अगर आपको Blood pressure की शिकायत है और आप सांसो को जबरदस्ती एक लय में लाने की कोशिश करते है तो इसका आपके ऊपर बुरा असर पड़ सकता है.
Sama Vritti Pranayama का अभ्यास Box breathing meditation की तरह ही है. अगर आप करने की इच्छा रखते है तो 4:4:4 के अनुसार अभ्यास की शुरुआत कर सकते है.
यहाँ पर ये अनुपात सांसो को अन्दर लेने, होल्ड करने और फिर बाहर निकालने की प्रक्रिया है.