त्रिपुर भैरवी महाविधा साधना का प्रयोग और प्रचंड तंत्र तथा शत्रु निवारण प्रयोग


WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

त्रिपुर भैरवी महाविधा साधना 10 महाविधा में से एक है जिसके जरिये साधक किसी भी तरह की तंत्र बाधा का निवारण कर सकता है.

भगवती त्रिपुर भैरवी जो की महा भैरव की शक्ति है. उनकी मूल शक्ति होने के कारण उनसे भी सहस्र गुणा अधिक तीव्र तथा क्रियाशील है. साधक को जो लाभ भैरव साधना से जैसे की शत्रु बाधा निवारण, वाद-विवाद, मुकदमा आदि में विजय, आकस्मिक दुर्घटना टालना, रोग निवारण आदि मिलते है वही सब लाभ इस साधना से मिल जाते है.

त्रिपुर भैरवी महाविधा साधना को करने के पीछे सबसे बड़ा कारण तंत्र बाधा और शत्रु निवारण है.

भैरव साधना करने के बाद साधक को किसी का भय नहीं रहता है क्यों की अब वो किसी भी तंत्र बाधा का आसानी से निवारण कर सकता है. जिस साधक को भैरव की सिद्धि होती है वो किसी भी तरह के तंत्र और शत्रु के अटैक से मुक्त हो जाता है.

सुबह घर से निकलते वक़्त हमारे मन में ये आशंका रहती है की हमारा आज का दिन कैसा गुजरेगा. हम जिस काम को लेकर निकल रहे है वो पूरा होगा या नहीं या फिर शाम को सुरक्षित घर पर वापस लौटेगा भी या नहीं.

Basic Reason of Unsuccess in Sadhna
त्रिपुर भैरवी महाविधा साधना

इस साधना का मूल प्रयोजन साधक को भयमुक्त करना है जिसकी वजह से साधक अपनी लाइफ में बिना किसी अड़चन के आगे बढ़ सकता है.

साधक को त्रिपुर भैरवी महाविधा साधना का सरंक्षण प्राप्त होने के बाद उसे किसी का डर नहीं रहता है. अगर आप अपनी लाइफ में असुरक्षित महसूस करते है तो आपको ये साधना जरुर करना चाहिए.

त्रिपुर भैरवी महाविधा साधना

ऐसा कहा जाता है की जिनके साथ दैवीय शक्ति का सरंक्षण होता है उन्हें किसी भी तरह का भय नहीं होता है. अपनी लाइफ में निर्भयता एवं बाधाओं के निवारण के लिए व्यक्ति अनेक उपाय करता ही रहता है.

उसके लिए आवश्यक है कि दैवीय संरक्षण भी प्राप्त हो और इसके लिए उच्चस्तरीय साधना सम्पन्न करने का मार्गदर्शन भी प्राप्त हो.

उच्च स्तर की साधना का मार्गदर्शन तथा संरक्षण दोनों एक साथ प्राप्त करने का एक मात्र उपाय है त्रिपुर भैरवी महाविधा साधना जो आपको अपनी लाइफ में आगे बढ़ने में हेल्प कर सकती है.

त्रिपुर भैरवी महाविधा साधना दस महाविद्याओं में अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं तीव्र स्वरूप साधना है. इस साधना से जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सुरक्षा प्राप्त होने लगती है और समस्त बाधायें समाप्त हो जाती हैं.

इस साधना के माध्यम से साधक पूर्ण क्षमतावान एवं वेगवान बन सकता है.

साधक के जीवन में त्रिपुर भैरवी महाविधा साधना का महत्त्व

भैरव भय विनाशक हैं और त्रिपुर भैरवी को आधार बनाकर ही अपनी शक्तियों का विस्तार करते हैं. त्रिपुर भैरवी महाविधा साधना की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है, कि यह प्रबल रूप से तंत्र बाधा निवारण की सबसे बड़ी तंत्र साधनाओ में से एक है.

The-real-symbol-of-kali-goddess

ये साधना प्रचंड साधनाओ में से एक है जिसके जरिये साधक किसी भी तरह के तंत्र प्रयोग, वशीकरण, गृह बंध या व्यापार बंध प्रयोग हुआ है तो त्रिपुर भैरवी महाविधा साधना के बाद साधक को इन सबसे बाहर निकलने में मदद करती है.

बड़े बड़े प्रचंड तंत्र प्रयोग में भैरव के जिस तामसिक स्वरूप का आवाहन किया जाता है उन्हें सिर्फ त्रिपुर भैरवी महाविधा साधना के जरिये ही शांत किया जा सकता है.

जब किसी परिवार के सदस्य पर द्वेष के चलते तंत्र का प्रयोग किया जाता है तब उनके बीच क्लेश का माहौल बनने लगता है और घर का माहौल ख़राब होने लगता है.

त्रिपुर भैरवी का स्वरूप प्रचंड जरुर है, किन्तु इससे भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है.

मां अपने शिशु के लिए कभी भयावह नहीं हो सकती, यदि साधक का भाव शिशु का हो. अत्यन्त प्रचण्ड स्वरूपा मां भगवती त्रिपुर भैरवी अपनी सम्पूर्ण क्रोधमयता और उग्रता के उपरान्त भी अपने होठें में ऐसी मृदुता समाये हुए हैं, जो सिद्ध करती है, कि देवी का कोई भी स्वरूप हो उसमें मातृत्व होता ही है.

Read : लक्ष्मी सम्मोहन वशीकरण साधना का प्रयोग जितना चाहो उतना धन प्राप्त करने का अघोर उपाय

त्रिपुर भैरवी महाविधा साधना

  • यह एक रात्रिकालीन साधना है जिसे आप मध्य रात्रि के दौरान कर सकते है.
  • इस साधना को आप रात्रि के 9 बजे किसी भी रविवार की रात्रि के दौरान कर सकते है.
  • अपने सामने बजोट पर लाल कपड़ा बिछाकर तिल की ढेरी बना दे. इस ढेरी पर भैरव गुटिका स्थापित करे.
  • इस साधना में भैरव की स्थापना अनिवार्य है. अब अपने सामने त्रिपुर भैरवी यंत्र स्थापित करे और फिर उसके सामने ही त्रिपुर भैरवी माला की स्थापना करे.
  • त्रिपुर भैरवी का चित्र स्थापित करे.
  • सर्वप्रथम भैरव गुटिका पर लाल पुष्प अर्पित करते हुए निम्नानुसार ध्यान करें तथा साधना प्रारम्भ करने की आज्ञा प्राप्त करें-

ध्यायेनीलादि कान्ति शशिशकलधर मुण्डमाल महेश

दिग्वस्त्रं पिंगलाक्षं इमरुमध सृणि खड्ग शूलामयानि

नागं घण्टा कपाल कर सासिरु विभ्रतं भीमष्ट्रम

सर्पा कल्पं त्रिनेत्र मणिमय विलसत् किंकिणी नूपुरात्यम् ।।

  • त्रिपुर भैरवी यंत्र व माला को पवित्र जल से स्नान कराकर स्वच्छ वस्त्र से पोंछ कर यंत्र पर काजल व सिन्दूर का टीका लगायें, अगरबत्ती व तेल का दीपक प्रज्ज्वलित कर दें तथा लाल पुष्प व फल अर्पित करें। तत्पश्चात निम्न प्रकार ध्यान करें-

उद्यद्भानु सहस कांति मरुण क्षौमा शिरोमालिकाम्

रक्तालिप्त पयोधरा जपपटीं विद्यामभीर्ति वरम्

हस्ताब्जैर्दधर्ती त्रिनेत्र विलसद् वक्त्रार विन्द श्रियम्

देवीं बद्ध हिमांशु रत्न मुकुटां वन्दे-समन्दस्तिाम् ।

इसके पश्चात ‘त्रिपुर भैरवी माला’ से निम्न मंत्र की 21 माला मंत्र जप करे-

मंत्र

।। हमैं हसकरी हरौं । ।

मंत्र जप के बाद गुरु पूजन करे. शुद्ध सात्विक और हल्का भोजन करे और साधना के अगले दिन साधना सामग्री को किसी भी बहते स्त्रौत में प्रवाहित कर दे.

यदि आप इस साधना को और आगे करना चाहते है तो इस माला का जप 5 माला जप हर रोज अगले रविवार तक करे.

Read : गोपनीय वीर की साधना करने का 14 दिन का तांत्रिक विधान किसी भी मनोकामना को पूरा करने के लिए

त्रिपुर भैरवी महाविधा साधना के लाभ

त्रिपुर भैरवी महाविधा साधना के अनेको लाभ है जिन्हें संपन्न करने के बाद साधक की लाइफ पूरी तरह बदल जाती है.

  • ये साधना उच्च स्तर की साधना है जो की 10 महाविधा साधनाओ में से एक है.
  • त्रिपुर भैरवी महाविधा साधना के प्रयोग के बाद आप किसी भी तरह के तंत्र प्रयोग से मुक्त हो सकते है.
  • कोई भी तंत्र प्रयोग इस साधना के जरिये निष्फल किया जा सकता है.
  • त्रिपुर भैरवी महाविधा साधना के बाद आप वशीकरण, विद्वेषण जैसे तांत्रिक प्रयोग को दूर किया जा सकता है.
  • इस साधना के बाद साधक को दैवीय सरंक्षण प्राप्त होता है जिसकी वजह से वो अपनी लाइफ में हर जगह से सुरक्षित हो जाता है.

ऐसे ही कई फायदे है जो साधक को त्रिपुर भैरवी महाविधा साधना को संपन्न करने के लिए प्रेरित करते है.

Leave a Comment