झाड़फूंक और पूजा पाठ के बहाने होती है ठगी कही आप तो नहीं फंसे


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आये दिन न्यूज़ पेपर में हम अन्धविवस अन्धविश्वास का फायदा उठा कर ठगी करने के मामले पढ़ते है.

हम कोशिश करते है की हम इस ठगी का शिकार ना हो लेकिन फिर भी कभी ना कभी हम इसके शिकार बन ही जाते है. ज्यादातर अन्धविश्वास और ठगी का खेल खेलने वालो की नजर ऐसे घर पर होती है जो समस्या से जूझ रहा होता है.

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अन्धविश्वास और ठगी का खेल

महिलाओ को अपने विश्वास में लेना और उनसे सारी बाते जान लेना इनका खास हुनर है ऐसा इसलिए क्यों की महिलाओ के पेट में कोई बात नहीं पचती है इसे आप उनका अपनों के लिए हमेशा चिंतित रहना समझ सकते है.

लेकिन समस्या को समझ लेने के बाद किसी को भी बेवकूफ बनाना इन लोगो के लिए सबसे आसान काम होता है.

अन्धविश्वास और ठगी का खेल

अन्धविश्वास और ठगी का खेल आज के जमाने में भी उतना ही फैला हुआ है जितना आज से 100 साल पहले जब ज्यादातर लोग शिक्षित नहीं थे. उस वक़्त लोग देवी देवता और लोक मान्य शक्तियों के चक्कर में पड़कर झाड़फूंक और फकीरो के जाल में फंस जाते थे.

विज्ञान के जमाने में एक ओर हम ब्रह्माण्ड के अनसुलझे रहस्य सुलझाने की कोशिश में लगे हुए है वही दूसरी ओर हम आज भी अन्धविश्वास में फंस कर ठगे जाते है.

आजकल की सोशल मीडिया किसी भी बात को लोगो के बिच इतनी तेजी से फैलाती है की लोग सच और झूठ में फर्क नहीं कर पाते है.

ज्यादा से ज्यादा लोगो के बिच अपनी बात रखने के लिए सोशल मीडिया टीवी, अख़बार और इंटरनेट के अलावा हर वो चीज जिसके द्वारा हमें दुसरो के बारे में पता चलता है ( इसमें विज्ञापन भी शामिल है ) इंटरनेट का तो हम जल्दी से पाबन्दी नहीं लगा सकते है लेकिन न्यूज़ पेपर में आने वाले ऐसे विज्ञापन जिनमे बाबा बंगाली, नूरी हजरत और जिन्नात की शक्ति के दावे करने वाले लोगो की जानकारी भरी पड़ी होती है.

सवाल ये उठता है की क्या मीडिया इतना अँधा हो गया है की पैसे लेकर किसी के भी बारे में छाप देगा.

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छत्तीसगढ़ के सबसे शिक्षित इलाके कहे जाने वाले भिलाई में भी लोग अंधविश्वास पर यकीन करते हैं. इसी के चलते वे कई तरह के ठगी और हादसों के शिकार हो रहे हैं. यहाँ पर पूजा पाठ कर करोडो रुपये लाने के बहाने 70 हजार की ठगी का मामला सामने आया है.

और इसका शिकार बनने वाले वकील थे. मज़बूरी क्या थी कालाधन जो नोटबंदी के बाद बेकार हो गया था. उस धन को लाने के लिए कुछ लोग पूजा पाठ का बहाना कर हजारो रुपये ठग ले गए.

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प्यार कुदरत का एक नायब तोहफा है. लेकिन इसमें धोखा और बेवफाई भी है.

इसके चलते भी अन्धविश्वास और ठगी का खेल खेलने वाले आसानी से लोगो को बेवकूफ बना कर ठग लेते है.

इसके लिए वो 50 हजार से 1 लाख तक भी मांग लेते है और भोले भाले मगर बेवकूफ या शायद दिल के मारे आसानी से कही से भी पैसो का इंतजाम करते है और ये लोग उसे लेकर उनसे पीछा छुड़ा लेते है.

उदहारण – 3

मालती के बच्चे चिड़चिड़े और ज्यादातर बीमार रहते थे. उनका परिवार बेहद सीधा साधा और व्यवहार कुशल था जाहिर सी बात है की पड़ोस में उनकी चर्चा जरूर होती होगी. कुछ लोगो के कानो में ये बात पड़ चुकी थी प्लान बना और 2 लोग उनके घर पहुंचे.

सामान बेचने के बहाने वो कुछ देर तक उनके घर रुके और एक बन्दे ने कुछ देर बाद वहा पर माहौल बनाते हुए बताने लगा की इस बेटी के बच्चे मेरे कोप की वजह से बीमार रहते है. मुझे मनाओ तो सब बलाए टाल दूंगी.

मालती चौंक गयी क्यों की उस वक़्त बच्चे घर नहीं थे. उसे ये सब सच लगने लगा और भयभीत होकर उसने सारी बाते जैसे की महंगे इलाज करना और हर किसी को दिखाने की बात उन लोगो के साथ शेयर कर ली. इससे उन लोगो को अंदाजा हो गया की मालती के साथ वो अन्धविश्वास और ठगी का खेल खेलकर कितना ठग सकते है.

कुछ देर बाद उसने उसे करीब सवा लाख की रकम लाने को कहा और पूजा पाठ के साथ भंडारे और बलि जैसी बाते कही. घर में इतने पैसे नहीं थे इसलिए मालती ने उन्हें रुकने को कहा तो उस बन्दे ने रौद्र रूप बनाते हुए मालती को बच्चो के साथ अहित होने की बात कही.

बेचारी मालती अपने गहने और नकदी लाकर उन लोगो को सौंप देती है. वो उसे उनके पास में रहने की बात कह कर दूसरे दिन आने की कह चले जाते है. जब वो अगले दिन नहीं आते है तब उन्हें ठगी का पता चलता है और मालती का पति थाने में शिकायत दर्ज करवाता है.

सामने होते हुए भी बेवकूफ बनना

इंटरनेट की दुनिया जिसे हम वर्चुअल दुनिया कहते है में हम सच और झूठ के बिच फर्क पता नहीं कर पाते है लेकिन सामने होते हुए भी बेवकूफ बन जाना ये जाहिर करता है की हम आज भी पुराने खयालो के साथ जी रहे है जहा पर एक आदमी हमें किसी का भी डर दिखा कर लूट सकता है.

जैसे घर में समस्या दिखाकर पूजा करने के बहाने पैसे ले जाना, आप परेशान है इसका फायदा उठाकर आपको भयभीत करना और पैसे की ठगी करना.

कुछ दिन पहले न्यूज़ पेपर में पढ़ रहा था की शास्त्री नगर में कुछ लोग प्रॉपर्टी दिखाने के बहाने एक व्यक्ति को प्लाट दिखाते है और वहा पर उसे जिन्नात को खुश करने का कहते है. उन्होंने उसे लालच दिया की अगर वो जिन्नात को खुश कर देगा तो वो मालामाल हो जायेगा.

भोला भला आदमी उनके जाल में फंस कर डेढ़ करोड़ खो देता है. आखिर क्यों हम इस तरह के लालच में पड़ते है जो अन्धविश्वास और ठगी का खेल समझ नहीं पाते है. इसकी वजह साफ है हमारा स्वार्थ और ज्यादा पैसो का लालच.

ज्यादा पैसो का लालच

ज्यादा पैसो का लालच, रातो रात मालामाल बन जाना ये एक मीठे जहर की तरह है जो हमें धीरे धीरे ख़त्म कर देते है. आजकल की दुनिया में हर कोई आपको कम पैसो को कई गुना करने का दावा कर लूट ले जाता है.

Fraud cheat fund company और बीमा कंपनी जैसे pearl वगैरह इनमे हम अपने खून पसीने की कमाई invest कर देते है और अंत में ये लोग सारा पैसा गबन कर देते है. इसके बाद सरकार इन्हे ज्यादा से ज्यादा दोषी पाए जाने पर जेल में भेज देती है जहा पर कुछ समय बाद ये छूट कर फिर से उन पैसो के बल पर ऐश करते है.

क्या गरीबो को उनका पैसा मिलता है ?

नहीं. अन्धविश्वास और ठगी का खेल बिलकुल ऐसा ही है. इसमें आप अपना सब कुछ हार जाते है और आपको लास्ट में कुछ नहीं मिलता.

आखिर क्यों जाल में फंस जाते है

आज के ज़माने में हर किसी को सबसे बड़ी समस्या है खुद के सपनो को पूरा करना. जिसमे आपका घर, अच्छी नौकरी और अच्छा जीवन शामिल है. हम दिन रात मेहनत करते है लेकिन ज्यादा से ज्यादा 2 वक़्त के खाना खाने लायक ही पैसा इकठा कर पाते है.

यह जीवन हमें संतुष्टि नहीं देता है. और यही से शुरुआत होती है अन्धविश्वास और ठगी का खेल खेलने वालो की.

वो आपकी समस्या को समझेंगे और पता लगा लेंगे की आप इसके लिए उन्हें कितना दे सकते है. और आपको लगता है की वो आपके हमदर्द है लेकिन अंदर से वो आपसे कितना ठगी करना है, कैसे करना है की सारी प्लानिंग बना लेते है.

श्रद्धा और अन्धविश्वास में फर्क समझे

श्रद्धा हमें जीवन में आगे बढ़ना सिखाती है. हमारे अंदर संस्कार का जन्म करती है लेकिन जब यही श्रद्धा अन्धविश्वास का रूप ले लेती है तो सबकुछ ख़त्म कर देती है. कम समय में ज्यादा पैसे और शोहरत का लालच हमारे विवेक को ख़त्म कर देता है. और हम अन्धविश्वास और ठगी का खेल के शिकार हो जाते है.

हर कार्य करने के लिए प्रकृति ने एक सिस्टम बनाया है लेकिन कुछ लोग इन नियम के खिलाफ हमें कम समय में ही ज्यादा हासिल करने का लालच देकर आसानी से बेवकूफ बना कर ठग लेते है.

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कैसे बचे झाड़फूंक और अन्धविश्वास के इस खेल से

सबसे पहले तो आपको ये बात अच्छे से समझ लेनी चाहिए की असली आध्यत्मिक शक्तियों के जानकार और मालिक यू गली गली नहीं भटकते है. ना ही वो दुनियादारी के चक्कर में उलझे रहते है. मसलन पैसो की बात करना, अपनी सेवा करवाना और भी बहुत कुछ.

इसलिए जब भी आपसे कोई कहे की वो आपके घर की समस्या का समाधान कर सकता है, बुरी ताकतों को भगा देगा, आपको जल्द से जल्द मालामाल बना देगा तो विवेक से काम ले. यू ही बगैर सामने वाले को समझे बगैर अपनी समस्या को बताना शुरू ना करे.

जब आप उन्हें अपनी समस्या को बता देते है तो वो इसका हमेशा गलत फायदा उठाते है. अगर कोई आपके पास आकर कहता है की वो आपकी समस्या का समाधान कर देगा तो इस बात को समझने की कोशिश करे की क्या वो वाकई वो इस काबिल है या नहीं.

क्यों की अगर आपके घर में ये आपकी जिंदगी में लम्बे समय तक कोई समस्या रहती है तो जाहिर है की आपके आसपास के लोगो में जरूर फैलेगी. ढोंगी लोग लोगो से मिलने के बहाने इसी तरह की बातो को बाहर निकलवाने की कोशिश करते है.

इनसे बचे और उनसे कुछ ऐसा पूछे जो किसी के साथ शेयर नहीं किया गया हो.

इसके अलावा आप उन लोगो के बारे में आसपास के लोगो से जानकारी ले और उनके रहने के जगह पर बराबर नजर रखे. ऐसे लोग हमेशा स्थान बदलते रहते है इसलिए 24 घंटे इन लोगो की निगरानी रखना बेहद जरुरी है.

अंतिम शब्द

दोस्तों श्रद्धा हमें नियमो में बांधती है, जीवन में मूल्यों का महत्व सिखाती है. लेकिन इस श्रद्धा को अन्धविश्वास ना बनने दे क्यों की अन्धविश्वास और ठगी का खेल हमारे समाज में बहुत गहराई तक फैला हुआ है. अन्धविश्वास ही है जो हमसे ना करने वाले काम भी करवा लेता है. इसलिए इन सबसे हमेशा बचने की कोशिश करे.

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