अति हर अभ्यास में बुरी होती है. अभ्यास चाहे कैसा भी हो सहज होना चाहिए. अगर किसी अभ्यास को बिना किसी सही सलाह के जबरदस्ती किया जाए तो उसके फायदे मिलने की बजाय नुकसान मिलने लगते है.
एक और जहाँ त्राटक के फायदे इतने ज्यादा है की ध्यान की तुलना में लोगो द्वारा इसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है वही जबरदस्ती करने से होने वाले त्राटक के नुकसान भी कम नहीं है.
side effect of tratak या फिर tratak meditation dangers without master guide कुछ ऐसे नुकसान है जो इसका अभ्यास बिना किसी सही सलाह के करने से मिलते है.
बहुत सारे लोग त्राटक से मिलने वाले फायदे के बारे में सुनते है और कम समय में ज्यादा लाभ पाने के लिए इसका जबरदस्ती अभ्यास करने लगते है.
कुछ समय बाद ही उन्हें इसके परिणाम दिखने भी लगते है लेकिन किसी तरह से जबरदस्ती वो इसे करते रहते है जिसके परिणामस्वरूप जल्दी ही उन्हें इसके शारीरिक और मानसिक नुकसान देखने पड़ते है.
हम सभी जानते है की त्राटक एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिये हम अपनी psychic powers को activate कर सकते है.
tratak meditation physical, psychological and spiritual तीनो स्तर पर हमारे development में सहायक है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं की हम side effect of tratak को ignore कर दे.
किसी भी अभ्यास में अगर अनगिनत फायदे है तो कुछ side effect या फिर dangers भी है. आज की पोस्ट में इस बारे में detail से बात करते है.
इस पोस्ट में हम बात करने वाले है त्राटक से मिलने वाले मुख्य फायदे के बारे में, ये हमारा तीनो स्तर पर विकास कैसे करता है और साथ ही जबरदस्ती करने पर होने वाले नुकसान के बारे में भी.
Side effect of Tratak in Hindi
त्राटक के नुकसान क्या है, और किस तरह हमारे ऊपर negative effect डालते है ? इस बारे में आपको जान लेना बहुत जरुरी है क्यों की अभ्यास के दौरान ही हमें कुछ ऐसे symptom मिलने शुरू हो जाते है. इन symptom को समझ कर हम आसानी से पहले ही इसका solution कर सकते है.
अगर इसके बाद भी जबरदस्ती अभ्यास को आगे बढाया जाता है तो हमें त्राटक के दुष्परिणाम झेलने पड़ सकते है. इन में आँखों का दिखाई देने की क्षमता पर असर पड़ना, मानसिक तनाव और भी कई ऐसे नुकसान है जो हम पर बुरा असर डालते है.
किसी भी अभ्यास को जबरदस्ती नहीं करना चाहिए. ये बात सही है की त्राटक से मिलने वाले फायदे इसे सबसे खास बनाते है. इसकी वजह से हर कोई इस अभ्यास को करना चाहता है.
बिंदु त्राटक से की गई त्राटक की शुरुआत सबसे अच्छी मानी जाती है लेकिन, दीपक त्राटक से शुरुआत करने लगते है. इसकी वजह है कम time में ज्यादा फायदा.
दीपक त्राटक या किसी तरह का flame light gazing meditation जिसमे हमें काफी देर तक light को देखना होता है. ऐसा करना हमारे आँखों और बुरा असर डाल सकती है.
कभी भी light या flame को काफी देर तक नहीं देखते रहना चाहिए. त्राटक के अभ्यास को हम सहजता से तभी कर सकते है जब इसका अभ्यास steps में किया जाए.
बिना किसी master guide के या फिर जबरदस्ती अभ्यास और भी सीधा candle or lamp flame पर आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है.
side effect of tratak बड़े नुकसान नहीं है बल्कि छोटी बातो को ध्यान में न रखने की वजह से मिलने वाले negative effect है जो आगे चलकर tratak meditation dangers में बदल जाते है.
Benefit of Tratak Meditation in Hindi
सही शुरुआत के साथ किया गया त्राटक का अभ्यास आपको त्राटक में काफी आगे तक ले जा सकता है.
त्राटक के फायदे अनगिनत है जिन्हें शारीरक और मानसिक के साथ आध्यात्मिक विकास के साथ जोड़ा जा सकता है. इस बात में कोई शक नहीं की त्राटक का अभ्यास एक ऐसा अभ्यास है जो physical, psychological as well as spiritual benefit में सबसे best practice है.
त्राटक से मिलने वाले फायदों को अगर इन तीनो स्तर पर बांटे तो हम पाएंगे की इसके निम्न फायदे है.
शारीरिक स्तर पर मिलने वाले फायदे
- देखने की क्षमता में सुधार –better eyesight
- आकर्षक व्यक्तित्व में सुधार – personality development
- आँखों में तेज जो सबको अपनी और आकर्षित करने के लिए काफी है.
- लोगो को सुनने और उन्हें समझने में सहायक है.
- रचनाशील बन जाना यानि सोचने के तरीके में बदलाव और बेहतर सोचना.
- बेहतर फोकस क्षमता में सुधार होना.
मानसिक स्तर पर मिलने वाले फायदे
- सम्मोहन शक्ति का विकास – hypnotic power in eyes and body language.
- बेहतर सोचने की क्षमता में सुधार – intuition power & sixth sense development.
- इच्छा-शक्ति और आत्मविश्वास में सुधार – willpower & self confidence enhancement.
- अवचेतन मन की शक्तियों को आसानी से जाग्रत करना.
tratak meditation benefit at spiritual level
- अपने अंतर्मन से जुड़ने का सबसे बेहतर अभ्यास है त्राटक.
- विषयों से विरक्त होना और सबको एक तरह से मानने लगना.
- बहुत ज्यादा sensitive बना देना ताकि हम किसी को भी आसानी से समझ सके.
- आध्यात्मिक दुनिया के रहस्यों को सहजता से समझने में सहायक.
- त्राटक चक्र जागरण में भी सहायक है.
त्राटक से जब इतने सारे फायदे मिलते है और वो बेहद कम समय में ही तो जाहिर है की कोई भी इस अभ्यास को करने को तैयार हो जाए. इसके सही फायदे हमें तभी मिलते है जब इसे स्तर के हिसाब से सहजता के साथ किया जाए.
अगर किसी अभ्यास के लिए हम शारीरिक और मानसिक स्तर पर तैयार ही नहीं है और अभ्यास करना शुरू कर देते है तो उसके negative effect मिलना नार्मल है.
किसी भी अभ्यास के लिए पूर्व तैयारी बेहद मायने रखती है. इसके बारे में डिटेल से हम त्राटक के साथ किये जाने वाले अभ्यास की पोस्ट में बात कर चुके है.
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side effect of tratak आखिर क्यों हम fail हो जाते है ?
हम जो अभ्यास कर रहे है हमें उसके बारे में जब तक बेसिक पता न हो उसे समझा नहीं जा सकता है. आज जिसे भी पूछो उसे त्राटक के बारे में सिर्फ इतना ही पता है की किसी एक पॉइंट पर देखते रहे तो त्राटक होता है.
ये तो सिर्फ एक निर्देश है इसके अलावा भी कई निर्देश है. जो आपके उद्देश्य के हिसाब से अलग अलग है.
आप क्या सोचते है त्राटक क्या है ? अगर इस बात को समझ लिया तो यकीन मानिये आपमें से ज्यादातर लोग कभी भी त्राटक में असफल नहीं होंगे और न ही कभी किसी तरह के side effect of tratak का शिकार होंगे.
त्राटक में fail होने या फिर इसके negative effect experience करने की सबसे बड़ी वजह है लोगो को इसका एक ही पहलू पता होना.
लोग सोचते है की किसी भी पॉइंट को बस देखते रहो त्राटक कहलायेगा. जितनी ज्यादा देर तक देखेंगे उतना ही ज्यादा फायदा मिलेगा. 90% लोग यही से fail हो जाते है. वास्तव में
“त्राटक का मतलब सिर्फ ज्यादा देर तक देखना नहीं है. ये तो एक स्वभाविक सी क्रिया है जो अपने आप हमारे अन्दर विकसित होने लगती है. त्राटक का असली महत्व है जितनी देर हम देखते है उतनी देर हम अन्दर की ओर एकाग्र रहे.”
हम सिर्फ देखने में फोकस रहते है और जबरदस्ती gazing process को लम्बा खींचने की कोशिश करते है जो की आगे चलकर side effect of tratak में बदल जाती है. सिर्फ देखना काफी नहीं है एकाग्र होना भी इसके साथ साथ होना चाहिए.
त्राटक के नुकसान – side effect of tratak
ये वास्तव में हमारी आंतरिक अवस्थाओ में बदलाव है जिन्हें समझे बगैर आगे बढ़ना मुश्किल है. अगर शुरू में ही हम अनचाहे बदलाव जो की हमारे जबरदस्ती अभ्यास करने की वजह से मिलते है समझ ले तो इसे टाला जा सकता है.
इससे पहले की ये side effect of tratak में बदले हमें इन्हें समझकर आगे अभ्यास में बदलाव लाना चाहिए.
त्राटक के अलग अलग स्तर और अभ्यास में काफी सारे नियम और सावधानिया है.
फिर भी अगर सामान्य औपचारिकता या यूँ कहे नियम ना निभाए जाये तो समस्या आ सकती है side effect of tratak mean जो परिणाम हमें चाहिए वो ना मिलकर अनचाहे परिणाम मिलना.
त्राटक के नुकसान में हमें कई सारी परेशानिया हो सकती है जो निचे विस्तार से शेयर की गई है.
इनमे से कुछ परेशानी मुझे भी शुरू शुरू में experience करनी पड़ी थी और ऐसा होना normal है. अगर आपके साथ ऐसा कुछ हो रहा है तो भी इसे समझ कर आसानी से बदलाव कर सकते है.
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आँखों में लगातार पानी आना
त्राटक में सबसे पहले होने वाले बदलाव में से एक है आँखों से पानी आना. वैसे तो ये स्वभाविक प्रक्रिया है जो की लगातार लम्बे समय तक आंखे खुली रखने पर होती ही है.
लेकिन, क्या होगा अगर अभ्यास के बाद भी दिनभर के कामो में हम आँखों में पानी और धुंधलापन महसूस करने लगे ?
ऐसा होने की 2 मुख्य वजह है
- पहली त्राटक के अभ्यास में लम्बे समय तक जबरदस्ती gazing process को आगे बढ़ाना. शुरुआती समय में हम 5-10 सेकंड ही बिना पलक झपकाए देख सकते है लेकिन, जबरदस्ती कई देर तक जब आँखे पथराने लगती है उसके बावजूद भी हम बोर्ड के पॉइंट पर देखने लगते है.
- दूसरा बिना शारीरिक और मानसिक स्तर पर तैयार हुए दीपक त्राटक जैसे माध्यम पर अभ्यास शुरू कर देना.
इनकी वजह से सिर्फ अभ्यास के दौरान ही नहीं बल्कि दिनभर के दुसरे कामो के दौरान भी watering or dryness in eyes जैसी समस्या से गुजरना पड़ता है. जबरदस्ती अभ्यास को आगे बढाने की वजह से हमें इस side effect of tratak को गुजरना पड़ता है.
त्राटक के दौरान आँखों से पानी आने पर क्या करे ?
अगर ऐसा सिर्फ अभ्यास के दौरान होता है तो ये नार्मल क्रिया है लेकिन, दिनभर के कामो के दौरान भी आपको आँखों ले लगातार पानी आना, आँखे सूखी और पथराई लगने लगे तो इस तरह के उपाय के द्वारा आप इनसे छुटकारा पा सकते है.
- त्राटक के अभ्यास के बाद हमेशा आँखों को ठन्डे पानी से धोना न भूले.
- अगर आँखे पथराई हुई महसूस होती है तो गुलाबजल से आँखे धोए इससे आँखों की नमी बनी रहती है.
- अगर शुरू से ही दीपक त्राटक का अभ्यास कर रहे तो इसे छोड़ दे या फिर कम समय तक करने की कोशिश करे.
- त्राटक की सही शुरुआत करे जो की बिंदु त्राटक से और कम समय से शुरू की जाती है.
त्राटक का अभ्यास शुरू में कम समय से करे ताकि आप खुद को शारीरिक और मानसिक स्तर पर तैयार कर सके.
आँखों में जलन रहना
त्राटक से सम्मोहन शक्ति मिलती है. ये बात 100% सच है और यही एक वजह ज्यादातर लोगो को इसकी और आकर्षित करती है.
दीपक या मोमबत्ती पर किया गया त्राटक हमारी आँखों में सम्मोहन शक्ति और तेज पैदा करता है. वास्तव में ये शक्ति हमारी अपनी प्राण उर्जा ही होती है.
लेकिन क्या होगा अगर शुरुआत ही हम दीपक त्राटक से कर ले वो भी बिना किसी तरह की पूर्व तैयारी के.
दीपक त्राटक हमारे अन्दर गर्मी पैदा करता है जिसकी वजह से हमें अपने अन्दर उर्जा का स्तर बढ़ता हुआ महसूस होने लगता है. कई बार इसकी वजह से हमें त्राटक के अभ्यास की वजह के बाद आँखों में जलन जैसी समस्या होने लगती है.
आँखों में जलन होनेकी वजह कुछ भी हो सकती है जैसे की
- बिना किसी पूर्व तैयारी के सीधे ही दीपक त्राटक या किसी भी रौशनी वाले माध्यम पर त्राटक का अभ्यास करना.
- रौशनी वाले माध्यम पर त्राटक शुरू में कम से कम करना चाहिए लेकिन इस बात का ध्यान न रखते हुए जबरदस्ती अभ्यास करते जाना.
- त्राटक के बाद आँखों को न धोना, साथ में किये जाने वाले कुछ जरुरी अभ्यास को follow न कर पाना.
इन वजह से आँखों में जलन रहने लगती है या फिर आँखे अपनी नमी खो देती है. इस समस्या से बचने के लिए आप उन पॉइंट्स पर गौर करे जिसकी वजह से आँखों में जलन होने लगती है.
इसके समाधान के लिए इन tips को follow करे
- अभ्यास कम समय के लिए करना शुरू कर दे और जबरदस्ती आँखे खुली न रखे.
- आँखों में जलन से निजात पाने के लिए आँखों में गुलाबजल डाले.
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side effect of tratak – माथे में खिंचाव
त्राटक के अभ्यास में आगे बढ़ने के साथ साथ हमें और भी कई side effect of tratak से सामना करना पड़ता है जो की समय के साथ आसानी से कण्ट्रोल किये जा सकते है.
त्राटक का अभ्यास करने के 15-20 दिन बाद हम माथे में खिंचाव को महसूस करने लगते है.
इस बदलाव को लेकर काफी सारे prediction किये जा सकते है जैसे की
- एकाग्रता का एक जगह फोकस होने की वजह से वहा पर स्पंदन.
- तीसरे नेत्र या आज्ञा चक्र का जागरण होना शुरू हो जाना.
- अंतर की यात्रा का पहला चरण शुरू होना.
- energy का त्राटक की वजह से आज्ञा चक्र पर एकत्रित हो जाना.
ये सारी प्रेडिक्शन अलग अलग जगह और अनुभव के आधार पर ली हुई है. सबसे पहले तो ये जानते है की ये हमें प्रभावित कैसे करती है.
माथे में खिंचाव की वजह से हम खुद में काफी सारे बदलाव महूस करने लगते है जैसे की frustration, loneliness feeling, किसी से बात न करने का मन करना, बार बार माथे में खिंचाव की वजह से अलग थलग पड़ जाना.
माथे में खिचाव का सही समाधान
अगर आप त्राटक के अभ्यास की वजह से माथे में खिंचाव महसूस करते है तो इस छोटे से उपाय को अपनाए. ये उपाय 100% working formula है जो आपके suggestion पर काम करता है.
जब भी माथे में खिंचाव महसूस हो आँखे बंद कर ले. सांसो पर कण्ट्रोल करे और भावना दे की मेरा मन शांत हो रहा है.
इस वाक्य को एक से दो मिनट तक दोहराने के बाद आप पाएंगे की आपके माथे का खिंचाव दूर हो रहा है और आप शांत स्थिर बन रहे है.
इस अभ्यास से आपकी willpower भी strong होती है.
सूरज की रोशनी में आँखों में चुभन
tratak meditation practice की वजह से हमारी आँखों में कुछ ऐसी problems हो सकती है. जब हम daily routine में हमें unstable बनाती है. सूरज की रौशनी में आँखों में चुभन होना इसमें से एक है. कई बार ये इतना ज्यादा होता है की हम बाहर रौशनी में खुद को असहज महसूस करने लगते है.
इसकी वजह आपका त्राटक का अभ्यास हो सकता है. त्राटक कृत्रिम रौशनी में किया जाता है जिसकी वजह से हमारी आँखे उस माहौल में ढल जाती है.
जब ऐसा होता है तब तेज रौशनी से आँखों में चुभन होना स्वभाविक हो सकता है. लेकिन, अगर ऐसा ज्यादा हो जाए तो त्राटक के अभ्यास में बदलाव लाए.
अभ्यास के साथ साथ सुबह गार्डन में घूमते समय पेड़ पौधों पर त्राटक का अभ्यास करना शुरू कर दे. इस तरह के side effect of tratak meditation के solution के लिए पेड़ पौधों पर त्राटक करना आपको काफी आराम तो देता ही है साथ ही रौशनी के अनुकूल भी.
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side effect of tratak – unstable energy level change in body
ये आपके चेतन मन से अवचेतन मन की अवस्था में परिवर्तन का संकेत है. आपकी आदते अचानक से बदलने लगती है.
अगर आप ज्यादा बोलते या चंचल थे तो अब खुद को स्थिर शांत महसूस करने लगेंगे. कम बोलने की वजह से प्राण का आपके अंदर आवेग बढ़ता है जिसकी वजह सेआपको उष्णता का अहसास होने लगता है.
ये ज्यादा बड़ी प्रॉब्लम नहीं है लेकिन अगर सही समय पर समाधान न हो तो हम त्राटक में भटक सकते है. न्यास ध्यान और योगनिद्रा का अभ्यास आपको इस तरह की unstable energy level को stabilize करने में help करेगा.
अगर इस तरह की energy से आप खुद को बदला हुआ महसूस करने लगे जैसे की शांत रहने की बजाय जल्दी गुस्सा आ जाना, हरपल अपने अन्दर एक गर्मी को महसूस करना या फिर स्वभाव में कठोरता आने लगे तो आपको ध्यान देने की जरुरत है.
आप चाहे तो इस दौरान energy को दुसरे कामो में ला सकते है जैसे की सम्मोहन में, हीलिंग में या फिर आध्यात्मिक स्तर के त्राटक अभ्यास.
मन की गहराई में डूबे रहना
त्राटक के अभ्यास में हमें काफी सारे आध्यात्मिक बदलाव मिलते है. जब हम अंतर की यात्रा के प्रारम्भिक चरण में होते है तब शांत और स्थिर हो जाना एक सामान्य बात है. त्राटक का अभ्यास हमारे मन पर बहुत गहरा असर डालता है जिसकी वजह से हम विचारो में भटके रहने की बजाय बेहद शांत होने लगते है.
हालाँकि ये एक अच्छा बदलाव है लेकिन कई बार side effect of tratak में बदल जाता है जिसकी वजह से हम जरुरत से ज्यादा शांत हो जाते है. किसी से बात करने का भी मन नहीं होता है. दिनभर लोगो के बात करने की बजाय या तो खुद के कम में डूबे रहना या फिर एकांत में रहना पसंद करते है.
जब भी कोई बात करता है हमें अच्छा नहीं लगता है. अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है जिसकी वजह से आप परेशान हो रहे है तो परेशान न हो क्यों की आध्यत्मिक होने की आपकी शुरुआत का ये पहला चरण है.
इस अवस्था में हमें काफी सारे फायदे तो मिलते है लेकिन एकांत में रहने और कम से कम बोलने की वजह से कई बार तकलीफ भी सकती है. इसके लिए आप इन tips को follow करे जो sure benefit देंगे.
- दोस्तों के साथ घुमने की आदत बनाए.
- डायरी लिखने की आदत बनाए और उसमे खुद के अन्दर के बदलाव को नोट करे साथ ही उन्हें कैसे अपने फायदे में बदले ये भी.
- लोगो को सुनने के साथ उन्हें सुझाव भी दे.
- आप चाहे तो अपनों के साथ बैठकर अपने बारे में राय और सुझाव मांग सकते है.
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धुंधलापन दिखाई देना
जैसे ही हम किसी चीज को देखते है हमें सिर्फ धुंधला दिखाई देने लगता है. आसपास की चीजे साफ नहीं दिखती है स्पष्ट रूप से और हमारी नजर एक पॉइंट पर ही फोकस रहने लगती है. हम सूरज की रोशनी में निकलने में परेशानी महसूस करने लगते है.
हमें अँधेरे जगह पर ज्यादा रहना पसंद होने लगता है.
त्राटक करने के बाद हम चिड़चिड़े भी होने लगते है. अकेले रहना इसमें शामिल है. ये समस्या तभी आती है जब हम त्राटक को सही तरीके से नहीं करते है. या फिर हमारे उद्देश्य के अनुरूप नहीं करते है.
धुंधलापन किसी तरह का side effect of tratak नहीं है. आँखों की सही देखभाल के जरिये हम इसका समाधान कर सकते है.
सभी त्राटक का अभ्यास एक ही तरीके से और एक समय पर किया जाए जरुरी नहीं. आप किस त्राटक का अभ्यास कर रहे है उसके अनुरूप ही खुद को न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्तर पर भी तैयार करे.
शुरुआती साधक के लिए सावधानी और टिप्स
अगर आप side effect of tratak से बचना चाहते है तो बिना किसी सही जानकारी के कोई अभ्यास न करे. हालाँकि त्राटक का अभ्यास बिना किसी गुरु या guide के भी घर पर किया जा सकता है लेकिन बेहतर होगा की आप निचे दिए tips को follow करे. इससे आप सही शुरुआत तो करेंगे ही साथ ही त्राटक नुकसान से भी बचेंगे.
- त्राटक का अभ्यास चरण में करे. कम time में ज्यादा benefit के चक्कर में advance tratak meditation practice करने से बचे.
- शुरुआत में अभ्यास को ज्यादा से ज्यादा 10 या 15 मिनट तक ही सिमित रखे.
- हमेशा अभ्यास के बाद ठन्डे पानी या फिर गुलाबजल से आँखों को धोना न भूले.
- कोशिश करे की त्राटक का अभ्यास हमेशा सुबह ही हो वो भी सूर्योदय से पहले.
- त्राटक के लिए शांत माहौल का चुनाव करे ताकि किसी तरह के side effect of tratak को पैदा करने वाली condition न बने.
- अभ्यास को रेगुलर बेस पर करे.
- त्राटक के साथ किये जाने वाले अभ्यास को भी करना न भूले. इससे आपको double benefit मिलने के चांस बढ़ जाते है.
त्राटक का अभ्यास हमेशा बिना किसी लालच के करे. खुद में विकास के उदेश्य से करे न की दुसरो के और अपने स्वार्थ पुरे करने के लिए. इससे आप जितना सोचकर चलेंगे उससे कही ज्यादा पाएंगे.
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side effect of tratak conclusion
त्राटक साधना यानि tratak meditation practice एक बेहद अच्छा और सहज अभ्यास है. हम हर स्तर पर खुद के लिए प्रयोग कर सकते है.
त्राटक से सम्मोहन शक्ति पाने के चक्कर में लोग अक्सर side effect of tratak का शिकार हो जाते है.
इन negative effect का solution वक़्त रहते किया जा सकता है.
जब भी आपको त्राटक के अभ्यास में कुछ अनचाहे बदलाव महसूस होने लगे तो ऊपर दिए गए सुझाव को अपनाए.
इससे आप अभ्यास में आने वाली समस्या का समाधान अपने स्तर पर सकते है. साथ ही एक बेहतर शुरुआत कर सकते है.
उम्मीद करता हूँ त्राटक से जुड़े मेरे अपने अनुभव आपको आगे बढ़ने में help करेंगे.